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पालतू कुत्तों के हमलों के बढ़ते मामलों के बीच, गाजियाबाद नगर निगम ने बड़ा फैसला लिया है. नगर निगम के नए फैसले के मुताबिक अब गाजियाबाद का कोई भी निवासी क्रूर पिटबुल, रॉटवीलर और डोगो अर्जेंटीनो नस्लों के कुत्ते पालतू जानवर के रूप में नहीं रख पाएगा.
नगर निगम ने बनाए रूल्स
नगर निगम ने शनिवार को पालतू जानवरों के मालिकों के लिए कई अन्य दिशा-निर्देश जारी किए, जिसके अनुसार उन्हें अपने कुत्तों के लिए लाइसेंस लेना होगा. यह लाइसेंस 1 नवंबर से जारी किया जाएगा और कोई भी परिवार एक से ज्यादा पालतू कुत्ते नहीं रख सकता है.
हाई राइज सोसायटीज के बनाए ये नियम
ऊंची- ऊंची सोसायटीज में रहने वाले पालतू जानवरों के मालिकों को अपने कुत्तों को बाहर निकालने के लिए सर्विस लिफ्ट का उपयोग करना होगा और यह सुनिश्चित करना होगा कि सार्वजनिक रूप से उनका मुंह ढका रहे. हाल के महीनों में शहर के विभिन्न इलाकों से कुत्ते के काटने की कई घटनाओं के बीच यह फैसला आया है. नए आदेश के तहत पशुपालकों को दो महीने के अंदर रजिस्ट्रेशन कराना होगा.
इन तीन नस्लों को रखने की नहीं मिलेगी इजाजत
गौरतलब है कि गाजियाबाद नगर निगम ने माना कि तीन नस्लें (पिटबुल, रोटवीलर और डोगो अर्जेंटीना) खूंखार हैं और इन कुत्तों को रखने की कोई अनुमति नहीं दी जाएगी. साथ ही इन तीनों के लिए कोई लाइसेंस जारी नहीं किया जाएगा. अगर कोई इनमें से एक खरीदता है, तो वह जिम्मेदार होगा. प्रशासन की ओर से इन तीनों नस्लों को गाजियाबाद में बैन कर दिया गया है.
कुत्तों को करानी होगी नसबंदी
भाजपा नेता और गाजियाबाद नगर निगम के पार्षद संजय सिंह ने इन नस्लों पर प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव पेश किया था जिसे नगर निकाय सदन ने पारित कर दिया था. उन्होंने कहा कि जिन लोगों के पास पहले से ही कुत्तों की ये नस्लें हैं, उन्हें दो महीने के भीतर उनकी नसबंदी करवानी होगी. इस मामले में मेयर आशा शर्मा ने कहा, 'शनिवार को हुई नगर निकाय की बोर्ड बैठक में कुत्तों की नसबंदी को अनिवार्य घोषित कर दिया गया है. नसबंदी के बिना प्रमाणपत्र पंजीकरण की अनुमति नहीं दी जाएगी.'