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सिंघु-टिकरी बॉर्डर: ट्रैक्टर और मोबाइल के सामान की बिक्री बढ़ी तो किसी की फीकी पड़ी दुकान

दिल्ली सिंघु और टिकरी बॉर्डर पर किसानों के प्रदर्शन के बीच कारोबार पर बड़ा असर देखने को मिल रहा है. एक तरफ जहां ऑटोमोबाइल, मोबाइल फोन के साथ गर्म कपड़ों की बिक्री में इजाफा हुआ है तो वहीं दूसरे कारोबार को नुकसान का सामना करना पड़ा रहा है.

गरम कपड़े खरीदते किसान गरम कपड़े खरीदते किसान
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 18 दिसंबर 2020,
  • अपडेटेड 10:09 AM IST
  • ट्रैक्टर के कलपुर्जों की बिक्री बढ़ी गई है
  • सस्ते स्वेटर और जैकेट की मांग भी बढ़ी
  • लंगर के चलते चाय-नाश्ते की दुकान फीकी

दिल्ली सिंघु और टिकरी बॉर्डर पर किसानों के प्रदर्शन के बीच कारोबार पर बड़ा असर देखने को मिल रहा है. एक तरफ जहां ऑटोमोबाइल, मोबाइल फोन के साथ गर्म कपड़ों की बिक्री में इजाफा हुआ है तो वहीं दूसरे कारोबार को नुकसान का सामना करना पड़ा रहा है. 

जीटी करनाल हाइवे पर स्थित सिंघु बॉर्डर एक तरह से ऑटोमोबाइल पार्ट्स की दुकानों का हब है. इस इलाके में रेस्टोरेंट और पेट्रोल पंप भी खूब हैं. किसानों की नाकाबंदी के बाद से कई दुकानें बंद हो गई हैं, जबकि कुछ दुकानों में पिछले सप्ताह से काफी हलचल देखने को मिल रही है. 

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ऑटोमोबाइल पार्ट्स की दुकान चलाने वाले विवेक बताते हैं कि हजारों की संख्या में किसान अपने ट्रैक्टर और ट्रॉली से धरना प्रदर्शन में पहुंचे हैं. लिहाजा, पिछले दो सप्ताह से ट्रैक्टर के उपकरणों की बिक्री काफी बढ़ गई है. सिंघु बॉर्डर पर विवेक की दुकान पुलिस बैरिकेट से करीब 100 मीटर की दूरी पर स्थित है. अंग्रेजी के अखबार इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक विवेक ने बताया, 'रोजाना औसतन 15-20 कस्टमर्स आ रहे हैं. यह निश्चित रूप से बेहतर है क्योंकि कोरोना के चलते कामधंधा बिल्कुल ठप पड़ा हुआ था.'  

सिंधु बॉर्डर पर धरना स्थल पर कई अस्थायी दुकानें खुल गई हैं. गरम कपड़े बेचने वाले फिरोज बताते हैं, 'मैं आमतौर पर जहांगीरपुरी में एक दुकान लगाता हूं. लेकिन सोमवार को यहां आया था. सुबह से कुछ बिक्री हुई है. मैं सस्ती कीमत पर जैकेट और स्वेटर बेचता हूं. उनके (किसानों) पास ज्यादा पैसा नहीं है तो हम भी उन्हें अच्छा डिस्काउंट दे देते हैं.'

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किसान मोबाइल एक्सेसरीज की दुकानों पर भी जा रहे हैं. मोबाइल की दुकान करने वाले दीपक ने बताया, “स्क्रीन गार्ड और कवर सामान्य से अधिक बिक रहे हैं. कई किसानों के फोन में कुछ दिक्कत है तो हम उसे भी ठीक कर देते हैं.” 

वहीं सड़क पर जूस, फल, सब्जियां और मोमोज बेचने वाली दुकानों से पटी पड़ी है. हालांकि हर किसी की बिक्री नहीं हो पा रही है. चाय की दुकान चलाने वाले राजेश ने कहा: “हम सुने हैं कि लंगर काफी है. मैं जितनी चाय पहले बेच लेता था, अभी उतनी बिक्री नहीं हो पा रही है. ”

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इसी तरह रोहतक रोड टिकरी बॉर्डर पर मुख्य रूप से आस-पास के औद्योगिकी इलाकों में खानपान की कई दुकानें है जिनकी बिक्री कम हो गई है. रोहतक रोड पर एक जेनरेटर स्टोर चलाने वाले राजिंदर अग्रवाल का कहना है कि अभी उनका कामधंधा ठप है. उन्होंने कहा, “मैंने विरोध प्रदर्शन शुरू होने पर तीन दिनों के लिए अपनी दुकान बंद कर दी थी लेकिन 29 तारीख को फिर से खो रहा हूं. तब से मैंने कोई खास बिक्री नहीं की है. ”

हार्डवेयर की दुकान चलाने वाले राजेश कुमार ने बताया कि उनका कम चल रहा था. लेकिन उनकी अब जो थोड़ी बहुत बिक्री हो रही है वह प्रदर्शनकारी किसानों की वजह से हो रही है. उन्होंने कहा, "मेरे पास लगभग 40% व्यवसाय है, और यह भी किसानों को बिजली की वस्तुओं और नट और बोल्ट की बिक्री से है."

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