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कैसे कम हो गए किसान सम्मान निधि पाने वाले 1.78 करोड़ किसान? समझें पूरा गणित

2019 में केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की शुरुआत की थी. इसके तहत साल में तीन किश्तों में किसानों के खाते में 6 हजार रुपये डाले जाते हैं, यानी हर किश्त में दो हजार रुपये. एक साल पहले तक 10 करोड़ से ज्यादा किसानों को योजना का लाभ मिला था. लेकिन अब साढ़े 8 करोड़ किसान ही इसके दायरे में आते हैं.

पीएम किसान सम्मान निधि योजना 2019 में लॉन्च हुई थी. (फाइल फोटो- PTI) पीएम किसान सम्मान निधि योजना 2019 में लॉन्च हुई थी. (फाइल फोटो- PTI)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 16 मार्च 2023,
  • अपडेटेड 5:03 PM IST

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि पाने वाले किसानों की संख्या घट रही है. एक साल में ही 1.78 करोड़ से ज्यादा किसान ऐसे हैं, जिन्हें किसान सम्मान निधि का फायदा नहीं मिला.

सरकार की ओर से संसद में दिए गए जवाबों से ये जानकारी सामने आई है. सरकार के जवाब के मुताबिक, 2021-22 में 10.41 करोड़ से ज्यादा किसानों को पीएम किसान सम्मान निधि के तहत पैसा मिला था. लेकिन 2022-23 में 8.55 करोड़ किसानों को ही योजना के तहत रकम मिली. 

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पिछले महीने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसान सम्मान निधि की 13वीं किस्त जारी की थी. इसमें 8 करोड़ से ज्यादा किसानों के खाते में 16 हजार करोड़ रुपये की रकम जमा की गई थी. 

पर ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर सालभर में ही ऐसा क्या हुआ जो करोड़ों लोग किसान सम्मान निधि के दायरे से बाहर आ गए? 

इस बारे में एक अधिकारी ने एक अंग्रेजी अखबार को बताया कि केंद्र सरकार लगातार इस योजना के लाभार्थियों का वेरिफिकेशन करती रहती है. वेरिफिकेशन से पता चल जाता है कि कोई किसान इस योजना का लाभ लेने के पात्र है या नहीं? अगर वो पात्र नहीं पाया जाता है तो फिर उसे योजना से बाहर कर दिया जाता है. साथ ही उसे जितनी रकम जारी की जाती है, वो भी वसूल कर ली जाती है.

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सरकार ने 10 हजार करोड़ रुपये बचाए

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत सालभर में तीन किश्तों में किसानों के खाते में 6 हजार रुपये डाले जाते हैं. यानी, हर किश्त में दो हजार रुपये.

आंकड़ों के मुताबिक, सालभर में किसान सम्मान निधि पाने वाले 1.78 करोड़ किसानों के बाहर निकल जाने से सरकार को भी फायदा हुआ है.

केंद्र सरकार ने 2021-22 में किसान सम्मान निधि योजना के तहत 67 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की रकम जारी की थी. जबकि 2022-23 में 57 हजार 646 करोड़ रुपये जारी किए. यानी, कुल मिलाकर सरकार ने 9 हजार 386 करोड़ रुपये की बचत की.

पर किसानों को बाहर क्यों किया?

24 फरवरी 2019 को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना लॉन्च की गई थी. लेकिन इसे बैकडेट जाकर दिसंबर 2018 से लागू किया गया था. इस योजना के तहत पात्र किसानों को हर साल तीन किश्तों में 2 हजार रुपये मिलते हैं. यानी, हर चार महीने में 2 हजार रुपये.

शुरुआत में इस योजना में उन्हीं किसानों को शामिल किया गया था, जिनके पास दो हेक्टेयर से कम जमीन थी. लेकिन बाद में इस योजना में सभी किसानों को शामिल कर लिया गया. हालांकि, सरकारी कर्मचारियों और इनकम टैक्स देने वाले किसानों को इसमें शामिल नहीं किया गया.

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इनके अलावा डॉक्टर, इंजीनियर, सीए और 10 हजार रुपये से ज्यादा की पेंशन पाने वाले भी इस योजना के दायरे में नहीं आते. मंत्री, सांसद और विधायक भी इस योजना से बाहर हैं.

लेकिन बहुत से ऐसे किसान भी थे जो इसके लिए पात्र नहीं थे, फिर भी वो किसान सम्मान निधि के तहत साल में 6 हजार रुपये ले रहे थे. फरवरी 2021 में राज्यसभा में सरकार ने बताया था कि देशभर में 32.91 लाख अपात्र किसानों को 2,328 करोड़ रुपये से ज्यादा की रकम ट्रांसफर कर दी गई. 

 

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