
अयोध्या में भव्य राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 11 दिनों का कठिन अनुष्ठान किया था. इस दौरान उन्होंने यम नियमों का पालन किया था. श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के कोषाध्यक्ष गोविंद देव गिरि महाराज ने कहा कि हमने प्रधानमंत्री मोदी का उपवास खुलवाने के लिए जल में शहद और नींबू मिलाकर पिलाने की सोची थी. लेकिन मोदी इससे सहमत नहीं थे.
गोविंद देव गिरि महाराज ने कहा कि पीएम मोदी ने उपवास खोलने के लिए उनसे विशेष रूप से राम के चरणामृत की मांग की थी.
महाराज ने कहा कि हम उन्हें पहले उपवास खोलने के लिए पानी में शहद और नींबू मिलाकर देने वाले थे. लेकिन उन्होंन (मोदी) मुझसे भगवान श्रीराम का चरणामृत मांगा. वह चरणामृत से उपवास खोलना चाहते थे. इस वजह से हमने ऐसा किया.
ऐसा लगा मैं अपने बेटे को चरणामृत दे रहा हूं
गोविंद देव गिरि महाराज बताते हैं कि पीएम मोदी को चरणामृत देते समय बहुत सुखद अनुभूति हो रही थी. ऐसा लग रहा था कि मैं अपने बेटे को चरणामृत देकर उनका उपवास खुलवा रहा हूं.
उन्होंने कहा कि हमने प्रधानमंत्री से तीन दिन का उपवास रखने को कहा था लेकिन उन्होंने 11 दिन का पूरा अनुष्ठान करने का फैसला किया था.
बता दें कि गोविंद देव ने ही सोमवार को पीएम मोदी को चरणामृत पिलाकर उनका व्रत खुलवाया था.
कैसा था पीएम मोदी का 11 दिनों का अनुष्ठान?
पीएम मोदी ने रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से पहले 12 से 22 जनवरी तक 11 दिनों का कठिन प्रतिष्ठान किया था. इस दौरान उन्होंने सिर्फ नारियल पानी का सेवन किया और जमीन पर ही शयन किया. इस दौरान उन्होंने 40 नियमों का पालन किया था.
उन्होंने प्राण प्रतिष्ठा से पहले लिए जाने वाले संकल्प में भारत को विश्वगुरु बनाने का संकल्प लिया. नमक का सेवन भी पूरी तरह से बंद कर दिया था. उन्होंने इन 11 दिनों में मन और वाणी के कई नियमों का पालन किया था.
पीएम ने अपने उपवास के दौरान जप और गाय की पूजा की. वे फर्श पर सोए और नारियल पानी पीकर, फल खाकर रहे. मोदी ने रामायण से जुड़े 4 राज्यों के 7 मंदिरों में दर्शन-पूजन भी किए थे. ब्रह्म मुहूर्त में जागना, गो सेवा करना भी इन नियमों में शामिल है.
PM ने की थी 'स्वच्छ तीर्थ' पहल की शुरुआत
पीएम ने अपने 11 दिवसीय अनुष्ठान के दौरान 'स्वच्छ तीर्थ' पहल की भी शुरुआत की थी और खुद इसका नेतृत्व किया था. 12 जनवरी को उन्होंने नासिक के श्री कालाराम मंदिर परिसर में खुद सफाई की. उनकी इस पहल ने देश भर में मंदिरों की साफ-सफाई के लिए एक जन आंदोलन की शुरुआत की.
बता दें कि अयोध्या के भव्य राम मंदिर की सोमवार को प्राण प्रतिष्ठा संपन्न हो गई. इसके साथ ही रामलला की मूर्ति को मंदिर के गर्भगृह में स्थापित कर दिया गया.
कैसा है राम मंदिर?
अयोध्या में राम मंदिर को पारपंरिक नागर शैली में बनाया गया है. मंदिर 2.7 एकड़ में बना है. ये तीन मंजिला है. इसकी लंबाई 380 फीट और ऊंचाई 161 फीट है.
मंदिर का प्रवेश द्वार 'सिंह द्वार' होगा. राम मंदिर में कुल 392 पिलर हैं. गर्भगृह में 160 और ऊपर में 132 खंभे हैं. मंदिर में 12 प्रवेश द्वार होंगे. सिंह द्वार के जरिए आप जैसे ही मंदिर में प्रवेश करेंगे, सामने आपको नृत्य मंडप, रंग मंडप और गूढ़ मंडप भी दिखेगा. इस भव्य मंदिर परिसर में सूर्य देवता, भगवान विष्णु और पंचदेव मंदिर भी बन रहा है.