लोकसभा की गुरुवार की कार्यवाही हंगामे से भरी रही. शाम को विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A. का अविश्वास प्रस्ताव गिर गया, इसमें मोदी सरकार की जीत हुई. इससे पहले पीएम नरेंद्र मोदी ने अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा की. इस दौरान पीएम ने I.N.D.I.A. गठबंधन को घमंडिया गठबंधन कहा. इसी के साथ राहुल गांधी पर जमकर निशाना साधा.
मोदी ने मणिपुर हिंसा का जिक्र करते हुए कहा कि देश भरोसा रखे, मणिपुर में शांति का सूरज जरूर उगेगा. बता दें कि अविश्वास प्रस्ताव पर मंगलवार से चर्चा शुरू हुई थी. तीन दिन बाद आज ये खत्म हुई.
इसी के साथ कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी को लोकसभा से सस्पेंड कर दिया गया है. उन्होंने पीएम मोदी पर टिप्पणी की थी, जिसको आपत्तिजनक माना गया.
पीएम मोदी के संबोधन के बाद लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर बात हुई. अविश्वास प्रस्ताव ध्वनिमत से गिर गया. इसके बाद संसद को 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया.
मोदी बोले कि विपक्ष के साथियों की एक बात के लिए तारीफ करना चाहता हूं. वैसे वो सदन के नेता को नेता नहीं मानते. लेकिन मैं उनकी एक बात के लिए उनकी तारीफ करूंगा. सदन के नेता के नाते मैंने उनको एक काम दिया था.
मैंने कहा था कि 2023 में अविश्वास प्रस्ताव लेके आओ. वो लोग लेकर आए. मेरी बात मानी उन्होंने. लेकिन मुझे दुख इस बात का है कि उनको पांच साल मिले. थोड़ा अच्छा करते. थोड़ी तैयारी करते. ना मुद्दे खोज पाए. देश को इन्होंने निराश किया है. 2028 में फिर कोशिश कीजिएगा. जब 2028 में प्रस्ताव लेके आएं तो तैयारी करके आना. ऐसे घिसी-पिटी बातें लेकर मत आना, देश को लगे कि कम से कम आप विपक्ष के योग्य हो, आपने वो योग्यता भी खो दी.
विपक्षी दलों ने कहा था कि मोदी ने नॉर्थ ईस्ट को देश का हिस्सा नहीं माना. इसपर पलटवार करते हुए मोदी ने तीन घटनाओं का जिक्र किया.
मोदी ने कहा कि पांच मार्च 1966, कांग्रेस ने मिजोरम में असहाय नागरिकों पर अपनी वायुसेना से हमला करवाया था. क्या मिजोरम के लोग भारत के नागरिक नहीं थे, निर्दोष नागरिकों पर कांग्रेस ने हमला करवाया था. आज भी पांच मार्च को पूरा मिजोरम शोक मनाता है. कांग्रेस ने इस सच को छिपाया, कभी घाव भरने की कोशिश नहीं की. इस वक्त इंदिरा गांधी पीएम थीं. अकाल तख्त पर हमला सबको याद है, लेकिन ऐसे हमले पहले ही शुरू हो गए थे.
दूसरी घटना 1962 की है. वह खौफनाक प्रसारण याद है. देश पर चीन का हमला हो रहा था. लोगों को मदद की आस थी. ऐसी विकट घड़ी में पंडित नेहरू ने कहा था कि my heart goes out to the people of Assam. नेहरू ने वहां के लोगों को भाग्य पर जीने के लिए छोड़ दिया था.
मोदी आगे बोले कि जो लोग अपने आप को लोहिया का वारिस करते हैं. लोहिया ने नेहरू पर आरोप लगाते हुए कहा था कि नेहरू जान बूझकर नॉर्थ ईस्ट का विकास नहीं कर रहे. उस जगह को हर तरह के विकास से वंचित रखा गया है.
मोदी ने आगे कहा कि जहां पर एक-दो लोकसभा सीट होती थीं उनकी तरफ कांग्रेस का ध्यान नहीं रहा. लेकिन हमारे लिए नॉर्थ ईस्ट जिगर का टुकड़ा है. मोदी ने कहा कि नॉर्थ ईस्ट, मणिपुर की मौजूदा स्थिति की वजह कांग्रेस है.
मोदी ने कहा कि विपक्ष के नेताओं को बताना चाहिए कि कच्चतीवु क्या है. DMK वाले, उनके सीएम मुझे पत्र लिखकर कहते हैं कि कच्चतीवु वापस ले आएं. तमिलनाडु से आगे, श्रीलंका से पहले एक तापू किसने दूसरे देश को दिया था. क्या वो भारत माता, मां भारती का अंग नहीं था. ये इंदिरा गांधी के नेतृत्व में हुआ था.
मोदी के भाषण के बीच विपक्षी नेताओं ने सदन से वॉकआउट किया. उनका कहना था कि मोदी मणिपुर पर नहीं बोल रहे हैं. इसके बाद मोदी ने कहा कि लोकतंत्र में जिनका भरोसा नहीं होता है वो सुनाने को तैयार होते हैं लेकिन सुनने को तैयार नहीं होते. वे झूठ फैलाकर भाग जाते हैं.
इसके बाद मोदी ने मणिपुर पर बात की. वह बोले कि अगर विपक्ष ने गृह मंत्री की चर्चा पर सहमति जताई होती तो लंबी चर्चा हो सकती थी.
विपक्षी पार्टियां अविश्वास प्रस्ताव पर सभी विषयों पर बोले, हमारा भी दायित्व बनता है कि देश के विश्वास को प्रकट करें और सब चीजों के बारे में बताएं.
अगर सिर्फ मणिपुर पर चर्चा की बात थी गृहमंत्री ने पत्र लिखकर कहा था लेकिन विपक्ष का इरादा चर्चा का नहीं था. इनके पेट में दर्द था लेकिन फोड़ सिर रहे थे.
मोदी ने आगे कहा कि मणिपुर की स्थिति पर गृह मंत्री ने विस्तार से बताया था. लेकिन विपक्ष को राजनीति के सिवाय कुछ नहीं करना है.
मणिपुर में एक अदालत का फैसला आया. उसके पक्ष-विपक्ष में परिस्थिति बनी और हिंसा का दौर शुरू हुआ. कई लोगों ने अपनों को खोया, महिलाओं के साथ अपराध हुआ. दोषियों को कड़ी सजा दिलाने के लिए केंद्र और राज्य सरकार काम कर रही है. देश भरोसा रखे, मणिपुर में शांति का सूरज जरूर उगेगा. मणिपुर के लोगों से भी कहना चाहता हूं कि देश आपके साथ है, हम आपके साथ हैं.
मोदी ने आगे कहा कि कल यहां दिल से बात करने की बात कही. उनके दिमाग के हाल को देश ने देखा था. अब उनके दिल का हाल भी देख लिया.
इनका मोदी प्रेम भी जबरदस्त है. इनके सपने में भी मोदी आता है. अगर मोदी भाषण करते वक्त पानी पिए तो सीना तानकर कहेंगे कि देखिए मोदी को पानी पिला दिया.
अगर में कड़ी धूप में जनता दर्शन को जाऊं तो कहेंगे देखिए मोदी को पसीना ला दिया. एक पंक्ति है डूबने वाले को तिनके का सहारा बहुत. दिन बहल जाए इतना इशारा ही बहुत. इतने पर भी गिर जाए बिजली तो कोई बतला दे डूबता फिर क्या करे.
कांग्रेस बरसों से एक ही फेल प्रोजेक्ट को बार बार लॉन्च करती है. लेकिन वह फेल हो जाता है. इसका नतीजा ये हुआ कि जनता के प्रति उनकी नफरत सातवें आसमान पर है. उनके पीआर वाले प्रचार करते हैं कि मोहब्बत की दुकान का. लेकिन देश की जनता कह रही है कि ये लूट की दुकान और बाजार है. इसमें नफरत, घोटाले और तुष्टिकरण है. इस दुकान ने इमरजेंसी, बंटवारा, सिखों पर अत्याचार बेचा, इतिहास बेचा है. शर्म करो नफरत की दुकान वालों तुमने सेना का स्वाभिमान बेचा है.
मोदी ने आगे कहा कि जिन लोगों ने गमले में मूली नहीं उगाई वो खेतों को देखकर तो हैरान होंगे ही.
राहुल के भाषण का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि बहुत बार बुरा बोलने के इरादे में भी सच निकल जाता है. लंका हनुमान ने नहीं जलाई, उनके (रावण) घमंड ने जलाई. जनता भी भगवान राम का रूप है, इसलिए 400 से 40 (कांग्रेस के सांसद) हो गए हैं.
मोदी ने कहा कि कभी कांग्रेस नेताओं के जन्मदिन पर हवाई जहाज में केक काटे जाते हैं, लेकिन अब उस हवाई जहाज में गरीब के लिए वैक्सीन जाता है. एक जमान था कि ड्राईक्लीन के लिए कपड़े हवाई जहाज से आते है. आज हवाई चप्पल वाला गरीब हवाई जहाज में उड़ रहा है.
कभी छुट्टी मनाने, मौज मस्ती के लिए नौसेना के युद्धपोत को मंगवा लेते थे. लेकिन अब उन जहाजों में दूर फंसे भारतीय को लाया जाता है.
ये इंडिया गठबंधन नहीं, घमंडिया गठबंधन. इसकी बारात में हर कोई दूल्हा बनना चाहता है. हर कोई पीएम बनना चाहता है. इस गठबंधन ने ये भी नहीं सोचा कि किस राज्य में आपका किससे कैसा कनेक्शन है.
बंगाल में आप TMC और कम्यूनिस्ट पार्टी के खिलाफ हैं. दिल्ली में साथ हो गए. केरल के वायनाड में जिन लोगों ने कांग्रेस के दफ्तर में तोड़फोड़ की, उसके साथ दिल्ली में इन्होंने हाथ मिला लिया. बाहर से लेबल तो बदल लेंगे लेकिन पुराने पापों का क्या होगा. आप जनता से ये पाप नहीं छिपा सकते. अभी हालात ऐसे हैं तो हाथों में हाथ हैं, जहां हालात बदले तो छुरियां निकल जाएंगी.
ये इंडिया गठबंधन नहीं, घमंडिया गठबंधन. इसकी बारात में हर कोई दूल्हा बनना चाहता है. हर कोई पीएम बनना चाहता है.
मोदी बोले कि कांग्रेस को लगता है कि नाम बदलकर देश पर राज कर लेंगे. लोगों को उनका नाम तो दिखता है लेकिन काम नहीं. हॉस्पिटल उनके नाम पर है. लेकिन इलाज नहीं है. एयरपोर्ट, पुरस्कारों पर उनका नाम. योजनाएं अपने नाम से चलाईं फिर हजारों-करोड़ के भ्रष्टाचार करे. जनता काम होते देखना चाहती है लेकिन उसे मिला सिर्फ परिवार का नाम.
कांग्रेस के नाम से जुड़ी कोई चीज उनकी नहीं है. चुनाव चिन्ह से लेकर विचारों तक सब कुछ अपना होने का दावा करती है, वह किसी और से लिया हुआ है.
पार्टी के संस्थापक ए ओ ह्यूम थे, एक विदेशी. 1920 को भारत के स्वतंत्रता संग्राम को एक नई ऊर्जा और ध्वज मिला. देश ने उसको अपनाया. कांग्रेस ने उस ध्वज की ताकत को देखकर रातोरात उसे छीन लिया. उसमें लगे प्रतीक को सोचा कि ये गाड़ी चलाने के काम आएगा. तिरंगा झंडा देखकर लोगों को लगेगा कि उनकी ही बात हो रही है. वोटरों को बुलाने के लिए गांधी नाम भी चुरा लिया. कांग्रेस के चुनाव चिन्ह दो गाय बैल, फिर हाथ.
मोदी ने कहा कि कांग्रेस को देश के संस्कार की समझ नहीं बची है. पीढ़ी दर पीढ़ी ये लोग लाल-हरी मिर्च में फर्क नहीं कर पाए. जिनको सिर्फ नाम का सहारा है उनके लिए कहा गया है कि दूर युद्ध से भागते, नाम रखा रणधीर, भाग्य चंद की आज तक सोई है तकदीर.
मोदी ने कहा कि कांग्रेस की मुसीबत ऐसी है कि खुद को जिंदा रखने के लिए इनको NDA का ही सहारा लेना पड़ा. लेकिन आदत के मुताबिक घमंड का जो I है वह इनको छोड़ता नहीं है, इनके NDA के साथ दो I जोड़ दिए. पहला I 26 दलों का घमंड, दूसरा I एक परिवार का घमंड. NDA भी चुरा लिया, खुद बचने के लिए और इंडिया के भी टुकड़े (I.N.D.I.A.) कर दिए.
मोदी के भाषण के बीच विपक्ष ने नारेबाजी शुरू की. कहा गया कि वे लोग चाहते हैं कि मोदी मणिपुर पर बयान दें.
इस बीच मोदी बोले कि मैं विपक्ष के साथियों के प्रति संवेदना व्यक्त करना चाहता हूं. आपने अभी बेंगलुरु में करीब दो दशक पुराने UPA का क्रियाक्रम, अंतिम संस्कार किया है. लेकिन साथ में जश्न भी मना रहे थे. यह खंडहर पर नया प्लास्टर लगाने जैसा था. दशकों पुरानी खटारा गाड़ी को इलेक्ट्रिक व्हीकल दिखाने की कोशिश हुई.
मोदी ने कहा कि हमारी सरकार जो भी योजना लाई उसका कांग्रेस और सहयोगी पार्टियों ने मजाक उड़ाया. मोदी बोले कि कांग्रेस और उसकी सहयोगी पार्टियों को भारत और उसके सामर्थ्य पर कभी भरोसा नहीं रहा. जैसे पाकिस्तान सीमा पर हमले करता था. आतंकवादी भेजता था और सब करके मुकर जाता था. कांग्रेस को पाकिस्तान से ऐसा प्रेम था कि उसकी बात पर भरोसा हो जाता था. कांग्रेस को कश्मीर के आम लोगों पर नहीं हुर्रियत पर विश्वास था. भारत ने आतंकवाद पर सर्जिकल और एयर स्ट्राइक लेकिन इनको भारत की सेना नहीं दुश्मन के दावों पर भरोसा था. आज कोई भी भारत के लिए अपशब्द बोलता है तो इनको उसपर तुरंत विश्वास हो जाता है. इनको भारत को बदनाम करने में मजा आता है. कांग्रेस को भारत की कोरोना वैक्सीन पर भी विश्वास नहीं था. मोदी ने आगे कहा कि अब देश की जनता को कांग्रेस में अविश्वास है, उसपर भरोसा नहीं है.
मोदी ने आगे तंज कसते हुए कि देश का विश्वास है कि 2028 में जब आप अविश्वास प्रस्ताव लेकर आएंगे तो देश तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा.
मोदी ने आगे कहा कि मेरा मानना है कि विपक्ष को एक वरदान मिला है, कि ये लोग जिसका बुरा चाहेंगे उसका भला होगा. एक उदाहरण तो मैं हूं. मेरे खिलाफ क्या क्या किया गया लेकिन मैं बड़ा ही होता गया.
विपक्ष ने कहा था कि बैंकिंग सेक्टर बर्बाद हो जाएगा. विदेश से विद्वान लाकर ऐसा बुलवाया गया. लेकिन जब इन्होंने बैंकों का बुरा चाहा तब पब्लिक सेक्टर बैंक का नेट प्रॉफिट दो गुना से ज्यादा हो गया.
विपक्ष ने फोन बैंकिंग घोटाले की बात की थी. इसके कारण देश को NPA के गंभीर संकट में डुबो दिया था. लेकिन उन्होंने जो NPA का अंबार लगाया था, उसे पार करके हम आगे निकल चुके हैं.
दूसरा उदाहरण हमारे डिफेंस के हेलिकॉप्टर बनाने वाले सरकारी कंपनी HAL से जुड़ी है. इसके लिए भली-बुरी बातें कही गईं. दुनिया में इसकी छवि बिगाड़ने कीकोशिश हुई. कहा गया कि HAL बर्बाद-तबाह हो गया है. इतना ही नहीं जैसे आजकल खेतों में जाकर वीडियो शूट होता है (राहुल पर तंज), वैसा ही उस समय HAL फैक्ट्री के दरवाजे पर मजदूरों की सभा कर वीडियो शूट किया गया था. कामगारों को भड़काया गया कि आपका अब कोई भविष्य नहीं है. इसका बुरा चाहा लेकिन आज HAL आज नई बुलंदी छू रहा है. HAL ने अपना अब तक का सबसे ज्यादा रेवेन्यू रजिस्टर किया है.
तीसरा उदाहरण LIC का है. कहा गया कि LIC डूब रहा है. गरीब का पैसा कहां जाएगा. लेकिन आज LIC लगातार मजबूत हो रही है. शेयर मार्केट में रुचि रखने वालों को ये गुरुमंत्र है कि जिस सरकारी कंपनी को विपक्ष गाली दे, उसमें दांव लगा दीजिए सब अच्छा होगा.
मोदी ने आगे कहा कि तीसरे टर्म (2024 लोकसभा चुनाव) में भारत को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाएंगे.
मोदी ने कहा विपक्षी पार्टियां उनको दिन-रात कोसती हैं. उनका फेवरेट डायलॉग है कि मोदी तेरी कब्र खुदेगी. लेकिन मैं इनके अपशब्दों को अपना टॉनिक बना लेता हूं.
पीएम मोदी ने कहा कि भारत की तरक्की की सच्चाई दुनिया को दूर से दिख रही है, विपक्ष को यहां रहते हुए नहीं दिख रही. क्योंकि अविश्वास और घमंड इन रगों में रच बस गया है. विपक्ष का व्यवहार शुतुरमुर्ग जैसा हो गया है. इसके लिए देश कुछ नहीं कर सकता. मोदी ने कहा कि जब भी घर में कुछ अच्छा होता है तो काला टीका लगाया जाता है. आज देश की जो वाह वाही हो रही है, आपने संसद में काले कपड़े पहनकर देश को काला टीका लगाने का काम किया है.
पीएम मोदी ने कहा कि भारत की तरक्की की सच्चाई दुनिया को दूर से दिख रही है, विपक्ष को यहां रहते हुए नहीं दिख रही. क्योंकि अविश्वास और घमंड इन रगों में रच बस गया है. विपक्ष का व्यवहार शुतुरमुर्ग जैसा हो गया है. इसके लिए देश कुछ नहीं कर सकता.
मोदी बोले कि हमने भारत के युवाओं को घोटालों से रहित सरकार दी है. हमने दुनिया में भारत की बिगड़ी हुई साख को सुधारा है. इसे फिर एक बार फिर नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है. कुछ कोशिश कर रहे हैं कि इसमें किसी तरह दाग लग जाए लेकिन दुनिया को भारत पर विश्वास बढ़ता जा रहा है. विश्व में समकूल वातावरण के बीच विपक्ष ने अविश्वास प्रस्ताव की आड़ में जनता के विश्वास को तोड़ने की विफल कोशिश की है. विपक्ष इस वक्त भारत से जुड़ी कोई अच्छी बात सुन नहीं सकता.
मोदी बोले कि विपक्ष ने देश को निराशा के अलावा कुछ नहीं दिया. मोदी बोले कि जिनके खुद के बहीखाते बिगड़े हुए हैं, वे भी हमसे हमारा हिसाब मांग रहे हैं. मोदी ने कहा कि इस प्रस्ताव में कुछ विचित्र चीजें नजर आई. सबसे बड़े विपक्षी दल के नेता का बोलने की सूची में नाम ही नहीं था. 1999 में वाजयेपी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव आया. शरद पवार उस वक्त नेतृत्व कर रहे थे. उन्होंने बहस की शुरुआत की. 2003 में अटल की सरकार थी. तब सोनिया गांधी विपक्ष की नेता थी. उन्होंने अविश्वास प्रस्ताव रखा. 2018 में खड़गे विपक्ष के नेता थे उन्होंने प्रस्ताव रखा. लेकिन इस बार अधीर बाबू (रंजन) का क्या हाल हो गया. उनको बोलने का मौका नहीं दिया. अमित भाई (शाह) ने कहा तो मौका दिया. लेकिन गुड़ का गोबर कैसे करना है उसमें ये माहिर हैं.
पीएम मोदी ने विपक्ष पर तंज कसा. वह बोले कि अविश्वास प्रस्ताव पर विपक्ष ने सही से चर्चा नहीं की. मोदी बोले कि फील्डिंग विपक्ष ने लगाई, चौके-छक्के यहीं से (सरकार की तरफ से) लगे. विपक्ष अविश्वास प्रस्ताव पर नो बॉल-नो बॉल कर रहा है. जबकि सरकार की तरफ से सेंचुरी लगाई जा रही हैं. मैं विपक्ष से कहना चाहूंगा कि थोड़ी मेहनत करके आएं. आपसे 2018 में कहा था कि मेहनत करके आने लेकिन पांच साल में भी कुछ नहीं बदला.
विपक्ष के कुछ दलों के आचरण ने सिद्ध कर दिया है कि उनके लिए देश से बड़ा दल है. आपको गरीब की भूख की नहीं, सत्ता की भूख आपके दिमाग पर सवार है. आपको देश के युवाओं के भविष्य की नहीं, अपने राजनीतिक भविष्य की चिंता है.
पीएम मोदी बोले कि देश की जनता ने हमारी सरकार के प्रति बार-बार विश्वास जताया है. इसके लिए देश की जनता का आभार. मोदी आगे बोले कि भगवान बहुत दयालु हैं और वे किसी ना किसी माध्यम से अपनी इच्छा की पूर्ति करता है. मैं इसे भगवान का आशिर्वाद मानता हूं कि ईश्वर विपक्ष को सुझाया और वे प्रस्ताव लेकर आए. मैंने 2018 में अविश्वास प्रस्ताव के दौरान कहा था कि यह हमारे लिए फ्लोर टेस्ट नहीं है बल्कि ये उनके लिए फ्लोर टेस्ट है और परिणामस्वरूप वे चुनाव हार गए.
एक तरह से विपक्ष का अविश्वास हमारे लिए शुभ होता है. आज मैं देख रहा हूं कि आपने (विपक्ष) तय कर लिया है कि जनता के आशीर्वाद से NDA और BJP 2024 के चुनाव में पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़कर शानदार जीत के साथ वापस आएंगे.
पीएम मोदी अब थोड़ी देर में अविश्वास प्रस्ताव पर जवाब देंगे. वह लोकसभा पहुंच गए हैं. राहुल गांधी भी संसद में पहुंच गए हैं.
असम से सांसद बदरुद्दीन अजमल (AIUDF पार्टी) ने कहा कि देश में नफरत की राजनीति बंद होनी चाहिए. भड़काऊ भाषण देना, यात्राएं निकालकर ऐसा करना बंद होना चाहिए. वह बोले कि नूंह में हुई हिंसा के बाद एकतरफा न्याय हो रहा है.
अविश्वास प्रस्ताव के समर्थन में बोलते हुए नीतीश कुमार की पार्टी JDU से सांसद गिरिधारी यादव (बांका) ने केंद्र सरकार पर हमला बोला. वह बोले कि पिछड़े वर्ग की जातीय जनगणना करने में एक पैसे का खर्च नहीं है लेकिन NDA सरकार गाय की जनगणना करेगी, भैंस की जनगणना करेगी लेकिन पिछड़े वर्ग की जनगणना नहीं करना चाहती. ये पिछड़ा वर्ग विरोधी सरकार है.
राठौर ने आगे कहा, 'जब जीत ना सके बाजी तो वे हाथ मलने लगे. आसमान सी ऊंचाई देख वो जलने लगे. अभी तो बहुत सी तमन्ना है 56 इंच के सीने में, अभी से क्यों लड़ने लगे.'
राठौर बोले कि राजस्थान में तुष्टिकरण बड़े स्तर पर हो रहा है. वहां चार साल के अंदर 10 पुजारियों की हत्या हुई. धार्मिक स्थल बचाने के लिए संतों ने आत्मदाह तक वहां किया है. 300 साल पुराना शिव मंदिर तोड़ा जाता है. सालासर दरबार पर बुलडोजर चलता है. ऐसा तक आदेश आता है कि खास समुदाय के लिए बिजली कटौती नहीं होगी, क्योंकि उनका त्योहार आ रहा होता है. लेकिन उसी वक्त हिंदुओं की राम नवमी थी, डीजे-यात्रा पर बैन लगाया.
राज्यवर्धन राठौर ने आगे कहा कि उदयपुर में कन्हैयालाल की हत्या हुई. इसी तरह पूरे राजस्थान में ना जाने कितने कन्हैया मारे गए, वो तो उनका वीडियो नहीं बना या सामने आया. ऐसा माहौल बना दिया गया है कि खास समुदाय के लोग थाने में खुलेआम हिंदुओं को धमकी देते हैं लेकिन सरकार कुछ नहीं करती. PFI पूरे देश में बैन है लेकिन राजस्थान में पुलिस सुरक्षा में मार्च करती है, ये ही कांग्रेस की सच्चाई है.
राठौर ने आरोप लगाया कि कहीं ना कहीं कोई बाहर की एजेंसी कांग्रेस के साथ मिली हुई है. कहीं ना कहीं कांग्रेस ने भारत को तोड़ने की सुपारी उठाई हुई है.
सांसद राज्यवर्धन राठौर ने अपने संबोधन में राजस्थान में बढ़ते अपराध का जिक्र किया. वह बोले कि राहुल गांधी ने अपने भाषण में मणिपुर का जिक्र किया लेकिन राजस्थान पर कुछ नहीं कहा, जहां अपराध बढ़ता जा रहा है.
विपक्षी गठबंधन पर सिंधिया ने कहा कि ये लोग सिर्फ नाम बदलते हैं, सामान वही है. इनकी दुकान मोहब्बत की नहीं, बल्कि भ्रष्टाचार की है. सिंधिया बोले- ये कहते हैं कि नफरत के बाजार में मोहब्बत की दुकान लाएंगे. इनकी खुद की दुकान भ्रष्टाचार, झूठ, तुष्टिकरण का दुकान है. केवल दुकान का नाम बदलता है. सामान वही है. सिंधिया ने कहा मुझे इसपर राहत इंदौरी का शेर याद आता है कि, 'नए किरदार आते जा रहे हैं. लेकिन नाटक पुराना चल रहा है.' सिंधिया ने आगे कहा कि अधीर रंजन चौधरी ने माना कि I.N.D.I.A. मजबूरी का गठबंधन है.
सिंधिया जब बोल रहे थे तब पीछे से आवाज आई कि वो दो साल में चेंज हो गए. बता दें कि सिंधिया कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में आए थे, विपक्ष के नेता इसपर तंज कस रहे थे. इसपर सिंधिया कहते हैं - आपने ही चेंज कराया मुझे, कान खोलकर सुन लो, अब मेरा मुंह मत खुलवाना.
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने राहुल गांधी पर भी हमला किया. वह बोले कि राहुल ने कहा कि पीएम मोदी के लिए मणिपुर भारत का हिस्सा नहीं है. जबकि मोदी ने नॉर्थ ईस्ट को विश्व के साथ जोड़ा, जिनका नॉर्थ ईस्ट के साथ दिल का रिश्ता है. जिन्होंने नॉर्थ ईस्ट से दुश्मनों को खदेड़कर बाहर किया हो, जिस पीएम के रोम-रोम में भारत माता बसती हो उसके लिए ऐसी बात की गई.
कांग्रेस पर वार करते हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि अधीर रंजन चौधरी ने पूछा कि मणिपुर के सांसद क्यों नहीं बोल रहे, उस वक्त जब आपकी सरकार (1993) केंद्र और राज्य में थी मणिपुर के सांसद ने रोते-रोते संसद में कहा था कि राज्य सरकार कुछ नहीं कर सकती. उसका पास फंड नहीं है. उसके पास हथियार खरीदने के भी पैसे नहीं हैं. कृपया ये मान लीजिए कि मणिपुर भारत का ही हिस्सा है.
सिंधिया ने कहा कि कांग्रेस को बोलने से पहले यह सब देखना चाहिए. सिंधिया बोले कि मुझे मुजफ्फर वारसी का शेर याद आता है, 'औरों के खयालात की लेते हैं तलाशी, अपने गिरेबान में झांका नहीं जाता.'
बीजेपी सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा, जो ये दृश्य प्रजातंत्र के मंदिर में देख रहे हैं. इस देश का सद्भाव, देश की विचारधारा निर्मित की जाती है. जिस मंदिर से 140 करोड़ जनता अपनी प्रेरणा लेती है, उस प्रजातंत्र के मंदिर में ये स्पष्ट हो गया है कि इन लोगों को न देश की चिंता है, न राष्ट्रपति पद की चिंता है. इन लोगों को अपने हैसियत की चिंता है. मुझे 20 साल हो गए हैं, संसद में. ऐसा दृश्य मैंने 2 दशक में नहीं देखा. उन्होंने कहा, देश की जनता से माफी मांगे. ये ना सदन में बात सुनने को तैयार हैं और न जनता की बात सुनने को तैयार हैं.
अधीर रंजन ने कहा, नीरव मोदी विदेश में घूमते रहते हैं उनकी फोटो दिखती रहती है हमें लगा नीरव मोदी विदेश चले गया. और उसके बाद नीरव मोदी ऐसा लगता है कि नरेंद्र मोदी में दिख रहे हैं.
अधीर रंजन चौधरी ने मणिपुर की घटना का जिक्र कर कहा कि जहां का राजा अंधा होता है, वहां द्रौपदी का चीरहरण होता है. इस पर अमित शाह ने आपत्ति जताई. उन्होंने कहा, आप पीएम के बारे में इस तरह से सदन में नहीं बोल सकते.
अधीर रंजन ने कहा, हम ये कहना चाहते हैं कि पीएम मोदी हर चीज में कुछ न कुछ बोलते हैं. लेकिन मणिपुर पर वे चुप हैं. हमें ये बिल्कुल पसंद नहीं हैं. मणिपुर से दो सांसद हैं. उन्हें बोलने का मौका नहीं दिया जा सकता. हम अमित शाह से पूछना चाहता हूं कि उन्होंने जो बयान दिया, वो घातक बयान दिया. आपने कहा था कि बफर जोन में आपने सुरक्षाबलों को तैनात किया. बफर जोन लाइन ऑफ कंट्रोल में बनते हैं. इसका मतलब आप क्या स्वीकार कर रहे हैं.
अधीर रंजन ने कहा, देश का मुखिया होने के नाते पीएम मोदी को मणिपुर के लोगों के सामने मन की बात करनी चाहिए थी. ये मांग कोई गलत मांग नहीं थी. ये आम लोगों की मांग थी. उन्होंने कहा, मोदी 100 बार देश के पीएम बनें, हमें कोई लेना देना नहीं. हमें देश के लोगों से लेना देना है.
पीएम मोदी सदन में पहुंच गए हैं. इसी बीच कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव की ताकत देखिए हम पीएम मोदी को खींचकर सदन में लाए. यही संसदीय परंपराओं की ताकत है. हम चाहते थे कि पीएम मोदी मणिपुर पर चर्चा में हिस्सा लें. लेकिन उन्होंने न जाने क्यों सदन में न आने की कसम खाई थी. हमने पहले अविश्वास प्रस्ताव लाने का नहीं सोचा था, लेकिन हमें लाना पड़ा.
टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने कहा, ये सिर्फ अविश्वास प्रस्ताव नहीं, हमें पता है हमारे पास नंबर नहीं है. हम INDIA बनकर इसलिए नहीं आए हैं, क्योंकि इस सरकार को गिराना चाहते हैं. हम लोकतांत्रिक तरीके से अपनी बात कह सकें, इसलिए हम नए विश्वास के साथ आए हैं. मणिपुर के मुद्दे पर जो चुप्पी साधी गई, हम उसके खिलाफ हैं. जहरीले बयान दिए गए. कहा गया कि राजस्थान, बंगाल में रेप के मुद्दे पर चर्चा क्यों नहीं हुई. लेकिन मैं बताना चाहती हूं कि मणिपुर का मुद्दा अलग है. नफरती अपराध एक समुदाय के खिलाफ मणिपुर में हो रहा. वो महिलाएं इंसाफ भी नहीं पा रही हैं. वहां युद्ध चल रहा है, सामुदायों के बीच. 3 महीने में 150 से ज्यादा लोग मारे गए. उन्होंने कहा, अब तक किस राज्य में थानों से हजारों हथियार और लाखों गोलियां लूटी गईं.
महुआ मोइत्रा ने कहा, हम यहां अपने 'तुम अभी चुप रहो' गणतंत्र में सवाल पूछने आए हैं, जहां प्रधानमंत्री एक राज्यपाल से कहते हैं 'चुप रहो'. इस सदन में निर्वाचित सांसद के रूप में हमसे नियमित रूप से कहा जाता है 'चुप रहो'. यह प्रस्ताव मणिपुर में इस मौन संहिता को तोड़ने के लिए है. पीएम मोदी हमारी बात नहीं सुनेंगे, आखिरी दिन आकर भाषण देंगे. मुझे नहीं पता कि इससे अधिक दुर्भाग्यपूर्ण क्या है, हमारे प्रधानमंत्री ने संसद में आने से इनकार कर दिया या उन्होंने मणिपुर जाने से इनकार कर दिया.
AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने जयपुर-मुंबई ट्रेन में फायरिंग, मणिपुर हिंसा, हिजाब मुद्दा, वर्शिप एक्ट, UCC के मुद्दे पर केंद्र सरकार को घेरा. उन्होंने केंद्र सरकार से पूछा कि कुलभूषण जाधव पाकिस्तान जेल में बंद है, उसे सरकार क्यों नहीं लाई अभी तक. उन्होंने कहा, आप कह रहे हैं मणिपुर के सीएम सहयोग कर रहे हैं, इसलिए आप उन्हें हटाना नहीं चाहते. ओवैसी ने कहा कि असम राइफल के खिलाफ केस दर्ज हुआ है. महिलाओं के साथ अत्याचार हो रहा है. किसी शायर ने अच्छा कहा था कि कुर्सी है ये तुम्हारा जनाजा तो नहीं कुछ कर नहीं सकते तो उतर क्यों नहीं जाते.
ओवैसी ने कहा, ट्रेन के अंदर लोगों की पहचान करके उन्हें मारा जा रहा है और कहा जा रहा है कि देश में रहना है तो मोदी को वोट देना होगा. ये सब क्यों हो रहा है हमारे देश में. लोगों के कपड़े , दाढी देखकर मार डाला. नूंह में मुसलमानों के घरों को गिरा दिया गया. मुसलमानों के लिए नफरत का माहौल बना दिया गया. हिजाब का मुद्दा बनाकर मुस्लिम बच्चियों को पढ़ाई से दूर कर दिया गया. बिलकिस बानो इस देश की बेटी है या नहीं? उसके मुजरिमों को इस सरकार ने रिहा कर दिया. आप चीन पर चुप बैठे हैं. चीन हमारे देश में घुसकर बैठा हुआ है.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, जनता 2014-2019 में UPA के खिलाफ अविश्वास लाई थी. हमें विश्वास है कि 2024 में भी यही हाल होगा. उन्होंने कहा, गठबंधन का नाम सिर्फ इसलिए बदला गया, क्योंकि जनता को UPA नाम से इनका भ्रष्टाचार याद आ जाता है.
अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब देते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, दुनिया मंदी के संकट का सामना कर रही है. चीन की अर्थव्यवस्था संकट में है. जर्मनी, यूके की अर्थव्यवस्था संकट में है. लेकिन हमारी सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की वजह से हमारी अर्थव्यवस्था दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है. हम कोरोना के बावजूद तेजी से आगे बढ़ रहे हैं. इस दौरान सीतारमण ने मोदी सरकार की योजनाओं का भी जिक्र किया.
सीतारमण ने कहा, यूपीए सरकार में हम सुनते थे कि गरीबी हटाओ. 6 दशक तक सुनते रहे हैं. लेकिन गरीबी हटी क्या? लेकिन हम गरीबी को कम करने में सफल हुए हैं. इसे और कम करने के लिए कदम उठाए गए हैं. बिजली आएगी, गैस कनेक्शन मिलेगा. पानी का कनेक्शन मिलेगा. लेकिन अब बिजली मिल गई, गैस कनेक्शन मिल गया. पानी मिल गया. टॉयलेट बन गया. पहले कहते थे गांव में सड़क बनेगी, अब बन गई. पहले कहा जाता था कि पोर्ट बनेगा, एयरपोर्ट बनेगा. अब बन गए.
पीएम मोदी अविश्वास प्रस्ताव पर शाम 4 बजे जवाब देंगे.
राहुल गांधी ने क्या कहा?
राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर हमला बोला. राहुल गांधी ने मणिपुर दौरे का जिक्र करते हुए कहा कि कुछ दिन पहले मैं मणिपुर गया, लेकिन हमारे पीएम नहीं गए क्योंकि उनके लिए मणिपुर भारत नहीं है. मणिपुर की सच्चाई है कि मणिपुर नहीं बचा है. आपने मणिपुर को दो भागों में बांट दिया. मणिपुर में हिंदुस्तान की हत्या की है. इन्होंने मणिपुर में हिंदुस्तान को मारा है. हिंदुस्तान का मणिपुर में कत्ल किया है, मर्डर किया है. राहुल ने कहा, सरकार ने मणिपुर में भारत माता की हत्या की है, आप देशद्रोही हैं. राहुल गांधी ने कहा कि भारत हमारी जनता की आवाज है और उस आवाज की हत्या आपने की है. इसका मतलब आपने भारत माता की हत्या मणिपुर में की. आपने मणिपुर के लोगों को मारकर भारत माता की हत्या की. आप देशद्रोही हो. आप द्रेशप्रेमी नहीं हो.
आरोप है कि बुधवार को चर्चा में हिस्सा लेने के बाद जब राहुल गांधी सदन से बाहर निकल रहे थे, तब सत्तारूढ़ पक्ष के कुछ सदस्यों की टीका-टिप्पणी पर कांग्रेस सांसद ने 'फ्लाइंग किस' दी. बीजेपी महिला सांसदों ने राहुल की शिकायत लोकसभा स्पीकर से भी की है. स्मृति ईरानी ने कहा, सिर्फ एक महिला विरोधी व्यक्ति ही संसद में महिला सांसदों को फ्लाइंग किस दे सकता है. ऐसा उदाहरण पहले कभी नहीं देखा गया. इससे पता चलता है कि वह महिलाओं को लेकर क्या सोचते हैं. यह अभद्रता है.
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने मणिपुर पर राहुल के आरोपों पर पलटवार किया. उन्होंने कहा कि सबसे पहले आपकी पीठ पर, आपके आसन पर जिस तरह का आक्रामक व्यवहार देखा, उसका मैं खंडन करती हूं. मणिपुर खंडित नहीं. यह मेरे देश का अभिन्न अंग है. साथ ही उन्होंने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि कांग्रेस का इतिहास खून से सना हुआ है.
उन्होंने कहा कि पहली बार राष्ट्र के इतिहास में भारत माता की हत्या की बात कही गई. कांग्रेस पार्टी यहां पर तालियां बजाती रही. जो भारत की हत्या पर ताली पीटी है, उसने इस बात का संकेत पूरे देश को दिया कि मन में गद्दारी किसके है? मणिपुर खंडित नहीं है, विभाजित नहीं है. देश का हिस्सा है. आपके सहयोगी दल के नेता ने तमिलनाडु में कहा, भारत का मतलब मात्र उत्तर भारत है. राहुल गांधी में हिम्मत है, तो डीएमके के अपने साथी का खंडन करके बताएं. कांग्रेस के एक नेता ने कश्मीर में उसका आप खंडन क्यों नहीं करते, जो कश्मीर को भारत से अलग करने की बात करता है.
अविश्वास प्रस्ताव पर गृह मंत्री अमित शाह ने भी जवाब दिया. इस दौरान उन्होंने विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A. पर करारा प्रहार किया. शाह ने अपने संबोधन में कहा कि विपक्षी गठबंधन को सरकार में अविश्वास हो सकता है, लेकिन देश की जनता को पीएम मोदी में पूरा विश्वास है.
अमित शाह ने कहा, 'मैं विपक्ष की इस बात से सहमत हूं कि मणिपुर में हिंसा का तांडव हुआ है. हमें भी दुख है. जो घटनाएं वहां हुई वो शर्मनाक है, लेकिन उसपर राजनीति करना और भी ज्यादा शर्मनाक. ये भ्रम फैलाया गया कि सरकार मणिपुर पर चर्चा नहीं करना चाहती. हम पहले दिन से चर्चा पर तैयार थे, लेकिन विपक्ष चर्चा नहीं हंगामा चाहता था.'
अमित शाह बोले कि विपक्ष कहता है कि राज्य में आर्टिकल 356 (राष्ट्रपति शासन) क्यों नहीं लगाया. यह तब लगता है जब हिंसा के वक्त राज्य सरकार सहयोग ना करे. हमने डीजीपी बदला, उन्होंने स्वीकार किया. हमने चीफ सेक्रेटरी बदला, उन्होंने स्वीकार कर लिया. सीएम तब बदलना पड़ता है जब सहयोग ना करे, वहां के सीएम सहयोग कर रहे हैं.
शाह ने कहा, यूपीए के शासन में वहां नाकाबंदी रहती थी. एक साल में 139 दिन से 30 दिन तक का ब्लॉकेड रहे. वहां पेट्रोल के दाम 1200 रुपये लीटर तक पहुंच गए. मणिपुर में अब तक 156 लोग मारे गए हैं. इसमें से 107 मई में मारे गए. जून में 30 मारे गए, जुलाई में 15 मारे गए. अगस्त में अब तक 4 मारे गए. इसका मतलब ये है कि हिंसा धीरे-धीरे कम हो रही है. हम हिंसा की आग में तेल डालने का काम ना करें.
शाह ने I.N.D.I.A. गठबंधन पर भी तंज कसा. वह बोले कि विपक्षी गठबंधन ने अपना नाम बदल लिया, जबकि UPA ठीक नाम था. 10 साल सत्ता में भी रह लिए. मैं बताता हूं- 12 लाख करोड़ से ज्यादा के घपले-घोटाले UPA के नाम पर दर्ज थे, कैसे जाते बाजार में. जो कंपनी दिवालिया हो जाती है वो भी नाम बदल लेती है. इन्होंने भी नाम बदल लिया. इनके पास कोई और रास्ता नहीं था. हमें कोई नाम बदलने की जरूरत नहीं है क्योंकि अटल सरकार और अब के 9 साल में कोई ऐसा काम नहीं किया जिससे सिर झुकाना पड़े, NDA गठबंधन सीना तानकर चुनाव में जाएगा.
मणिपुर हिंसा को लेकर गौरव गोगोई ने अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया था. इसे स्पीकर ने स्वीकार कर लिया था. मंगलवार से विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा शुरू हो गई. चर्चा की शुरुआत करते हुए कांग्रेस नेता गौरव गोगोई ने कहा, मणिपुर में हिंसा पर डबल इंजन सरकार पूरी तरह विफल रही. विपक्ष को मजबूरी में अविश्वास प्रस्ताव लाना पड़ा, ताकि इस मामले पर प्रधानमंत्री का मौनव्रत तोड़ा जा सके. इतना ही नहीं गोगोई ने पूछा, प्रधानमंत्री मणिपुर क्यों नहीं गए? मणिपुर के मुख्यमंत्री को क्यों नहीं हटाया? उन्हें मणिपुर पर बोलने में 80 दिन क्यों लगे?
इसके जवाब में बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने कहा, अविश्वास प्रस्ताव एक गरीब के बेटे के खिलाफ लाया गया है. प्रस्ताव उस शख्स के खिलाफ है जिसने जनता के कल्याण की बात की. उन्होंने सोनिया गांधी पर तंज कसते हुए कहा, अविश्वास प्रस्ताव का एकमात्र मूलमंत्र है, बेटे को सेट करना और दामाद को भेंट करना.
केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि विपक्ष गलत समय पर गलत तरीके से अविश्वास प्रस्ताव लाया है. आज जब पीएम विश्व नेता के रूप में उभरे हैं और देश तेजी से बढ़ रहा है, तब ऐसे प्रस्ताव की कोई जरूरत नहीं थी. उन्होंने कहा, यह मोदी सरकार थी जिसने इस क्षेत्र (पूर्वोत्तर) पर विशेष ध्यान दिया और कई हिस्सों में रेल लाइनें बिछाई जा रही हैं. उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री चाहते हैं कि पूर्वोत्तर विकास का इंजन बने. उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पूर्वोत्तर राज्यों के सांसदों से मुश्किल से ही मिलते थे, जबकि वे खुद राज्यसभा में असम का प्रतिनिधित्व करते थे. रिजिजू ने मणिपुर की मौजूदा समस्याओं के लिए पिछली कांग्रेस सरकारों के लापरवाह रवैये को जिम्मेदार ठहराया.
मोदी सरकार बहुमत में है. ऐसे में ये साफ है कि विपक्ष का अविश्वास प्रस्ताव गिर जाएगा. सवाल यह उठता है कि पूर्ण बहुमत की मोदी सरकार होने के बावजूद विपक्ष यह अविश्वास प्रस्ताव क्यों ला रहा है? दरअसल, विपक्षी पार्टियों का यह मानना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मणिपुर के मामले पर सदन में कोई जवाब नहीं दे रहे हैं लेकिन जब अविश्वास प्रस्ताव लाया जाएगा, तब प्रधानमंत्री को इस पर सदन के अंदर जवाब देना होगा. यही वजह है कि सभी विपक्षी पार्टियां यह जानती हुए कि उनके पास आंकड़ा नहीं है. बावजूद इसके यह प्रस्ताव लोकसभा में लाया गया.