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कर्नाटक: बेंगलुरु में किसने लगाए PayCM के पोस्टर्स? सीएम बसवराज बोम्मई नाराज, FIR भी दर्ज

कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में PayCM के पोस्टर्स लगे. इसपर विवाद होने के बाद इनको हटा दिया गया. पोस्टर्स पर बात करते हुए सीएम बसवराज बोम्मई ने कहा कि इन पोस्टर्स के पीछे कौन हैं इसका जल्द पता लगाया जाएगा. मामले में FIR दर्ज हो गई है.

बेंगलुरु में लगे PayCM के पोस्टर्स को बाद में पुलिस ने हटा दिया (स्क्रीनग्रैब) बेंगलुरु में लगे PayCM के पोस्टर्स को बाद में पुलिस ने हटा दिया (स्क्रीनग्रैब)
नागार्जुन
  • बेंगलुरु,
  • 21 सितंबर 2022,
  • अपडेटेड 9:47 PM IST

कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में बुधवार को लगे कुछ पोस्टर्स पर बवाल हो गया. इन पोस्टर्स में कर्नाटक के सीएम बसवराज बोम्मई की फोटो लगाकर उनपर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए थे. पोस्टर पर ऊपर PayCm लिखा था, नीचे एक क्यूआर कोड था. इस पोस्टर के जरिए आरोप लगाया गया कि बसवराज बोम्मई सरकार कॉन्ट्रैक्ट के बदले 40 फीसदी कमीशन लेती है. इन पोस्टर्स के कर्नाटक में लगने के बाद राज्य सरकार एक्शन में आई. अब अज्ञात लोगों के खिलाफ FIR दर्ज कर ली गई है. वहीं कर्नाटक सीएम इन पोस्टर्स पर नाराज है और उन्होंने इसे संगठित साजिश बताया है.

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सीएम बसवराज बोम्मई ने कहा कि यह एक संगठित साजिश है, जिसमें कर्नाटक और मुझे बदनाम करने की साजिश रची गई. मैंने इस मामले में केस रजिस्टर करने को कहा है. इस साजिश के पीछे कौन है इसकी जांच की जाएगी. ऐसा करके राज्य की छवि को खराब किया गया. अब इस मामले में अज्ञात लोगों के खिलाफ FIR भी दर्ज हो गई है.

सीएम बोम्मई ने आगे कहा कि सोशल मीडिया के जरिए शुरू हुआ यह कैंपेन बिल्कुल फर्जी है. लोगों को भी पता है कि इस कैंपेन को कौन चला रहा है.

पोस्टर्स में क्या था?

लगाए गए पोस्टर्स में बसवराज बोम्मई की तस्वीर लगी हुई थी. इसपर लिखा था कि यहां 40 फीसदी लिया जाता है. इसके साथ एक क्यूार कोड लगा था. इसपर स्कैन करने पर एक वेबसाइट का पेज खुलता था. इसे कांग्रेस ने घूस लेन-देन से जुड़ी शिकायत दर्ज करने के लिए शुरू किया था.

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पोस्टर्स ऐसे वक्त में सामने आए हैं जब कांग्रेस मौजूदा सरकार को भ्रष्टाचार के मुद्दे पर घेर रही है. कांग्रेस का दावा है कि सरकारी कॉन्ट्रैक्ट के बदले लोगों से कमीशन ली जा रही थी. कॉन्ट्रेक्टर्स के एक समूह ने पिछले दिनों यह शिकायत भी की थी. दावा था कि सरकारी कॉन्ट्रैक्ट लेने के लिए उनको 40 फीसदी तक कमीशन देना पड़ता है. इन आरोपों को सरकार ने नकार दिया था.

 

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