संसद के चालू बजट सत्र के दूसरे चरण के दूसरे हफ्ते की कार्यवाही का चौथा दिन हंगामेदार रहा था. टी-शर्ट पर गतिरोध से लोकसभा की कार्यवाही नहीं चल सकी थी. वहीं, राज्यसभा की कार्यवाही भी लिस्टेड बिजनेस लेने के बाद बार-बार स्थगित होती रही. सरकार आज लोकसभा से गिलोटिन के रास्ते बजट पारित कराने की तैयारी में है.
लोकसभा से गिलोटिन के रास्ते विनियोग विधेयक और विभिन्न मंत्रालयों की बकाया अनुदान मांगें पारित होने के बाद लोकसभा की कार्यवाही सोमवार, 24 मार्च को दिन में 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई है.
लोकसभा से गुलोटिन के रास्ते विनियोग विधेयक पारित हो गया है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने विनियोग विधेयक मतदान एवं पारित करने के लिए सदन में पेश किया जिसे गिलोटिन के रास्ते पारित कर दिया गया. इस दौरान विपक्ष के सदस्य वॉकआउट कर गए थे.
स्पीकर ने गृह मंत्रालय से लेकर शिक्षा, श्रम एवं रोजगार मंत्रालय तक, सभी विभागों की अनुदान मांगों से संबंधित प्रस्ताव सदन में मतदान एवं पारित करने के लिए रखा. मंत्रालयों की बकाया अनुदान मांगें गिलोटिन के जरिये पारित कर दी गईं. इस दौरान विरोध में विपक्षी सदस्य सदन से वॉकआउट कर गए.
लोकसभा की कार्यवाही का समय बढ़ा दिया गया है. स्पीकर ओम बिरला ने आइटम नंबर 24 की समाप्ति तक कार्यवाही का समय बढ़ाने के लिए सदन की सहमति ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी सदन में मौजूद हैं. मंत्रालय की अनुदान मांगों में कटौती के प्रस्ताव लोकसभा में मतदान के लिए रखे गए जो ध्वनिमत से गिर गए. एनके प्रेम चंद्रन ने स्टैंडिंग कमेटी की रिपोर्ट्स पेश हुए बिना, बगैर चर्चा के ग्रांट्स पारित किए जाने पर आपत्ति की. स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि आपने जो विषय उठाया, पूर्व में भी सदन की ऐसी परंपरा रही है. उन्होने रुल 221 का हवाला दिया. उन्होंने कहा कि भविष्य में अपनी कमेटियों की रिपोर्ट को समय पर प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं. गिलोटिन के लिए कार्य मंत्रणा समिति में 6.15 बजे का समय निर्धारित हुआ है.
लोकसभा में कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय की अनुदान मांगों पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि हमने अभी कुछ दिनों पहले ये फैसला किया है कि किसान अगर अपने उत्पाद को नैफेड या अन्य राज्य की एजेंसियों के माध्यम से अगर मेट्रो सिटी तक ले जाएगा तो परिवहन की लागत हम उठाएंगे. पिछले दिनों कुछ उत्पादों के दाम घटे. सोयाबीन के दाम घटे तो सरकार ने फैसला किया कि खाद्य तेल के आयात पर टैक्स शून्य फीसदी से बढ़ाकर 20 फीसदी करने का फैसला किया गया. प्याज के एक्सपोर्ट से बैन हटाया गया. चावल का रेट भी निर्यात होने के कारण ठीक मिल सके, इसे लेकर भी हमने फैसला किया. मसूर पर 11 फीसदी इम्पोर्ट ड्यूटी लगाने का फैसला किया जिससे मसूर के दाम कम न हों. किसान जितनी भी दाल पैदा करेगा, सौ फीसदी खरीद करेंगे. एक दाना नहीं छोड़ेंगे. किसानों के पक्ष में हमने हमेशा आयात-निर्यात नीति बनाने और बदलने का काम किया है. किसान की फसल एक साल खराब हो जाए तो वो तीन साल पनपता नहीं है. फसल बीमा योजना का फैसला पीएम ने किया.
राज्यसभा में अमित शाह ने कहा कि एक देश में दो निशान, दो प्रधान और दो विधान नहीं होंगे. देश में एक ही प्रधानमंत्री हो सकता है, एक ही विधान और देश का झंडा भी एक ही हो सकता है. 5 अगस्त 2019 को एक निशान, एक विधान और एक प्रधान का नया दौर शुरू हुआ और वहीं से शुरू हुई कश्मीर को हमेशा के लिए भारत के साथ एकरूप करने की प्रक्रिया.
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राज्यसभा में गृह मंत्री अमित शाह ने गृह मंत्रालय के कामकाज पर हुई चर्चा का जवाब दिया. गृह मंत्री के जवाब के बाद सभापति जगदीप धनखड़ ने अगला बिजनेस लेने की बात कही थी कि विपक्षी सदस्यों ने इस पर आपत्ति की. जयराम रमेश ने बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की बैठक का जिक्र करते हुए कहा कि आज गृह मंत्रालय के कामकाज पर चर्चा पूरी करने की बात हुई थी और ये तय हुआ था कि बैंकिग (संशोधन) विधेयक को चर्चा के लिए 24 मार्च को लिया जाएगा. इस पर सभापति ने पॉइंट लिए जाने की बात कही और सदन की कार्यवाही 24 मार्च 2025 को 11 बजे तक के लिए स्थगित करने की घोषणा कर दी.
गृह मंत्री ने कहा कि 17 केंद्रीय मंत्रियों और 92 आईएएस अफसर ने इन वाइब्रेंट गांवों में जाकर 48 घंटे बिताए हैं. दूध, सब्जी और मछली स्थानीय लोगों से खरीदने के लिए हमने सेना और आईटीबीपी को आजादी दे दी. इससे वहां आजीविका भी मिल रही है और रोड, बिजली सब पहुंचा है. कई गांवों में आबादी वापस आने लगी है. अरुणाचल में 30 फीसदी आबादी वापस आई है. पर्यटकों के रुकने से लेकर घूमने तक के लिए पर्यटकों को एक गाइड भी मिल जाता है. अमित शाह ने जवान के शहीद होने पर वीर निधि के जरिये सीधे खाते में पैसा पहुंचाने के इंतजाम से लेकर प्रधानमंत्री छात्रवृत्ति योजना, रेगुलर मेडिकल चेकअप समेत तमाम उपाय गिनाए. गृह मंत्री ने कहा कि मणिपुर पर जरूर बात करूंगा. जब राष्ट्रपति शासन की अनुमति लेने आऊंगा तब सभी को सुनूंगा भी और जवाब भी दूंगा. वहां अब शांति है और दोनों समुदायों के बीच बातचीत की शुरुआत भी हो चुकी है. गृह मंत्री ने 370, सीएए का उल्लेख करने के साथ ही कहा कि एक गौरव और हमारे मंत्रालय को है. राम मंदिर ट्रस्ट का गौरव भी हमारे मंत्रालय को है. उन्होंने अपराध के आंकड़ों पर कहा कि 10 साल में सभी राज्यों ने भी अच्छा किया है और कानून व्यवस्था की परिस्थिति अच्छी हुई है. अपराध में पांच श्रेणी के अपराध होते हैं. देश में घुस जाते थे और बम धमाके करते थे. किसी की हिम्मत नहीं है अब बम धमाके करने की. आतंकवाद को जड़ से उखाड़ने के लिए हम प्रतिबद्ध हैं. कश्मीर में अब शांति है. पूर्वोत्तर में भी अब सारे उग्रवादी सरेंडर कर चुके हैं. विकास का मार्ग प्रशस्त हो चुका है. विपक्ष को चिंता करने की जरूरत नहीं है. चिंता हम पर छोड़ दीजिए. हम देश को भी अच्छे से चलाएंगे और आपको भी सुरक्षित रखेंगे.
अमित शाह ने राजभाषा विभाग की बात करते हुए कहा कि मोदी सरकार ने भारतीय भाषा विभाग की स्थापना की है जो हर भाषा का प्रचलन बढ़ाने का काम करेगा. दिसंबर के बाद हर राज्य के मुख्यमंत्री और मंत्री के साथ उसकी ही भाषा में पत्र व्यवहार करने वाला हूं. भाषा के नाम पर भ्रष्टाचार छिपाने के लिए अपनी दुकान चलाने वालों को ये मजबूत जवाब है. क्या बात करते हैं कि हम दक्षिण भारतीय भाषाओं के विरोधी हैं. इस मंच से कह रहा हूं तमिलनाडु सरकार से, दो साल से कह रहे हैं कि आपमें हिम्मत नहीं है इंजीनियरिंग और मेडिकल की पढ़ाई तमिल में कराने की मगर हम एनडीए की सरकार आई तो तमिल में पढ़ाई कराएंगे. हजारों किलोमीटर दूर की भाषा आपको अच्छी लगती है. तमिल बच्चा गुजरात में भी काम कर सकता है, दिल्ली में भी काम कर सकता है. हम गांव-गांव जाकर एक्सपोज करेंगे कि ये भ्रष्टाचार को छिपाने के लिए ऐसा कर रहे हैं. हिंदी सभी भाषाओं की सखी है और इसकी किसी भाषा से प्रतिस्पर्धा नहीं है. नरेंद्र मोदी सरकार हिंदी के साथ साथ सभी भारतीय भाषाओं के विकास के लिए प्रतिबद्ध है. इसके लिए किसी को शंका नहीं होनी चाहिए.
अमित शाह ने राज्यसभा में कहा कि भारत आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में शीर्ष देशों में शामिल हो चुका है और हमारा संकल्प है कि टॉप मोस्ट बनना है. उन्होंने इसमें राज्यों के योगदान की भी तारीफ की. अमित शाह ने अंतरराज्यीय परिषद को फेडरल स्ट्रक्चर का सबसे प्रमुख मंच बताते हुए कहा कि ये लोग सवाल उठाते हैं फेडरल स्ट्रक्चर की. आज मैं राजनीतिक बातें करने नहीं आया हूं. अमित शाह ने सीमावर्ती गांवों से सुविधाओं के लिए पलायन का जिक्र करते हुए कहा कि जिस देश की सरहदों के गांव खाली हो जाएं वो देश सुरक्षित नहीं रह सकता. इसके लिए वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम लाया गया जिसमें 90 फीसदी योगदान केंद्र का रहता है. इन गांवों को सुविधाओं के लिहाज से भी देश का प्रथम गांव बनाया जा रहा है. उन्होंने लद्दाख से उत्तराखंड, सिक्किम और अरुणाचल तक के गांवों के आंकड़े बताते हुए कहा कि हमने बहुत सारे बदलाव किए.
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि हमने फॉरेंसिक साइंस के क्षेत्र में चतुष्कोणीय रणनीति बनाई है. अलग-अलग क्षेत्र में पीएचडी तक के कोर्स बन चुके हैं. सौ से ज्यादा रिसर्च अभी चल रहे हैं. निर्भया फंड से हम हर राज्य में डीएनए विश्लेषण लैबोरेट्री बनाएंगे. हम सभी डेटा को लेकर एक एआईबेस्ड सॉफ्टवेयर बना रहे हैं जिस पर काम देर से देर दिसंबर तक बन जाएगा. इसके बाद अपराधी बच नहीं पाएंगे और हमारी न्याय प्रणाली दुनिया की सबसे आधुनिक न्याय प्रणाली होगी. उन्होंने आपदा प्रबंधन पर कहा कि 2014 से पहले ये रिएक्शनरी था और हम बचाव केंद्रित अप्रोच के साथ आगे आए हैं. दो ऐसी आपदाएं आई हैं जिनमें जीरो कैजुअलिटी रही. हम गुजरात के भूकंप और ओडिशा के साइक्लोन को भूल नहीं सकते. हमने अर्ली वॉर्निंग सिस्टम पर काम किया है. पहले ही एनडीआरएफ पहुंचती है. छह स्तंभ पर आपदा प्रबंधन आगे बढ़ा है. उन्होंने 2004 से 2014 और 2014 से 2024 तक एसडीआरएफ और एनडीआरएफ के बजट के आंकड़े बताया और कहा कि ये बताता है कि किस अप्रोच से काम हो रहा है. अर्ली वॉर्निंग सिस्टम पांच दिन पहले जाती थी, अब सात दिन पहले जाती है. अब तक 4300 करोड़ से ज्यादा अलर्ट जारी किए जा चुके हैं. एनडीआरएफ की उपलब्धता पहले से अधिक बढ़ाई गई. नागपुर में एनडीआरएफ की अलग अकादमी की स्थापना की गई है. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की भूमिका सुनिश्चित करने के लिए सीडीआरआई बनाया गया है. दुनिया में कही भी आपदा आती है, हमारे प्रधानमंत्री एनडीआरएफ को तुरंत भेज देते हैं. आपदा प्रबंधन में श्रेष्ठ काम के लिए अब सुभाष बाबू के नाम से पुरस्कार शुरू किया है. 34 गाइडलाइंस जारी कर दी हैं. हर दो महीने में एक जारी होगी.
असम का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि वहां दोष सिद्धि की दर 68 फीसदी है. सात साल से अधिक सजा वाले हर अपराध में वहां फॉरेंसिक साइंस लैबोरेट्री की विजिट अनिवार्य कर दी गई है जिसके बाद गवाहों की फौज की भी जरूरत नहीं. पुलिस, पॉसीक्यूशन और न्यायपालिका, तीनों की समय मर्यादा को कानून से बांधा गया है. तारीख पर तारीख से आजादी मिलेगी. दो से ज्यादा तारीख अभियोजन और बचाव पक्ष को नहीं मिलेगी. विदेश में बैठे अपराधियों पर भी अब ट्रायल चल सकेगा. आपराधिक मुकदमें की समाप्ति के बाद न्यायालय को 45 दिन में जजमेंट दे देना है. पांच हजार रुपये से कम की चोरी के लिए कम्युनिटी सर्विसिंग का प्रावधान किया गया है. हम विदेश की संपत्ति भी कुर्क कर सकते हैं. फॉरेंसिक को बढ़ावा देने का भी हमने काम किया है. मॉब लिंचिंग का नया अपराध भी जोड़ा गया है. विक्टिम सेंट्रिक कानून भी हमने बनाया है. जीरो एफआईआर को संस्थागत करने के साथ ही पुलिस की जवाबदेही को भी हमने सुनिश्चित किया है. तीन साल से कम की सजा के लिए गिरफ्तारी का प्रावधान नहीं है. 60 साल से अधिक उम्र के व्यक्ति की पूर्व अनुमति के गिरफ्तारी का प्रावधान नहीं है. हमने राजद्रोह के कानून को देश द्रोह में बदला. आप प्रधानमंत्री के खिलाफ मर्यादा में कुछ भी बोल सकते हैं लेकिन देश के खिलाफ नहीं बोल सकते.
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि हम ड्रोन रोधी मॉड्यूल के काफी करीब हैं. छह प्रयोग हुए हैं और इनके प्लस प्लस प्लस को लेकर एक आत्मनिर्भर भारत के तहत इंडीजिनियस मॉड्यूल विकसित किया जा रहा है डीआरडीओ की ओर से. उन्होंने कानून व्यवस्था को लेकर सवालों पर कहा कि सरकारों को सरकार की चिंता थी, नागरिकों की सुरक्षा की चिंता नहीं थी. इसकी वजह से 75 साल से अंग्रेजों के बनाए कानून चलते रहे. देश में अब तीन नए आपराधिक कानून एक जुलाई से पूरे देश में लागू हो गए हैं. चंडीगढ़ पूर्णतया लागू करने वाला पहला राज्य बन गया है. देश के नागरिकों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि तीन साल में हर जगह ये पूरी तरह से लागू हो जाएंगे. इसके बाद किसी भी पुलिस स्टेशन में दर्ज कोई भी केस सुप्रीम कोर्ट तक तीन साल में न्याय प्राप्त कर लेगा. ये 21वीं सदी का सबसे बड़ा रिफॉर्म है. ये दुनिया का सबसे आधुनिक कानून है. दोष सिद्धि की दर में हम दुनिया के देशों के बराबर होंगे ही, कुछ साल में आगे भी हो जाएंगे.
अमित शाह ने कहा कि ड्रग व्यापार नहीं है. पूरी दुनिया के युवाओं के लिए खतरा है, नस्ले बर्बाद करने का जरिया है. उन्होंने 2004 से 2014 और 2014 से 2024 तक ड्रग्स जब्ती के आंकड़े भी बताए और कहा कि कुछ लोग कहेंगे कि आपके समय में बढ़ गया. बढ़ नहीं गया है, हमने ज्यादा पकड़ा है जो आप नहीं पकड़ पाए. पिछले पांच साल में 14 हजार करोड़ से अधिक का सिंथेटिक ड्रग्स हमने जला दिया. हमने देशभर में सिंथेटिक ड्रग बनाने की 72 लेबोरेट्री को पकड़कर नष्ट करने का काम किया है. हमने ड्रोन और सैटेलाइट का उपयोग कर 2024 में जून तक 10 हजार एकड़ अफीम की खेती को नष्ट कर दिया. हमने 6 लाख 56 हजार मामले दर्ज किए हैं. हमने 2453 लोगों को पीट एनडीपीएस एक्ट में जेल में डाला जिसमें बेल का प्रावधान नहीं है. ये बार-बार आरोप लगाते हैं कि गुजरात से ड्रग क्यों पकड़ा जा रहा है. हम तो चाहते हैं कि हर राज्य से पकड़ा जाए. अंतरराष्ट्रीय सीमा से करोड़ों का ड्रग पकड़ा गया. हमारी नीति है कि ड्रग न आने देंगे और ना कहीं जाने देंगे. हमने मिशन स्पंदन से ड्रग एडिक्ट्स को चिह्नित कर नशामुक्त करने का अभियान चलाया है और टोल फ्री हेल्पलाइन शुरू की है. मानस हेल्पलाइन भी उपलब्ध है और इसमें 95 फीसदी लोग रिहैबिलिटेशन का कोर्स पूरा कर चुके हैं. इस समस्या के खिलाफ लड़ाई में देश के हर नागरिक को योगदान देना चाहिए. सहयोग जब तक नहीं मिलता, सरकार अकेले कुछ नहीं कर सकती.
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि कुछ सदस्यों ने ड्रग्स को लेकर चिंता व्यक्त की. मैं भी मानता हूं कि ये गंभीर समस्या है. ये लड़ाई अकेले सरकार नहीं लड़ सकती. हमने इससे लड़ने के लिए कई सारे प्रयास भी किए हैं और त्रिकोणीय एक्शन प्लान बनाया है. जो ड्रग्स लेता है वो तो विक्टिम है, गुनहगार उसका व्यापार करने वाला है. हमने गृह से समाज कल्याण विभाग और राज्य सरकारों तक, एक मैकेनिज्म बनाया है और सभी मिलकर लड़ रहे हैं. एक ड्रग की पुड़िया मिलती है तो हम उसकी गहराई में जाते हैं. इसके अच्छे नतीजे भी मिले हैं. चतुष्कोणीय दुष्प्रभाव हैं और इससे मिले पैसे का उपयोग उग्रवाद से नक्सलवाद तक होता है. उन्होंने इसके खिलाफ किए गए प्रयास गिनाए और कहा कि जहां राज्यतर गुनाह है, वहां जेसीसी का गठन करने के साथ ही हमने एनसीबी को भी मजबूत किया है. जागरुकता से लेकर कठोर कानून तक, हमने इस पर प्रहार किया है.
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि जब एनआईए का संशोधन लेकर आया था तब दिग्विजय सिंह ने कहा था कि इसका दुरुपयोग हमारे सामने होगा. दिग्विजय जी, आपके सामने नहीं हुआ और 857 को आतंकी घोषित किया गया. आतंकियों से बातचीत के लिए जिस हूर्रियत मध्यस्थ बनाया जाता था, उसको हमने जमीन के अंदर गाड़ दिया. जो खतरों को देख नहीं पाते, वो मूकदर्शक बने रहे. पीएफआई पर बैन लगाया और एक-एक बंदे को उठाकर जेल की सलाखों के पीछे डाल दिया और संपूर्ण गतिविधि समाप्त हो गई. कुछ लोग पंजाब में भिंडरावाले बनने का प्रयास किया. सरकार हमारी नई थी फिर भी वो आज असम की जेल में गुरुग्रंथ साहिब का पाठ कर रहे हैं. एक जमाने में आतंकियों के अरेस्ट से मृत्यु तक का डोजियर 2 साल और तीन महीने था जो आज कुछ दिनों का बच गया है. हमने वामपंथी उग्रवाद, कश्मीरी उग्रवाद, खालिस्तान समर्थक उग्रवाद समेत 25 आयामों को एनआईए के अंदर जकड़कर कानून का शिकंजा कसने का काम किया. मानव तस्करी को भी एनआईए के दायरे में लाने का काम हमने किया है. एनआईए में 1244 पद सृजित किए, 16 नई ब्रांच खोलीं, दो नए जोनल कार्यालय खोला गया. 652 मामलों में से एक में भी सुप्रीम कोर्ट तक एक भी केस को अनुचित नहीं घोषित किया गया. 157 मामलों में जजमेंट आ गया है और 150 मामलों में सजा दी गई है. दुनियाभर में एनआईए की दोष सिद्धि की दर सबसे ऊंची है. हमने एनआईए के अधिकारों को अंतरराष्ट्रीय एक्सपोजर देने के लिए समझौते भी किए हैं.
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि पूर्वोत्तर की समस्या को भी हम समाप्त करने की कगार पर हैं. हिंसक घटनाओं में 70 फीसदी कमी आई है. 2019 से अब तक 12 शांति समझौते किए. उन्होंने एक-एक समझौते गिनाते हुए कहा कि 10 हजार से अधिक युवा हथियार डालकर मुख्यधारा में लौटे हैं. बोडोलैंड जाकर आया हूं, हजारों हजार युवा विकास के काम में जुटे हैं. परिस्थिति बदल गई है. असम के भीतर पांच लाख करोड़ के निवेश का समझौता हुआ है. आज वहां शांति है. मिजोरम से भागकर त्रिपुरा में दयनीय जीवन जीने वाले अपने ही आदिवासी भाइयों को ब्रू रियांग समझौते के तहत घर दिया और स्किलिंग करके रोजगार के मौके दिए. सारे ब्रू रियांग भाई नरेंद्र मोदी को दुआ दे रहे हैं. 37584 लोगों को नर्क के जीवन से बाहर निकालने का काम नरेंद्र मोदी की सरकार ने किया. ब्रू भाई के घर जाकर चाय पीकर आइए तो मालूम पड़ेगा संवेदनशीलता क्या होती है. हमने पूर्वोत्तर की समृद्धि के रास्ते खोले हैं. नरेंद्र मोदी ने दिल्ली और पूर्वोत्तर के बीच दिलों की दूरी भी कम कर दिया है. चोटियों पर बसे गांव जो मानते थे कि हम भारत का अंतिम गांव हैं, मोदी जी ने एक सरल शब्द से ये भाव भर दिया है कि हम भारत का पहला गांव हैं. हमने वहां के लोगों के उत्साह में ये देखा है. दृढ़ राजनीतिक इच्छाशक्ति के साथ कठोर फैसले का माद्दा और नीति चाहिए. मोदी जी ने आतंक के खिलाफ जीरो टॉलरेंस को धार देने के लिए कानूनी आधार को भी मजबूत किया. यूएपीए में संशोधन किया गया.
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि हमने नक्सलियों की आर्थिक कमर तोड़ दी और उनके फाइनेंसर खत्म किया. हमने सुरक्षाबलों के 504 कैम्प बनाए. विकास वहां पहुंचना चाहिए और हम इस साल दिसंबर से पहले पूरा नक्सल एरिया मोबाइल कनेक्टिविटी से लैस कर देंगे. 5731 डाकघर बैंकिंग सेवा के साथ खोले. हाईवे बने, आदिवासी युवाओं को भर्ती कर सुरक्षाबलों में लिया और छह नए हेलीकॉप्टर जवानों को रेस्क्यू करने के लिए लिया जो रात में भी उड़ सके. इसका नतीजा ये हुआ कि आज नक्सलवाद सिमटता जा रहा है. मारे गए लोगों में इनके प्रमुख नेता हैं जिनकी वजह से पूरा आंदोलन चरमरा गया है. हम सरेंडर के लिए लचीली पॉलिसी लेकर आए. विश्वास के साथ कहता हूं, ये सरकार रहते ही देश नक्सल समस्या से मुक्त हो जाएगा.
वामपंथी उग्रवाद को किसी ने राजनीतिक समस्या बताया. इस सोच पर तरस आता है. कोई पांच-25 साल में विकास नहीं पहुंचा सकता. कोई छूट गया होगा, इसका मतलब ये नहीं कि हम देश की व्यवस्था को ही न मानें. हिम्मत देखिए, पशुपति नाथ से तिरुपति तक कई थानों पर कब्जा कर लिया और समानांतर व्यवस्था चलाई, करेंसी चलाई. 31 मार्च 2026 को देश से वामपंथी आतंकवाद समाप्त हो जाएगा. संवाद सुरक्षा और समन्वय के सिद्धांत को आधार बनाकर हम वामपंथी उग्रवाद के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं. गृह मंत्री अमित शाह ने 2004 से 2014 और 2014 से 2024 के बीच उग्रवादी घटनाओं में मारे गए लोगों और सुरक्षाबलों के आंकड़े बताते हुए कहा कि कोई ये समझे कि कांग्रेस का नाम क्यों ले रहा हूं. 10 साल बाद कोई बीजेपी का गृह मंत्री आएगा तो वो हमारा और हमारा ही आंकड़ा देगा, आपका नहीं. हमसे पहले आपका शासन था, इसलिए आपके आंकड़े दे रहे हैं. उन्होंने छत्तीसगढ़ में सत्ता परिवर्तन के बाद नक्सलियों के सरेंडर से लेकर मारे जाने की घटनाओं से जुड़े आंकड़े भी सदन में बताए और कहा कि नक्सल प्रभावित जिलों की संख्या 126 थी जिनमें से अब 12 बचे हैं और 31 मार्च 2026 को हम शून्य लेकर आएंगे.
अमित शाह ने नागरिकों की मृत्यु से लेकर सुरक्षाकर्मियों की मृत्यु के 2004 और 2024 के आंकड़े बताए और कहा कि जब विकास होता है तो अमन अपने आप आता है. नरेंद्र मोदी जी ने दो हजार करोड़ से अधिक की परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास जम्मू कश्मीर में किया. हमने 80 हजार करोड़ रुपये रखे थे जिनमें से 51 हजार करोड़ रुपये खर्च हो गए हैं और 63 में से 53 योजनाएं पूरी तरह से क्रियान्वित हो गई हैं. एक दम आकर्षक औद्योगिक नीति लाकर कई साल बाद कश्मीर में निवेश का माहौल बना है. 12 हजार करोड़ का निवेश जमीन पर उतरा है और एक लाख करोड़ से अधिक का एमओयू हुआ है. पूरे 70 साल में 14 हजार करोड़ का निवेश आया था. आजादी के बाद सबसे ज्यादा पर्यटक जम्मू कश्मीर पहुंचे. पर्यटन पर निवेश किया गया है. डल झील में क्रूज बोट का शुभारंभ हुआ. लोकतंत्र की दुहाई दे रहे लोगों के शासन में जम्मू कश्मीर में 90 विधायक और छह सांसद होते थे. अब ग्राम से लेकर जिला तक पंचायतों में भी प्रतिनिधि चुनकर आते हैं. कश्मीर के अंदर लोकतंत्र की नींव डालने का काम पहली बार किया तो नरेंद्र मोदी ने किया. संसद में भी जब राष्ट्रपति शासन रहा, कई बिल पारित किए गए. पिछड़ा वर्ग का ओबीसी नामकरण किया, महिलाओं के लिए विधानसभा में आरक्षण किया, गुज्जर बकरवाल के लिए आरक्षण दिया, कश्मीरी विस्थापित पंडितों के लिए भी दो सीट आरक्षित किया. अवंतीपुरा में एम्स बन रहा है, निफ्ट, आईआईएम, आईआईटी जम्मू में हैं. चार मेडिकल कॉलेज से बढ़ाकर 15 किया. दुनिया देखती रह जाए, ऐसे इंफ्रास्ट्रक्चर का काम भी जम्मू कश्मीर में हुआ है. बनिहाल सुरंग, चिनाब पर दुनिया का सबसे ऊंचा रेल ब्रिज बना. जम्मू के लिए सेमी रिंग रोड बनाया. 11 हजार सर्किल किलोमीटर की नई एचटी लाइनें डालने का काम भी चल रहा है. जो काला चश्मा पहनकर आंखें मूंदकर बैठे हैं, उनको नजारा नहीं दिखाया जा सकता. नजर में ही आतंकी है तो आपको सपने में भी आएगा. हम तो दिखाई देते ही दो आंखों के बीच में गोली मारते हैं. हमारी सरकार न आतंक और न आतंकियों को सह सकती है. आतंकियों के लिए देश में कोई जगह नहीं है.
गृह मंत्री अमित शाह ने तीन समस्याएं दशकों से नासूर की तरह बन गई थीं. एक वामपंथी उग्रवाद, दूसरा पूर्वोत्तर का उग्रवाद और तीसरा आतंकवाद. पहले जम्मू कश्मीर में आतंकी आते थे और कोई त्योहार नहीं होता था जब हमले नहीं होते थे. मोदीजी के आने के बाद भी हमले हुए. उरी और पुलवामा में हमला हुआ. 10 दिन में पाकिस्तान में घर में घुसकर एयर स्ट्राइक कर जवाब दिया गया. दुनिया में इजरायल और अमेरिका की सूची में महान भारत का नाम जुड़ गया. अमित शाह ने कश्मीर में जी-20 बैठक के सफल आयोजन का जिक्र करते हुए कहा कि कन्याकुमारी से कश्मीर तक मुरली मनोहर जोशी के नेतृत्व में यात्रा निकली थी. हमें लाल चौक जाने की परमिशन नहीं मिल रही थी. हमने जिद की तो सेना की सुरक्षा में जाना पड़ा और आनन-फानन में तिरंगा फहराकर आना पड़ा. उसी लाल चौक पर कोई घर ऐसा नहीं था जिस पर हर घर तिरंगा अभियान में तिरंगा न हो. हमने कई ऐसे कदम उठाए जिसकी वजह से आतंकियों से भारतीय बच्चों के जुड़ने की संख्या करीब-करीब शून्य हो गई है. आतंकी जब मारे जाते थे, बड़ा जुलूस निकलता था. आज भी आतंकी मारे जाते हैं और जहां मारे जाते हैं, वहीं दफना दिए जाते हैं. घर का कोई आतंकी बन जाता था और परिवार के लोग आराम से सरकारी नौकरी करते थे. हमने उनको निकालने का काम किया. आतंकियों के परिवार के लोग बार काउंसिल में बैठे थे और प्रदर्शन होने लगता था. आज वो श्रीनगर या दिल्ली की जेल में हैं. उन्होंने पथराव से लेकर ऑर्गेनाइज हड़ताल की घटनाओं के आंकड़े भी गिनाए.
गृह मंत्री अमित शाह राज्यसभा में गृह मंत्रालय के कामकाज पर चर्चा का जवाब दे रहे हैं. गृह मंत्री ने कहा कि चर्चा के दौरान कुछ उपयोगी सुझाव भी आए हैं, कुछ हमारी कमियों की ओर ध्यान दिलाया गया, कुछ राजनीतिक टिप्पणियां भी की गईं, कुछ राजनीतिक आक्षेप भी लगाए गए. सभी का संसदीय भाषा में जवाब देने का प्रयास करूंगा. उन्होंने कहा कि देश की सरहदों को सुरक्षित करने के लिए अपना बलिदान दिया है, केंद्रीय बलों और स्टेट पुलिस के उन हजारों जवानों को भी नमन करता हूं. गृह मंत्रालय एक प्रकार से बहुत विषम परिस्थिति में काम करता है. कानून-व्यवस्था का जिम्मा राज्यों के पास है और सरहदी सुरक्षा गृह मंत्रालय के जिम्मे है. इसमें बदलाव की जरूरत भी नहीं है. 76 साल बाद ऐसी परिस्थिति खड़ी हो गई है कि कई अपराध राज्यों की सीमा तक सीमित नहीं होते. कई अपराध ऐसे होते हैं जो देश की सीमा के बाहर से भी हमारे यहां होते हैं. 10 साल में नरेंद्र मोदी जी ने एक साथ परिवर्तन कर राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करने का काम किया है.
शिवसेना (यूबीटी) के सांसद संजय राउत ने राज्यसभा में कहा कि आज क्या दिन आ गया है कि उच्च सदन में औरंगजेब पर चर्चा हो रही है. इसके लिए गृह मंत्रालय जिम्मेदार है. देश को एक-अखंड रखना गृह मंत्रालय का काम है. देश को कुछ समय से पुलिस स्टेट बना दिया गया है. एक मणिपुर कल तक जल रहा था, अब महाराष्ट्र को भी जला दिया. नई लाशें बिछाने के लिए आपने गड़े मुर्दे उखाड़ दिए और वह भी औरंगजेब के नाम पर. नागपुर में तीन सौ साल में कभी दंगा नहीं हुआ था. दंगा हो गया वह भी मुख्यमंत्री के विधानसभा क्षेत्र में. आपको औरंगजेब की कब्र तोड़नी है तो जाओ तोड़ो ना हाथ में फावड़ा-वावड़ा लेकर. मुख्यमंत्री आपका है, गृह मंत्री आपका है. जाओ ना. लेकिन अपने बच्चों को भेजो, हमारे बच्चों को मत भेजो. आपके बच्चे विदेशों में पढ़ रहे हैं.
बहुजन समाज पार्टी के राज्यसभा सांसद रामजी सुमन ने कहा कि बीजेपी के लोगों का एक तकिया कलाम हो गया है कि मुसलमान में बाबर का डीएनए है. भारत का मुसलमान बाबर को तो अपना आदर्श मानता है नहीं, वह तो मोहम्मद साहब को अपना आदर्श मानता है. बाबर को लाया कौन था. इब्राहिम लोदी को हराने के लिए राणा सांगा ने बाबर को लाया. मुसलमान में बाबर का डीएनए है तो तुम राणा सांगा की औलाद हो. राणा सांगा की गद्दारी की चर्चा तो होती नहीं. इस पर आसन से हरिवंश ने राम जी सुमन को रोकते हुए कहा कि आपका समय खत्म हो गया. अब आप बैठिए. डिप्टी चेयरमैन हरिवंश ने ये भी कहा कि जो भी संसदीय मर्यादा के अनुकूल नहीं होगा, वह रिकॉर्ड से हटा दिया जाएगा.
लोकसभा में जलशक्ति मंत्रालय की अनुदान मांगों पर चर्चा के बाद अब कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के कामकाज पर चर्चा चल रही है. चर्चा की शुरुआत आजमगढ़ से समाजवादी पार्टी के सांसद धर्मेंद्र यादव ने की है. धर्मेंद्र यादव ने स्वामीनाथन कमेटी की सिफारिश के अनुरूप एमएसपी की गारंटी देने की मांग की और कहा कि हम किसी पर टिप्पणी नहीं करते लेकिन बीजेपी के ही लोग कहते हैं कि मोदी की गारंटी. उन्होंने गन्ना किसानों के मूल्य भुगतान के मुद्दे पर भी सरकार को घेरा और कहा कि छुट्टा जानवर भी बड़ी समस्या है. पूरा उत्पादन जब तक बिक नहीं जाता, किसान का पूरा परिवार जाड़ा-गर्मी-बरसात खेत में पड़ा रहता है. प्रधानमंत्री जी की भी सरकार में बैठे लोग नहीं सुनते. इस समस्या का स्थायी समाधान निकालिए. कृषि क्षेत्र से 60 फीसदी लोगों को रोजगार मिलता है. 30 फीसदी बजट ही ले आते. देश के किसान, परिवार में बैठे नौजवान बहुत जागरूक हैं और आने वाले समय में लोग आपको जवाब देंगे. पंजाब से किसान चलता है तो हरियाणा सरकार रोक देती है. ये कोई मामूली बात नहीं. अंतरराज्यीय सीमा ही तो है, कोई अंतरदेशीय सीमा तो है नहीं. उन्होंने किसानों का कर्ज माफ करने की मांग करते हुए कहा कि उनकी लागत का डेढ़ गुना कर दो जिससे भविष्य में किसानों पर कर्ज न चढ़े.
संजय सिंह ने कहा कि अगर आप मुगलों का इतिहास पढ़ाना चाहते हैं, पढ़ाइए. लेकिन गृह मंत्री जी यहां बैठे हुए हैं, पूछना चाहता हूं कि एएसआई संरक्षित संस्थान और संपत्तियां आपकी हैं, आपकी सुरक्षा में हैं वो चाहे ताजमहल हो, चाहे लाल किला हो. आप ही के लोग कहते हैं इसको हम तोड़ डालेंगे, खोद डालेंगे, उजाड़ डालेंगे. संजय सिंह ने कहा कि तो चलो ताजमहल तोड़ते हैं, चलो लाल किला तोड़ते हैं, चलो अंग्रेजों ने जो दिल्ली का रेलवे स्टेशन बनाया, उसको हम तोड़ते हैं. उन्होंने कहा कि चलो पूरे देश में खोदते हैं. सारी सड़कें तोड़ते हैं. सारे पुल तोड़ते हैं. पूरे देश में तोड़फोड़ करते हैं.
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आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने एनसीआरबी के अपराध से संबंधित आंकड़े बताते हुए गुजरात, हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश से जुड़े आंकड़े गिनाए. उन्होंने केंद्र शासित प्रदेश से जुड़े आंकड़े गिनाते हुए दिल्ली में अपराध के मोर्चे पर केंद्र को घेरा और कहा कि ये दिल्ली का हाल है जहां प्रधानमंत्री रहते हैं, राष्ट्रपति रहते हैं, गृह मंत्री रहते हैं. यहां की पुलिस सीधे आपके तहत आती है. संजय सिंह ने अहमदाबाद, दिल्ली, जयपुर, कानपुर में हत्या के आंकड़े भी गिनाए और डबल इंजन की सरकार को कठघरे में खड़ा किया. दिल्ली जहां की सुरक्षा व्यवस्था सीधे गृह मंत्री के तहत आती है, ये अपराधों का गढ़ बन गया है. आज देश की राजधानी दिल्ली आपसे संभलती नहीं जहां राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, रक्षा मंत्री सभी रहते हैं. संजय सिंह ने कहा कि पूरे देश में महिलाओं के खिलाफ अपराध देखेंगे तो 4 फीसदी की वृद्धि, बच्चों के खिलाफ अपराध में आठ फीसदी की वृद्धि हुई है. दलितों के ऊपर अत्याचार में 13 फीसदी का इजाफा हुआ है. अनुसूचित जनजाति के खिलाफ अपराध में 14 फीसदी इजाफा हुआ है. ये आंकड़े चिल्ला-चिल्लाकर कह रहे हैं कि अपराध रोकने में डबल इंजन फेल रहा है. डबल इंजन कबाड़ा हो गया है. सांप्रदायिक हिंसा के मामलों में 94 फीसदी का इजाफा हुआ है.
लोकसभा में जलशक्ति मंत्रालय की अनुदान मांगों पर हुई चर्चा पूरी हो गई है. अपने मंत्रालय की अनुदान मांगों पर हुई चर्चा का जलशक्ति मंत्री सीआर पाटिल जवाब दे रहे हैं. सीआर पाटिल ने दावा किया कि गंगा नदी की जल गुणवत्ता में निरंतर सुधार हो रहा है. उन्होंने उत्तराखंड से लेकर उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल तक गंगा जल में बीओडी के स्तर से संबंधित आंकड़े भी बताए और डॉल्फिन की बढ़ती आबादी का हवाला दिया. उन्होंने कहा कि डॉल्फिन ऐसे इलाकों में भी देखी गई है जहां पहले वह नहीं थी. जलशक्ति मंत्री के जवाब के बाद लोकसभा से अनुदान मांगें पूरी हो गई हैं,
कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने दिल्ली हाईकोर्ट के एक जज के आवास से भारी मात्रा में कैश बरामदगी और रेप को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज की टिप्पणी का मुद्दा उठाया. जयराम रमेश ने सभापति से न्यायपालिका की जवाबदेही बढ़ाने के लिए सरकार को निर्देश देने की मांग की. सभापति जगदीप धनखड़ ने विपक्ष को आश्वस्त किया कि उनकी ओर से मिले प्रस्ताव पर वह जरूरी कदम उठा रहे हैं.
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लोकसभा में प्रश्नकाल की कार्यवाही समाप्त हो गई है. प्रश्नकाल के बाद जगदंबिका पाल, निशिकांत ठाकुर, यूसुफ पठान ने अपने नाम के आगे अंकित स्टैंडिंग कमेटी की रिपोर्ट लोकसभा में पेश की. वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने वित्त मंत्रालय की प्राप्तियों के संबंध में जानकारी वाली रिपोर्ट भी लोकसभा में पेश कर दी है. लोकसभा में शून्यकाल की कार्यवाही शुरू हो गई है.
राज्यसभा में शून्यकाल के बाद गृह मंत्रालय के कामकाज पर चर्चा शुरू हो गई है. बीजेपी सांसद डॉक्टर सुधांशु त्रिवेदी ने अपनी बात आगे बढ़ाई. उन्होंने असम की धुबरी सीट पर लोकसभा चुनाव की सबसे बड़ी जीत का दावा करते हुए कहा कि यह वह सीट है जहां सबसे बड़ा डेमोग्राफिक बदलाव हुआ है. इसी चुनाव में इनके (कांग्रेस के) एक नेता ने बांग्लादेश के अखबार में लेख लिखा था- मोदी हैज टू गो. ये एजेंसियों के केस का हवाला देकर सरकार पर आरोप लगा रहे हैं. उन्होंने यूपीए और कांग्रेस की सरकारों में डीएमके से लेकर जेएमएम और लालू यादव तक, नेताओं के खिलाफ दर्ज केस के उदाहरण दिए.
डॉक्टर मेधा विश्राम कुलकर्णी, फुलो देवी नेताम और सुनेत्रा पवार ग्लोबल जेंडर इक्वलिटी डायलॉग में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगी. राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने तीनों सदस्यों को बधाई दी और उम्मीद जताई की ग्लोबल मंच पर भारत की आवाज को बुलंद करेंगी.
राज्यसभा के सभापति ने 2018 से 2024 तक राज्यसभा सांसद वंदना चौहान और प्रफुल्ल पटेल की सदस्यता रद्द करने की मांग करते हुए डॉक्टर फौजिया खान और शरद पवार की ओर से दायर याचिका पर फैसला सुनाया. उन्होंने कहा कि वंदना चौहान का कार्यकाल पूरा हो गया है और प्रफुल्ल पटेल दोबारा चुनकर आए हैं. इसलिए डिफेक्शन के आधार पर दायर याचिका रद्द की जाती है.
टीएमसी सांसद सागरिका घोष ने वोटर आईडी कार्ड के मुद्दे पर चर्चा की मांग करते हुए राज्यसभा में नियम 267 के तहत चर्चा का नोटिस दिया था. सभापति ने इसे अनुमति नहीं दी है. राज्यसभा में टीएमसी संसदीय दल के नेता डेरेक ओ ब्रायन ने कहा कि प्रश्नकाल, प्रश्नकाल रहना चाहिए. प्रश्नकाल एक मात्र मौका होता है जब सदस्य सरकार से सवाल करते हैं.
संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही शुरू हो गई है. लोकसभा में प्रश्नकाल की कार्यवाही चल रही है. वहीं, राज्यसभा में दिल्ली हाईकोर्ट के जज के आवास से भारी मात्रा में कैश बरामद होने का मुद्दा उठा. कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने यह मुद्दा उठाया और कहा कि 55 सदस्यों ने आपको पत्र लिखकर यह मांग की है कि सरकार न्यायपालिका की अकाउंटेबिलिटी बढ़ाने के लिए जरूरी कदम उठाए. कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने कहा कि आज सुबह हमने दिल्ली हाईकोर्ट के एक जज के आवास से बड़ी मात्रा में नकदी बरामद होने की खबर पढ़ी. हाल ही में 50 सदस्यों ने आपको नोटिस दिया था जो इलाहाबाद हाईकोर्ट के एक जज की टिप्पणी को लेकर था. आप खुद भी न्यायपालिका की जवाबदेही को जरूरी बताते रहे हैं. आपने नेता सदन को भी इस संबंध में निर्देश दिए थे. जयराम रमेश ने इस संबंध में ऑब्जर्वेशन देने के साथ ही सरकार को जरूरी कदम उठाने के लिए निर्देश देने का अनुरोध किया.
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बीजेपी और कांग्रेस, दोनों ही दलों ने अपने लोकसभा सदस्यों को व्हिप जारी कर सदन में मौजूद रहने के लिए कहा है. बीजेपी ने तीन लाइन का व्हिप जारी कर सभी सांसदों से उपस्थित रहने को कहा है. वहीं, कांग्रेस ने भी अपने सदस्यों को तीन लाइन का व्हिप जारी किया है. कांग्रेस ने आशंका जताई है कि सरकार बजट पर अब आगे चर्चा न कराकर गिलोटिन के रास्ते इसे पार करा सकती है.
लोकसभा में बुधवार को जलशक्ति मंत्रालय की अनुदान मांगों पर चर्चा शुरू हुई थी. गुरुवार को भी जलशक्ति मंत्रालय की अनुदान मांगों के बाद कृषि मंत्रालय की अनुदान मांगों पर चर्चा होनी थी लेकिन गतिरोध के कारण ऐसा हो न सका. अब सरकार गिलोटिन के रास्ते लोकसभा से बजट पारित कराने की तैयारी में है.
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बजट सत्र के दूसरे चरण की शुरुआत 10 मार्च को हुई थी. पहले हफ्ते में संसद की कार्यवाही तीन दिन ही चली थी और इसके बाद होली का अवकाश हो गया था. होली के बाद 17 मार्च से संसद सत्र की कार्यवाही का दूसरा हफ्ता शुरू हुआ था. शुरुआती दिन तीन अच्छे माहौल में चर्चा के बाद गुरुवार को टी-शर्ट को लेकर उत्पन्न हुए गतिरोध से संसद की कार्यवाही नहीं चल सकी थी.
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