
पश्चिम बंगाल के चर्चित शिक्षा भर्ती घोटाला मामले में ममता बनर्जी की सरकार में मंत्री पार्थ चटर्जी को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गिरफ्तार कर लिया है. ईडी की टीम पश्चिम बंगाल के शिक्षा मंत्री रह चुके पार्थ चटर्जी के कोलकाता स्थित आवास पर एक दिन पहले से ही छापेमारी कर रही थी. ईडी ने अब पार्थ चटर्जी को गिरफ्तार कर लिया है.
बताया जाता है कि पश्चिम बंगाल में स्कूल सर्विस कमीशन यानी एसएससी के जरिये जब शिक्षा विभाग की भर्तियों में अनियमितता का मामला सामने आया था, तब पार्थ चटर्जी ही सूबे की सरकार में शिक्षा मंत्री थे. पार्थ चटर्जी की गिनती मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के करीबियों में होती है. वे इस समय पश्चिम बंगाल सरकार में वाणिज्य और उद्योग विभाग के मंत्री हैं.
ममता कैबिनेट के हैवीवेट मंत्री पार्थ चटर्जी के पास संसदीय कार्य विभाग का प्रभार भी है. पार्थ साल 2014 से 2021 तक शिक्षा मंत्री रहे थे. पार्थ चटर्जी की गिनती तृणमूल कांग्रेस के कद्दावर नेताओं में होती है. पार्थ चटर्जी पश्चिम बंगाल तृणमूल कांग्रस के महासचिव भी हैं. पार्थ चटर्जी तृणमूल कांग्रेस के टिकट पर साल 2001 में पहली बार विधानसभा के लिए निर्वाचित हुए थे.
2001 में पहली बार विधायक निर्वाचित हुए पार्थ
दक्षिण कोलकाता विधानसभा सीट से साल 2001 में पहली बार विधायक निर्वाचित हुए पार्थ चटर्जी ने इसके बाद पीछे मुड़कर नहीं देखा. पाथ चटर्जी साल 2001 के बाद 2006, 2011, 2016 और 2021 में भी पश्चिम बंगाल विधानसभा के लिए चुने गए. पार्थ चटर्जी टीएमसी के उन चुनिंदा नेताओं में गिने जाते हैं, जिन पर मुख्यमंत्री और टीएमसी की प्रमुख ममता बनर्जी अधिक भरोसा करती हैं.
विधानसभा में विपक्ष के नेता रहे हैं पार्थ
तृणमूल कांग्रेस साल 2011 के विधानसभा चुनाव में वाम दलों का किला ध्वस्त कर सत्ता में आई थी. पार्थ चटर्जी पर ममता बनर्जी के भरोसे का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि टीएमसी के सत्ता में आने से पहले पार्थ चटर्जी विधानसभा में विपक्ष के नेता भी रहे हैं. पार्थ चटर्जी विधायक के रूप में अपने दूसरे कार्यकाल के दौरान साल 2006 से 2011 तक विधानसभा में विपक्ष के नेता रहे थे. ममता की सरकार में पार्थ को वाणिज्य और उद्योग, सार्वजनिक उद्यम, सूचना प्रौद्योगिकी के साथ संसदीय मामले विभाग का मंत्री बनाया गया था.
ममता सरकार 2.0 में रहे शिक्षा मंत्री
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व में साल 2016 का विधानसभा चुनाव जीतकर जब तृणमूल कांग्रेस ने लगातार दूसरी बार सरकार बनाई, पार्थ चटर्जी को भी मंत्री बनाया गया. पार्थ चटर्जी को उच्च शिक्षा और स्कूल शिक्षा विभाग की जिम्मेदारी दी गई थी. पार्थ चटर्जी के शिक्षा मंत्री रहते ही पश्चिम बंगाल स्कूल सर्विस कमीशन के जरिये भर्ती हुई थी जिसमें अनियमितता के आरोप की जांच केंद्रीय एजेंसियां कर रही हैं.
HR प्रोफेशनल के तौर पर कर चुके हैं नौकरी
6 अक्टूबर 1952 को पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में जन्में पार्थ चटर्जी ने नरेंद्रपुर के रामकृष्ण मिशन स्कूल से प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त की थी. पार्थ चटर्जी ने आशुतोष कॉलेज से अर्थशास्त्र की पढ़ाई करने के बाद कलकत्ता विश्वविद्यालय से एमबीए की डिग्री ली. कलकत्ता यूनिवर्सिटी से एमबीए की पढ़ाई करने के बाद उन्होंने एक कंपनी में एचआर मैनेजर के तौर पर नौकरी भी की.