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'जिन लोगों को मैसेज देने का मकसद था, उम्मीद है उन्हें मिल गया होगा', उरी-पुलवामा हमले को लेकर बोले विदेश मंत्री जयशंकर

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि पुलवामा और उरी हमले के बाद भारत की प्रतिक्रिया सख्त थी. विदेश मंत्री ने कहा कि इसका उद्देश्य साफ था कि इस तरह की हरकत बर्दाश्त नहीं की जाएगी और इसकी कीमत चुकानी होगी.

विदेश मंत्री एस जयशंकर विदेश मंत्री एस जयशंकर
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 23 मई 2024,
  • अपडेटेड 7:52 AM IST

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बुधवार को नई दिल्ली में 'विकसित भारत@2047' विषय पर आयोजित चर्चा में भाग लेते हुए 26/11 के आतंकवादी हमले और उरी तथा पुलवामा में हुए आतंकी हमलों के बाद भारत की प्रतिक्रिया की तुलना की. विदेश मंत्री ने कहा कि उरी और पुलवामा आतंकवादी हमलों पर भारत द्वारा दिए गए जवाब ने इसके जिम्मेदार लोगों को “स्पष्ट संदेश” दे दिया कि वे अब “सुरक्षित” नहीं हैं, भले ही वे  सीमा पार कर गए हों.

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पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (पीएचडीसीसीआई) द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा, 'मुंबई में 26/11 पर हमारी प्रतिक्रिया को देखें और उरी और बालाकोट पर हमारी प्रतिक्रिया को देखें तो चीजें साफ हो जाएंगी. मुझे लगता है कि इससे अधिक स्पष्ट तरीके से और कोई नहीं बता सकता ये आप भी जानते हैं. आज भी सशस्त्र बल वही हैं, नौकरशाही भी वही है, खुफिया जानकारी वही भी है.'

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26/11 के बाद नहीं गई कड़ी प्रतिक्रिया

जयशंकर ने कहा कि उरी और पुलवामा हमलों के बाद भारत की प्रतिक्रिया ने एक "स्पष्ट, सीधा संदेश" भेजा और जिन लोगों को यह संदेश दिया गया था उम्मीद है कि उन्हें यह मिल गया होगा. विदेश मंत्री ने कहा,  "26/11 जैसी बड़ी घटना हमारी ओर से कड़ी प्रतिक्रिया के बिना हुई और इससे कई मायनों में सामने वाले को यह संदेश गया कि इस देश पर हमला किया जा सकता है.

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सर्जिकल और एयर स्ट्राइक से गया सीधा मैसेज

बालाकोट का जिक्र करते हुए विदेश मंत्री ने कहा, 'अगर कुछ भी हरकत करते हैं तो इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी और यह मत सोचिए कि आपने कुछ किया है और उस तरफ भाग गए कि आप वहां सुरक्षित हैं.आप वहां सुरक्षित नहीं होंगे. आप नियंत्रण रेखा या अंतरराष्ट्रीय सीमाओं के पार भी सुरक्षित नहीं बचेंगे.  इसलिए वहां एक स्पष्ट, सीधा संदेश था और मुझे लगता है कि जिन लोगों को वह संदेश भेजने का इरादा था, उम्मीद है उन्हें यह मिल गया होगा.'

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मुंबई हमले में मारे गए थे 166 से अधिक लोग

आपको बता दें कि पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा के भारी हथियारों से लैस आतंकवादियों के एक समूह ने 26 नवंबर, 2008 को मुंबई की सड़कों पर कत्लेआम मचाया और शहर के कई प्रमुख सार्वजनिक प्रतिष्ठानों पर निहत्थे नागरिकों पर गोलियां बरसाईं. हमलों में विदेशियों सहित 166 से अधिक लोग मारे गए और 300 से अधिक घायल हो गए.

भारत ने 2016 में उरी, कश्मीर में एक सैन्य अड्डे पर हमले के जवाब में पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू कश्मीर (पीओके) में आतंकी शिविरों के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक की थी. 2019 में, पुलवामा में हुए आतंकी हमले में 40 से अधिक भारतीय सीआरपीएफ शहीद हो गए थे. इसके जवाब में भारतीय वायुसेना ने बालाकोट में पाकिस्तानी आतंकी कैंपों पर एयर स्ट्राइक की थी.

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