
पंजाब के संगरूर में बीती रात एक घटना ने सनसनी फैला दी, जहां गंजेपन का इलाज कराने आए सैकड़ों लोगों की आंखों में गंभीर संक्रमण हो गया. काली देवी मंदिर में आयोजित एक कैंप में लगाई गई दवा के रिएक्शन से पीड़ित मरीजों की संख्या सिविल अस्पताल में 65 से पार हो गई है. सोशल मीडिया पर प्रचारित इस कैंप के बाद लोग बड़ी संख्या में पहुंचे, लेकिन दवा के इस्तेमाल से आंखों में जलन, सूजन और संक्रमण की शिकायतें शुरू हो गईं. अब पुलिस और स्वास्थ्य विभाग मामले की जांच में जुट गए हैं.
दरअसल, संगरूर के काली देवी मंदिर में गंजेपन को दूर करने के लिए आयोजित कैंप में सैकड़ों लोग शामिल हुए. सोशल मीडिया पर इस कैंप का लंबे समय से प्रचार किया गया था, जिसमें दावा किया गया कि एक खास दवा गंजेपन का इलाज कर सकती है. मरीजों ने बताया कि दवा लगाने के बाद कुछ समय में उनकी आंखों में जलन शुरू हो गई, जो धीरे-धीरे बढ़ती गई और सूजन की समस्या भी हुई. रात में हालत बिगड़ने पर कई लोग सिविल अस्पताल पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने उनका इलाज शुरू किया.
मरीजों की हालत और गिनती
सिविल सर्जन संजय कामरा ने मीडिया से बातचीत में बताया, "हमें जानकारी मिली है कि सिविल अस्पताल में आंखों की जलन और संक्रमण के मरीजों की संख्या 65 से अधिक हो गई है. सभी मरीजों में सूजन और जलन की शिकायत है, जो संभवतः कैंप में लगाई गई दवा के कारण हुई है." उन्होंने कहा कि कुछ मरीज प्राइवेट अस्पतालों में भी इलाज करा रहे हैं, जिससे कुल संख्या बढ़ने की आशंका है.
पीड़ितों की आपबीती
एक पीड़ित मरीज ने कहा, हमने सोशल मीडिया पर सुना था कि इस व्यक्ति की दवा से गंजेपन का इलाज हो जाता है. कल काली देवी मंदिर में दवा लगवाई, लेकिन कुछ देर बाद आंखों में जलन शुरू हो गई. सूजन भी बढ़ गई थी, जिसके बाद हमें सिविल अस्पताल आना पड़ा. अब दवा लेकर राहत मिल रही है. कई अन्य मरीजों ने भी इसी तरह की शिकायत दर्ज की, और अस्पताल में इसी समस्या से पीड़ित मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है.
पुलिस और प्रशासन की कार्रवाई
इस मामले में एसएमएस संगरूर ने संगरूर पुलिस को नोटिस भेजा है. डीएसपी सुनाम संजीव गोयल ने कहा, "हमें इस घटना की जानकारी मिली है. पुलिस इस पूरे मामले की जांच कर रही है. कैंप आयोजकों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी, क्योंकि बिना अनुमति के ऐसा आयोजन करना गंभीर मामला है." उन्होंने बताया कि जांच के बाद दोषियों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे.
सिविल सर्जन का बयान
सिविल सर्जन संजय कामरा ने आगे कहा, "हमने मरीजों का इलाज शुरू कर दिया है. यह संभव है कि कैंप में इस्तेमाल की गई दवा में कोई खराबी रही हो, जिससे संक्रमण हुआ. हम इसकी जांच करा रहे हैं, और पुलिस को सूचित कर दिया गया है. मरीजों को सही इलाज मिल रहा है."
DSP का रुख
डीएसपी संजीव गोयल ने कहा, "हमारे पास एसएमएस संगरूर से नोटिस आया है. हम जांच कर रहे हैं कि कैंप का आयोजन कैसे और किसके द्वारा किया गया. दोषी पाए जाने पर कड़ी कार्रवाई होगी. लोगों से अपील है कि वे इस तरह के गैर-प्रमाणित कैंपों से बचें."