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'कांग्रेस की तानाशाही मानसिकता का प्रतीक', इमरजेंसी पर PM मोदी-शाह समेत इन नेताओं ने क्या-क्या कहा?

इमरजेंसी की बरसी पर पीएम मोदी, अमित शाह, जेपी नड्डा, अनुराग ठाकुर समेत कई बीजेपी नेताओं ने कांग्रेस पर निशाना साधा है. एक ओर पीएम मोदी ने कहा कि इमरजेंसी के काले दिन हमारे इतिहास का न भूलने वाला समय है, जो हमारे संविधान के मूल्यों के उलट हैं. वहीं अमित शाह ने कहा कि ये कांग्रेस की तानाशाही मानसिकता का प्रतीक है. 

पीएम मोदी और अमित शाह (फाइल फोटो) पीएम मोदी और अमित शाह (फाइल फोटो)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 25 जून 2023,
  • अपडेटेड 12:50 PM IST

देश में 25 जून, 1975 को इमरजेंसी घोषित हुई थी. आज इसकी 48वीं बरसी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह समेत कई राजनेताओं ने इमरजेंसी को याद करते हुए इसका विरोध करने वाले साहसी लोगों को श्रद्धांजलि दी है. पीएम ने कहा कि इमरजेंसी के काले दिन हमारे इतिहास की एक अविस्मरणीय अवधि है, जो हमारे संविधान द्वारा बनाए गए मूल्यों के विपरीत है. 

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प्रधानमंत्री ने ट्वीट कर लिखा, मैं उन सभी साहसी लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं, जिन्होंने आपातकाल का विरोध किया और हमारी लोकतांत्रिक भावना को मजबूत करने का काम किया. इमरजेंसी के काले दिन हमारे इतिहास का न भूलने वाला समय है, जो हमारे संविधान के मूल्यों के उलट हैं. 

अमित शाह बोले- कभी न मिटने वाला कलंक 

वहीं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि आपातकाल, कांग्रेस की तानाशाही मानसिकता का प्रतीक और कभी न मिटने वाला कलंक है. 
अमित ने शाह ने ट्वीट कर लिखा, आज ही के दिन 1975 में एक परिवार ने अपने हाथ से सत्ता निकलने के डर से जनता के अधिकारों को छीन व लोकतंत्र की हत्या कर देश पर आपातकाल थोपा था. अपने सत्ता-स्वार्थ के लिए लगाया गया आपातकाल, कांग्रेस की तानाशाही मानसिकता का प्रतीक और कभी न मिटने वाला कलंक है. उस कठिन समय में अनेक यातनाएं सहकर लोकतंत्र को पुनर्जीवित करने के लिए लाखों लोगों ने संघर्ष किया. मैं उन सभी देशभक्तों को दिल से नमन करता हूं.  

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अनुराग ठाकुर बोले- लोकतंत्र के ऊपर धब्बा 

केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस नेतृत्व ने रातों-रात लाखों निरअपराध लोगों को जेलों में ठूंस दिया. 
केंद्रीय मंत्री ने लिखा, कांग्रेस की दमनकारी नीतियों, सत्ता पिपाशा व तानाशाही मानसिकता ने 25 जून 1975 को आपातकाल लगाकर भारतीय लोकतंत्र के ऊपर कभी ना मिटने वाला धब्बा लगाया था. अपनी महत्वाकांक्षा के चलते  कांग्रेसी नेतृत्व ने रातों रात लाखों निरअपराध लोगों को जेलों में ठूंस दिया, प्रेस की आज़ादी पर ताला लगा दिया, लोगों की अभिव्यक्ति की आज़ादी छीन ली. देशहित से ऊपर एक परिवार एक व्यक्ति के अहंकार को रखा गया. आपातकाल के विरुद्ध उठी हर आवाज़ को आत्मीय नमन-वंदन.  

विदेश मंत्री बोले- हमारी पीढ़ी ने लिया सबक 

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी इमरजेंसी को लेकर कहा कि इमरजेंसी मेरी पीढ़ी के लिए लोकतांत्रिक ताने-बाने को मजबूत करने का आजीवन सबक थी. उन्होंने लिखा, आपातकाल की घोषणा की सालगिरह पर, उन काले दिनों को याद करें और कैसे देश ने इस चुनौती पर काबू पाया. यह मेरी पीढ़ी का निर्णायक राजनीतिक अनुभव और हमारे लोकतांत्रिक ताने-बाने को मजबूत करने का आजीवन सबक था. 

जेपी नड्डा ने गांधी परिवार पर साधा निशाना 

बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि तानाशी की वजह से एक परिवार ने महान लोकतंत्र की हत्या कर आपातकाल जैसा कलंक थोपा था. 
नड्डा ने लिखा, 25 जून 1975 को एक परिवार ने अपने तानाशाही प्रवृत्ति के कारण देश के महान लोकतंत्र की हत्या कर आपातकाल जैसा कलंक थोपा था. जिसकी निर्दयता ने सैकड़ों वर्षों के विदेशी शासन के अत्याचार को भी पीछे छोड़ दिया. ऐसे कठिन समय में असीम यातनाएं सहकर लोकतंत्र की स्थापना के लिए संघर्ष करने वाले सभी राष्ट्र भक्तों को नमन करता हूं. 

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धर्मेंद्र प्रधान बोले- इसी पार्टी ने लगाया था आपातकाल 

वहीं केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि कांग्रेस वह पार्टी है, जिसने 1975 में देश में आपातकाल लगाया था. उन्होंने देश में संविधान को तोड़ने का पाप किया और हम उसी दिन को काला दिवस के रूप में मनाते हैं. आज के युवाओं को याद रखना चाहिए कि कांग्रेस देश के लिए कितनी खतरनाक है.  

 

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