संसद के चालू बजट सत्र का आज चौथा दिन था. आज लोकसभा में पीएम मोदी भी बोले. इससे पहले राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान अखिलेश यादव ने प्रयागराज महाकुंभ में भगदड़ की घटना से लेकर चीन मुद्दे तक, बीजेपी और सरकार को जमकर घेरा. अखिलेश ने प्रयागराज महाकुंभ में हुई भगदड़ की घटना में मृतकों का आंकड़ा जारी करने की मांग की.
राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव लोकसभा से पारित हो गया है. धन्यवाद प्रस्ताव पारित होने के बाद स्पीकर ओम बिरला ने सदन की कार्यवाही 6 फरवरी, गुरुवार की सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित करने का ऐलान कर दिया.
पीएम मोदी ने कहा कि विकसित भारत के सपने को पूरा करने के लिए देश बड़े आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ रहा है. ये कोई सरकारी सपना नहीं है, हर एक नागरिक का सपना है. दुनिया के कई देशों ने 20-25 साल में ऐसा करके दिखाया है. भारत के साथ तो डेमोग्राफी है. हम क्यों नहीं कर सकते. 2047 तक हम ऐसा करके रहेंगे. अभी हमें और भी बड़े लक्ष्य प्राप्त करने हैं और हम करके रहेंगे. ये तो हमारा तीसरा ही टर्म है. हम देश की आवश्यकता के अनुसार विकसित भारत बनाने के लिए आने वाले अनेक वर्षों तक जुटे रहने वाले हैं. सभी दलों, सभी नेताओं, सभी देशवासियों से आग्रह करता हूं कि अपनी-अपनी विचारधारा होगी लेकिन देश से बड़ा कुछ भी नहीं है. देश विकसित होगा, हमारे बाद की जो पीढ़ियां होंगी वो कहेंगी कि 2025 में एक संसद ऐसी थी जहां बैठा हुआ हर सांसद विकसित भारत के लिए काम कर रहा था.
पीएम मोदी ने कहा कि बाबा साहब का विजन था नदियों को जोड़ने का. हमने केन बेतवा लिंक परियोजना पर काम शुरू किया है. हमारा लक्ष्य होना चाहिए कि दुनिया की हर डाइनिंग टेबल पर भारत का फूड पैकेट पहुंचना चाहिए. हमारा देश तेजी से अर्बनाइजेशन की ओर बढ़ रहा है और इस दिशा में हमें तेजी से काम करना चाहिए. इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास अवसरों का विस्तार होता है. कनेक्टिविटी बढ़ती है तो अवसर भी बढ़ते हैं. नमो भारत ट्रेन का जिक्र करते हुए पीएम ने कहा कि ऐसी कनेक्टिविटी देश के हर क्षेत्र तक पहुंचे, ये हमारा लक्ष्य होना चाहिए. दिल्ली में मेट्रो नेटवर्क डबल हो गया है. आज देश की टियर टू सिटीज में भी मेट्रो नेटवर्क पहुंचा है. प्रदूषण को कम करने की दिशा में भी कई इनिशिएटिव लिए हैं. 12 हजार इलेक्ट्रिक बस हमने देशभर में दिए हैं और दिल्ली को भी दिया है. आज बड़े शहरों में गीग इकोनॉमी डेवलप हो रहा है, लाखों युवा जुड़ रहे हैं. हमने बजट में कहा है कि ई श्रम पोर्टल पर गीग वर्कर रजिस्ट्रेशन कराएं और आईडी कार्ड मिले, आयुष्मान योजना का भी लाभ दिया जाएगा. अनुमान है कि आज देश में एक करोड़ गीग वर्कर हैं. हम उस दिशा में भी काम कर रहे हैं. एमएसएमई सेक्टर बड़ी मात्रा में रोजगार के अवसर लेकर आता है. ये छोटे उद्योग आत्मनिर्भर भारत के प्रतीक हैं. देश की अर्थव्यवस्था में ये सेक्टर बहुत बड़ा योगदान दे रहा है. हमारी नीति साफ है. इस क्षेत्र को सहूलियत, सहायता और संबल पर फोकस है और हमने मिशन मैन्यूफैक्चरिंग की बात की है. पूरे इकोसिस्टम को बल देते हुए आगे बढ़ रहे हैं. कई पहलुओं पर काम शुरू किया है. 2006 में क्राइटेरिया बनाया गया था और सुधार नहीं किया गया था. हमने दो बार सुधार का प्रयास किया और अब बड़ा जंप लगाया है. हर तरफ उनको आर्थिक सहायता दी जा रही है. एमएसएमई के सामने चुनौती फॉर्मल फाइनेंशियल रिसोर्सेज की रही है. हमने कपड़ा उद्योग समेत तमाम उद्योगों को कैश फ्लो की कमी नहीं होने दी. हजारों नौकरियां सुरक्षित हुईं. खिलौना बनाने वाले छोटे उद्योग निर्यात कर रहे हैं. आयात में गिरावट आई है.
पीएम मोदी ने कहा कि आज नमो ड्रोन दीदी खेतों में काम करके लाखों रुपये कमाने लगी हैं. मुद्रा योजना भी नारी सशक्तिकरण के लिए अहम भूमिका अदा कर रहा है. महिलाएं उद्योगपति की भूमिका में आई हैं. चार करोड़ परिवारों को जो घर दिए हैं, उसमें से करीब 75 फीसदी घरों का मालिकाना हक महिलाओं को मिला है. विकसित भारत का लक्ष्य ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त किए बिना नहीं पाया जा सकता. हमने ग्रामीण अर्थव्यवस्था के हर क्षेत्र को छूने का प्रयास किया है. किसान एक मजबूत स्तंभ है. 2014 के बाद खेती के बजट में 10 गुना इजाफा किया गया है. आज जो लोग यहां किसान की बातें करते हैं, 2014 के पहले यूरिया मांगने पर लाठी पड़ती थी. पूरी रात कतारों में खड़ा होना पड़ता था. खाद किसान के नाम पर निकलती थी लेकिन खेत तक नहीं पहुंचती थी. आज किसान को पर्याप्त खाद मिल रही है. कोविड संकट के बाद दुनिया में दाम अनाप-शनाप बढ़ गए. यूरिया का जो बोरा 3000 का पड़ रहा है, सरकार ने झेला और किसान को 300 रुपये में दिया. किसान को ज्यादा लाभ मिले, हम काम कर रहे. किसान को सस्ती खाद मिले, इसके लिए 12 लाख करोड़ खर्च किया गया है. पीएम किसान सम्मान निधि से साढ़े तीन लाख करोड़ किसान के खाते में पहुंचे हैं. बीते दशक में तीन गुना अधिक खरीदी की है, किसान को ऋण में भी तीन गुना वृद्धि की गई है. आपदा में किसान को उसके हाल पर छोड़ दिया जाता था. किसानों को पौने दो लाख करोड़ रुपये मिले हैं, सिंचाई के लिए कदम उठाए गए हैं. संविधान की बात करने वालों को ज्यादा ज्ञान नहीं है. पानी को लेकर बाबा साहब का विजन इतना क्लियर था कि आज भी हम लोगों को प्रेरणा देता है. सौ से अधिक दशकों से लटकी सिंचाई परियोजनाएं पूरा करने का अभियान चलाया.
पीएम मोदी ने कहा कि संविधान की भावना है कि सबको बेहतर स्वास्थ्य मिले. आज कैंसर डे भी है. कुछ लोग हैं जो गरीब को, बुजुर्ग को आरोग्य की सेवा मिलने में अपने राजनीतिक स्वार्थ के कारण अड़ंगे डाल रहे हैं. आज आयुष्मान से जहां 30 हजार से अधिक अच्छे हॉस्पिटल जुड़े हैं. उन्होंने कहा कि धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान विदेश नीति की चर्चा भी हुई. कुछ लोगों को लगता है कि विदेश नीति की चर्चा नहीं करेंगे तो मैच्योर नहीं लगेंगे. भले ही देश का नुकसान हो जाए. अगर वास्तव में रुचि है तो एक किताब जरूर पढ़ें. इस किताब में जॉन एफ कैनेडी और पंडित नेहरू के बीच हुई बातचीत का विस्तार से जिक्र है. जब देश चुनौतियों से जूझ रहा था तब विदेश नीति के नाम पर क्या खेल हो रहा था, इस किताब के माध्यम से अब सामने आ रहा है. राष्ट्रपति के अभिभाषण के बाद एक महिला राष्ट्रपति, एक गरीब परिवार की बेटी का सम्मान न कर सके, आपकी मर्जी लेकिन क्या क्या कहकर उनको अपमानित किया जा रहा है. राजनीति, हताशा, निराशा समझ सकता हूं. आज भारत इस प्रकार की विकृत मानसिकता को छोड़ वीमेन लेड डेवलपमेंट के मंत्र को लेकर आगे बढ़ रहा है. आधी आबादी को पूरा अवसर मिले तो भारत दोगुनी रफ्तार से आगे बढ़ सकता है. सेल्फ हेल्प ग्रुप से जुड़ी महिलाओं का सामर्थ्य बढ़ा, हमने इनकी मदद बढ़ा दी है और इसका ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक असर पड़ा है. हमारी तीसरी बार सरकार बने के बाद 50 लाख से ज्यादा लखपति दीदी की जानकारी हम तक पहुंची है. अब तक सवा करोड़ महिलाएं लखपति दीदी बनी हैं. हम तीन करोड़ महिलाओं को लखपति दीदी बनाएंगे.
पीएम मोदी ने कहा कि संविधान को जेब में लेकर घूमने वाले, आपको पता नहीं है कि आपने मुस्लिम महिलाओं के साथ कितना अन्याय किया है. हमने ट्रिपल तलाक खत्म कर उन्हें समान अधिकार देने का काम किया है, संविधान की भावना का सम्मान किया है. जब जब एनडीए की सरकार रही है, हमने देश को आगे ले जाने का काम किया है. हम जब अलग मंत्रालय बनाते हैं तो पूर्वोत्तर के लिए बनाते हैं. आदिवासियों के लिए अलग मंत्रालय एनडीए ने बनाया. दक्षिण और पूर्वी क्षेत्र के राज्यों में बड़ी आबादी मत्स्य के क्षेत्र में काम करते हैं. हमारी सरकार ने इसके लिए अलग मंत्रालय बनाया. समाज के दबे कुचले वंचित लोगों के अंदर एक सामर्थ्य होता है. हमने स्किल मंत्रालय बनाया. देश में लोकतंत्र का पहला धर्म होता है कि हम सत्ता को सामान्य से सामान्य नागरिक तक अवसर मिले. भारत के कोऑपरेटिव सेक्टर को और समृद्ध बनाने के लिए हमने अलग कोऑपरेटिव मंत्रालय बनाया. विजन क्या होता है, ये यहां पता चलता है. जाति की बात करना कुछ लोगों के लिए फैशन बन गया है. पिछले 30 साल से सदन में आने वाले ओबीसी सांसद दलगत भेदभाव से ऊपर उठकर ओबीसी कमीशन को संवैधानिक दर्जा देने की मांग कर रहे थे, जिन लोगों को आज जाति की बात में मलाई दिखती है, उनको 30 साल तक इस बात का ध्यान नहीं आया. हमने संवैधानिक दर्जा दिया. हर सेक्टर में एससी-एसटी, ओबीसी को ज्यादा से ज्यादा अवसर मिले, उस दिशा में हमने बहुत मजबूती के साथ काम किया है. देशवासियों के सामने सवाल रखना चाहता हूं, जरूर चिंतन करेंगे और चौराहे पर चर्चा करेंगे. कोई बताए कि क्या एक ही समय में संसद में एससी वर्ग के एक ही परिवार के तीन सांसद कभी हुए हैं क्या. दूसरा सवाल पूछता हूं, कोई बताए कि क्या एक ही कालखंड में संसद में एसटी वर्ग के एक ही परिवार के तीन एमपी हुए हैं क्या. कुछ लोगों के वाणी और व्यवहार में कितना फर्क होता है, मेरे सवाल के जवाब में है. रात दिन का अंतर होता है. हम एससी एसटी समाज को कैसे सशक्त कर रहे हैं, समाज में तनाव पैदा किए बिना एकता की भावना को बरकरार रखते हुए वंचितों का कल्याण कैसे किया जाता है, एक उदाहरण देता हूं. 2014 से पहले हमारे देश में मेडिकल कॉलेज की संख्या 387 थी, आज 780 है. मेडिकल कॉलेज बढ़े तो सीटें भी बढ़ीं. 2014 से पहले हमारे देश में एससी छात्रों की एमबीबीएस की सीट 7700 थी. 10 साल काम किया और आज संख्या बढ़कर 70 हजार एससी समाज के डॉक्टर्स की व्यवस्था की है, समाज में तनाव लाए बिना. 2014 के पहले एसटी छात्रों के लिए एमबीबीएस की सीटें 3800 थीं, ये बढ़कर लगभग 900 हो गई है. 2014 के पहले ओबीसी छात्रों के लिए 14 हजार से भी कम सीटें थी, ये 32 हजार के करीब हो गई है. पिछले 10 साल में हर हफ्ते एक नई यूनिवर्सिटी बनी है. हर दिन एक नई आईटीआई बनी है. हर दो दिन में एक नया कॉलेज खुला है. एससी-एसटी, ओबीसी युवाओं के लिए कितना इजाफा हुआ है. हम हर योजना के पीछे शत प्रतिशत लागू करने के लिए लगे हैं कि कोई भी लाभार्थी छूट न जाए. हम चाहते हैं कि जिसका हक है, उसको मिलना चाहिए. एक रुपया और 15 पैसे का खेल नहीं चल सकता. कुछ लोगों ने मॉडल ही ऐसा बनाया कि कुछ को दो और बाकियों को तड़पाओ और तुष्टिकरण, हमने रास्ता चुना है संतुष्टिकरण और उस रास्ते पर हम चले हैं. हर समाज, हर वर्ग के लोगों को जो उसके हक का है, उसको मिलना चाहिए. जब सौ प्रतिशत सैचुरेशन की बात करता हूं तो ये असल में सामाजिक न्याय और संविधान का सम्मान है.
पीएम मोदी ने कहा कि दिल्ली में कुछ परिवार ऐसे हैं जिन्होंने परिवार के म्यूजियम बना रखे थे. हमने पीएम म्यूजियम बनाया है. हम संविधान को सर्वोपरि रखते हैं, जहर की राजनीति नहीं करते हैं. हम स्टैच्यू ऑफ यूनिटी बनाते हैं. ये देश का दुर्भाग्य की बात है कि कुछ लोग अर्बन नक्सल की भाषा बोलते हैं. इंडियन स्टेट के खिलाफ लड़ाई की घोषणा करने वाले न संविधान की भावना को समझ सकते हैं न देश की एकता को समझ सकते हैं. सात दशक तक जम्मू कश्मीर और लद्दाख को संविधान के अधिकारों से वंचित रखा गया. ये संविधान और जम्मू कश्मीर के लोगों के साथ भी अन्याय था. हमने आर्टिकल370 की दीवार गिरा दी. अब वहां के लोगों को वे अधिकार मिल रहे हैं जो देशवासियों को अधिकार हैं.
पीएम मोदी ने कहा कि संविधान में जो धाराएं हैं, एक स्पिरिट भी है. संविधान को मजबूती देने के लिए संविधान की भावना को जीना पड़ता है. हम वो लोग हैं जो संविधान को जीते हैं. हमारे यहां परंपरा है कि राष्ट्रपति के उद्बोधन पर उस सरकार के उस साल के कार्यकाल का ब्यौरा देते हैं. राज्य में राज्यपाल का संबोधन राज्य सरकार के कार्यकाल का ब्यौरा होता है. गुजरात के 50 साल हुए तो हम मुख्यमंत्री थे. इस गोल्डन जुबली ईयर में पिछले 50 वर्ष में सदन में जितने भी राज्यपाल के संबोधन हुए, सबको ही एक पुस्तक के रूप में तैयार करने को कहा जो आज सभी लाइब्रेरी में उपलब्ध है. मैं तो बीजेपी वाला था, गुजरात में ज्यादातर कांग्रेस की ही सरकारें थीं. उसे भी प्रसिद्ध करने का काम बीजेपी का सीएम कर रहा था. क्योंकि हम संविधान को जीना जानते हैं. 2014 में जब हम आए तो मान्य विपक्ष नहीं था. अनेक कानून ऐसे थे कि हमें पूरी स्वतंत्रता थी काम करने की. अनेक कमेटियों में विपक्ष के नेता की बात थी. विपक्ष था ही नहीं. हमारी स्पिरिट थी कि हमने तय किया कि भले मान्य विपक्ष नहीं होगा लेकिन सबसे बड़े दल का जो नेता है, उसे मीटिंग में बुलाएंगे. ये संविधान की स्पिरिट होता है तब होता है. पहले तो प्रधानमंत्री फाइल करके निकालते थे कि हम हैं जिसने विपक्ष के नेता को इस कमेटी में बैठाएंगे. हमने कानून बनाया कि इलेक्शन कमीशन बनेगा तो उसमें विपक्ष के नेता भी हिस्सा होंगे.
पीएम मोदी ने कहा कि एक प्रधानमंत्री रट गए थे इक्कीसवीं सदी, इक्कीसवीं सदी. आरके लक्ष्मण ने एक कार्टून बनाया था, एक हवाई जहाज था, एक पायलट था और 21वीं सदी लिखा था. ये हवाई जहाज एक ठेले पर रखा हुआ था और मजदूर उसे धक्का लगा रहे थे. ये कार्टून बताता है कि तब के प्रधानमंत्री कितने कटे हुए थे. तब 21वीं सदी की बातें की थी जो 20वीं सदी की जरूरतें भी पूरा नहीं कर पाए थे. आज जब देखता हूं तो बड़ा दर्द होता है. हम 40-50 साल लेट हैं. जो काम पहले ही हो जाने चाहिए थे, हमने ज्यादा से ज्यादा युवाओं पर् फोकस किया. हमने युवाओं की आकांक्षाओं पर बल दिया, युवाओं के लिए ज्यादा अवसर बनाए, कई क्षेत्रों को खोल दिया. देश के युवा अपने सामर्थ्य का परचम लहरा रहे हैं. हमने डिफेंस सेक्टर, स्पेस को खोल दिया. सेमी कंडक्टर मिशन लेकर आए. स्टार्टअप इंडिया का पूरा ईकोसिस्टम डेवलप किया. 12 लाख की इनकम टैक्स माफी इतनी बड़ी खबर बन गई कि न्यूक्लियर एनर्जी सेक्टर को खोलने के निर्णय पर किसी का ध्यान नहीं गया है. एआई, 3डी प्रिंटिंग, रोबोटिक्स, हम तो गेमिंग क्रिएशन के लिए भी प्रयास करने वाले लोग हैं. हमने कहा है कि दुनिया का गेमिंग कैपिटल भारत क्यों न बने, उस दिशा में भी तेजी से काम हो रहा है. हमारे लिए सिंगल एआई नहीं है, डबल एआई है. एक एआई आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और दूसरा एआई एस्पिरेशनल इंडिया है. 50 हजार नए टिंकरिंग लैब्स का प्रावधान बजट में किया गया है. विश्व के एआई प्लेटफॉर्म में भारत महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त कर चुका है. हमने डीप टेक के क्षेत्र में निवेश की बात की है. 21वीं सदी पूरी तरह टेक्नोलॉजी ड्रिवेन सेंचुरी है. ऐसे में इस क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ना जरूरी है. हम लगातार युवा भविष्य को ध्यान में रखते हुए काम कर रहे हैं. कुछ दल हैं जो लगातार युवाओं को धोखा दे रहे हैं. ये दल चुनाव के समय ये भत्ता देंगे, वो भत्ता देंगे वादे करते हैं, पूरा नहीं करते. इस पर विपक्ष के सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया. इस पर स्पीकर ने गरिमा प्रतिष्ठा बनाए रखने की अपील की और कहा कि बैठे बैठे टिप्पणी न करें. पीएम ने आगे कहा कि ये दल युवाओं के भविष्य पर आपदा बनकर गिरे हुए हैं. हम कैसे काम करते हैं, ये हरियाणा में देश ने देखा है. बिना खर्ची, बिना पर्ची नौकरी देने का वादा किया था. सरकार बनते ही युवाओं को नौकरी मिल गई. हम जो कहते हैं, उसी का परिणाम है हरियाणा में तीसरी बार भव्य विजय. हरियाणा में इतिहास में तीसरी बार विजय ऐतिहासिक घटना है. महाराष्ट्र में भी ऐतिहासिक परिणाम. इतिहास में सत्ता पक्ष के पास इतनी सीटें पहली बार हम जनता के आशीर्वाद से कर के आए हैं.
पीएम मोदी ने कहा कि डब्ल्यूएचओ का कहना है कि नल से शुद्ध जल मिलने के कारण उन परिवारों में औसतन 40 हजार प्रति परिवार बचा है. ऐसी अनेक योजनाएं हैं जिन्होंने सामान्य आदमी के खर्च में बचत की है. करोड़ों देशवासियों को मुफ्त अनाज से भी परिवार के हजारों रुपये बचते हैं. सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना से भी परिवारों को साल के 25 से 30 हजार बचत हो रही है और ज्यादा बिजली होने पर बेच के कमाई कर रहे हैं अलग. हमने एलईडी बल्ब के लिए अभियान चलाया. पहले 400 में बिकते थे, हमारे अभियान के बाद कीमत 40 रुपये हो गई. बिजली बिल के भी हजारों करोड़ रुपये की बचत हुई है. किसानों को सॉइल हेल्थ कार्ड की वजह से प्रति एकड़ 30 हजार की बचत हुई है. इनकम टैक्स की सीमा बढ़ाकर मध्यम वर्ग की बचत भी बढ़ाने का काम किया गया है. 2014 के पहले ऐसे बमगोले फेंके गए कि देशवासियों का जीवन छलनी कर दिया गया था. हम धीरे-धीरे उन घावों को भरते आगे बढ़े. 2014 के पहले सिर्फ दो लाख रुपये पर इनकम टैक्स से माफी थी. हमने 12 लाख तक की आय करमुक्त कर दी है. हम लगातार ये करते आए बीच-बीच में भी, घाव भरते आए. आज बैंडेज बाकी था वो भी कर लिया. पहली अप्रैल के बाद देश में वेतनभोगियों के पौन तेरह लाख रुपये तक कोई इनकम टैक्स नहीं देना पड़ेगा.
पीएम मोदी ने इथेनॉल ब्लेंडिंग से एक लाख करोड़ रुपये किसानों के हाथ में जाने की बात कही और कहा कि घोटाले न होने से भी लाखों करोड़ रुपये बचे हैं जो जनता जनार्दन की सेवा में लगे हैं. हमने बचे लाखों करोड़ रुपये का उपयोग शीश महल बनाने के लिए नहीं किया, देश बनाने के लिए किया है. इंफ्रास्ट्रक्चर का बजट एक लाख 80 हजार करोड़ था हमारे आने से पहले. आज 11 लाख करोड़ रुपया है. इसलिए राष्ट्रपति जी ने भारत की नींव कैसे मजबूत हो रही है, इसका वर्णन किया है. रोड, हाईवे, रेलवे, ग्राम सड़क, सभी के लिए विकास की मजबूत नींव रखी गई है. सरकारी खजाने में बचत एक बात है, करना भी चाहिए. हमने इस बात का भी ध्यान रखा है कि जनता को भी इसका लाभ मिलना चाहिए. जनता को भी बचत हो. आयुष्मान भारत योजना, बीमारी के कारण लोगों का जो खर्च होता है, अब तक जिन्होंने बेनिफिट लिया है, उनका एक लाख 20 हजार करोड़ रुपया बचा है. हमने जन औषधि केंद्र खोले हैं जहां से दवाई लेने के कारण लोगों का करीब 30 हजार करोड़ रुपया बचा है. यूनिसेफ का भी अनुमान है कि जिसके घर में शौचालय बना, उस परिवार को करीब करीब 70 हजार की बचत हुई है.
पीएम मोदी ने कहा कि जब ज्यादा बुखार चढ़ जाता है तब भी लोग बोलते हैं और ज्यादा हताशा में भी. 10 करोड़ लोग जिनका भारत में जन्म भी नहीं हुआ, वे योजनाओं का फायदा ले रहे थे. हमने इनको हटाया और असली लाभार्थियों को खोज-खोज के लाभ पहुंचाने का अभियान चलाया. हिसाब लगाएं तो तीन लाख करोड़ रुपये गलत हाथों में जाने से बच गया. हाथ किसका था, नहीं कह रहा. हमने सरकारी खरीद में भी टेक्नोलॉजी का भरपूर उपयोग किया. जैम पोर्टल से जो खरीदी हुई, आम खरीदी से कम पैसे में खरीदी हुई और सरकार के 1 लाख 15 हजार करोड़ की बचत हुई. हमारी स्वच्छता अभियान का मजाक उड़ाया गया, क्या-क्या नहीं कहा गया. सिर्फ सरकारी दफ्तरों से जो कबाड़ बेचा गया, 2300 करोड़ रुपये मिले हैं सरकार को. महात्मा गांधी ट्रस्टी कहते थे और कहते थे कि संपत्ति जनता की है. हम इसकी पाई-पाई बचाने का प्रयास करते हैं.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कुछ नेताओं का फोकस अपने घर के स्टाइलिश बाथरूम पर है. हमारा फोकस तो हर घर नल से जल पहुंचाने पर है. 12 करोड़ लोगों को नल से जल दिया. हमारा फोकस गरीबों के घर बनाने पर है. जो लोग गरीबों की झोपड़ी में फोटो सेशन कराते हैं, उनको गरीबों की बात बोरिंग ही लगेगी. समस्या की पहचान करके छूट नहीं सकते. समस्या का समाधान भी करना होता है. हमारा प्रयास समस्या के समाधान का रहता है और हम समर्पित भाव से प्रयास करते हैं. हमारे देश में एक प्रधानमंत्री हुआ करते थे, उनको मिस्टर क्लीन कहने का फैशन हो गया था. उन्होंने एक समस्या को पहचाना था और कहा था कि दिल्ली से एक रुपया निकलता है तो गांव में 15 पैसा पहुंचता है. उस समय तक तो पार्लियामेंट तक एक ही पार्टी का राज था. उन्होंने सार्वजनिक रूप से ये कहा था. बहुत गजब की हाथ सफाई थी. देश ने हमें अवसर दिया, हमने समाधान खोजने का प्रयास किया. हमारा मॉडल है, बचत भी, विकास भी. जनता का पैसा, जनता के लिए. हमने जनधन, आधार की जैन ट्रिनिटी बनाई और डीबीटी से देना शुरू किया और हमारे कार्यकाल में 40 करोड़ रुपये सीधे जनता के खाते में जमा किए. देश का दुर्भाग्य देखिए, सरकार कैसे और किसके लिए चलाई गईं. पीएम मोदी के इतना कहने पर विपक्ष की ओर से बैठे-बैठे सदस्यों ने टिप्पणी शुरू कर दी. इस पर स्पीकर ओम बिरला ने उन्हें टोकते हुए कहा कि ये ठीक नहीं है. आप उनको प्रोटेक्ट करना चाहते थे.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा का जवाब दे रहे हैं. पीएम मोदी ने 14वीं बार राष्ट्रपति के अभिभाषण पर हुई चर्चा में यहां बैठकर शामिल होने को अपना सौभाग्य बताया और इसके लिए जनता का आभार प्रकट किया. उन्होंने कहा कि हम 2025 में हैं और 21 वीं सदी का एक चौथाई हिस्सा बीत चुका है. समय तय करेगा कि इसमें क्या हुआ, कैसे हुआ. अगर हम राष्ट्रपति के संबोधन का बारीकी से अध्ययन करेंगे तो ये साफ नजर आता है कि एक नए भारत के लिए आत्मविश्वास जगाने वाला है. राष्ट्रपति का संबोधन विकसित भारत के संकल्प को मजबूती देने वाला, नया विश्वास जगानेा वाला और जनसामान्य को प्रेरित करने वाला है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमारी सरकार ने नारे नहीं दिए, गरीबों की सच्ची सेवा की. पांच-पांच दशक तक झूठे नारे दिए गए. मिडिल क्लास के सपने ऐसे ही नहीं समझे जाते. इसे समझने के लिए जज्बा चाहिए. मोदी को बहुत दुख के साथ कहना है कि कुछ लोगों के पास ये है ही नहीं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोकसभा की कार्यवाही में शामिल होने के लिए पहुंच गए हैं. बीजेपी और एनडीए के सांसदों ने पीएम मोदी का सदन में 'मोदी-मोदी' के नारों के साथ स्वागत किया. पीएम मोदी थोड़ी देर में लोकसभा में धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा का जवाब देंगे.
लोकसभा स्पीकर ओम बिरला सदन की कार्यवाही का संचालन कर रहे हैं. स्पीकर अपने आसन पर आ गए हैं. थोड़ी देर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संबोधन होना है. पीएम मोदी शाम 5 बजे से लोकसभा में धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा का जवाब देने वाले हैं.
लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा जारी है. लोकसभा में धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का आज शाम 5 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जवाब देंगे.
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यूपी के फतेहपुर सीकरी से बीजेपी के सांसद राजकुमार चाहर ने राहुल गांधी पर हमला बोलते हुए कहा कि इन्होंने अपने भाषण में 34 बार चीन का जिक्र किया. ये देश जानना चाहता है कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी 2014 से अब तक कितनी बार चीन गए और क्या वे सरकार की अनुमति लेकर गए. क्या वे देश के किसी काम के लिए वहां गए. इतना चीन प्रेम क्यों. उन्होंने संघ के उल्लेख पर भी आपत्ति जताई और कहा कि हां, संघ पर एक बार नहीं चार-चार बार प्रतिबंध लगे. जब-जब संघ पर प्रतिबंध लगा है, संघ और मजबूत होकर सामने आया है. राजकुमार चाहर ने ये भी कहा कि हमें गर्व है कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जी भी स्वयंसेवक थे, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीजी भी स्वयंसेवक हैं. मैं भी स्वयंसेवक हूं. उन्होंने प्रयागराज महाकुंभ में हुई घटना को लेकर कहा कि एक दुखद घटना घट गई. यूपी सरकार ने मृतकों के लिए 25-25 लाख की सहायता का ऐलान कर दिया है. लेकिन जया बच्चन जो प्रयागराज की बहु भी हैं, उन्होंने जो बयान दिया है वह दुर्भाग्यपूर्ण है.
बिहार के शिवहर से जनता दल (यूनाइटेड) की सांसद लवली आनंद ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इतिहास पुरुष बताते हुए भारत रत्न दिए जाने की मांग की है. लवली आनंद ने लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान कहा कि पहले भी ऐसा हो चुका है. नेहरू जी को भी मिला था. लवली आनंद ने कहा कि नीतीश कुमार के 2005 में बिहार का मुख्यमंत्री बनने से पहले क्या स्थिति थी. अगर कोई घर से निकलता था तो वापस लौटकर आएगा या नहीं, ये भी नहीं पता होता था. नीतीश कुमार जी के आने के बाद बहुत सुधार हुआ है. पहले लोगों की जाति पूछी जाती थी. महिलाओं की आंख चूल्हे फूंकते-फूंकते खराब हो जाती थी. डॉक्टर्स के चक्कर लगाने पड़ते थे. अब उज्ज्वला योजना के तहत गैस सिलेंडर मिल जाने से स्थिति बदली है.
अमेठी के सांसद किशोरी लाल ने जल जीवन मिशन में भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाया. उन्होंने एक एक्सईएन की हत्या का जिक्र करते हुए कहा कि जब आरोपी पकड़े गए तो बोला कि उसने हमारे दो ब्लॉक का ठेका कैंसिल किया था, मार डाला. एक एमएलए हैं जो टेक्निकली तो नहीं लेकिन बीजेपी के हो चुके हैं, वह भी सवाल उठाते हैं. स्वच्छ भारत अभियान में सरकार ने 12 करोड़ शौचालय बनाने की बात कह छह लाख गांव ओडीएफ घोषित कर दिए गए. अमेठी के जिला मुख्यालय पर शौचालयों में कहीं दरवाजे नहीं हैं तो कहीं गंदगी है. आप अपने इस फ्लैगशिप प्रोग्राम का हाल देख लीजिए.
केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने सामाजिक न्याय की केवल जुबानी जुगाली करने से काम नहीं चलेगा. इसे एक्शन की जरूरत होती है जो हमने तो करके दिया है. विपक्ष के साथी बताएं कि उनके पास जब मौका था, तब उन्होंने क्या किया. उन्होंने 10 लाख लोगों को पक्की नौकरी दिए जाने का आंकड़ा संसद में बताया.
राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के राज्यसभा सांसद प्रोफेसर मनोज कुमार झा ने प्रयागराज महाकुंभ हादसे पर कहा कि नेहरू के जमाने में हुई भगदड़ का भी जिक्र हुआ. लाशों पर ये तेरा वाला, ये मेरा वाला... ये बंद होना चाहिए. ये देश धार्मिक रहा है, धर्मांध नहीं. आप ईश्वर को भी वीवीआईपी कल्चर से ठग रहे हैं, ये बंद होना चाहिए. बाबा के सामने आप मौलाना को बैठा देते हैं, इस तरह के बाबाओं पर भी रोक लगनी चाहिए. किसान प्राथमिकता में है और किसान से संवाद नहीं है. किसी ने एक बात कही है कि लोहे का स्वाद लोहार से न पूछो, उस घोड़े से पूछे जिसके मुंह में लगाम है. असमानता बढ़ती जा रही है. बेरोजगारी की समस्या है. इसका तात्कालिक निदान किसी के पास नहीं है. इसका निदान ये है कि पहले मानो तो कि बेरोजगारी है. डेटा कूक मत करो. पटना में छात्र प्रदर्शन करते हैं तो लाठीचार्ज करते हो. ये कौन सा देश हम युवाओं को दे रहे हैं. रेल मंत्री ने वंदे भारत समेत कई ट्रेनों का जिक्र किया. उन ट्रेनों की हालत क्या है जो 88 से 90 परसेंट आबादी यात्रा करती है. रेल मंत्री जी से कहूंगा कि वो वेष बदल लें, दाढ़ीं बढ़ा लें जिससे लगे नहीं कि ये वही व्यक्ति है, औचक निरीक्षण करके देखें कि वास्तविकता क्या है. महामहिम राष्ट्रपति जी ने कहा कि वामपंथी उग्रवाद प्रभावित जिलों की संख्या कम हुई है. एक दक्षिणपंथी उग्रवाद भी है जो डर है कि छद्म राष्ट्रवाद का रूप ले सकता है. इनकी स्थिति क्या है. मनोज झा ने अपने एक सीनियर की किताब थैंक यू गांधी दिखाई और आसन से नेता सदन जेपी नड्डा को गिफ्ट करने की इजाजत मांगी. उन्होंने कहा कि हमारे यहां कलेक्टिव गिल्ट का अभाव रहा है. मनोज झा ने कहा कि हमने विरोध करना तो इनकी नीतियों से किया था. तब हम कहते थे इंडियन स्टेट डाउन डाउन. इसका मतलब राष्ट्र का विरोध नहीं. हम एमए में एक चैप्टर पढ़ाते हैं जिसमें राष्ट्र और स्टेट का फर्क बताते हैं, उस गैप को ब्लर न किया जाए. हम सरकार और उसकी नीतियों का विरोध इसलिए कर रहे हैं क्योंकि हम राष्ट्र की मोहब्बत में हैं. पिछले दिनों लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष के एक बयान पर इसे ब्लर करने की कोशिश हुई. उन्होंने आर्टिकल 14-25 का उल्लंघन न हो. यूजीसी बिल के ड्राफ्ट रेग्यूलेशन का उल्लेख करते हुए कहा कि ये विश्वविद्यालयों की मौत की इबारत है. विश्वविद्यालय का हूं, पीड़ा होती है. विश्वविद्यालय को क्या बनाना चाहते हैं. ये कहीं प्लान तो नहीं है कि पूरी की पूरी शिक्षा व्यवस्था निजी हाथों में सौंप दें. उन्होंने एकलव्य मॉडल स्कूल के नाम पर आपत्ति जताते हुए कहा कि वो प्रताड़ित था. मनोज झा ने आंगनबाड़ी सहायिका, कार्यकत्री और आशा के मानदेय पर सोचने की मांग की और कहा कि एससी-एसटी और ओबीसी की क्या स्थिति हैं विश्वविद्यालयों में, इंस्टीट्यूशंस में, इसे लेकर श्वेत पत्र आना चाहिए. हजारों की संख्या में शिक्षा प्रेरक प्रोग्राम था, वो खाली बैठे हैं. डीएलएड को आपने कोर्ट के हस्तक्षेप के बावजूद दरकिनार कर दिया. यदि तुम्हारे घर के एक कमरे में आग लगी हो तो क्या तुम दूसरे कमरे में सो सकते हो. यदि तुम्हारे घर के एक कमरे में लाशें पड़ी हों, क्या तुम दूसरे कमरे में प्रार्थना कर सकते हो. यदि तुम्हारा जवाब हां है तो मुझे तुमसे कुछ नहीं कहना.
पश्चिम बंगाल से तृणमूल कांग्रेस की सांसद सागरिका घोष ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान कहा कि सरकार महंगाई और मणिपुर हिंसा को नियंत्रित करने में विफल रही है. ये सरकार सत्यमेव जयते से गाइडेड नहीं है. मिनिमम गवर्नमेंट, मैक्सिमम गवर्नेंस का नारा देकर आई ये सरकार मिनिमम गवर्नेंस, मैक्सिमम पब्लिसिटी पर चल रही है. इसका सबसे अच्छा उदाहरण प्रयागराज महाकुंभ है. वीआईपी कल्चर खत्म करने की बात कर सत्ता में आई ये सरकार वीआईपी की, वीआईपी के लिए है. शंकराचार्य परिषद के अध्यक्ष अविमुक्तेश्वरानंद ने लोगों को रोके जाने, सारे गेट बंद किए जाने को लेकर चिंता जताई थी. सागरिका घोष ने सबका साथ, सबका विकास नारे पर सवाल करते हुए कहा कि ये सबका विकास नहीं है. कुछ खास लोगों के लिए विकास है. एक लाख से अधिक अल्पसंख्यकों के मकान ध्वस्त कर दिए गए, ये स्टडी है. इस पर आसन से घनश्याम तिवाड़ी ने इसे प्रमाणित करके देने के लिए कहा और बोला कि शाम तक दे दें तो रिकॉर्ड में रखना नहीं तो हटा देना. सरकार भारत को लोकतंत्र की जननी बताती है लेकिन प्रेस फ्रीडम इंडेक्स में भारत 159 नंबर पर है. रुपया लगातार गिर रहा है.
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पप्पू यादव ने कहा कि अभी परसो कमलानगर में प्रधानमंत्री ने कहा कि हम इमरजेंसी में यहीं रहते थे, यमुना का पानी पीते हैं. पीएम कहां-कहां रहते थे, ये बात हमको नहीं समझ आई. गुजरात जो गांधी की मोहब्बत और सरदार पटेल के लिए जाना जाता था, उसे गोड़से की परिभाषा से परिभाषित किया गया. जब ये आए तो काला धन, दो करोड़ नोटबंदी, जीएसटी. आजतक नहीं समझ आया कि नोटबंदी से कितनी क्षति हुई. हर व्यक्ति की जेब से हर चीज पर तीन गुना जीएसटी. ये पैसा मिडिल क्लास से नीचे से लिए जा रहे हैं. प्रधानमंत्री जी तीसरी बार आ गए. प्रधानमंत्रीजी कहते हैं कि सनातन में सबसे बड़ा हूं, एक बाबा नाम नहीं लूंगा, कहते हैं कि जो लोग मरे उनको मोक्ष मिल गया. चाह रहा हूं कि ऐसे बाबाओं को डुबकी लगाकर मोक्ष में चले जाना चाहिए. इस पर आसन से जगदंबिका पाल ने कहा कि बाबाओं को आशीर्वाद दे रहे हैं. पप्पू यादव ने कुंभ के टेंडर पर सवाल उठाते हुए पुराने बजट का भी जिक्र किया और कहा कि कितने लोगों की मृत्यु हुई है, नेहरू जी के जमाने में कितने लोग मरे, इसका आंकड़ा था. आज कोई आंकड़ा नहीं है. लोग कह रहे हैं कि सैकड़ों लोग मरे हैं. इस पर जगदंबिका पाल ने कहा कि इस जानकारी का कोई आधार है. पप्पू यादव ने पेपर लीक का मुद्दा उठाते हुए कहा कि तीन बार प्रधानमंत्री रहते हुए इनके कार्यकाल में रेलवे और बैंकिंग में नौकरी नहीं निकली, अग्निवीर की ओर चला गया. ईबीसी, ओबीसी, एससी-एसटी का बच्चा तो गया. आपने हमला कर दिया. सहारा इंडिया लगभग तीन करोड़ लोगों का पैसा अभी ब्लॉक है. उन्होंने झारखंड, तेलंगाना जैसे राज्यों को जीएसटी का पैसा नहीं देने का आरोप लगाते हुए कहा कि बिहार को भी जीएसटी का पैसा नहीं मिलता. पप्पू यादव ने कहा कि हमारे प्रधानमंत्री बहुत मजबूती नेता हैं. आईएसआई के चीफ बांग्लादेश गए थे, भूटान की आधी सरकार चीन में थी. उन्होंने बिहार को विशेष पैकेज, विशेष राज्य का दर्जा नहीं मिला. पप्पू यादव ने कहा कि मखाना बोर्ड से नहीं होगा. पूर्वांचल मंत्रालय का गठन हो जिससे इलाके का विकास हो.
पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने पूर्व प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उन्हें भारत रत्न देने की मांग की. उन्होंने कहा कि प्रयागराज महाकुंभ में इतने लोगों की मौत हुई है, श्रद्धांजलि तक नहीं दी गई. इस पर आसन से जगदंबिका पाल ने उन्हें टोकते हुए कहा कि दी गई है श्रद्धांजलि. चन्नी ने कहा कि राहुल गांधी वो हीरा हैं जिसे तराशा जा रहा है. वो जहां जाते हैं, वहीं केस कर देते हैं ये. इस संसद तक में केस कर दिया गया. 40 केस किए हैं सरकार ने. उन्होंने डॉक्टर आंबेडकर को लेकर गृह मंत्री अमित शाह के बयान का जिक्र करते हुए कहा कि हमारे जैसे लाखों लोगों के लिए आंबेडकर ही भगवान हैं. चन्नी के बयान पर आपत्ति जताते हुए बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने पंजाब में आंबेडकर की प्रतिमा तोड़े जाने का जिक्र करते हुए कहा कि बीजेपी की फैक्ट फाइंडिंग कमेटी बृजलाल के नेतृत्व में वहां गई और ये सामने आया कि कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने आंबेडकर की प्रतिमा क्षतिग्रस्त की. चन्नी ने इस पर कहा कि फैक्ट फाइंडिंग कमेटी यहां बनाइए ना गृह मंत्री के बयान पर. उन्होंने कहा कि लोग कलकत्ता के बंदरगाह पर खड़े होकर जहाज देख रहे हैं कि काला धन आएगा और हमें काम मिलेगा. फिर कहा कि 15-15 लाख रुपये खाते में आएंगे. प्रधानमंत्री तो जब बोलते हैं, उसके बाद कुछ बचता ही नहीं जनता को जंचाने के लिए. पीएम बिहार गए और कहा कि 50 लाख करोड़ से कुछ नहीं होगा, 60 लाख करोड़, 70 लाख करोड़, 80 लाख करोड़ नहीं, सवा करोड़ लाख का पैकेज मिलेगा. इस पर आसन से जगदंबिका पाल ने उन्हें करेक्ट करते हुए कहा कि सवा लाख करोड़. चन्नी ने सरदार पटेल के संघ पर बैन लगाने का जिक्र करते हुए भी बीजेपी को घेरा. इस पर निशिकांत दुबे ने कहा कि पंडित नेहरू ने संघ को गणतंत्र दिवस परेड में शामिल कराया था, ये देश से इसके लिए माफी मांगें. चन्नी को आसन से जगदंबिका पाल ने समय का ध्यान दिलाया. इस पर चन्नी ने कहा कि 15 मिनट में से 12 मिनट तो आप ही बोल रहे हो. चन्नी ने कहा कि यहां एक मंत्रीजी बोल रहे थे पिछली बार, उन्होंने यहां महाभारत छेड़ ली. राहुल गांधी की जाति पर सवाल उठाए. देश की एकता और अखंडता को इन लोगों से खतरा है.
बिहार के पश्चिमी चंपारण से बीजेपी के सांसद संजय जायसवाल ने विपक्ष के नेता राहुल गांधी के बिहार दौरे का जिक्र करते हुए कहा कि हमने तब कहा था कि ये हमारे स्टार प्रचारक हैं और आएंगे तो कुछ न कुछ प्रचार करके ही जाएंगे. इन्होंने कहा कि बिहार में हुई जातीय जनगणना फेक है. फेक है तो उस समय सरकार में यही थे. राष्ट्रीय जनता दल का नेता उपमुख्यमंत्री थे. ये कहते हैं कि तेलंगाना में जातिगत जनगणना कराई गई, बहुत पिछड़े मिले. जब बहुत पिछड़े मिले तो क्यों नहीं वहां किसी पिछड़े को मुख्यमंत्री बना देते. वहां मुख्यमंत्री सवर्ण है और 80 फीसदी सवर्ण मंत्री हैं. संजय जायसवाल ने कहा कि राष्ट्रपति पद से हटने पर राजेंद्र प्रसाद को सदाकत आश्रम के टूटे-फूटे दो कमरों में रख दिया गया. आज भी जब ये सदाकत आश्रम गए तो राजेंद्र प्रसाद के लिए दो शब्द नहीं निकले. उन्होंने फिरोज गांधी के असली नाम का जिक्र करते हुए कहा कि धनुष उठाने से कोई राम नहीं बन जाता, बांसुरी बजाने से घनश्याम नहीं बन जाता, गांधी सरनेम रख लेने से कोई महान नहीं बन जाता. महान बनने के लिए महात्मा गांधी और नरेंद्र मोदी की तरह कर्म करने पड़ते हैं. उन्होंने कहा कि जिन बाबा साहब ने संविधान दिया, वे उस संविधान की शपथ तक नहीं ले सके. उनको रोकने के लिए इन्होंने बहुत साजिश की. आज संविधान की ही ताकत है कि पूर्वी तट के आदिवासी वर्ग से आने वाली द्रौपदी मुर्मू राष्ट्रपति हैं और पूर्वी तट से आने वाले पिछड़ा वर्ग के नरेंद्र मोदी जी राष्ट्रपति हैं. उन्होंने दिल्ली में भी 8 फरवरी को बीजेपी की जीत का दावा किया.
टीएमसी सांसद सौगत रॉय ने प्रयागराज महाकुंभ में भगदड़ का मुद्दा उठाया और मृतकों का आंकड़ा जारी करने की मांग की. उन्होंने मणिपुर हिंसा का जिक्र करते हुए यह भी कहा कि प्रधानमंत्री को वहां जाना चाहिए.
अखिलेश यादव ने कहा कि आप नया इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने की बात करते हैं. 2022 के चुनाव से पहले बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे बना था. कितनी तैयारी हुई थी, कितनी सजावट हुई थी. प्रधानमंत्री जी उद्घाटन करके गए, पानी बरस गया और एक्सप्रेसवे बह गया. आज भी मेंटेनेंस चल रहा है. आजकल जो गाड़ियां चल रही हैं, अपनी रफ्तार से चलें तो पेट या कमर का दर्द होगा. ये 14 हजार करोड़ से बना था. गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे अब तक नहीं बना. पूर्वांचल एक्सप्रेसवे जहां तक हम करके गए थे, वहीं तक रह गया. गंगा एक्सप्रेसवे को लेकर कहा गया कि कुंभ से पहले बन जाएगा. अब लगता है कि अगले कुंभ तक बनेगा. यूपी में कोई एक भी एक्सप्रेसवे दिया होता. प्रधानमंत्री को तीसरा मौका दिया है यूपी ने. अखिलेश यादव ने कहा कि केवल प्रचार में ना रहे सरकार, जो राष्ट्रपति जी ने कहा है, उससे सहमत हूं.
अखिलेश ने सोलर स्कीम का मेंटेनेंस रोकने से लेकर लोहिया आवास जैसी योजनाओं को बंद करने का आरोप लगाते हुए कहा कि ये लोग हैं जो इंफ्रास्ट्रक्चर बनाना चाहते हैं. बीजेपी और कांग्रेस के अपने विचार हैं. एक जमाना था जब हमने बड़े स्तर पर जमीन खोई. अब उसी रास्ते पर बीजेपी चल रही है. अगर चीन ने हमारी जमीन पर कब्जा नहीं किया है तो जो अखबार और चैनल ऐसी खबरें चला रहे हैं, उन पर एफआईआर कर उन्हें जेल भेज दीजिए. जब आप उनको मुकदमा कर जेल भेज सकते हैं जो कुंभ की सच्ची खबर चलाना चाहते थे, तो उन पर भी करिए. अखिलेश ने जातिगत जनगणना का जिक्र करते हुए कहा कि कांग्रेस भी अब इस मुद्दे पर हमारे साथ है. अब जाति जनगणना होकर रहेगा. इस पर ट्रेजरी बेंच की ओर से किसी ने कुछ कहा जिस पर अखिलेश ने कहा कि हम साथी हैं, कोई टकराहट नहीं है आपके इंजन की तरह. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री सोशल मीडिया की सबसे अधिक समझ रखते हैं, ये उनकी बात भी नहीं समझ रहे जो वो समझाते हैं. अगर कांग्रेस पार्टी का ये रास्ता था तो आपका रास्ता क्यों है वो. जिस दिन आपके साथी समझ जाएंगे, उस दिन वे भी साथ छोड़ जाएंगे.
अखिलेश यादव ने कहा कि डिजिटल कुंभ कराने वाले मृतकों के आंकड़े तक नहीं दे पा रहे. लाशें कहां फेंकी गईं, बताया जाना चाहिए. मुख्यमंत्री ने मृतकों को श्रद्धांजलि तक नहीं दी. वे घटना को छिपाने में लगे रहे. उन्होंने महाकुंभ की व्यवस्था को सेना के हवाले करने की मांग करते हुए कहा कि पुण्य कमाने आए लोग अपनों के शव लेकर गए. राष्ट्रपति के अभिभाषण में वही सारी पुरानी बातें थीं. 80 करोड़ लोगों को फ्री राशन, 25 करोड़ लोग गरीबी रेखा से बाहर लाई गई, 10 करोड़ गैस कनेक्शन दिए गए. यही आबादी 105 करोड़ हो जा रही है तो सरकार किस आबादी के लिए काम कर रही है. अखिलेश ने तंज करते हुए कहा कि सरकार के दोनों इंजन कहीं आपस में टकरा तो नहीं रहे. अखिलेश ने कहा कि 10 साल पहले जिसे क्योटो बनाने की बात कही थी, वहां आजतक ये मेट्रो तक नहीं शुरू करा पाए. यूपी में जो भी मेट्रो चल रही है, सब समाजवादियों की देन है. उन्होंने भूमि अधिग्रहण पर सवाल उठाते हुए कहा कि जिन किसानों की जमीन ली जा रही है, उन किसानों को उचित मुआवजा क्यों नहीं दिया गया. अखिलेश ने कहा कि समाजवादियों ने जब एक्सप्रेसवे बनवाया तो सुखोई और मिराज उतारकर उद्घाटन किया. उसका डिजाइन बीजेपी ने तैयार नहीं किया था.
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने प्रयागराज महाकुंभ हादसे का मुद्दा उठाते हुए संसद में सरकार को घेरा. अखिलेश ने मृतकों का आंकड़ा जारी करने की मांग करते हुए कहा कि सरकार मृतकों के आंकड़े नहीं दे पाई. बच्चों के आंकड़े तो नदारद है. खोया-पाया केंद्रों पर लोग् अपनों को खोज रहे हैं. महाकुंभ में लोगों ने अपनों को खोया. कुंभ का आयोजन कोई पहली बार नहीं हुआ है. समय समय पर जिसकी भी सरकारें रही हैं, इसका आयोजन करती रही हैं. उन्होंने महाकुंभ में जान गंवाने वालों के लिए दो मिनट का मौन रखे जाने की मांग करते हुए कहा कि हादसे के दिन शाही स्नान वक्त पर नहीं हो पाया. शाही स्नान का मुहूर्त होता है, ये सनातन परंपरा रही है. यह परंपरा उस दिन टूटी है. अखिलेश ने कहा कि इतना प्रचार किया गया महाकुंभ का. कहा गया कि 144 साल बाद ये कुंभ आया है. कहा गया कि सौ करोड़ लोगों की व्यवस्था है. अगर ये बात सही नहीं है जो मैं कह रहा हूं तो सदन की सदस्यता से इस्तीफा देने को तैयार हूं. अखिलेश ने कहा कि महिलाओं के कपड़े, लोगों की चप्पलें जो वहां पड़ी थीं, उन्हें जेसीबी से उठाकर ट्रॉलियों से हटाया गया. सरकार बताए कि शव कहां फेंके गए.
कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि ये आशंका पूरी तरह से सही नहीं है कि प्राकृतिक खेती से उत्पादन घट जाएगा. आईसीआर की एक रिसर्च में सामने आया है कि प्राकृतिक खेती ठीक विधि से की जाए तो उत्पादन में कोई कमी नहीं आएगी. उत्पाद की इनपुट कास्ट में 29 फीसदी की कमी आती है. उत्पादन नहीं घटेगा. वैज्ञानिकों के अध्ययन में जो सामने आया है, उसके मुताबिक लागत निश्चित रूप से घटेगी और उत्पादन नहीं घटेगा. ऐसा नहीं है कि हम पूरे देश के किसानों से कह देंगे कि एक ही बार प्राकृतिक खेती शुरू कर दो. हम प्रयोग के तौर पर इसे शुरू कर रहे हैं. एमएसपी के रूप में अधिक धनराशि दिए जाने से संबंधित सवाल पर उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया रासायनिक खेती के दुष्प्रभावों से अवगत है. हम प्राकृतिक खेती का फैलाव करेंगे. जब उत्पादन ज्यादा होगा तो निश्चित तौर पर किसान को ज्यादा दाम मिलेंगे.
राज्यसभा की मनोनित सदस्य पीटी उषा ने राज्यसभा में किलानूर में एम्स की स्थापना की मांग की और कहा कि यह तमिलनाडु और कर्नाटक के कई इलाकों से भी पास है. उन्होंने इलाके के सामाजिक महत्व की चर्चा करते हुए कहा कि यहां एम्स की स्थापना की जानी चाहिए.
सुप्रिया सुले ने महाराष्ट्र के कृषि मंत्री की ओर से फसल बीमा योजना के तहत 500 करोड़ रुपये के भ्रष्टाचार की बात कहने, बीजेपी विधायक विधायक के 5000 करोड़ के भ्रष्टाचार की बात कही. क्या इस मामले की आपको जानकारी है, जांच कराएंगे. हां या ना. इस पर शिवराज ने कहा कि हमको तो इनसे ही जानकारी मिल रही है. कभी 500 और कभी 5000 करोड़, ऐसे जुमलों से नहीं चलता. कहीं गड़बड़ है तो ऐसा करने वाले को छोड़ा नहीं जाएगा.
हरियाणा के सांसद जयप्रकाश ने फसल बीमा योजना को लेकर सवाल किया. इसके जवाब में कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कांग्रेस की सरकार में जो फसल बीमा योजना थी, उसमें इकाई गांव नहीं तहसील हुआ करता था. इसमें किसी गांव की फसल का नुकसान होता था तो उसको क्षतिपूर्ति नहीं मिलती थी. उसको दुआ करनी होती थी कि पूरे तहसील की फसल खराब हो जाए. हमने इसमें बदलाव कर गांव को इकाई बनाने का काम किया. हमने स्थानीय आपदा को भी इसमें शामिल किया और तय कर दिया कि एक किसान की फसल को भी नुकसान पहुंचा हो तो उसे क्लेम मिलेगा. टीडीपी सांसद देवरायुलु के सवाल पर उन्होंने कहा कि पांच सार्वजनिक कंपनियां और 15 निजी बीमा कंपनियां पीएम फसल बीमा योजना में एक्टिव हैं. इस योजना में लगातार फसलों की संख्या बढ़ाने का प्रयास किया जाता रहा है. नई फसलों को सम्मिलित करने के प्रस्ताव आएंगे तो हम इसे भी शामिल करने का काम करेंगे. फसल बीमा योजना के लिए 14 करोड़ आवेदन आए हैं जो एक रिकॉर्ड है. सरकार खुले मन से ऑउट ऑफ बॉक्स जाकर भी प्रयास करेगी कि किसानों को लाभ कैसे पहुंचाया जा सके.
शिवराज ने कहा कि पीएम फसल बीमा योजना देश के किसानों के लिए वरदान बनकर सामने आई है. कृषि राज्य का विषय है और ये स्वैच्छिक है. इसे चुनना राज्य पर निर्भर है. कुछ राज्य और केंद्र शासित प्रदेश अपने यहां योजनाएं चलाते हैं और इसलिए इस योजना को नहीं चुना. योजना स्वैच्छिक है. दादरा और नागर हवेली की सांसद कलाबेन मोहनभाई डेलकर ने किसानों के नुकसान की भरपाई के लिए सरकार के प्रयासों को लेकर सवाल पूछा. इसके जवाब में शिवराज ने कहा कि वहां के प्रशासन और केंद्र के अधिकारियों के साथ चर्चा करूंगा. किसानों के बीच भी बैठने को तैयार हैं. स्थानीय प्रशासन, केंद्र की टीम, वैज्ञानिकों की टीम भी लेकर आएंगे. किसानों के कल्याण के लिए हर कदम उठाने का प्रयास करेंगे.
शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि सरकार की प्रतिबद्धता है किसान को लाभकारी मूल्य देना. इसलिए सरकार ने ये तय किया कि किसान की लागत पर 50 फीसदी मुनाफा जोड़कर एमएसपी देना. उन्होंने बालकोपरा समेत कोपरा की खरीद के आंकड़े भी सदन में बताए और कहा कि अगर कीमतें एमएसपी के नीचे जाती हैं तो सरकार पूरे कोपरा की खरीद के लिए प्रतिबद्ध है.
किसानों की आय बढ़ाना पीएम मोदी की सर्वोच्च प्राथमिकता है. नारियल के उत्पादन में आज भारत नंबर एक बना है तो पीएम मोदी की नीति के कारण. आंध्र प्रदेश में नारियल का उत्पादन होता है. इसे बढ़ाने के लिए नीति के कारण आंध्र प्रदेश में उत्पादकता 11 मीट्रिक टन है. पिछले दिनों अनेक बीमारियों की शिकायत आई थी. नारियल विकास बोर्ड ने इसको नियंत्रित करने के लिए विभिन्न केंद्रीय संस्थान और अन्य संस्थानों के माध्यम से प्रबंधन के लिए आठ परियोजनाएं अनुमोदित की हैं. टीडीपी सांसद बीके पार्थसारथी ने आंध्र प्रदेश में नारियल के उत्पादन को बढ़ाने के लिए, क्षेत्र के विस्तार को लेकर योजना के संबंध में सवाल किया. इसके जवाब में शिवराज सिंह चौहान ने नारियल क्षेत्र के विकास का डेटा बताते हुए कहा कि नारियल क्षेत्र के समग्र विकास के लिए रोपण से लेकर विपणन तक, वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है.
संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही शुरू हो गई है.लोकसभा में प्रश्नकाल की कार्यवाही चृल रही है. वहीं, राज्यसभा में कार्यवाही शुरू होते ही सभापति जगदीप धनखड़ ने नीरज डांगी, फैंगनॉन्ग एस कोन्याक को जन्मदिन की बधाई दी.
लोकसभा में आज वाणिज्य एवं उद्योग, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी, सहकारिता, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, भारी उद्योग और गृह मंत्रालय से संबंधित पत्र पेश किए जाने हैं. शिक्षा, महिला, बाल, युवा और खेल संबंधी स्थायी समिति के प्रतिवेदनों की प्रति भी सभा पटल पर रखी जाएगी. राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा आज भी जारी रहेगी.
कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने प्रयागराज महाकुंभ के दौरान भगदड़ पर चर्चा की मांग को लेकर स्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया है. गौरव गोगोई ने लोकसभा में और आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने राज्यसभा में स्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया है. संजय सिंह ने यमुना नदी के जल में अमोनिया के स्तर और दिल्ली में जल संकट पर चर्चा की मांग को लेकर स्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया है.
संसद के चालू बजट सत्र का आज चौथा दिन है. राष्ट्रपति के अभिभाषण के साथ शुरू हुए इस सत्र के पहले दिन आर्थिक सर्वेक्षण पेश हुआ था. दूसरे दिन वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में बजट पेश किया था. तीसरे दिन लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पेश करते हुए दक्षिणी दिल्ली से बीजेपी के सांसद रामवीर सिंह बिधूड़ी ने चर्चा की शुरुआत की थी. आज चौथे दिन भी लोकसभा में धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा जारी रहेगी.