
अमेरिकी निवेशक जॉर्ज सोरोस चर्चा में हैं. कांग्रेस और बीजेपी के बीच सोरोस को लेकर सियासी घमासान छिड़ा है. इस बीच, प्रधानमंत्री की इकोनॉमिक एडवाइजरी काउंसिल (आर्थिक सलाहकार परिषद) की सदस्य प्रोफेसर शमिका रवि ने कांग्रेस नेता पवन खेड़ा पर पलटवार किया है और खुद पर लगे आरोपों को बेबुनियाद बताया है.
दरअसल, पवन खेड़ा ने दावा किया है कि डॉ. शमिका रवि को अमेरिकी निवेशक जॉर्ज सोरोस द्वारा वित्त पोषित संगठन से फंड प्राप्त हुआ है. अब शमिका रवि ने सफाई दी और कहा, पवन खेड़ा के आरोपों को पूरी तरह से गलत बताया है. उन्होंने कहा, सोरोस के ओपन सोसाइटी फाउंडेशन ने 2006-07 में इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस (ISB) को फंडिंग की थी और उस समय वो वहां असिस्टेंट प्रोफेसर थीं. हालांकि, ये फंड सीधे किसी फैकल्टी मेंबर को नहीं दिया गया था.
'फैकल्टी मेंबर के पास नहीं गया पैसा'
शमिका रवि ने कहा, 2006-07 में ओपन सोसाइटी ने ISB को (वित्तीय समावेशन पर काम के लिए) वित्त पोषित किया था, जहां मैं इस विषय पर पढ़ाने और शोध करने वाली एक सहायक प्रोफेसर थी. किसी भी फैकल्टी मेंबर को सीधे कोई पैसा नहीं मिला. उन्होंने यह भी कहा कि ISB में उनका 18 साल तक करियर रहा. उसके बाद वो EAC-PM में शामिल हुईं.
शमिका रवि ने कहा, 18 साल बाद मैं EAC-PM में शामिल हुई. मुझे अपने काम, अपने देश या अपने प्रधानमंत्री पर इतना गर्व कभी नहीं हुआ. इस बीच, 2020 में जॉर्ज सोरोस ने अपने भारत विरोधी मंसूबे जाहिर किए.
पवन खेड़ा ने क्या कहा था...
बुधवार को पवन खेड़ा ने ट्वीट किया कि शमिका रवि को ओपन सोसाइटी फाउंडेशन से फंड मिला है. उन्होंने इस मामले में जांच की मांग की. खेड़ा ने एक्स पर लिखा, क्या पीएमओ उन्हें हटा देगा और इस बात की जांच कराएगा कि उन्होंने 'भारत को अस्थिर' करने के लिए क्या किया है या क्या कर रही हैं?
इससे पहले मंगलवार को बीजेपी ने आरोप लगाया था कि जॉर्ज सोरोस के साथ कांग्रेस नेताओं के कथित संबंध रहे हैं. यह घटनाक्रम ऐसे समय में हुआ है जब बीजेपी ने आरोप लगाया है कि जॉर्ज सोरोस फाउंडेशन के वित्त पोषित संगठन से पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी का संबंध है. बीजेपी के इस आरोप पर संसद में जमकर हंगामा हुआ है. बीजेपी के ताजा आरोप को कारोबारी गौतम अडानी रिश्वत मामले से ध्यान भटकाने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है. कांग्रेस ने संसद में अडानी मामले में आक्रामक रुख अपनाए हुए है.
सोरोस को पीएम मोदी का मुखर आलोचक माना जाता है. उनके फाउंडेशन ने 'स्वतंत्र राष्ट्र' के रूप में कश्मीर के विचार का 'समर्थन' किया है. बुडापेस्ट में जन्मे 92 वर्षीय सोरोस फाइनेंसर और पॉलिटिकल एक्टिविस्ट हैं.