
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कृषि कानूनों को वापस लेने का ऐलान कर एक बार फिर सबको चौंका दिया. पीएम मोदी कब क्या फैसला ले लें, ये कोई नहीं जानता. ऐसा ही कृषि कानूनों को लेकर हुआ. दरअसल, केंद्र सरकार ने पिछले साल सितंबर में कृषि कानून पास किए थे. इसे लेकर काफी विरोध हुआ, लेकिन सरकार हमेशा यही कहती रही कि कानूनों को वापस नहीं लिया जाएगा. लेकिन शुक्रवार को पीएम मोदी के ऐलान के बाद भाजपा नेताओं और केंद्रीय मंत्रियों के बयान गलत साबित हुए. आईए जानते हैं सरकार और भाजपा नेताओं ने कब क्या कहा?
29 नवंबर 2020: पीएम मोदी ने मन की बात में भी किसानों की चिंता के बारे में बात की थी. इस दौरान उन्होंने नए कृषि कानूनों से किसानों को पहुंचे फायदे का भी उदाहरण दिया था. भारत में कृषि और उससे संबंधित गतिविधियों में नए आयाम जोड़े जा रहे हैं. कृषि क्षेत्र में सुधारों ने भी अब हमारे किसानों के लिए संभावनाओं के नए द्वार खोले हैं. पीएम मोदी ने कहा था कि किसानों की दशकों पुरानी मांगों को पूरा करने के लिए नया कानून लाया गया है.
30 नवंबर 2020: दिल्ली में किसानों के आंदोलन के बीच पीएम मोदी वाराणसी पहुंचे थे. यहां पीएम मोदी ने फिर दोहराया था कि किसानों को भ्रमित किया जा रहा. इस दौरान पीएम मोदी ने विपक्ष पर हमला भी साधा था. पीएम मोदी ने कहा था कि विपक्ष कृषि कानूनों को लेकर झूठ फैला रहा है. उन्होंने कहा था कि नया ट्रेंड सेट किया गया है कि पहले सरकार के फैसलों का विरोध किया जाता है. फिर उन्हें लेकर विपक्ष भ्रम फैलाता है, प्रोपेगेंडा करता है.
15 दिसंबर 2020: पीएम मोदी गुजरात के कच्छ में किसानों से संवाद किया था. पीएम मोदी ने कहा था कि केंद्र सरकार लगातार किसानों के हित में काम कर रही है. लेकिन विपक्ष इसे लेकर भ्रम फैला रहा है. पीएम मोदी ने कहा, जो कृषि कानून किसानों के हित के लिए लाए गए हैं, यहां तक की विपक्ष भी लंबे वक्त से इनकी मांग कर रहा था. पीएम मोदी ने कहा था कि दिल्ली के पास जमा हुए किसानों को साजिश के तहत भ्रमित किया जा रहा है.
18 दिसंबर 2020: किसानों के आंदोलन के दौरान पीएम मोदी ने मध्यप्रदेश के रायसेन में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए किसान कल्याण कार्यक्रम को संबोधित किया था. इस दौरान पीएम मोदी ने विपक्ष पर झूठ फैलाने और किसानों को भ्रमित करने का आरोप लगाया था. पीएम मोदी ने कहा था कि कृषि कानून रातों रात नहीं आए थे. इनमें एमएसपी, एपीएमसी और अन्य प्रावधान हैं. ये किसानों के हित के लिए लाए गए हैं. पीएम मोदी ने भरोसा दिलाया था कि एमएसपी पर खरीद जारी रहेगी.
25 दिसंबर 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों से संवाद में साफ कर दिया था कि केंद्र सरकार कानून वापस नहीं लेने वाली और कृषि सुधार से जुड़े कानूनों को लागू करेगी. पीएम मोदी किसानों से संवाद कर रहे थे. इस दौरान पीएम मोदी ने पीएम किसान सम्मान निधि योजना के तहत किसानों के खातों में पैसे ट्रांसफर किए थे. इस दौरान पीएम मोदी ने किसानों से भ्रमित न होने की अपील की थी. उन्होंने विपक्ष पर किसानों के कंधे से फायरिंग करने का आरोप लगाया था.
30 जनवरी 2021 को भी पीएम मोदी ने संकेत दिए थे कि कृषि कानून वापस नहीं लिए जाएंगे. उन्होने कहा था कि जहां तक किसानों के मुद्दों की बात है, हम लगातार किसान नेताओं से बातचीत करने के लिए तैयार हैं. कृषि मंत्री तोमर भी किसानों से कह चुके हैं कि वे सिर्फ एक फोन कॉल दूर हैं. जब किसान नेताओं को लगे वे नरेंद्र तोमर को कॉल करें, कुछ ही घंटों में बातचीत के लिए जगह और समय तय हो जाएगा.
18 जून 2021: नरेंद्र सिंह तोमर ने ट्वीट कर कहा, सरकार किसानों से बातचीत के लिए तैयार है. लेकिन कृषि कानूनों को वापस नहीं लिया जाएगा. अगर किसान संगठन कृषि कानूनों को वापस लेने के अलावा कोई बात करना चाहते हैं, तो हम तैयार हैं.
1 जुलाई 2021 को केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा था कि किसी भी कीमत पर कृषि कानून वापस नहीं होगा, लेकिन बातचीत के सभी रास्ते खुले रहेंगे.
8 जुलाई 2021 को केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा था कि केंद्र सरकार कृषि कानून वापस नहीं लेगी. हालांकि, उन्होंने कहा था कि सरकार इस मुद्दे पर किसानों से चर्चा और उनकी समस्याओं को सुनने के लिए तैयार है. इतना ही नहीं तोमर ने किसानों से विरोध प्रदर्शन खत्म करने की अपील की थी.