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राज्यसभा में सांसदों-मार्शल में धक्का-मुक्की को लेकर सुरक्षा इकाई ने सौंपी रिपोर्ट

रिपोर्ट में कहा गया है कि हंगामे के दौरान किसी भी सुरक्षा अधिकारी ने किसी भी सांसद के साथ दुर्व्यवहार नहीं किया. सुरक्षा इकाई ने अपनी रिपोर्ट सेक्रेटरी जनरल को सौंप दिया है.

राज्यसभा में हंगामे का मामला (फाइल फोटो) राज्यसभा में हंगामे का मामला (फाइल फोटो)
हिमांशु मिश्रा
  • नई दिल्ली,
  • 14 अगस्त 2021,
  • अपडेटेड 12:56 PM IST
  • राज्यसभा की सुरक्षा इकाई ने सेक्रेटरी जनरल को सौंपी रिपोर्ट
  • कहा- सुरक्षा अधिकारियों ने किसी सांसद से नहीं की बदसलूकी

राज्यसभा में 11 अगस्त की शाम सांसदों और मार्शलों के बीच धक्का-मुक्की हुई थी. इस मसले को लेकर सरकार और विपक्ष आमने-सामने हैं. विपक्ष ने मार्शलों पर विपक्षी सांसदों के साथ बदसलूकी और धक्का-मुक्की करने का आरोप लगाया था. इस मामले को लेकर अब राज्यसभा की सुरक्षा इकाई ने घटना की जांच रिपोर्ट राज्यसभा के सेक्रेटरी जनरल को सौंप दी है.

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राज्यसभा की सुरक्षा इकाई की ओर से सौंपी गई रिपोर्ट में पूरी घटना की सिलसिलेवार जानकारी दी गई है. रिपोर्ट के मुताबिक राज्यसभा में शाम करीब 5.45 बजे सामान्य बीमा विधेयक को चर्चा के लिए पेश किया गया. जैसे ही इस विधेयक को पेश किया गया, विपक्षी सांसद सदन के वेल में आ गए और सदन पटल पर चढ़ने का प्रयास करने लगे और पटल पर रखे कागजात फाड़ने की कोशिश करने लगे.

रिपोर्ट में कहा गया है कि आसन और मानक संचालन प्रक्रिया के मुताबिक संसद की सुरक्षा सेवा के अधिकारी एक्टिव हो गए जिससे राज्यसभा के सेक्रेटरी जनरल और अन्य अधिकारियों को किसी तरह की चोट से बचाया जा सके. विपक्षी सांसदों ने कागज फाड़कर सदन के अध्यक्ष के आसन की ओर से फेंकना शुरू कर दिया. उनके आक्रामक रुख को देखते हुए अतिरिक्त सुरक्षाकर्मियों को बुलाने का निर्णय लिया गया.

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रिपोर्ट के मुताबिक सैयद नासिर हुसैन ने पहले संजय राउत को सुरक्षा अधिकारियों की ओर धक्का दिया और फिर उन्हें वापस खींचा. विपक्ष के सांसद सुरक्षा अधिकारियों का घेरा तोड़ने में विफल रहे और सदन की कुर्सी, टेबल को नुकसान पहुंचाने के उनके प्रयास भी नाकाम रहे. इसके बाद उन्होंने सुरक्षा अधिकारियों के साथ मारपीट शुरू कर दिया. रिपोर्ट में कहा गया है कि हंगामे के दौरान किसी भी सुरक्षा अधिकारी ने किसी भी सांसद के साथ दुर्व्यवहार नहीं किया.

 

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