
केंद्र सरकार ने गुरुवार को कोल इंडिया और बिजली उत्पादक कंपनियों की लगातार बढ़ रही बकाया राशि और देरी से भुगतान करने को लेकर राज्य सरकारों को नसीहत दी. इस संबंध में केंद्र सरकार की ओर से ऊर्चा सचिव आलोक कुमार ने छह राज्य सरकारों को पत्र भी भेजा है.ऊर्जा सचिव ने जिन राज्यों को पत्र भेजा हैं उनमें उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, मध्य प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, महाराष्ट्र और राजस्थान शामिल हैं.
पत्र में ऊर्चा सचिव ने राज्यों के मुख्य सचिवों को कहा कि वे बिजली कंपनियों और कोल कंपनियों के बकाया भुगतान सुनिश्चित करें. उन्होंने कहा कि ऐसा न होने पर उनके राज्यों में बिजली की आपूर्ति पर गंभीर प्रतिकूल असर पड़ सकता है. उन्होंने कहा कि बकाए का भुगतान न होने से न केवल बिजली उत्पादन में आपूर्ति संबंधी समस्या आ रही है बल्कि इससे इस क्षेत्र में नए निवेश पर भी असर पड़ रहा है.
तमिलनाडु पर है सबसे ज्यादा बकाया
- उत्तर प्रदेश पर बिजली कंपनियों का 9,372.49 करोड़ रुपये और कोल इंडिया का 319.82 करोड़ रुपये बकाया है.
- तमिलनाडु पर कंपनियों का 20,842.53 करोड़ रुपये और कोल इंडिया का 729.60 करोड़ रुपये बकाया है.
- महाराष्ट्र पर कंपनियों का 18,014.54 करोड़ रुपये और कोल इंडिया का 2573.19 करोड़ रुपये बकाया है.
- राजस्थान पर कंपनियों का 11,176.38 करोड़ रुपये और कोल इंडिया का 307.86 करोड़ रुपये बकाया है.
- मध्य प्रदेश पर कंपनियों का 5,030.19 करोड़ रुपये और कोल इंडिया का 256.04 करोड़ रुपये बकाया है.
- जम्मू-कश्मीर पर बिजली कंपनियों को 7,275.12 करोड़ रुपया बकाया है.
दिल्ली में बढ़ती जा रही बिजली की मांग
दिल्ली में तापमान के साथ बिजली की मांग भी हर रोज नया रिकॉर्ड बना रही है. 15 मई की रात बिजली की मांग 6732 मेगावाट तक पहुंच गई. बिजली की यह मांग इस साल मई के महीने में अब तक की सबसे अधिक डिमांड है. बिजली विभाग के मुताबिक इससे पहले दिल्ली में सबसे अधिक पीक पावर डिमांड 6572 मेगावाट दर्ज किया गया था. ये पीक पावर डिमांड 11 मई को रिकॉर्ड किया गया था. इससे पहले हाई पीक पावर डिमांड तीन साल पहले यानी 2019 में 7409 मेगावाट तक पहुंच गई थी.