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'दुनिया में कहीं भी नागरिकों की मौत निंदनीय', G20 वर्चुअल समिट के समापन में इजरायल-हमास जंग पर बोले पीएम मोदी

पीएम मोदी ने जी20 वर्चुअल समिट के समापन कार्यक्रम को संबोधित किया. पीएम मोदी ने ग्लोबल साउथ की आवाज को एक बार फिर बुलंद किया. इस दौरान उन्होंने आतंकवाद, इजरायल-हमास युद्ध समेत कई मुद्दों पर जी-20 के सभी सदस्य देशों का ध्यान केंद्रित किया.

पीएम मोदी ने जी20 वर्चुअल समिट समापन कार्यक्रम को संबोधित किया (फाइल फोटो) पीएम मोदी ने जी20 वर्चुअल समिट समापन कार्यक्रम को संबोधित किया (फाइल फोटो)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 22 नवंबर 2023,
  • अपडेटेड 7:07 PM IST

वैश्विक नेताओं के जी-20 वर्चुअल समिट का बुधवार को समापन हो गया है. इस समिट की अध्यक्षता पीएम मोदी कर रहे थे. इसके समापन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने ग्लोबल साउथ की आवाज को एक बार फिर बुलंद किया. इस दौरान उन्होंने आतंकवाद, इजरायल-हमास युद्ध समेत कई मुद्दों पर जी-20 के सभी सदस्य देशों का ध्यान केंद्रित किया.  

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पीएम मोदी ने संबोधन की शुरुआत करते हुए कहा, "मेरा निमंत्रण स्वीकार कर इस समिट में जुड़ने के लिए आप सभी का आभार व्यक्त करता हूं. 140 करोड़ भारतवासियों की तरफ से हार्दिक स्वागत है. मुझे याद है जब पिछले साल 1 नवंबर को मेरे दोस्त और इंडोनेशिया के प्रेसिडेंट जोको विडोडो ने मुझे सेरेमॉनियल गेवल सौंपी थी. तब मैंने कहा था कि हम मिलकर जी20 को इंक्लूसिव, एंबिशियस, एक्शन ओरिएंटेड और डिसाइसिव बनाएंगे. हम सबने मिलकर ये करके दिखाया है. हम सबने मिलकर जी20 को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है. अविश्वास और चुनौतियों से भरी आज इस दुनिया में ये आपस में विश्वास ही है, जो हमें बांधता है, एक दूसरे से जोड़ता है. इस एक साल में हमने वन अर्थ, वन फैमिली, वन फ्यूचर में विश्वास जताया है. विवादों से हटकर एकता और सहयोग का परिचय दिया है."

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पीएम ने आगे कहा, "वो पल मैं कभी नहीं भूल सकता जब दिल्ली में हम सभी ने सर्वसम्मति से अफ्रीकन यूनियन का स्वागत किया. जी20 ने पूरे विश्व को इंक्लूजीविटी का जो संदेश दिया है, वो अभीपूर्व है. भारत के लिए गर्व की बात है कि उसकी अध्यक्षता में अफ्रीका को आवाज मिली. इस एक साल में पूरी दुनिया ने जी20 में ग्लोबल साउथ की गूंज भी सुनी है. पिछले हफ्ते वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ समिट में करीब-करीब 130 देशों ने नई दिल्ली जी20 समिट में लिए गए फैसलों की मन से सराहना की है. जी20 ने इनवोशन और डिजिटल टेक्नोलॉजी का समर्थन करते हुए पूर्ण ह्यूमन सेंट्रिक अपरॉच बनाने पर बल दिया. जी20 को भारत की अध्यक्षता में पीपल्स 20 की पहचान मिली. हमने इसे पर्व की तरह मनाया."

आतंकवाद का मुद्दा फिर उठाया

उन्होंने कहा, "जब मैंने इस वर्चुल समिट का प्रस्ताव रखा था तो पूर्वमानुमान नहीं था कि आज की स्थिति कैसे होगी. पिछले महीनों में नई चुनौतियां उत्पन्न हुई हैं. पश्चिम एशिया देशों में असुरक्षा और अस्थिरता की स्थिति हम सबके लिए चिंता का विषय है. आज हमारा एक साथ आना इस बात का प्रतीक है कि हम सब सभी मुद्दों के प्रति संवेदनशील हैं और इनके समाधान के लिए एक साथ खड़े हैं. हम मानते हैं कि आतंकवाद अस्वीकार्य है. आम नागरिकों की मौत कहीं भी हो, निंदनीय है. 

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इजरायल-हमास युद्ध पर भी बोले पीएम

पीएम मोदी ने कहा कि आज बंधकों को रिहा (हमास द्वारा इजरायली नागरिकों को) करने के समाचार का हम स्वागत करते हैं. उम्मीद करते हैं कि सभी बंधक जल्दी रिहा हो जाएंगे. मानवीय सहायता का समय से और निरंतर पहुंचना आवश्यक है. यह सुनिश्चित करना भी जरूरी है कि इजरायल और हमास की लड़ाई किसी तरह का क्षेत्रीय रूट धारण न कर ले. आज संकटों के जो बादल हम देख रहे हैं, वन फैमिली में वो ताकत है कि हम शांति के लिए काम कर सकते हैं. मानवीय कल्याण के दृष्टिकोण से हम आतंक और हिंसा के प्रति अपनी आवाज बुलंद कर सकते हैं. भारत इसके लिए कदम से कदम मिलाकर चलने के लिए तत्पर है.

ग्लोबल साउथ की चिंताओं को सर्वोच्च प्राथमिकता देनी होगी: मोदी

उन्होंने कहा कि 21वीं सदी के विश्व को आगे बढ़ते हुए ग्लोबल साउथ की चिंताओं को सर्वोच्च प्राथमिकता देनी होगी. ग्लोबल साउथ के देश ऐसी अनेक कठिनाइयों से गुजर रहे हैं, जिनके लिए वे जिम्मेदार नहीं हैं. इस संदर्भ में समय की मांग है कि हम डेवलेपमेंट एजेंडा को अपना पूर्ण समर्थन दें. ये जरूरी है कि ग्लोबल इकोनॉमी और गर्वनेंस स्ट्रक्चर को बड़ा, बेहतर, प्रभावी और फ्यूचर रेडी बनाने के लिए उनमें रिफॉर्म लाए जाएं. जरूरतमंद देशों को समय से और आसान दरों पर सहायता सुनिश्चित करें. 2030 सतत विकास में तेजी लाने के लिए अपनाए गए प्लान को लागू करें. भारत में लॉकल स्तर पर विकास का एक उत्तम उदाहरण है हमारा एस्पिरेशनल डिस्ट्रिक्ट प्रोग्राम. मैं जी20 देशों को, ग्लोबल साउथ को एस्पिरेशनल डिस्ट्रिक्ट प्रोग्राम के अध्ययन के लिए आमंत्रित करता हूं. आप देखेंगे कैसे इस प्रोग्राम ने 25 करोड़ लोगों के जीवन को भारत में बदल दिया है.

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