
संसद के चालू बजट सत्र के चौथे दिन की कार्यवाही हंगामे के कारण नहीं हो सकी. विपक्ष के हंगामे और अडानी ग्रुप से जुड़े मुद्दे और हिंडनबर्ग रिपोर्ट को लेकर लगातार नारेबाजी के बीच संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही कुछ मिनटों में ही स्थगित करनी पड़ी. संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही हंगामे के बाद 6
फरवरी को 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई है.
लोकसभा की कार्यवाही दिन में 11 बजे जैसे ही शुरू हुई, विपक्षी सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया. हंगामे और नारेबाजी के बीच स्पीकर ओम बिरला ने सदन की कार्यवाही दिन में 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी. कुछ ऐसा ही राज्यसभा में भी हुआ. राज्यसभा की कार्यवाही को दोपहर 2 बजकर 30 मिनट तक के लिए स्थगित कर दिया गया.
दोनों सदनों में कार्यवाही जब दोबारा शुरू हुई, विपक्षी सदस्य फिर से नारेबाजी करने लगे. लोकसभा की कार्यवाही को कुछ मिनटों तक हंगामे के बीच भी पीठासीन राजेंद्र अग्रवाल ने जारी रखा लेकिन बाद में उन्हें इसे स्थगित करना पड़ा. लोकसभा की कुछ मिनट तक चली कार्यवाही के दौरान एक दिन पहले पेश किए गए एक प्रस्ताव को पारित करा लिया गया. इसके बाद पीठासीन ने 6 फरवरी को दिन में 11 बजे तक सदन की कार्यवाही स्थगित करने की घोषणा कर दी.
राज्यसभा के सभापति ने जताई नाराजगी
विपक्षी सदस्यों के हंगामे के बाद राज्यसभा की कार्यवाही 6 फरवरी तक के लिए स्थगित कर दी गई है. राज्यसभा की कार्यवाही दोपहर 2 बजे फिर शुरू हुई तो विपक्षी सदस्यों ने अपनी मांग जारी रखी. सभापति जगदीप धनखड़ ने सदस्यों से व्यवस्था बनाए रखने और सदन के कामकाज को चलने देने का आग्रह किया. सभापति जगदीप धनखड़ ने वेल में आकर हंगामा करने वाले विपक्षी दलों के सदस्यों पर नाराजगी जताई है.
हालांकि, विपक्षी सदस्यों ने अपना विरोध जारी रखा, जिसके बाद सभापति ने सदन की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी. सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा- सदन 6 फरवरी (सोमवार) को 11 बजे तक एक चेतावनी नोट के साथ स्थगित किया जाता है जो लोग यहां लागू नियमों का उल्लंघन करते हुए सदन के वेल में आ गए.
राज्यसभा में कार्य स्थगन की 15 नोटिस रिजेक्ट
इससे पहले अडानी मुद्दे पर चर्चा की मांग को लेकर विपक्षी सदस्यों के हंगामे के बाद राज्यसभा को दोपहर 2.30 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया था. सुबह सदन की कार्यवाही शुरू हुई और सभापति ने अडानी समूह के मुद्दे पर चर्चा करने के लिए विभिन्न विपक्षी दलों के सदस्यों की ओर से दिए गए 15 कार्य स्थगन नोटिस खारिज कर दिए.
उन्होंने कहा कि मुझे अलग-अलग सदस्यों से नियम 267 के तहत 15 नोटिस मिले हैं. मैंने सभी नोटिस देखे हैं. मैं उन्हें स्वीकार करने में असमर्थ हूं, क्योंकि ये नियम 267 की आवश्यकताओं को पूरा नहीं कर रहे हैं और 8 दिसंबर, 2022 को अध्यक्ष द्वारा दिए गए निर्देश के अनुरूप नहीं हैं. इसके बाद विपक्षी सदस्यों ने हंगामा करना शुरू कर दिया.
सभापति ने प्राइवेट मेंबर बिल पेश करने को कहा
सुबह सदन स्थगित होने के बाद दोपहर 2.30 बजे जैसे ही फिर से कार्यवाही शुरू हुई तो सभापति धनखड़ ने प्राइवेट मेंबर बिल को पेश करने के लिए कहा. हालांकि, विपक्षी सदस्यों ने अडानी ग्रुप के मुद्दे पर चर्चा और संयुक्त संसदीय समिति (joint parliamentary committee) से जांच कराए जाने की मांग करते हुए अपना विरोध जारी रखा.
धनखड़ ने सदन के वेल में आने वाले सदस्यों से अपनी सीटों पर वापस जाने के लिए कहा. उन्होंने कहा कि वह लाखों लोगों का 'संकट और पीड़ा' साझा करते हैं. उम्मीद करता हूं कि सदस्य लंबे समय से चली आ रही परंपरा का पालन करेंगे. धनखड़ ने सदस्यों से व्यवस्था बनाए रखने और सदन की कार्यवाही चलने देने के लिए कहा लेकिन विपक्षी सदस्यों ने अपना विरोध जारी रखा जिसके बाद उन्होंने सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी.
नोटिस खारिज करने पर सभापति ने क्या कहा
राज्यसभा के सभापति ने कहा कि आपने अपना काम किया है. आपने मुद्दों को मेरे संज्ञान में लाया है और मैंने अपना फैसला सुनाया है. उन्होंने कहा कि नियम 267 के तहत विचार के लिए उन्हें जो 15 नोटिस मिले, उनमें विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, सैयद नसीर हुसैन, प्रमोद तिवारी, कुमार केतकर, अमी याज्ञनिक और नीरज डांगी के 6 नोटिस एक जैसे हैं. जॉन ब्रिटास, एए रहीम, वी शिवदासन और तिरुचि शिवा के नोटिस भी समान हैं. अन्य नोटिस के केशव राव, एलामारम करीम, संजय सिंह, संतोष कुमार पी और प्रियंका चतुर्वेदी के हैं.