
संसद ने बुधवार को 76 पुराने और अप्रचलित कानूनों को निरस्त करने के लिए एक विधेयक पारित किया गया. इस दौरान सरकार ने कहा कि यह कदम इज ऑफ लिविंग और इज ऑफ बिजनेस में सुधार के निरंतर प्रयासों का हिस्सा है. इसके बाद निरसन और संशोधन विधेयक, 2023 को राज्यसभा में ध्वनि मत से मंजूरी दे दी गई. लोकसभा ने इस साल 27 जुलाई को इस कानून को मंजूरी दे दी थी.
दरअसल, पिछले साल दिसंबर में सरकार ने 65 पुराने कानूनों को खत्म करने के लिए निरसन और संशोधन विधेयक पेश किया था. लेकिन बाद के सत्रों में यह बिल चर्चा के लिए नहीं आ सका. सरकार ने बाद में सूची में 11 और कानून जोड़ने के लिए संशोधन पेश किया, जिससे कुल कानून 76 हो गए.
न्यूज एजेंसी के मुताबिक विधेयक में भूमि अधिग्रहण (खान) अधिनियम, 1885 और टेलीग्राफ वायर (गैरकानूनी कब्ज़ा) अधिनियम, 1950 जैसे पुराने कानूनों को निरस्त करने का प्रस्ताव है. विधेयक में हाल के दिनों में संसद द्वारा पारित कुछ विनियोग अधिनियमों को निरस्त करने का भी प्रावधान है.
बहस का जवाब देते हुए, कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि 2014 में सत्ता में आने के बाद से मोदी सरकार ने जीवन में आसानी में सुधार के लिए 1,486 निष्क्रिय कानूनों को निरस्त कर दिया है. 76 और कानून जुड़ने के साथ, सूची अब 1,562 ऐसे कानूनों की हो गई है.