
मणिपुर 3 मई से हिंसा की चपेट में है. 19 जुलाई को मणिपुर में महिलाओं से दरिंदगी का घृणित वीडियो वायरल हुआ था. हालांकि ये वीडियो 4 मई का था. जिस मोबाइल फोन से यह वीडियो रिकॉर्ड किया गया था, वह बरामद हो गया है. इतना ही नहीं, पुलिस ने यह मोबाइल फोन सीबीआई को सौंप दिया है. एजेंसियों के मुताबिक ऐसी उम्मीद की जा रही है कि जिस फोन से यह घृणित वीडियो लीक किया गया था, उसकी जांच होने के बाद सिलसिलेवार घटनाओं का पता लगाया जा सकेगा. ये केस को सीबीआई को सौंपा जा रहा है. अब इस मामले की सुनवाई मणिपुर के बाहर असम में होगी.
वहीं, मणिपुर में सेना, CRPF और CAPF के 35000 अतिरिक्त सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं. सुरक्षाकर्मियों ने मैतेई बहुल घाटी इलाकों और कुकी बहुल पहाड़ी इलाकों के बीच एक बफर जोन बनाया है. भारत-म्यांमार बॉर्डर पर बाड़ लगाने का काम पूरा करने के लिए बड़े पैमाने पर प्रयास चल रहे हैं. अब तक मणिपुर-मिजोरम बॉर्डर पर 10 किलोमीटर के इलाके में कंटीले तार (फेंसिंग) लगाने का काम पूरा हो चुका है. अब कोशिश ये की जा रही है कि भारत-म्यांमार के पूरे बॉर्डर पर कंटीले तार लगाए जाएं. एजेंसियों को जल्द से जल्द बॉर्डर पर बाड़ लगाने का काम पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं.
मणिपुर में पिछले कई साल से भारत और म्यामांर के बॉर्डर में ये समझौता है कि दोनों देशों के लोग 40 किलोमीटर तक बे-रोकटोक आ सकते हैं. ऐसे में अगर म्यामांर से आकर भविष्य में हिंदुस्तान का अवैध नागरिक न बन जाए, इसके लिए सरकार निगेटिव बायोमीट्रिक स्कैन करेगी. इसके तहत जो भी आएगा, उसका बायोमीट्रिक स्कैन होगा. ये आधार के रिकॉर्ड से लिंक किया जाएगा, ताकि ऐसे लोग भारत के फर्जी नागरिक न बन जाएं. सरकार ने आदेश दिए हैं जल्द से जल्द भारत और म्यामांर बॉर्डर पर कंटीले तार लगाए जाएं. इसके तहत मणिपुर और म्यांमार बॉर्डर पर 10 किलोमीटर के दायरे में फेंसिंग की गई है.
कुकी-मैतेई समुदाय के संपर्क में है गृहमंत्रालय
गृह मंत्रालय के अधिकारी मैतेई और कुकी समुदाय दोनों के सामुदायिक नेताओं के संपर्क में हैं. ये प्रसास किए जा रहे हैं कि दोनों समुदायों को बातचीत की मेज पर लाया जाए. हालांकि दोनों समुदायों के बीच सुलह पर राय बंटी हुई है, लेकिन सरकार को उम्मीद है कि जल्द ही बातचीत में कोई सफलता मिलेगी. वहीं, गृहमंत्री अमित शाह व्यक्तिगत रूप से दोनों समुदायों के वरिष्ठ प्रतिनिधियों से बात कर रहे हैं. सूबे में जातीय संघर्ष के बीच गृहमंत्री ने मणिपुर में 3 दिन बिताए थे. जबकि गृह राज्य मंत्री नित्यानद राय 22 दिनों के लिए मणिपुर में थे. समुदायों को बातचीत की मेज पर लाने की कोशिशें जारी हैं. सूत्रों के मुताबिक प्रधानमंत्री मोदी व्यक्तिगत रूप से मणिपुर में हर घटनाक्रम पर नजर रख रहे हैं और स्थिति पर लगातार अपडेट ले रहे हैं. प्रधानमंत्री को मणिपुर की स्थिति के बारे में एक दिन में तीन बार जानकारी दी जा रही है.
मणिपुर हिंसा का 7वां केस CBI को सौंपा जाएगा
मणिपुर हिंसा के अब तक 6 मामले सीबीआई को सौंपे जा चुके हैं. 7वां केस कल सीबीआई को सौंपा जाएगा. बुरी तरह प्रभावित कुकी बहुल इलाकों में 3 स्थानों से रियायती दरों पर हेलीकॉप्टर सेवाएं शुरू की गई हैं, ताकि विस्थापित लोगों को इम्फाल लाया जा सके. हेलीकॉप्टर टिकट के लिए 2000 रुपये का रियायती शुल्क है.
18 जुलाई के बाद हिंसा में किसी की मौत नहीं हुई
सूत्रों के मुताबिक 18 जुलाई के बाद मणिपुर में हिंसा की किसी घटना में कोई मौत नहीं हुई है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक जातीय हिंसा में अब तक 150 मौतें हो चुकी हैं. 502 लोग घायल हुए हैं. 6065 FIR दर्ज की गई हैं. 361 राहत शिविर स्थापित किए गए हैं. अस्थायी राहत आश्रयों में रहने वाले लोगों के लिए 209 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं. मणिपुर में अब तक 101 करोड़ रुपये की राहत सामग्री वितरित की जा चुकी है.
साल 1993 के संघर्ष में गई थी 750 लोगों की जान
सूत्रों के मुताबिक मणिपुर में 12 अगस्त 1993 को नागा-कुकी संघर्ष हुआ था. इस जातीय हिंसा में उस समय 750 मौतें हुई थीं और 350 गांव उजड़ गए थे. जबकि सरकारी रिकॉर्ड बताते हैं कि उस समय गृह राज्य मंत्री राजेश पायलट 3 घंटे के लिए मणिपुर गए थे. वहीं मौजूदा हालात में गृह मंत्री अमित शाह व्यक्तिगत रूप से 3 दिन तक मणिपुर में थे. उन्होंने मणिपुर में कई राहत कैम्पों का दौरा किया और दोनों समुदायों के लोगों से मुलाकात की.
PM मोदी ने वायरल वीडियो पर की थी ये टिप्पणी
19 जुलाई को मणिपुर का घृणित वीडियो वायरल होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि दो महिलाओं को नग्न घुमाने की घटना ने 140 करोड़ भारतीयों को शर्मसार किया है. उन्होंने संसद परिसर में कहा कि मैं लोकतंत्र के इस मंदिर के सामने खड़ा हूं तो मेरा दिल पीड़ा और गुस्से से भरा हुआ है. पीएम मोदी ने कहा कि मैं देशवासियों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा. कानून अपनी पूरी शक्ति और दृढ़ता से काम करेगा. मणिपुर की इन बेटियों के साथ जो हुआ उसे कभी माफ नहीं किया जा सकता है.