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शिक्षा घोटाले में जेल की सजा काट रहे पार्थ चटर्जी को टीएमसी ने पूरी तरह किनारे कर दिया है. अभी तक तो सिर्फ उनसे मंत्री पद छिना था, अब पार्टी सार्वजनिक मंचों से उनकी आलोचना कर रही है. इस समय टीएमसी नेता प्रबीर साहा का एक बयान सुर्खियों में आ गया है. उस बयान में प्रबीर ने पार्थ चटर्जी को एक कैंसर बता दिया गया है. कहा गया है कि जैसे कैंसर होने पर शरीर का वो अंग काटना पड़ जाता है, वैसे ही पार्थ चटर्जी को भी अलग-थलग कर दिया गया है.
पार्थ चटर्जी कैंसर थे- टीएमसी नेता
वायरल वीडियो में टीएमसी नेता कह रहे हैं कि पार्थ चटर्जी एक कैंसर थे, इसलिए उन्हें अलग कर दिया गया. जब भी किसी को कैंसर होता है, तो उस अंग को ही शरीर से अलग करना पड़ता है. पार्थ भी भ्रष्टाचार में लिप्त थे, इसलिए पार्टी ने उनसे किनारा कर लिया. अब टीएमसी नेता की तरफ से इस तरह का बयान आना साफ दिखाता है कि अब पार्थ चटर्जी को कही से भी किसी तरह का समर्थन नहीं मिलने वाला है.
अब तक जांच कहां तक पहुंची?
वैसे इसके संकेत तो मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने तब दिए थे जब पार्थ से उनका मंत्रि पद छीन लिया गया. बाद में उन्हें सस्पेंड भी कर दिया गया था, ऐसे में पार्टी ने पहले ही खुद को इस विवाद से दूर करने का प्रयास किया था. ये अलग बात रही कि पार्थ ने खुद को निर्दोष बताया, यहां तक कहा कि उनका अर्पिता मुखर्जी से कोई लेना देना नहीं है. लेकिन ईडी रेड के दौरान अर्पिता के घर से जितना कैश बरामद हुआ, उसने पूर्व मंत्री की मुसीबत बढ़ा दी. बाद में अर्पिता ने भी स्वीकार कर लिया कि बरामद किया गया पैसा पार्थ का ही है. इस समय दोनों पार्थ और अर्पिता जेल में सजा काट रहे हैं.
जेल में ही रहने वाले हैं पार्थ
गुरुवार को दोनों पार्थ और अर्पिता को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया. इससे पहले दो बार दोनों की ज्यूडिशियल कस्टडी बढ़ाई जा चुकी है. वैसे भी जांच के दौरान जिस तरह के सबूत सामने आ रहे हैं, उससे आगे की राह भी इन दोनों के लिए आसान होती नहीं दिख रही.