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मोबाइल में है पोर्न वीडियो, या करते हैं शेयर? मुश्किल में फंस सकते हैं आप

पटना रेलवे स्टेशन पर रविवार को टीवी स्क्रीन पर पोर्न वीडियो चल गई. इसके बाद कॉन्ट्रैक्टर के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है. ऐसे में जानना जरूरी है कि क्या भारत में पोर्न देखना गैरकानूनी है? अगर आप अपने मोबाइल में पोर्न वीडियो रखते हैं या उसे किसी से शेयर करते हैं तो कितनी बड़ी मुश्किल में फंस सकते हैं?

पर्सनल स्पेस में पोर्न देखना गैरकानूनी नहीं है. (प्रतीकात्मक तस्वीर) पर्सनल स्पेस में पोर्न देखना गैरकानूनी नहीं है. (प्रतीकात्मक तस्वीर)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 21 मार्च 2023,
  • अपडेटेड 12:41 PM IST

क्या हो कि आप रेलवे स्टेशन पर खड़े हों और उसी समय वहां लगी टीवी स्क्रीन पर पोर्न वीडियो चल जाए. तो क्या होगा? आप तो हैरान हो जाएंगे. कुछ ऐसा ही पटना रेलवे स्टेशन पर रविवार को हुआ. इसके बाद कॉन्ट्रैक्टर को हटा दिया गया है और उसके खिलाफ केस भी दर्ज कर लिया गया है.

इस घटना की पुष्टि करते हुए रेलवे अधिकारी ने न्यूज एजेंसी को बताया कि जिस निजी ऑपरेटर को कॉन्ट्रैक्ट दिया गया था, उसे 'ब्लैकलिस्ट' कर दिया गया है और उसके खिलाफ आरपीएफ और जीआरपी ने अलग-अलग केस दर्ज कर लिया है.

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पूर्वी मध्य रेलवे के चीफ पीआर ऑफिसर वीरेंद्र कुमार ने बताया कि इस चूक को गंभीरता से लिया गया है. कॉन्ट्रैक्टर के सभी टेंडर को खत्म कर दिया है और उसे ब्लैकलिस्ट भी कर दिया गया है और आगे उसे अब कोई कॉन्ट्रैक्ट नहीं दिया जाएगा. 

उन्होंने बताया कि ऑपरेटर ने जो टीवी स्क्रीन लगाई थीं, उन सभी को डिसकनेक्ट कर दिया गया है. इस मामले में आरपीएफ और जीआरपी ने अलग-अलग एफआईआर दर्ज की हैं. 

ऐसे में जानना जरूरी है कि भारत में पोर्न देखना गैरकानूनी है या नहीं? और मोबाइल पर पोर्न मिलने और दूसरों से शेयर करने पर क्या सजा हो सकती है?

क्या पोर्न देखना गैरकानूनी है?

- 2015 में सुप्रीम कोर्ट ने एक फैसले में साफ कर दिया था कि निजी या प्राइवेट स्पेस में पोर्न देखना गलत नहीं है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि निजी कमरे में पोर्न देखना व्यक्तिग स्वतंत्रता के अधिकार के अंतर्गत आ सकता है.

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- इसलिए जब तक आप अपने निजी स्थान पर पोर्न देख रहे हैं तो ये पूरी तरह से कानूनी है. हालांकि, कोर्ट ने ये भी कहा था कि चाइल्ड पोर्नोग्राफी या महिलाओं के खिलाफ बलात्कार या हिंसा से जुड़े अश्लील कंटेंट को देखना या इकट्ठा करना अपराध के दायरे में आता है.

- कुल मिलाकर अगर आप प्राइवेट स्पेस या अकेले में पोर्न देख रहे हैं तो ये पूरी तरह से वैध और कानूनी है. लेकिन अगर आप पब्लिक स्पेस में पोर्न देख रहे हैं तो ये अश्लीलता की श्रेणी में आता है और इसे अपराध माना गया है.

पोर्नोग्राफी पर क्या है कानून?

- भारत में निजी स्पेस में पोर्न देखना भले ही कानूनी हो, लेकिन अश्लील वीडियो या फोटो देखने, डाउनलोड कर मोबाइल में रखना और वायरल करना अपराध है.

- ऐसा करने पर इन्फोर्मेशन टेक्नोलॉजी यानी आईटी एक्ट की धारा 67, 67A, 67B के तहत जेल और जुर्माने की सजा हो सकती है.

- धारा 67 के तहत, पोर्न कंटेंट देखने, डाउनलोड करने और वायरल करने पर पहली बार 3 साल की जेल और 5 लाख रुपये के जुर्माने की सजा है. दूसरी बार पकड़े जाने पर 5 साल की कैद और 10 लाख रुपये के जुर्माने की सजा हो सकती है.

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- धारा 67A के तहत, मोबाइल में पोर्न कंटेंट रखने और वायरल करने पर पहली बार पकड़े जाने पर 5 साल की जेल और 10 लाख रुपये के जुर्माने की सजा हो सकती है. दूसरी बार पकड़े जाने पर 7 साल की जेल और 10 लाख रुपये के जुर्माने की सजा का प्रावधान है.

- वहीं, धारा 67B कहती है कि अगर किसी के मोबाइल में चाइल्ड पोर्नोग्राफी से जुड़ा वीडियो या फोटो मिलता है तो पहली बार पकड़े जाने पर 5 साल जेल और 10 लाख के जुर्माने की सजा होगी. दूसरी बार पकड़े जाने पर 7 साल जेल और 10 लाख रुपये का जुर्माना चुकाना होगा.

आईपीसी में भी है सजा का प्रावधान

- पोर्नोग्राफी या अश्लीलता को लेकर इंडियन पीनल कोड (आईपीसी) में भी सजा का प्रावधान है. आईपीसी की धारा 292 और 293 में इसके लिए सजा का प्रावधान किया गया है.

- धारा 292 के तहत, अश्लील वस्तुओं को बेचने, बांटने, प्रदर्शित करने या प्रसारित करना अपराध है. ऐसा करते हुए पहली बार पकड़े जाने पर 2 साल तक की जेल और 2 हजार तक का जुर्माना लग सकता है. दूसरी बार पकड़े जाने पर 5 साल तक जेल और 5 हजार रुपये का जुर्माना लगाया जा सकता है.

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- जबकि धारा 293 के तहत, 20 साल से कम उम्र के व्यक्ति को अश्लील वस्तु दिखाना, बेचना, किराये पर देना या बांटना अपराध है. ऐसा करने पर पहली बार दोषी पाए जाने पर 3 साल तक की जेल और 2 हजार रुपये की सजा का प्रावधान है. दूसरी बार दोषी पाए जाने पर 7 साल तक की जेल और 5 हजार रुपये के जुर्माने की सजा हो सकती है.

चाइल्ड पोर्नोग्राफी पर सख्त है कानून

- प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रन फ्रॉम सेक्सुअल ऑफेंस (POCSO) एक्ट में चाइल्ड पोर्नोग्राफी को लेकर सख्त सजा का प्रावधान है.

- इस कानून की धारा 14 में प्रावधान है कि अगर कोई व्यक्ति बच्चे या बच्चों को अश्लील कंटेंट के लिए इस्तेमाल करता है तो उसे उम्रकैद तक की सजा हो सकती है. साथ ही जुर्माना भी लगाया जा सकता है.

- वहीं, पॉक्सो एक्ट की धारा 15 कहती है कि अगर कोई व्यक्ति चाइल्ड पोर्नोग्राफी से जुड़ा कंटेंट अपने पास रखता है तो उसे तीन साल तक की जेल या जुर्माना या दोनों की सजा हो सकती है.

 

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