Advertisement

मस्जिद के ट्रस्ट में सरकारी नुमाइंदगी भी हो, सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई याचिका

अर्जी में कहा गया है कि पर्सनल लॉ बोर्ड के पदाधिकारियों की हालिया बयानबाजी को देखते हुए ये उचित होगा कि चाहे सदस्य मुस्लिम ही हो, लेकिन वो सरकारी नुमाइंदे के तौर पर ट्रस्ट में रहे.  

अयोध्या की तेरही बाजार मस्जिद (फोटो- PTI) अयोध्या की तेरही बाजार मस्जिद (फोटो- PTI)
संजय शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 25 अगस्त 2020,
  • अपडेटेड 11:39 PM IST
  • मस्जिद ट्रस्ट को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका
  • ट्रस्ट में सरकारी नुमाइंदगी की जगह के लिए अपील
  • नागा साधु करुणेश शुक्ला ने दायर की है याचिका

अयोध्या में मस्जिद के लिए बनाए गए ट्रस्ट में सरकारी नुमाइंदगी को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है. अर्जी में कहा गया है कि पर्सनल लॉ बोर्ड के पदाधिकारियों की हालिया बयानबाजी को देखते हुए ये उचित होगा कि चाहे सदस्य मुस्लिम ही हो, लेकिन वो सरकारी नुमाइंदे के तौर पर ट्रस्ट में रहे.  

यह याचिका अयोध्या में हनुमान गढ़ी के निर्वाणी अणी के नागा साधु करुणेश शुक्ला ने दायर की है. याचिका के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट के 9 नवंबर के फैसले और वक्फ एक्ट के मुताबिक भी सर्व धर्म समभाव यानी सेक्युलर कार्यों के लिए सरकार अपना प्रतिनिधित्व निश्चित कर सकती है. करुणेश शुक्ला के मुताबिक उन्होंने संवैधानिक और कानूनी प्रावधानों के आलोक में ही ये याचिका दाखिल की है. 

Advertisement

बता दें कि अयोध्या में मस्जिद निर्माण के लिए ट्रस्ट का गठन किया गया है. यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड संस्थापक ट्रस्टी बना है और इस ट्रस्ट में 15 सदस्य होंगे. मस्जिद निर्माण के लिए बनाए गए ट्रस्ट का नाम इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन होगा. ट्रस्ट में शामिल 9 सदस्यों के नामों का ऐलान कर दिया गया है. ज़ुफर फारूकी ट्रस्ट के अध्यक्ष होंगे. ट्रस्ट के सदस्य अतहर हुसैन इसके आधिकारिक प्रवक्ता होंगे.

मस्जिद निर्माण के लिए अयोध्या के धन्नीपुर गांव में आवंटित की गई 5 एकड़ जमीन पर मस्जिद, इंडो इस्लामिक रिसर्च सेंटर, लाइब्रेरी और अस्पताल का निर्माण कराया जाएगा. इसके लिए 'इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन' नाम से एक ट्रस्ट बनाया गया है.


 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement