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पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में हुए कथित महिला उत्पीड़न के मामले पर पूरे बंगाल में हंगामा मचा हुआ है. इस बीच संदेशखाली की पीड़ित महिलाओं में से 5 महिलाओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की. दरअसल, पीएम मोदी एक रैली को संबोधित करने पश्चिम बंगाल के बारासात पहुंचे थे. यह इलाका संदेशखाली के नजदीक ही है. यहां संदेशखाली की महिलाएं भी पीएम मोदी से मिलने पहुंचीं, जिनमें से 5 महिलाओं से पीएम मोदी ने मुलाकात की.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी संदेशखाली के मामले को उठाते हुए पश्चिम बंगाल की तृणमूल कांग्रेस सरकार पर जमकर निशाना साधा. पीएम मोदी ने रैली को संबोधित करते हुए टीएमसी के खिलाफ जमकर प्रहार किया. उन्होंने कहा कि ममता सरकार में बेटियां सुक्षित नहीं हैं. संदेशखाली में जो हुआ. उससे देश शर्मसार हुआ है. लेकिन इसके बाद भी टीएमसी सरकार बंगाल की महिलाओं के गुनहगार को बचाने की कोशिश कर रही है.
परिवारवाद पर भी जमकर साधा निशाना
प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा,'विपक्ष वाले जानना चाहते हैं कि कहां है मेरा परिवार. इन घोर परिवारवादियों को जरा यहां आकर नजर डालना चाहिए. यही तो है मोदी का परिवार. मोदी का हर पल इसी परिवार और देश की मातृशक्ति के लिए समर्पित है. जब मोदी को कोई भी कष्ट होता है तो यही माताएं-बहनें रक्षा कवच बनकर खड़ी हो जाती हैं. आज हर देशवासी खुद को मोदी का परिवार कह रहा है. आज देश का हर गरीब, हर किसान, हर नौजवान, हर बहन-बेटी कह रहे हैं मैं हूं मोदी का परिवार.'
कोलकाता मेट्रो का BJP सरकार में विकास
पीएम मोदी ने कहा कि कोलकाता तो वह शहर है, जिसकी मेट्रो को देखकर कितनी ही पीढ़ियां बड़ी हुई हैं. जब यहां मेट्रो की शुरुआत हुई, शुरुआती 40 साल में कोलकाता मेट्रो का सिर्फ 28 किलोमीटर का कॉरिडोर बना था. जबकि, बीजेपी सरकार के बीते 10 सालों में कोलकाता मेट्रो का 31 किलोमीटर विस्तार हो चुका है.
140 करोड़ देशवासी ही मेरा परिवार: PM मोदी
पीएम मोदी ने कहा,'कुछ लोगों को लगता होगा कि किसी राजनेता ने मुझे गाली दी और मैं सबको मेरा परिवार कह रहा हूं, लेकिम मैं सच्चाई बताता हूं. मैं बहुत छोटी उम्र में घर छोड़कर एक झोला लेकर चल पड़ा था. देश के कौने-कौने में भटक रहा था कुछ खोज रहा था. मेरे जेब में कभी एक पैसा नहीं रहता था. लेकिन देशवासियों को जानकर गर्व होगा कि कोई ना कोई परिवार मुझे पूछ लेता था कि भाई-बेटे कुछ खाना खाया है कि नहीं खाया है. साल भर में कंधे पर झोला लेकर घूमता रहा. जेब में एक पैसा नहीं रहा, लेकिन मैं एक दिन भी भूखा नहीं रहा और इसलिए मैं कहता हूं, यही मेरा परिवार है. 140 करोड़ देशवासी ही मेरा परिवार हैं. जब मेरी कोई पहचान नहीं थी.'