संसद के दोनों सदनों में बजट सत्र के पांचवें दिन की कार्यवाही का हंगामेदार आगाज हुआ. विपक्ष ने लोकसभा और राज्यसभा में अमेरिका से डिपोर्ट किए जा रहे भारतीयों का मुद्दा उठाया और चर्चा की मांग की. लोकसभा की कार्यवाही पहले दोपहर 12 बजे तक, फिर दो बजे तक, फिर 3.30 बजे तक और फिर दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई. राज्यसभा की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित हुई और फिर सभापति ने सदन को यह जानकारी दी कि विदेश मंत्री इस मुद्दे पर बयान देंगे. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने राज्यसभा में दो बजे और लोकसभा में 3.30 बजे इस मुद्दे पर बयान दिया. राज्यसभा में पीएम मोदी धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब दे रहे हैं.
राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा का राज्यसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जवाब दिया. पीएम मोदी के चर्चा का जवाब देने के बाद राज्यसभा ने धन्यवाद प्रस्ताव को ध्वनिमत से पारित कर दिया. धन्यवाद प्रस्ताव पारित होने के बाद सभापति ने राज्यसभा की कार्यवाही 7 फरवरी को 11 बजे तक के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित करने की घोषणा कर दी.
पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस के पंजे से मुक्त होकर देश चैन की सांस ले रहा है, ऊंची उड़ान भर रहा है.कांग्रेस के लाइसेंसराज और उसकी कुरीतियों से निकल हम मेक इन इंडिया को बढ़ावा दे रहे हैं, मैन्यूफैक्चरिंग बढ़ाने के लिए पीएलआई स्कीम शुरू की, एफडीआई से जुड़े सुधार किए, भारत दूसरा बड़ा मोबाइल उत्पादक बना है. आज भारत की पहचान डिफेंस मैन्यूफैक्चरिंग की बनी है. 10 साल में 10 गुना एक्सपोर्ट बढ़ा है. भारत में सोलर और मॉड्यूल मैन्यूफैक्चरिंग भी 10 गुना बढ़ गया है. भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा स्टील उत्पादक देश है. 10 साल में खिलौनों का निर्यात तीन गुना बढ़ा है. कोरोना में हमने 150 से ज्यादा देशों को दवाएं और वैक्सीन निर्याता कीं. हर्बल उत्पादों का निर्यात भी बढ़ा है. खादी और विलेज इंडस्ट्री का टर्नओवर पहली बार डेढ़ लाख करोड़ से ज्यादा हुआ है. 10 साल में इसका प्रोडक्शन भी चार गुना हुआ है. इसका बहुत बड़ा लाभ हमारे एमएसएमई सेक्टर को मिला है और रोजगार के अवसर तैयार हुए हैं. हम सभी जनता के प्रतिनिधि हैं, जनता जनार्दन के सेवक हैं. जनप्रतिनिधि के लिए देश और समाज का मिशन ही सबकुछ होता है. देश की हम सभी से अपेक्षा है कि हम विकसित भारत को आत्मसात करने के लिए हमारी तरफ से कोई कमी नहीं रहनी चाहिए. ये देश का संकल्प है. जो लोग विकसित भारत के संकल्प से अपने आपको अछूता रखेंगे, देश उनको अछूता कर देगा. हर किसी को जुड़ना पड़ेगा. आप अपने आपको अछूता नहीं रख सकते. देश का नौजवान इस राह पर चल पड़ा है. जब देश प्रगति की राह पर चल पड़ा है, तब हम सबका दायित्व बढ़ गया है. घोर विरोध, घोर निराशावाद और अपनी लकीर बड़ा न करके दूसरे की लकीर को छोटा कर देना विकसित भारत के संकल्प में बाधा बन सकता है.
पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस की लटकी परियोजनाएं भी हमने पूरी कीं. 1972 में बनी सरयू नहर योजना 2021 में आकर के हमने पूरा किया. जम्मू कश्मीर के उधमपुर-श्रीनगर बारामूला रेल लाइन 1994 में स्वीकृत हुई थी. 2025 में हमने पूरा किया. ओडिशा की हरिदासपुर पारादीप रेल लाइन 1996 में स्वीकृति हुई थी, 2019 में हमारे कार्यकाल में पूरी हुई है. असम का बोगीबिल ब्रिज 1998 में स्वीकृत हुआ था, ये भी हमारी सरकार ने 2018 में पूरा किया. ऐसे सैकड़ों उदाहरण दे सकता हूं. कांग्रेस ने अपने कार्यकाल में देश जिसके लिए हकदार था, इस प्रगति को ना कर कितनी बर्बादी की है, अंदाजा लगा सकते हैं. इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट में सही प्लानिंग और क्रियान्वयन के लिए गतिशक्ति प्लेटफॉर्म बनाया है जिसमें 1600 डेटाबेस हैं. ये निर्णय प्रक्रिया को तेज, सरल करता है. ये अपने आप में गति देने वाला आधार बन गया है. आज के नौजवानों को ये जानना जरूरी है कि उनके मां-बाप को मुसीबतों में जिंदगी क्यों गुजारनी पड़ी, देश की ऐसी हालत क्यों हुई. अगर बीते दशक में डिजिटल इंडिया के लिए हम प्रो एक्टिव नहीं होते तो आज जैसी सुविधा के लिए हमें कई साल इंतजार करना पड़ता. आज देश में 5जी टेक्नोलॉजी का दुनिया में सबसे तेज रोलआउट हमारे देश में हुआ है. कम्प्यूटर, मोबाइल फोन जैसी टेक्नोलॉजी दुनिया के कई देशों में बहुत पहले आ चुकी थी, भारत आते आते दशकों बीत गए. बीमारियों की बात करूं तो चेचक, बीसीजी का टीका जब हम गुलाम थे तभी कई देशों में हो चुका था लेकिन भारत में दशकों बाद आया. पोलियो वैक्सीन के लिए भी हमें दशकों इंतजार करना पड़ा. लाइसेंस परमिट राज इतना जुर्म था, देश विकास नहीं कर सकता था. यही कांग्रेस की पहचान बन गई थी. कम्प्यूटर का शुरुआती दौर था तो इसे इंपोर्ट करने के लिए भी लाइसेंस लेना होता था और इसमें वर्षों लग जाते थे. मकान बनाने के लिए सीमेंट चाहिए तो उसके लिए भी परमिशन चाहिए होता था. शादी-ब्याह में चीनी की जरूरत हो तो भी लाइसेंस लेना पड़ता था. ये आजाद भारत की बात कर रहा हूं. कांग्रेस के पूर्व वित्त मंत्री जो अपने आपको बहुत ज्ञानी मानते हैं, उन्होंने माना था कि लाइसेंस परमिट के बिना कोई काम होते नहीं हैं. सारे काम इसके रास्ते से ही गुजरते हैं, ये बिना रिश्वत के नहीं होता है. उस जमाने में रिश्वत मतलब हाथ की सफाई कौन करता था भाई, कौन पंजा था. पैसा कहां जाता था, देश का नौजवान भली-भांति समझता है. यहीं सदन में कांग्रेस के एक सदस्य मौजूद हैं, उनके पिता जी खुद के पैसे से कार खरीदना चाहते थे, उनको 15 साल तक इंतजार करना पड़ा था कांग्रेस के राज में. हम सब जानते हैं कि स्कूटर खरीदने में 8-8, 10-10 साल लग जाता था. कांग्रेस की इन नीतियों ने विकास की रफ्तार को धीमा कर दिया, इसे दुनिया में हिंदू रेट ऑफ ग्रोथ कहा गया. कांग्रेस की वजह से एक समुदाय को गाली पड़ी. शाही परिवार की गलत नीतियों के कारण पूरे समाज को गाली पड़ी और दुनियाभर में बदनामी झेलनी पड़ी. भारत के लोग सदियों से खुले में विश्वास करते थे. हम फ्री ट्रेड में विश्वास करते थे. सदियों पहले भारत के व्यापारी दूर-दराज के देशों में व्यापार करने जाते थे. आज जब पूरी दुनिया भारत की आर्थिक क्षमता को पहचानने लगी है, तेज गति से आगे बढ़ने वाले देश के रूप में पहचान रही है तो दुनिया भारत रेट ऑफ ग्रोथ देख रही है. हम अपनी अर्थव्यवस्था का विस्तार कर रहे हैं.
पीएम मोदी ने कहा कि हमने बेटियों के लिए सैनिक स्कूल के दरवाजे खोल दिए हैं. व्यक्ति के सर्वांगीण विकास में एनसीसी का महत्वपूर्ण रोल होता है. पहले 14 लाख कैडेट होते थे, आज वो संख्या 20 लाख पार कर गई है. देश में रूटीन से हटकर भी कुछ करने का इरादा नौजवानों में है, ये साफ नजर आता है. कोई झुग्गी-झोपड़ी में जाकर शिक्षा के लिए कुछ कर रहा है तो कोई सफाई के लिए अभियान चला रहा है. हमने माई भारत अभियान शुरू किया है. इसमें डेढ़ करोड़ से ज्यादा युवाओं ने रजिस्ट्रेशन कराया है. खेल प्रतिभा को बल देने के लिए हमने अनेक आयामों पर काम शुरू किया है. हमने अभूतपूर्व मदद की है. टार्गेट ओलंपिक पोडियम स्कीम और खेलो इंडिया अभियान हमारे स्पोर्ट्स इकोसिस्टम को मजबूत कर रहे हैं. पिछले 10 वर्षों में जितनी भी प्रतियोगिताएं हुई हैं, भारत ने झंडा गाड़ दिया है, अपना लोहा मनवा लिया है. विकासशील से विकसित की यात्रआ में देश की यात्रा इंफ्रास्ट्रक्चर से गुजरती है. हमने इस पर बल दिया है. जब इंफ्रास्ट्रक्चर पर बल दिया है. यह भी जरूरी है कि वह समय पर पूरा हो. लटका रहा तो उसका फायदा नहीं होता और टैक्सपेयर का पैसा भी बर्बाद होता है. कांग्रेस के कालखंड में अटकाना, लटकाना, भटकाना कल्चर बन गया था. किस प्रोजेक्ट को करना है, किसको लटकाना है, इसका एक तराजू होता था. हमने इससे मुक्ति पाने के लिए प्रगति प्लेटफॉर्म की व्यवस्था बनाई और खुद मॉनिटरिंग करता हूं. करीब 19 लाख करोड़ के ऐसे अटके प्रोजेक्ट का रिव्यू करता हूं और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ने इस पर अध्ययन कर रिपोर्ट दिया है, सुझाव दिया है कि इसके अनुभवों से सीखते हुए अन्य विकासशील देशों के पास भी इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास में गति लाने का अवसर है.
पीएम मोदी ने कहा कि हमने बहुत बड़े तबके को टैक्स से छूट देते हुए 12 लाख तक की आय को करमुक्त कर दिया. 70 साल वालों को बिना शर्त आयुष्मान योजना का लाभ दिया. आज भारत के बुजुर्गों के प्रति दुनिया में आकर्षण बढ़ा है. सबसे ज्यादा लाभ मिडिल क्लास के बुजुर्गों को मिल रहा है. एक न्यू मिडिल क्लास हमें अर्जित हुआ है. हमारा न्यू मिडिल क्लास और मिडिल क्लास की आकांक्षाएं देश की प्रगति को गति देने वाली है. हमने मिडिल क्लास के लिए एक बहुत बड़े हिस्से को टैक्स में इस बजट में जीरो कर दिया है. हमने चार करोड़ घर बनाकर गरीबों को दिए हैं जिसमें से एक करोड़ से ज्यादा घर शहरों में बने हैं. घर खरीदने वालों के साथ बहुत फ्रॉड होता था. हमने रेरा का कानून बनाया है जो मध्यम वर्ग के सपने के साथ जो गतिरोध पैदा करने वाली चीजें थी, उनके खिलाफ हथियार है. जो काम रुके हुए हैं, उसके लिए 15 हजार करोड़ रुपये हमने इस बजट में आवंटित किया है. स्टार्टअप का रिवॉल्यूशन जिसे दुनिया ने देखा भी है. ये स्टार्टअप चलाने वाले नौजवान ज्यादातर मिडिल क्लास के हैं, आज पूरी दुनिया भारत के प्रति आकर्षित है. खासकर जी20 की 50-60 स्थानों पर मीटिंग हुई, उसके बाद विश्व का भारत के टूरिज्म के प्रति आकर्षण बढ़ा है. इसका लाभ भी मिडिल क्लास को मिलने वाला है. आज हमारा मिडिल क्लास आत्मविश्वास से भरा पड़ा है. भारत का मध्यम वर्ग विकसित भारत के संकल्प को पूरा करने के लिए हमारे साथ कमर कस के खड़ा हो गया है, हमारे साथ चल पड़ा है. जो अभी स्कूल कॉलेज में हैं, वही विकसित भारत के लाभार्थी बनने वाले हैं. एक प्रकार से विकसित भारत का बेस यही नौजवान है. पिछले 10 साल में इस बेस को मजबूत करने के लिए हमने बहुत सोची समझी रणनीति के साथ काम किया है. 21वीं सदी की शिक्षा कैसी होनी चाहिए, इस पर सोचा भी नहीं गया. तीन दशक के अंतराल के बाद नई शिक्षा नीति हम लेकर आए. पीएम श्री स्कूल आज 10-12 हजार बन चुके हैं. और नए बनाने की दिशा में हम आगे बढ़ रहे हैं. हमने शिक्षा नीति में बदलाव लाया है- मातृभाषा में पढ़ाई और परीक्षा. देश आजाद हुआ लेकिन गुलामी की मानसिकता जो जकड़ के रखा था, हमारी मातृ भाषा के साथ अन्याय हुआ है. मातृ भाषा में डॉक्टर, इंजीनियर बनें, जिनको अंग्रेजी भाषा पढ़ने को नसीब नहीं हुई, उसके सामर्थ्य को हम रोक नहीं सकते. हमने आदिवासी बच्चों के लिए एकलव्य मॉडल् स्कूलों का विस्तार किया है.
पीएम मोदी ने कहा कि गणमान्य लोगों को हथकड़ियां पहनाई गई थीं. शाही परिवार के सुख के लिए जेलें भरी गईं. ये भारत की जनता का सामर्थ्य था कि घुटने टेकने पड़े और इमरजेंसी हटी. उन्होंने कहा कि माननीय खड़गे जी आपके सामने शेर सुनाते रहते हैं और सभापति जी, आप भी बड़ा मजा लेते रहते हैं. एक शेर मैंने भी कहीं पढ़ा था कि खड़गे जी कविताएं पढ़ रहे थे और जो बातें बता रहे थे, आपने भी पूछ लिया था कि जरा बताओ. खड़गे जी ने सोचा होगा कि वहां बोल नहीं सकते, ये अच्छा मंच है, यहीं बोल दें. खड़गे जी को आज नीरज जी की ही कुछ पंक्तियां सुनाना चाहता हूं. कांग्रेस सरकार का दौर था, उसी समय नीरज जी ने ये कविताएं लिखी थीं. नीरज ने कहा था 'है बहुत अंधियारा, अब सूरज निकलना चाहिए...' हम 25 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकालने में सफल रहे हैं. 1970 में जब कांग्रेस का राज चलता था. उस समय नीरज जी का एक कविता संग्रह प्रकाशित हुआ था- फिर दीप जलेगा. उसमें उन्होंने कहा था कि मेरे देश उदास न हो, फिर दीप जलेगा, तिमिर ढलेगा. हमारे प्रेरणा पुरुष अटल बिहारी वाजपेयी जी ने भी कहा था- कमल खिलेगा. पीएम मोदी ने कहा कि गरीबों के लिए जितना हमने किया है, उतना कोई नहीं कर सका.
पीएम मोदी ने कहा कि जिनको जातिवाद का जहर फैलाने का नया-नया शौक लगा है, हमारे देश के आदिवासी समाज के लोग ऐसे उपेक्षित रहे हैं, उनकी बारीकियों को जानें तो दिल दहलाने वाला है. राष्ट्रपति जी उस समाज को निकट से जानती हैं. आदिवासी समाज में भी जो बिखरे हुए लोग हैं, उनको विशेष रूप से योजना में लाने का प्रयास हुआ. हमने पीएम जनमन योजना बनाई और 24000 करोड़ रुपये दिये कि पहले वे आदिवासी समाज की बराबरी पर तो पहुंचें. अलग-अलग भूभाग में भी बहुत इलाके हैं जहां पिछड़ापन है. जैसे सीमावर्ती गांव. हमने बदल दिया और तय किया कि सीमा पर जो लोग हैं, वो पहले. सूरज की किरण जहां पहले आती है और जहां आखिरी किरण जाती है, उसे प्रथम गांव का दर्जा दिया और विशेष योजना बनाकर काम किया. हमने मंत्रियों को ऐसे गांवों में भेजा था और वे रुके थे वहां और समस्याएं समझने का प्रयास किया था. हम ऐसे गांवों के प्रधानों को 26 जनवरी और 15 अगस्त को मेहमान बनाकर बुलाते हैं. वाइब्रेंट विलेज योजना सुरक्षा के लिए भी उपयोगी साबित हो रही है. इसे भी बल दे रहे हैं. राष्ट्रपति जी ने गणतंत्र के 75 वर्ष पूरे होने के मौके पर संविधान निर्माताओं से प्रेरणा लेने का भी आग्रह किया है. हम उसी से प्रेरणा लेते हुए आगे बढ़ रहे हैं. कुछ लोगों को लगता होगा कि यूसीसी-यूसीसी क्या लाए हैं, जब संविधान सभा की डिबेट पढ़ेंगे तब पता चलेगा कि हम उनकी भावनाओं पर ही चल रहे हैं. संविधान निर्माताओं से प्रेरणा लेना चाहिए था लेकिन ये कांग्रेस है जिसने आजादी के तुरंत बाद ही उनकी भावनाओं की धज्जियां उड़ा दी थीं. जब देश में चुनी गई सरकार नहीं थी, तब जो बैठे थे महाशय, उन्होंने संविधान में संशोधन कर दिया आते ही. चुनी हुई सरकार आने तक का भी इंतजार नहीं किया. किया क्या उन्होंने, फ्रीडम ऑफ स्पीच को कुचला. अखबारों पर लगाम लगाई और डेमोक्रेट का टैग लगाकर घूमते रहे दुनिया में. ये संविधान की भावना का पूरी तरह अनादर था. नेहरू जी प्रधानमंत्री थे, पहली सरकार थी और मुंबई में मजदूरों की एक हड़ताल हुई. उसमें मजरूह सुल्तानपुरी ने एक कविता गाई थी, कॉमनवेल्थ का दास है, इसके जुर्म में नेहरू जी ने उन्हें जेल भेज दिया. बलराज साहनी एक जुलूस में शामिल हुए थे, उन्हें जेल में बंद कर दिया गया था. लता मंगेशकर के भाई हृदयनाथ मंगेशकर ने वीर सावरकर पर एक कविता आकाशवाणी पर प्रसारित करने की योजना बनाई, उन्हें आकाशवाणी से बाहर कर दिया गया. देश ने इमरजेंसी का दौर भी देखा है. देवानंद ने इमरजेंसी को सपोर्ट नहीं किया तो उनकी फिल्में बैन करा दीं.
पीएम मोदी ने बाबा साहब को कोट करते हुए कहा कि उन्होंने दलित-आदिवासियों के साथ अन्याय का उपाय बताया था. बाबा साहब ने देश में औद्योगीकरण को बढ़ावा देने की मांग की थी और कहा था कि कृषि देश में एससी-एसटी के लिए आजीविका का साधन बन ही नहीं सकती. वे औद्योगीकरण को उत्थान का सबसे महत्वपूर्ण हथियार मानते थे. कांग्रेस के पास इतने साल सत्ता रही तब भी उन्हें बाबा साहब के विचारों पर गौर करने का भी समय नहीं था. बाबा साहब के विचारों को कांग्रेस ने पूरी तरह से खारिज कर दिया. बाबा साहब एससी-एसटी का उत्थान चाहते थे. कांग्रेस ने उसे गहरा संकट बना दिया. हमने 2014 में इस सोच को बदला और स्किल डेवलपमेंट, इंक्लूजन और फाइनेंशियल ग्रोथ पर जोर दिया. हमने पीएम विश्वकर्मा योजना शुरू करके समाज के लोहार, कुंभार, सुनार को ट्रेनिंग देना, नए औजार देना, आर्थिक सहायता देना, बाजार उपलब्ध कराना, इन सबके लिए अभियान चलाया हुआ है. इस तबके की ओर किसी ने ध्यान नहीं दिया. समाज नियंता में जिसका रोल है, हमें उस विश्वकर्मा समाज की चिंता है. हमने मुद्रा योजना के तहत बिना गारंटी के लोन देने का अभियान चलाया और बड़ी सफलता मिली. हमने स्टैंडअप योजना बनाई जिसका मकसद एससी-एसटी समाज के लोग और किसी भी समाज की महिला को एक करोड़ का लोन बिना गारंटी के. अब हमने इसे डबल कर दिया है. हर कारीगर का सशक्तिकरण, हर समुदाय का सशक्तिकरण और बाबा साहब के सपने को पूरा करने का कार्य हमने मुद्रा योजना से किया है. जिसको किसी ने नहीं पूछा, उसे मोदी पूजता है. गरीब वंचित का कल्याण हमारी प्राथमिकता है. इस वर्ष के बजट में भी लेदर, फुटवियर इंडस्ट्री जैसे छोटे क्षेत्रों को हमने स्पर्श किया है जिसका लाभ गरीब-वंचित समाज को मिलने वाला है. खिलौने की बात करें, इस प्रकार के लोग ही इस काम में हैं. बहुत से लोगों को इस काम में मदद दी गई और इसका परिणाम ये है कि हम इसे इंपोर्ट करने की आदत में फंसे थे, आज हम तीन गुना एक्सपोर्ट कर रहे हैं. इसका फायदा गरीब लोगों को मिल रहा है. हमने मछुआरे साथियों के लिए अलग मंत्रालय बनाया और केसीसी के सारे बेनिफिट्स भी दिए. मत्स्य उत्पादन बढ़ा है.
पीएम मोदी ने कहा कि बाबा साहब के प्रति कांग्रेस को कितनी नफरत थी, कितना गुस्सा था, इसके प्रमाण हैं. बाबा साहब को दो-दो बार चुनाव हराने के लिए क्या कुछ नहीं कहा गया. बाबा साहब को कभी भारत रत्न के योग्य नहीं समझा गया. इस देश के लोगों ने बाबा साहब की भावना का आदर किया, सर्व समाज ने किया. तब आज मजबूरन कांग्रेस को जय भीम बोलना पड़ रहा है. उनका मुंह सूख जाता है. ये कांग्रेस भी रंग बदलने में बड़ी माहिर लग रही है. कितनी तेजी से अपना नकाब बदल देते हैं, ये इसमें साफ-साफ नजर आ रहा है. अब कांग्रेस का अध्ययन करेंगे तो इसकी राजनीति जैसे हमारा मूल मंत्र सबका साथ, सबका विकास, वैसे ही उनका रहा दूसरे की लकीर छोटी करना. इसके कारण उन्होंने सरकारों को अस्थिर किया, किसी भी राजनीतिक दल की सरकार कहीं बनी तो उसे अस्थिर कर दिया. इसी काम में वो लगे रहे. ये जो उन्होंने रास्ता चुना है न, लोकसभा के बाद भी जो उनके साथ थे, वे भी भाग रहे हैं. यही उनकी नीतियों का परिणाम है कि आज कांग्रेस का ये हाल हो गया है. देश की सबसे पुरानी पार्टी, आजादी के आंदोलन से जुड़ी पार्टी, इतनी दुर्दशा. अगर वे अपनी लकीर लंबी करने में मेहनत करने न तो इतनी दुर्दशा नहीं होती. बिना मांगे सलाह देता हूं, अपनी लकीर लंबा करने में मेहनत करेंगे तो देश कभी न कभी 10 मीटर दूर यहां आने का अवसर देगा.
पीएम मोदी ने ओबीसी आयोग को संवैधानिक दर्जा दिए जाने का जिक्र किया और कहा कि हमारे लिए इनका मान-सम्मान भी उतना ही महत्वपूर्ण है. देश में जब-जब आरक्षण का विषय आया, उसको एक तंदुरुस्त तरीके से सत्य को स्वीकार करते हुए करने का प्रयास नहीं हुआ. दुश्मनी पैदा करने वाले तरीके अपनाए गए. पहली बार हमारी सरकार ने एक ऐसा मॉडल दिया कि हमने सामान्य वर्ग के गरीब को 10 फीसदी आरक्षण दिया, बिना तनाव के, बिना किसी का छीने. एससी-एसटी, ओबीसी ने भी इसका स्वागत किया. किसी को भी पेट में दर्द नहीं हुआ. करने का तरीका था. पूरे राष्ट्र ने इस बात को स्वीकार किया. हमारे देश में दिव्यांगों की सुनवाई उतनी नहीं हुई, जितनी होनी चाहिए थी. हमने दिव्यांगों के लिए आरक्षण का विस्तार किया, सुविधाएं उपलब्ध हों, इसके लिए मिशन मोड में काम किया. योजनाएं बनाईं और लागू भी किया. ट्रांसजेंडर कम्युनिटी के अधिकारों को लेकर प्रमाणिकता पूर्वक प्रयास किया. सबका साथ, सबका विकास के मंत्र को हम कैसे जीते हैं, हमने उस उपेक्षित वर्ग की ओर भी बड़ी संवेदना के साथ देखा. नारी शक्ति के योगदान को कोई नकार नहीं सकता. उनको अवसर मिले तो देश की प्रगति में और गति आ सकती है. हमने ही, इस सदन का पहला निर्णय हुआ, ये नया सदन रूप-रंग के लिए नहीं, इसका पहला निर्णय था नारी शक्ति वंदन अधिनियम. हम इसका उपयोग हमारी वाहवाही के लिए भी उपयोग कर सकते थे, पहले भी होता था. लेकिन हमने मातृशक्ति की वाहवाही के लिए इसका उपयोग किया.
पीएम मोदी ने कहा कि लंबे समय तक देश को तराजू पर तौलने का कोई अवसर ही नहीं मिला था कि अल्टरनेट मॉडल क्या हो. 2014 में हमने देश को अल्टरनेटिव मॉडल दिया. जनता ने हमारे मॉडल को मंजूर किया. हमने तुष्टिकरण नहीं, संतुष्टिकरण का मॉडल दिया है. कांग्रेस का तरीका होता था कि जब चुनाव आए तब छोटे तबके को कुछ दे देना और बाकियों को तरसते देखना. झुनझुना बांटना, लोगों की आंखों पर पट्टी बांधकर अपनी सियासत को चलाए रखना. इनकी नजर वोट की खेती पर होती थी. हमारी कोशिश रही है कि भारत के पास जो भी संसाधन हैं, उनका ऑप्टिमम यूटिलाइजेशन किया जाए. जो समय है, उसको भी बर्बादी से बचाकर के पल-पल का उपयोग जनकल्याण के लिए, देश की प्रगति के लिए खर्च हो. इसलिए हमने सैचुरेशन की अप्रोच अपनाई. जो योजना बने, जिनके लिए बने, उनको वो शत-प्रतिशत बेनिफिट होना चाहिए. हम इस बदलाव को हल्के रूप में अनुभव करने लगे हैं. हमारी सरकार ने एससी-एसटी एक्ट को मजबूत बनाकर दलित-आदिवासी समाज के प्रति सम्मान भी दिखाया, प्रतिबद्धता भी दिखाई. आज जातिवाद का जहर फैलाने के लिए भरपूर प्रयास हो रहा है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्यसभा में धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि राष्ट्रपति ने विस्तार से चर्चा की है, देश को आगे की दिशा भी दिखाई है. राषट्रपति जी का अभिभाषण प्रेरक भी था, प्रभावी भी था और हम सबके लिए भविष्य के काम पर मार्गदर्शक भी था. इसे जिसने जैसा समझा, वैसे समझाया. सबका साथ, सबका विकास पर यहां बहुत कुछ कहा गया. इसमें कठिनाई क्या है. ये तो हम सबका दायित्व है. जहां तक कांग्रेस का सवाल है, उनसे इसके लिए कोई अपेक्षा करना बहुत बड़ी गलती हो जाएगी. ये उनकी सोच, समझ के बाहर है और रोडमैप में भी सूट नहीं करता. इतना बड़ा दल एक परिवार के लिए समर्पित हो गया है. उसके लिए ये संभव ही नहीं है. कांग्रेस के मॉडल में फैमिली फर्स्ट सर्वोपरि रहा है. देश की जनता ने हमें तीसरी बार लगातार सेवा का मौका दिया. ये बताता है कि देश की जनता ने हमारे विकास के मॉडल को परखा है, समझा है और समर्थन दिया है. हमारा ये मॉडल एक शब्द में कहना हो तो कहूंगा- नेशन फर्स्ट. इसी उम्दा भावना के साथ वाणी-वर्तन, नीतियों में इसी एक बात को मानदंड मानकर सेवा करने का प्रयास किया है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राज्यसभा की कार्यवाही में शामिल होने के लिए सदन में पहुंच गए हैं. पीएम मोदी का एनडीए के सांसदों ने अपनी सीट पर खड़े होकर करतल ध्वनि से स्वागत किया. पीएम मोदी राज्यसभा में धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा का जवाब देंगे.
विपक्ष के सांसद वेल में आकर अमेरिका से भारतीयों के डिपोर्टेशन के मुद्दे पर हंगामा कर रहे हैं. वेल में आकर नारेबाजी करते सांसदों से स्पीकर ने अपनी सीट पर जाने का आग्रह करते हुए कहा कि आप सामान्य बजट पर अमूल्य सुझाव दे सकते हैं. हंगामा और नारेबाजी इसके बाद भी जारी रही. इसके बाद स्पीकर ने सदन की कार्यवाही 7 फरवरी को 11 बजे तक के लिए स्थगित करने की घोषणा कर दी.
विदेश मंत्री एस जयशंकर अमेरिका से भारतीयों के डिपोर्टेशन को लेकर लोकसभा में बयान दे रहे हैं. एस जयशंकर ने 2009 के बाद के डिपोर्टेशन से संबंधित आंकड़े भी गिनाए और कहा कि ये हमारे इमिग्रेशन डिपार्टमेंट का आंकड़ा है. डिपोर्टेशन से संबंधित एसओपी 2012 से ही लागू हैं. विदेश मंत्री के बयान के दौरान विपक्षी सदस्यों ने हंगामा और नारेबाजी शुरू कर दी. हंगामे के बीच विदेश मंत्री लोकसभा में डिपोर्टेशन को लेकर बयान दे रहे हैं.
केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने कहा कि कांग्रेस पार्टी के पास मिशन नहीं था, विजन नहीं था. कांग्रेस के पास खाली भ्रष्टाचार था. कांग्रेस ने गरीबी हटाओ का नारा दिया लेकिन मोदीजी ने 25 करोड़ गरीबों को गरीबी रेखा के ऊपर लाने का काम किया. कांग्रेस पार्टी खाली बकवास करती है. मोदीजी ने संविधान को माथा टेककर शपथ ली है. वो बाबा साहब का सम्मान करते हैं. मैं कांग्रेस के साथ था, उनके मंत्रियों से भी मिलता था. कांग्रेस ने मुझे मंत्री बनाया नहीं. बाबा साहब के सभी मेमोरियल का काम मोदीजी के कार्यकाल में पूरा हुआ. देवेंद्र फडणवीस से मिलने गया, एक मिनट में मेमोरियल के लिए जमीन दे दिया. राष्ट्रपति जी के अभिभाषण ने पूरे देश को जगा दिया है, कांग्रेस ने 75 साल में देश को दगा दिया है, मोदी साहब ने भ्रष्टाचार को भगा दिया है, हम सभी मंत्रियों को भी काम पर लगा दिया है. मोदीजी दे रहे सबको सामाजिक न्याय, विपक्ष बोल रहा है हाय-हाय. हम सब लोगों को लोकतंत्र को मजबूत करना है. मोदी साहब ने लोकसभा में सभी लोगों से अपील की है कि हमारे साथ आइए. हमारे साथ आइए मतलब पार्टी छोड़कर मत आइए.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राज्यसभा में आज राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब देंगे. पीएम मोदी शाम चार बजे से राज्यसभा में बोलेंगे. इससे पहले, शाम साढ़े तीन बजे विदेश मंत्री एस जयशंकर अमेरिका से भारतीयों के डिपोर्टेशन को लेकर लोकसभा में बयान देंगे.
सपा सांसद जया बच्चन ने राज्यसभा में धन्यवाद प्रस्ताव पर बोलते हुए महाकुंभ में जान गंवाने वाले लोगों को श्रद्धांजलि दी. उन्होंने राष्ट्रपति से वित्त मंत्री तक, महिला होने पर गर्व व्यक्त किया और कहा कि हर एक महिला के साथ व्यवहार एक जैसा नहीं होता. कल उत्तर प्रदेश के उपचुनाव में हर महिला के बुर्के को उठाकर जांच की जा रही थी. यही बात दिल्ली में भी हुई. जिन्होंने बुर्का नहीं पहना, ठीक है. जिन्होंने बुर्का पहन लिया तो देखा जाएगा कि आप महिला हैं या नहीं हैं. मेरी पहली संतान लड़की, मेरी पहली नाती लड़की है, पहली पोती लड़की है. यहां जितनी महिलाएं बैठी हुई हैं, उनकी तरफ से कुछ चीजें कहना चाहूंगी. कुछ दिन पहले एक टिप्पणी की गई, यू में बी. इस तरह की टिप्पणी किसी औरत के लिए करना गलत बात है. जितनी महिलाएं बैठी हैं, उनके लिए बच्चन जी की दो लाइनें कहना चाहती हूं कि हमें मशहूर होने का शौक नहीं, आप सब मर्द हमें जानते हैं, इतना ही काफी है.
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने राज्यसभा में अमेरिका से भारतीयों के डिपोर्टेशन को लेकर बयान दिया. विदेश मंत्री के बयान के बाद राज्यसभा में अब धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा शुरू हो गई है. विदेश मंत्री लोकसभा में इसी विषय पर 3.30 बजे बयान देंगे.
एस जयशंकर ने अमेरिका से भारतीयों के डिपोर्टेशन के सवाल पर कहा कि हां, 104 भारतीयों को वापस भेजने की जानकारी हमें थी. जो लोग काउंसलर एक्सेस मांगते हैं, हम भारतीय नागरिक होने की पुष्टि कर ये उपलब्ध कराए हैं. अथॉरिटीज को हमने निर्देश दिए हैं कि वे हर एक रिटर्नी से बैठकर बात करें कि वे कैसे अमेरिका गए. उन्हें एजेंट्स ने भ्रमित कर भेजा था. अमेरिकी होमलैंड सिक्योरिटी डिपार्टमेंट्स के डेटा के मुताबिक जो 2014 के पहले का ही है. मिलिट्री एयरक्राफ्ट को लेकर सवाल पूछा गया. डिपोर्टेशन की प्रक्रिया देखें तो मिलिट्री एयरक्राफ्ट हो या चार्टर्ड प्लेन हो, प्रक्रिया वही होती है. एडवांस नोटिस दिया गया था. काउंसलर एक्सेस दिया गया. हमने पूरी प्रक्रिया का पालन किया. प्रॉपर्टी का सवाल है तो उनके पास नहीं थी. उनके पास कुछ भी होगा तो हम उसे देखेंगे. इलीगल इमिग्रेंट्स का डेटा नहीं है. स्टूडेंट्स वीजा की बात है तो हम उसे देखेंगे.
जॉन ब्रिटास ने इस मिशन को लेकर सवाल पूछा और मानवाधिकार के मोर्चे पर भी सरकार को घेरा. प्रोफेसर रामगोपाल यादव ने सवाल किया कि इससे पहले क्या इस संबंध में वहां के अधिकारियों से बात हुई थी. जो लोग डिपोर्ट किए गए हैं, क्या उनकी वहां कोई संपत्ति है और है तो उसके लिए क्या व्यवस्था की गई. उसे भारत लाने की इजाजत दी जाएगी. संतोष कुमार बी ने सवाल किया कि आने वाले समय में कितने डिपोर्टेशन की उम्मीद है. कितने परिवार ऐसे हैं, क्या कोई डेटा है. संजय राउत ने पीएम के अमेरिका दौरे से पहले भारतीयों को भेजने का जिक्र कर कहा कि हमारे 18 हजार लोगों को वापस भेज रहे हैं, क्या मोदी जी ट्रंप से इनके बारे में सकारात्मक बात करेंगे. फौजिया खान ने फिलिस्तीन युद्ध को लेकर विरोध प्रदर्शन करने वाले छात्रों का वीजा कैंसल करने के फैसले पर भारत का स्टैंड क्या है.
तिरुचि शिवा ने अमेरिका से भारतीयों के डिपोर्टेशन के तरीके को अमानवीय बताया और सरकार से इसे लेकर योजना के संबंध में जानकारी मांगी. टीएमसी सांसद साकेत गोखले ने विदेश मंत्री के बयान में आंकड़ों पर सरकार को घेरा और कहा कि 2016 में जो सरकार थी, वही सरकार अभी भी सत्ता में है. उन्होंने रूसी राष्ट्रपति से भारतीयों को यूक्रेन के खिलाफ युद्ध लड़ने नहीं भेजने की अपील का हवाला देकर कहा कि हम क्यों मानवीय तरीके से उनकी वापसी सुनिश्चित नहीं कर सकते.वे लोग बेहतर विकल्प की तलाश में ही गए होंगे. संजय सिंह ने कहा कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है और पीएम बार-बार अमेरिका से अपनी दोस्ती और रिश्तों का बखान करते हैं. विनम्रतापूर्वक पूछना चाहता हूं कि अमानवीय तरीके से भारत लाया गया. लाने के बाद भारत की धरती पर उतर गए तो आप भी सम्मान देने के लिए तैयार नहीं. हरियाणा के कैदी वैन में उनको ले जाया गया. अमेरिका ने जो किया, उसका तो आप बखान कर रहे हैं. छोटे-छोटे देश अपना जहाज भेजकर अपने देश में ला रहे हैं. क्या सरकार की कोई योजना है कि अपना जहाज भेजेंगे. 33 लोग गुजरात के थे. हरियाणा, यूपी, पंजाब के लोग थे. आपकी धरती पर अमेरिकी सेना का जहाज आ गया और आपको पता तक नहीं चला, आपने जानने की कोशिश तक नहीं की. एक टॉयलेट के इंतजाम में 104 लोग अमेरिका से भारत लाए गए. आरजेडी सांसद मनोज झा ने पूछा कि अमेरिकी डिपोर्टेशन के लिए भारत सरकार को कितनी नोटिस मिली है और कितनी पाइपलाइन है. सरकार एजेंट और एजेंसी के खिलाफ क्या कर रही है जो फेवरेट डेस्टिनेशन पहुंचाने की बात करती है. हमारे नागरिक हैं, विदेशों में फंसे ऐसे नागरिकों के लिए भारत सरकार की क्या पॉलिसी है.
रणदीप सिंह सुरजेवाला ने विदेश मंत्री के बयान के बाद कहा कि हाथ में हथकड़ी, पांव में जंजीर, भारत मां का सीना छलनी है. 40 घंटे की यात्रा, एक टॉयलेट, इसमें महिलाएं भी थीं. उनको अमानवीय तरीके से भारत भेजा गया. क्या सरकार जानती है कि 7 लाख 25 हजार भारतीय अमेरिका में हैं जिन्हें इसी तरह से भेजने की तैयारी है. इसमें कितने भारतीय हैं जिनको अमेरिका ने डिटेंशन सेंटर में बंद कर रखा है और क्या आपने उनको काउंसलर एक्सेस दिया है. क्या अबकी बार ट्रंप सरकार पर सौ करोड़ खर्च करने वाली सरकार इनके बारे में क्या सोचती है. कोलंबिया जैसा छोटा देश अपने नागरिकों को बेइज्जत करने के मामले में लाल आंख दिखा सकता है तो आप क्यों नहीं.
विदेश मंत्री एस जयशंकर राज्यसभा में अमेरिका से भारतीयों के डिपोर्टेशन पर बयान दे रहे हैं. उन्होंने डिपोर्टेशन पर संयुक्त राष्ट्र की संधि का जिक्र किया और कहा कि ये लीगल माइग्रेशन को सपोर्ट करने और अवैध माइग्रेशन को हतोत्साहित करने लिए है. अवैध अप्रवासी वहां अमानवीय हालात में फंसे थे. अवैध अप्रवासियों को वापस लेना ही था. उन्होंने कहा कि डिपोर्टेशन कोई नया नहीं है. विदेश मंत्री ने 2009 से अब तक के आंकड़े भी गिनाए और कहा कि हर साल अवैध अप्रवासियों को वापस भेजा जाता है. अमेरिकी नियम के मुताबिक कार्रवाई हुई. विदेश मंत्री ने कहा कि पहली बार लोगों को वापस नहीं भेजा गया है. 2012 से ही ये नियम लागू है.
राजीव शुक्ला ने कहा कि देवगौड़ा जी के भाषण के बाद बोलना बड़ा कठिन काम है. फिर भी मैं प्रयास कर रहा हूं. राष्ट्रपति के अभिभाषण में सरकार ने जो उपलब्धियों का जिक्र किया है, उनको लेकर कुछ सवाल है. आपको चुनाव आयोग की वेबसाइट पर जाने की जरूरत नहीं है, मंत्रियों के भाषण से ही पता चल जाएगा कि किस राज्य में चुनाव आने वाले हैं. चुनाव खत्म, उस राज्य की चर्चा खत्म. अब सिर्फ दिल्ली और बिहार था. राहत इंदौरी का शेर था न- सीमाओं पर बड़ा तनाव है, क्या कहीं कोई चुनाव है. वैसा ही हो गया है कि भाषणों में बड़ा जिकर है, क्या चुनाव की फिकर है. चुनाव आयोग को एक फरवरी के पहले रखना चाहिए था. बजट तो घोषणाओं का बड़ा मंच है. 12 लाख तक करमुक्ति, इनकी घोषणा में आ गया. बड़े बड़े विज्ञापन छपे अखबारों में इनके. आगे ध्यान रखना चाहिए. हमारे समय के चुनाव आयुक्त का नाम सब लेते हैं, आज के किसी चुनाव आयुक्त का नाम कोई क्यों नहीं ले रहा. आचार संहिता का खुलेआम उल्लंघन रोका जाए. बेरोजगारी का ढिंढोरा पीटते हैं, युवा शक्ति आपने गांव में बैठा दी. सूरत, पंजाब के उद्योग में लेबर नहीं है. कुंभ का भी जिक्र आया, कुंभ एक राजनीतिक आयोजन है या धार्मिक आयोजन है.
विदेश मंत्री एस जयशंकर अमेरिका से भारतीयों के डिपोर्टेशन पर थोड़ी देर में बयान देंगे. विदेश मंत्री एस जयशंकर दोपहर दो बजे राज्यसभा में इस मुद्दे पर बयान देंगे.
राज्यसभा में प्रश्नकाल समाप्त हो गया है. अब उच्च सदन में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा शुरू हो गई है. छत्तीसगढ़ से बीजेपी के राज्यसभा सांसद देवेंद्र प्रताप सिंह ने खेती से मुनाफा होने का दावा करते हुए कहा कि इससे पलायन रुका है. उन्होंने सोनिया गांधी का नाम लिए बिना कहा कि राष्ट्रपति पर की गई टिप्पणी एक व्यक्ति का अपमान नहीं, संवैधानिक मर्यादा के भी खिलाफ है.
सुरजेवाला ने मोबाइल टैरिफ बढ़ाए जाने का मुद्दा उठाया और कहा कि मोबाइल धारकों पर 24138 करोड़ का अतिरिक्त बोझ पड़ा है. क्या सरकार इस पर रोक के लिए कोई कदम उठाएगी. इसके जवाब में ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि मोबाइल कनेक्टिविटी में हमारे पास 90 करोड़ ग्राहक थे. आज 116 करोड़ ग्राहक हैं मोबाइल सेवा में. इंटरनेट की बात करें तो 25 करोड़ ग्राहक थे 2014 में, आज 90.7 करोड़ हैं. ये नंबर बढ़ते हैं तो दाम पर निगरानी रखना जरूरी है. 2014 में एक मिनट का मोबाइल कॉल 50 पैसे लगता था. आज एक मिनट का कॉल तीन पैसे लेता है. कास्ट स्ट्रक्चर में 94 फीसदी गिरावट आई है. 2014 में 270 रुपये प्रति जीबी ब्रॉडबैंड की कास्ट होती थी, आज 9 रुपये 70 पैसे है. भारत डेटा के आधार पर सबसे किफायती देश है. 10 प्रतिशत की वृद्धि हुई है कास्ट स्ट्रक्चर में. आज भारत में 22 महीने में सबसे तेज 5जी रोलआउट हुआ है. साढ़े चार लाख करोड़ का निवेश हुआ है. जो लोग निवेश कर रहे हैं, उनके लिए कोई रिटर्न नहीं होना चाहिए. कॉल की कास्ट तीन पैसे से साढ़े तीन पैसे हो गया. आज डेटा और कॉल में सबसे सस्ता भारत है . सिंधिया जब बोल रहे थे, तब कांग्रेस की ओर से जयराम रमेश ने कुछ बोलना शुरू कर दिया. उपसभापति हरिवंश ने उनको टोका. सिंधिया ने इस पर कहा कि जयराम जी को खुजली बहुत होती है. मैं समझता हूं कि हमारे मित्र रणदीप जी अपनी रक्षा करने में खुद सक्षम हैं.
झारखंड के बीजेपी सांसद आदित्य प्रसाद ने आठ स्वीकृत टावरों में से किसी का भी काम शुरू नहीं होने का मुद्दा उठाते हुए सवाल किया. इस पर संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि आदिवासी मंत्रालय ने छह महीने पहले हमें गांवों की लिस्ट भेजी थी. हमने इसके अंतर्गत सर्वे किया और अब टावर लगाने जा रहे हैं. ये गांव 15 राज्यों में हैं. 2590 गांवों में से 901 गांवों में टावर लग चुके हैं. 35 फीसदी रिकॉर्ड टाइम में हमने किया. झारखंड की बात है, वहां जरूर 1987 टावर रेखांकित किए गए हैं. आठ टावर बचे हुए मजरे-टोले के लिए हैं. झारखंड सरकार जमीन देने में लेट-लतीफी कर रही है. हम लगे हुए हैं.
आरजेडी सांसद प्रोफेसर मनोज झा ने बिहार में बुद्धिस्ट सर्किट, जैन सर्किट के अलावा जो शक्ति केंद्र हैं, उनको लेकर बिहार सरकार का कोई प्रस्ताव आया है, अगर नहीं तो क्या उस पर केंद्र प्रो एक्टिव होकर कुछ करेगा. इसके जवाब में गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि इसकी एक प्रक्रिया होती है. राज्य सरकार को प्रस्ताव भेजना होता है और उसके बाद हम उस पर विचार करते हैं. अगर कोई सांसद भी हमें सीधे पत्र लिखते हैं तो हम उस पर प्रक्रिया के तहत राज्य सरकार से प्रस्ताव मांगते हैं. अगर ऐसा कोई प्रस्ताव बिहार सरकार की ओर से मिलता है तो हमें उस पर विचार करने में प्रसन्नता होगी.
कांग्रेस सांसद नासिर हुसैन ने कहा कि मोदीजी ने पहली बार जाकर किसी दूसरे देश में जाकर पहली बार किसी दूसरे देश के प्रेसिडेंशियल कैंडिडेट के लिए प्रचार किया. वो मित्र अब प्रेसिडेंट बन गए हैं और प्रेसिडेंट बनते ही पहला अटैक भारतीयों पर ही हुआ. इस पर उपसभापति हरिवंश आसन से खड़े हो गए और नासिर हुसैन को रोकते हुए कहा कि ये आपका सवाल नहीं था. उपसभापति ने नासिर हुसैन का सवाल खुद ही पढ़ा और फिर विदेश मंत्री से जवाब देने के लिए कहा. विदेश मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ने किसी के लिए कोई प्रचार नहीं किया है. ये सदन में झूठ बोल रहे हैं. नासिर हुसैन ने इस पर कहा कि विदेश मंत्री ने असंसदीय शब्द का इस्तेमाल किया है. उपसभापति ने नियमों का हवाला देते हुए कहा कि आपको किसी भी संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति पर आरोप लगाने से पहले सभापति से परमिशन लेनी होती है. ये कार्यवाही में नहीं जाएगा.
राज्यसभा में प्रश्नकाल की कार्यवाही चल रही है. आसन पर उपसभापति हरिवंश हैं. टीएमसी सांसद रीताब्रत बनर्जी ने रुपये की गिरती कीमत का मुद्दा उठाया और ये पूछा कि लोन और ब्याज का भुगतान करने के लिए सरकार की क्या योजना है. इसके जवाब में सरकार की ओर से मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा कि ये पूरक प्रश्न मूल प्रश्न से संबंध नहीं रखता.
राज्यसभा की कार्यवाही दोबारा शुरू होते ही सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि अमेरिका से डिपोर्टेशन के मुद्दे पर स्थगन प्रस्ताव का नोटिस मिला था. इस मुद्दे पर प्रमोद तिवारी ने भी मुझसे मुलाकात की. इस मुद्दे पर विदेश मंत्री एस जयशंकर सदन में बयान देंगे. इस दौरान सदस्यों को इंटरवेन करने का मौका देंगे. इस पर संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि विदेश मंत्री दो बजे बयान देंगे. मल्लिकार्जुन खड़गे ने इस पर कहा कि सरकार सुओ मोटो तो नहीं बोलना चाहती थी लेकिन आपका प्रभाव इतना रहा कि उन्हें बोलना पड़ा. विदेश मंत्री मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि मैं सुबह में आपके पास आया और बताया कि ये मुद्दा और इस पर सदन को जानकारी देनी चाहिए.
लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही फिर से शुरू होते ही विपक्षी सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया. हंगामे के कारण लोकसभा की कार्यवाही दो बजे तक के लिए स्थगित करनी पड़ी, वहीं राज्यसभा की कार्यवाही जारी है.
अमेरिका से भारतीयों की वतन वापसी के मुद्दे पर विपक्ष के हंगामे के कारण लोकसभा की कार्यवाही भी दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित करनी पड़ी. कार्यवाही शुरू होते ही विपक्षी सांसद इस मुद्दे पर चर्चा की मांग करते हुए वेल में आकर नारेबाजी करने लगे. स्पीकर ओम बिरला ने इसे विदेश नीति और दूसरे देश का मामला बताते हुए कहा कि उनकी अपनी नीतियां होती हैं. भारत सरकार ने आपकी चिंताओं का संज्ञान लिया है और इस मुद्दे पर गंभीर है. प्रश्नकाल बहुत महत्वपूर्ण समय होता है और आप इसे चलने दें. स्पीकर के आग्रह के बावजूद विपक्षी सदस्य वेल में नारेबाजी करते रहे. स्पीकर ने हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित करने का ऐलान कर दिया.
विपक्ष ने राज्यसभा में भी अमेरिका से भारतीयों की वापसी का मुद्दा उठाया. राज्यसभा में इस मुद्दे पर चर्चा की मांग करते हुए आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह और कांग्रेस की रेणुका चौधरी ने स्थगन प्रस्ताव के नोटिस दिए थे. टीएमसी सांसद सागरिका घोष और रीताब्रत बनर्जी ने पश्चिम बंगाल के लंबित फंड के मुद्दे पर नोटिस दिया था. उपसभापति हरिवंश ने किसी भी नोटिस को मंजूरी नहीं दी. इसके बाद विपक्षी सदस्यों ने हंगामा कर दिया. हंगामे के कारण राज्यसभा की कार्यवाही 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई है.
संसद की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष ने अमेरिका से भारतीयों के डिपोर्टेशन का मुद्दा उठाया. विपक्षी सदस्यों ने अमेरिका से भारतीयों की वापसी का मुद्दा उठाते हुए नारेबाजी शुरू कर दी. स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि ये विदेश नीति का मामला है. दूसरे देश से संबंधित मामला है. आपकी चिंता सरकार के ध्यान में है. प्रश्नकाल के बाद आप अपनी बात रख लीजिएगा.
लोकसभा में आज बजट पर चर्चा की शुरुआत होगी. संसद के निचले सदन में बजट पेश होने के बाद दो दिन तक राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा चली. मंगलवार को बजट सत्र की कार्यवाही के चौथे दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में हुई इस चर्चा का जवाब दिया था. आज पांचवें दिन पीएम मोदी राज्यसभा में धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब देंगे.
संसद के चालू बजट सत्र के पांचवें दिन आज विपक्ष अमेरिका से भारतीयों के डिपोर्टेशन का मुद्दा उठाएगा. विपक्षी कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के सांसदों ने लोकसभा और राज्यसभा में इस मुद्दे पर चर्चा की मांग करते हुए स्थगन प्रस्ताव के नोटिस दिए हैं. लोकसभा में कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल ने स्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया है. वहीं, कांग्रेस सांसद रेणुका चौधरी और आम आदमी पार्टी के संजय सिंह ने राज्यसभा में स्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया है.
संसद के चालू बजट सत्र का आज पांचवां दिन है. बजट सत्र की शुरुआत राष्ट्रपति के अभिभाषण से हुई थी. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 31 जनवरी को संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित किया था. राष्ट्रपति के अभिभाषण के बाद दोनों सदनों में उसी दिन आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया गया था. एक फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए बजट पेश किया था. राष्ट्रपति के अभिभाषण पर लोकसभा में दो दिन चर्चा हुई और इसका जवाब पीएम मोदी ने चौथे दिन दिया था. आज संसद के चालू बजट सत्र की कार्यवाही का पांचवां दिन है.