
शीतकाल में दिल्ली का पारा गिरता जा रहा है लेकिन संसद में सियासी तापमान प्रचंड है. शुरुआती छह में से पांच दिनों की कार्यवाही हंगामे की भेंट चढ़ने के बाद कामकाज पटरी पर लौटा ही था कि दोनों ही सदन फिर से बेपटरी हो गए हैं. लोकसभा से राज्यसभा तक अडानी मुद्दे पर विपक्ष आक्रामक है तो वहीं अब दोनों सदनों में ट्रेजरी बेंच भी फ्रंटफुट पर आ गया है. संसद में अडानी मुद्दे से शुरू हुआ संग्राम अब जॉर्ज सोरोस पर आ गया है.
संसद के शुरुआती हफ्ते में जहां विपक्ष का अडानी पर आक्रामक रवैया सदन की कार्यवाही में बाधा बना तो वहीं अब विपक्ष के इस मुद्दे का जवाब सत्ता पक्ष के सदस्य संसद में जॉर्ज सोरोस के मुद्दे से दे रहे हैं. सत्ता पक्ष ने सोमवार को सोरोस मुद्दे पर चर्चा की मांग को लेकर हंगामा किया जिसकी वजह से राज्यसभा की कार्यवाही पहले दोपहर 12 बजे और फिर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई.
विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा है कि अगर ये तय करके आए हैं कि सदन नहीं चलने देंगे तो आप लोकतंत्र की हत्या कर रहे हैं. केरल के सांसद जॉन ब्रिटास ने कहा कि सोरोस के मुद्दे पर चर्चा हो लेकिन उसके साथ ही अडानी मुद्दे पर भी चर्चा हो. कांग्रेस के सांसदों ने सत्ता पक्ष के रवैये को अडानी को बचाने की कोशिश बताया.
संसद में कैसे शुरू हुआ सोरोस चैप्टर
संसद में सोरोस का मुद्दा आज गतिरोध बनकर सामने आया है लेकिन यह चैप्टर आज ही शुरू नहीं हुआ है. इसकी झलक 6 दिसंबर, शुक्रवार को ही देखने को मिल गई थी. तब अडानी मुद्दे पर हमलावर विपक्ष और कांग्रेस को कठघरे में खड़ा करते हुए निशिकांत दुबे ने यह मुद्दा लोकसभा में उठाया था. झारखंड के गोड्डा से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सांसद निशिकांत दुबे ने सोरोस का मुद्दा उठाते हुए विपक्षी कांग्रेस से 10 सवाल पूछे थे. निशिकांत दुबे ने राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के दौरान सोरोस के किसी करीबी शेट्टी के नाम का जिक्र करते हुए भी सवाल पूछा था. इसी दौरान हंगामे की वजह से लोकसभा की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित हो गई थी.
बयानों से मिल गए थे हंगामे के संकेत
संसद की कार्यवाही शुरू होने से पहले ही निशिकांत दुबे की सोशल मीडिया पोस्ट और संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू के बयान से संकेत मिल गए थे कि कार्यवाही हंगामेदार रहने वाली है. निशिकांत दुबे ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया, "देश को कांग्रेस, विपक्षी दलों और अंतरराष्ट्रीय शक्तियों के बीच संबंधों के बारे में जानने का अधिकार है. इस मुद्दे को सदन में उठाना सांसद का अधिकार है लेकिन विपक्ष मेरी आवाज और उनके (विपक्ष) अंतरराष्ट्रीय संबंधों को दबाने की कोशिश कर रहा है. सोरोस जैसे लोग जो देश को बांटना चाहते हैं और खालिस्तान का समर्थन करते हैं... कांग्रेस पार्टी फंस गई है..."
केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कार्यवाही शुरू होने से पहले कहा कि कुछ मुद्दे हैं जिन्हें राजनीतिक चश्मे से नहीं देखा जाना चाहिए. जॉर्ज सोरोस और उनके संबंध जो सामने आए हैं, हम इसे कांग्रेस पार्टी या राहुल गांधी से संबंधित मुद्दे के रूप में नहीं देखते. हमें इस मुद्दे को गंभीरता से लेना चाहिए, यह भारत विरोधी ताकतों से संबंधित है. हमने कांग्रेस और अन्य दलों से कहा है कि हम 13-14 दिसंबर (लोकसभा में) और 16-17 दिसंबर (राज्यसभा में) को संविधान पर चर्चा करेंगे. कांग्रेस पार्टी के नेताओं और उसके कार्यकर्ताओं से अपील करना चाहता हूं कि अगर उनके नेताओं के भी भारत विरोधी ताकतों से संबंध पाए जाते हैं तो उन्हें भी अपनी आवाज उठानी चाहिए.
संसद में क्या हुआ
लोकसभा की कार्यवाही जैसे ही शुरू हुई, हंगामे के कारण सदन को दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया. राज्यसभा की कार्यवाही भी सोरोस मुद्दे पर हंगामे की वजह से पहले 12 और फिर दोपहर दो बजे तक स्थगित करनी पड़ी. राज्यसभा में नेता सदन जेपी नड्डा ने कहा कि जिस तरीके की खबरें आई हैं कि एक राजनीतिक दल के संबंध विदेशी ताकतों के साथ हैं, उससे हमारे सभी सदस्य उद्धेलित हैं और चर्चा चाहते हैं. इसके बाद बीजेपी सांसद राधामोहन दास अग्रवाल ने कहा कि हमने किसी दल का नाम नहीं लिया है. इस मुद्दे पर विस्तार से चर्चा हो और इन राष्ट्रविरोधियों की सच्चाई को जनता के सामने लाया जाए. घनश्याम तिवाड़ी ने कहा कि सोनिया गांधी और जॉर्ज सोरोस को लेकर जो खबर छपी है, वह राष्ट्र के लिए खतरनाक है. इस पर चर्चा होनी चाहिए.
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संजय झा ने कहा कि राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय मीडिया में रिपोर्ट छपी है कि सोनिया गांधी का जॉर्ज सोरोस के साथ संबंध है. इस पर डिबेट होनी चाहिए. बांग्लादेश में जो हुआ, उसके पीछे भी सोरोस का हाथ है. सोरोस ने कहा भी है कि मोदी को हटाने के लिए एक अरब डॉलर रखा हुआ है. कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा कि सरकार अडानी को बचाना चाहती है इसीलिए ये सब कर रही है. अनिल बोंडे ने कहा कि जॉर्ज सोरोस क्या कांग्रेस का सगा लगता है जो उस पर चर्चा नहीं चाहते. इसके बाद दिग्विजय सिंह ने सभापति पर पक्षपात का आरोप लगाया.
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दिग्विजय सिंह ने सवाल किया कि कौन से नियम के तहत आपने डिस्कशन चालू किया है. आप नाम ले-लेकर उनको बोलने के लिए अनुमति दे रहे हैं. राजीव शुक्ला ने कहा कि विपक्ष का हंगामा नहीं दिखाया जाता लेकिन इनकी बोलते हुए तस्वीरें दिखाई जा रही हैं. विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी सभापति पर पक्षपात का आरोप लगाया और कहा जब नेता सदन नड्डा साहब ने ये कहा कि जब आपको चाहिए तब आप जीरो ऑवर बोलते हैं और जब नहीं चाहिए, उसे नकारते हो. एक ही स्टैंड लेना चाहिए.
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उन्होंने सवाल किया कि आप जो बोलते हैं, विपक्ष हर बात में हां में हां मिलाना जरूरी है? हाउस नहीं चलाना है, अगर ये तय करके आए हैं तो आप लोकतंत्र की हत्या कर रहे हैं. सभापति ने इस पर खड़गे को टोका और कहा कि नेता सदन ने ऐसा कुछ भी नहीं कहा है. ध्यानपूर्वक उनको सुना. नेता सदन ने ये कहा कि हमें एक ही स्टैंड लेना चाहिए. वह सूटेबल है तो भी और सूटेबल न हो तो भी. इसके बाद सदन की कार्यवाही दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई.
देश की सुरक्षा के लिहाज से चिंता का विषय- नड्डा
कार्यवाही 2 बजे जैसे ही शुरू हुई, राज्यसभा में नेता सदन जेपी नड्डा ने जॉर्ज सोरोस का मुद्दा उठाते हुए कहा कि जो घटना घटी है और जिस तरह से चर्चाएं आई हैं, उसे लेकर हमारे सदस्य उद्वेलित हैं. सारा देश चिंता व्यक्त कर रहा है. देश की सुरक्षा के लिहाज से ये चिंता का विषय है. फोरम ऑफ डेमोक्रेटिक लीडर्स इन एशिया पैसिफिक, इसका संबंध जिस तरीके से जॉर्ज सोरोस के साथ सामने आता है, वह बहुत ही चिंताजनक है जिसकी को-प्रेसीडेंट इसी सदन की एक सदस्या हैं.
उन्होंने कहा कि यह फोरम जम्मू कश्मीर को अलग रूप में देखता है. इसका फाइनेंशियल सपोर्ट सिस्टम राजीव गांधी फाउंडेशन से भी जुड़ता है. ये भारत की छवि को धूमिल करता है. हमारे सिक्योरिटी सिस्टम पर प्रश्न खड़ा करता है और जिस तरीके से कांग्रेस देश के हितों के साथ खिलवाड़ कर रही है, उस पर देश चिंतित है. इसलिए हमारे लोग चाहते हैं कि इस पर चर्चा हो. एक बात और ध्यान में आती है कि कांग्रेस के वरिष्ठतम नेता विदेश में जाते हैं और वहां भी वो वही भाषा बोलते हैं जिसको जॉर्ज सोरोस प्रोपेगेट करता है.
जेपी नड्डा ने आरोप लगाया कि जॉर्ज सोरोस की फंडिंग से चलने वाले फोरम जो कुछ प्रोपेगेट करते हैं, कांग्रेस का वरिष्ठतम नेता उसको यहां पर उठाता है और देश को अस्थिर करने में अपना योगदान करता है. जॉर्ज सोरोस और उनसे जुड़े संगठन भारत में अस्थिरता लाना चाहते हैं और कांग्रेस उसमें टूल बन रही है. इस दौरान विपक्षी सदस्यों ने अडानी को बचाना बंद करो के नारे लगाए.
खड़गे बोले- जो बोल रहे वो सब झूठ
राज्यसभा में नेता सदन के बयान पर विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि जो सदन के नेता बोले, वो सरासर झूठ है. वो खुद गद्दारी करते हैं और ब्रिटिशों के साथ उनके एजेंट बनकर काम किया. देश के लिए इनका कोई योगदान नहीं है. विपक्ष के नेता बोल रहे थे तभी सभापति ने सदन की कार्यवाही तीन बजे तक स्थगित करने की घोषणा कर दी. सभापति ने नेता सदन और विपक्ष के नेता, दोनों को ही अपने चैंबर में बुलाया है.