
पश्चिम बंगाल के पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी और उनकी सहयोगी अर्पिता मुखर्जी को एसएससी घोटाला मामले में गुरुवार को कोलकाता की एक विशेष अदालत ने 31 अगस्त तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. पार्थ चटर्जी और अर्पिता मुखर्जी को आज कोर्ट में पेश किया गया. जहां से उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है. पार्थ चटर्जी की जमानत याचिका का ईडी ने विरोध किया.
इससे पहले दो बार दोनों की ज्यूडिशियल कस्टडी बढ़ाई जा चुकी है. गौरतलब है कि, इससे पहले कोलकाता की एक विशेष अदालत ने पार्थ चटर्जी और उनकी करीबी अर्पिता मुखर्जी की प्रवर्तन निदेशालय (ED) के हिरासत की अवधि को दो दिन और बढ़ा दिया था.
चटर्जी और मुखर्जी 23 जुलाई को पश्चिम बंगाल सरकार की और से प्रायोजित और सहायता प्राप्त स्कूलों के लिए स्कूल सेवा आयोग (SSC) द्वारा की गई अवैध भर्तियों में मनी ट्रेल की जांच के सिलसिले में ईडी की हिरासत में हैं.
PMLA के तहत आरोप
ईडी ने दावा किया है कि उसने मुखर्जी के स्वामित्व वाले अपार्टमेंट से 49.80 करोड़ रुपये नकद, आभूषण और गोल्ड बार बरामद की हैं. इन दोनों पर प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत आरोप हैं.
कल ईडी की एक टीम ने शहर के दक्षिणी हिस्से में स्थित प्रेसीडेंसी सुधार गृह का दौरा किया और इस घोटाले की जांच के सिलसिले में चटर्जी से पूछताछ की.
इस महीने की शुरुआत में अर्पिता मुखर्जी के वकील ने दावा किया कि जेल में उनकी जान को खतरा है और उन्होंने अदालत से उन्हें डिवीजन 1 कैदी श्रेणी में रखने का अनुरोध किया.
ईडी के वकील फिरोज एडुल्जी ने अर्पिता के वकील की जान को खतरा होने की दलील से सहमति जताई और आगे कहा कि उन्हें सामान्य रूप से चार से अधिक कैदियों के साथ नहीं रखा जाना चाहिए. जबकि पार्थ चटर्जी के वकील ने जमानत की गुहार लगाई थी.
करोड़ों रुपये के घोटाले में नाम सामने आने के बाद चटर्जी को बंगाल कैबिनेट से हटा दिया गया है. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ब्रत्य बसु को राज्य का नया शिक्षा मंत्री बनाया है.