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CBI के फंदे में फंसे नेताओं में से 80% विपक्ष के, UPA और NDA का ऐसा रहा है ट्रैक रिकॉर्ड!

एक रिपोर्ट के मुताबिक, कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार के 10 साल (2004-2014) में करीब 72 नेता सीबीआई के रडार पर आए. इनमें से 60% यानी 43 विपक्ष के थे. जबकि बीजेपी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार के 8 सालों में 124 नेताओं पर सीबीआई ने कार्रवाई की. इनमें से 95% यानी 118 नेता विपक्ष के हैं.

फाइल फोटो- पीटीआई फाइल फोटो- पीटीआई
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 20 सितंबर 2022,
  • अपडेटेड 11:27 AM IST

सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (CBI) ने पिछले 18 साल में (यूपीए और एनडीए की सरकार में) करीब 200 प्रमुख नेताओं के खिलाफ मामले दर्ज किए, गिरफ्तारियां कीं, छापे मारे या फिर पूछताछ की. इनमें से 80% से ज्यादा विपक्षी पार्टियों के नेता रहे. द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, आधिकारिक दस्तावेजों, एजेंसी के बयानों और रिपोर्टों की जांच से पता चलता है कि 2014 में एनडीए के सत्ता में आने के बाद से ये ट्रेंड तेजी से बढ़ा है. 

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रिपोर्ट के मुताबिक, कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार के 10 साल (2004-2014) में करीब 72 नेता सीबीआई के रडार पर आए. इनमें से 60% यानी 43 विपक्ष के थे. जबकि बीजेपी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार के 8 सालों में 124 नेताओं पर सीबीआई ने कार्रवाई की. इनमें से 95% यानी 118 नेता विपक्ष के हैं. 

एनडीए की सरकार में: विपक्ष के कितने नेता आए सीबीआई के निशाने पर

सीबीआई ने जिन नेताओं पर कार्रवाई की, उनमें एक सीएम, 12 पूर्व सीएम, 10 मंत्री, 34 सांसद, 27 विधायक, 10 पूर्व विधायक और 6 पूर्व विधायक हैं. सीबीआई ने इनमें से 22 को गिरफ्तार किया है. 43 के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है. जबकि 1 को दोषी पाया है. 

यूपीए की सरकार में विपक्ष के कितने नेता आए सीबीआई के निशाने पर?

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वहीं, यूपीए सरकार की बात करें, तो तब सीबीआई ने चार पूर्व सीएम, 2 मंत्री, 13 सांसद, 15 विधायक, 1 पूर्व विधायक और तीन पूर्व सांसदों पर सीबीआई ने कार्रवाई की थी. इनमें से 12 नेताओं को गिरफ्तार किया गया था. वहीं, 30 के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की. जबकि 6 को दोषी पाया गया था. वहीं, 7 को बरी कर दिया गया था. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, जब इस बारे में सीबीआई से पूछा गया, तो कोई जवाब नहीं मिला. 

2004 से 2022 तक : एक नजर में फैक्ट्स

- यूपीए के शासन में 2G स्पेक्ट्रम, कॉमनवेल्थ और कोयला आवंटन केस जैसे मामलों में सीबीआई ने 72 नेताओं के खिलाफ मामला दर्ज किया था. इनमें 29 नेता कांग्रेस या डीएमके जैसे उसके सहयोगियों के थे. 

- वहीं, एनडीए की सरकार में सिर्फ 6 बीजेपी नेता सीबीआई जांच का सामना कर रहे हैं. 

- यूपीए की सरकार में 43 विपक्षी नेताओं में से सबसे ज्यादा 12 बीजेपी के थे, जिनसें पूछताछ की गई, रेड डाली गई या फिर अरेस्ट किया गया. इसमें गुजरात के तत्कालीन गृह मंत्री अमित साह भी शामिल थे. जिन्हें सोहराबुद्दीन शेख एनकाउंट मामले में गिरफ्तार किया गया था. 

इसके अलावा कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा, पूर्व रक्षा मंत्री जॉर्ज फर्नांडिस, जनार्दन रेड्डी के खिलाफ भी सीबीआई ने जांच की थी. सीबीआई ने प्रमोद महाजन की मौत के बाद भी उनके खिलाफ जांच जारी रखी थी. 

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- एनडीए की सरकार में सीबीआई 118 विपक्षी नेताओं के खिलाफ जांच कर रही है. इनमें से सबसे ज्यादा 30 टीएमसी के हैं. इसके अलावा कांग्रेस के 26 नेता शामिल हैं. इसके अलावा सीबीआई ने सोनिया गांधी, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, एमपी के पूर्व सीएम कमलनाथ, पंजाब के पूर्व सीएम अमरिंदर सिंह के करीबियों के खिलाफ भी जांच की. 

- टीएमसी और कांग्रेस के अलावा सीबीआई आरजेडी और बीजद के 10-10 नेताओं के खिलाफ जांच कर रही है. आरजेडी बिहार में और बीजद ओडिशा में सत्ता में है. 

- एनडीए सरकार में टीएमसी के 30, कांग्रेस के 26, आरजेडी के 10, बीजद के 10, वाईएसआर के 6, बसपा के 5, टीडीपी के 5, आप के 4, सपा के 4, एआईएडीएमके के 4, सीपीएम के 4, एनसीपी के 3, एनसी के 2, डीएमके के 2, पीडीपी के 1 , टीआरएस के 1 और 1 निर्दलीय नेता के खिलाफ मामलों में जांच कर रही है. 

 

 

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