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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब देते हुए बुधवार को राज्यसभा में कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने एक बार फिर देश के पहले प्रधानमंत्री नेहरू का जिक्र किया. लेकिन इस बार नेहरू का जिक्र आरक्षण के संदर्भ में किया.
प्रधानमंत्री मोदी ने राज्यसभा को संबोधित करते हुए कहा कि एक बार नेहरू जी ने एक चिट्ठी लिखी थी और ये उस समय देश के मुख्यमंत्रियों को लिखी गई चिट्ठी है. मैं इसका अनुवाद पढ़ रहा हूं.
मोदी इसी चिट्ठी का अनुवाद पढ़ते हुए कहते हैं, 'मैं किसी भी आरक्षण को पसंद नहीं करता और खासकर नौकरी में आरक्षण तो कतई नहीं. मैं ऐसे किसी भी कदम के खिलाफ हूं, जो अकुशलता को बढ़ावा दे और दोयम दर्जे की तरफ ले जाए. ये पंडित नेहरू की मुख्यमंत्रियों को लिखी चिट्ठी है.'
पीएम मोदी ने कहा कि इसलिए मैं कहता हूं कि ये जन्मजात आरक्षण के विरोधी हैं. नेहरू कहते थे कि अगर एससी-एसटी-ओबीसी को नौकरियों में आरक्षण मिला तो सरकारी कामकाज का स्तर गिर जाएगा. आज ये लोग जो आंकड़ें गिनाते हैं ना, उसका मूल यहां हैं. उस समय इन लोगों ने इसे रोक दिया था. अगर उस समय सरकार में भर्ती हुई होती और वो प्रमोशन करते-करते आगे बढ़ते तो आज यहां पर पहुंचते.
बता दें कि यहां पीएम मोदी ने 27 जून 1961 को नेहरू द्वारा देश के मुख्यमंत्रियों को लिखी चिट्ठी का जिक्र किया था. इस चिट्ठी में नेहरू ने पिछड़े समूहों को जाति के आधार पर नौकरियों में आरक्षण की पैरवी ना कर उन्हें अच्छी शिक्षा देकर सशक्त करने पर जोर दिया था. बता दें कि बीते तीन दिनों में पीएम मोदी ने दूसरी बार नेहरू और कांग्रेस पर हमला बोला है.
'कांग्रेस के मुंह से सामाजिक न्याय की बात अच्छी नहीं लगती'
पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस ने ओबीसी को कभी भी पूर्ण आरक्षण नहीं दिया इसलिए उन्हें सामाजिक न्याय पर ज्ञान नहीं देना चाहिए.
मोदी ने कहा कि कांग्रेस ने ओबीसी को कभी पूर्ण आरक्षण नहीं दिया, जनरल कैटेगरी के गरीबों को कभी आरक्षण नहीं दिया. इन्होंने कभी बाबा साहेब आंबेडकर को भारत रत्न के योग्य नहीं समझा. अब ये लोग सामाजिक न्याय का पाठ पढ़ा रहे हैं. जिनकी नेता के तौर पर कोई गारंटी नहीं है, वे मोदी की गारंटी पर सवाल उठा रहे हैं.
लोकसभा में भी नेहरू पर साधा था निशाना
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते सोमवार को राष्ट्रपति मुर्मू के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव का जवाब देते हुए लोकसभा में भी नेहरू का जिक्र किया था. पीएम मोदी ने 1959 में लाल किले की प्राचीर से नेहरू के संबोधन का जिक्र करते हुए कहा था कि देश के प्रथम प्रधानमंत्री इस देश के लोगों को आलसी और कम अक्ल समझते थे.
मोदी ने कहा था कि मैं आपको पढ़कर सुनाता हूं कि देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने 1959 में लाल किले की प्राचीर से क्या कहा था. नेहरू ने कहा था कि हिंदुस्तान में काफी मेहनत की आदत आमतौर पर नहीं है. हम इतना काम नहीं करते थे, जितना कि यूरोप, जापान, चीन, रूस या अमेरिका वाले करते हैं. ये ना समझिए ये कौमें जादू से खुशहाल हुई, वे मेहनत और अक्ल से हुई हैं. मोदी ने आगे कहा कि इसका मतलब है कि नेहरू जी सोचते थे कि भारतीय आलसी हैं और यूरोपीय लोगों के मुकाबले उनमें बुद्धि कम है. लेकिन क्या सच में नेहरू भारतीयों को आलसी समझते थे? आइए जानते हैं कि नेहरू ने 1959 के अपने संबोधन में क्या कहा था.
पीएम मोदी ने इंदिरा गांधी पर भी साधा था निशाना
पीएम मोदी ने सोमवार को सदन में अपने संबोधन में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का भी जिक्र किया था. उन्होंने कहा था कि भारतीयों को आलसी समझने की नेहरू की सोच के समान ही इंदिरा गांधी की धारणा भी थी.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि इंदिरा जी ने कहा था कि हमारी आदत ये है कि जब कोई शुभ काम पूरा होने को होता है तो हम आत्मसंतुष्टि की भावना से भर जाते हैं और जब कोई कठिनाई आ जाती है तो हम नाउम्मीद हो जाते हैं. कभी-कभी तो ऐसा लगने लगता है कि पूरे राष्ट्र ने ही पराजय भावना को अपना लिया है. मोदी ने कहा था कि ऐसी सोच थी इंदिरा जी की भारतीयों और हमारे देश के प्रति.
मोदी ने कहा कि आज कांग्रेस के लोगों को देखने पर लगता है कि इंदिरा गांधी देश के लोगों को नहीं समझ पाई लेकिन वो कांग्रेस के लोगों को सही तरीके से समझ गई थीं.