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'एक भारत-श्रेष्ठ भारत की भावना को दर्शाता है पोंगल का त्योहार', बोले पीएम मोदी

दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए PM मोदी ने कहा, "लाल किले से मैंने जिस पंच प्राण का आह्वान किया उसका प्रमुख तत्व देश की एकता को ऊर्जा देना, इसे मज़बूत करना है. पोंगल के इस पावन पर्व पर हमें देश की एकता को सशक्त करने का संकल्प दोहराना है."

पोंगल के अवसर संबोधित करते हुए पीएम मोदी पोंगल के अवसर संबोधित करते हुए पीएम मोदी
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 14 जनवरी 2024,
  • अपडेटेड 2:54 PM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को केंद्रीय सूचना प्रसारण और मत्स्यपालन राज्य मंत्री एल मुरुगन के आवास पर आयोजित पोंगल समारोह में हिस्सा लिया. इस समारोह में पुडुचेरी की उपराज्यपाल और तेलंगाना की राज्यपाल तमिलिसाई सौंदर्यराजन भी मौजूद रहीं.  

इस अवसर पर संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि पोंगल के दिन तमिलनाडु के हर घर से पोंगल धारा का प्रवाह होता है. मेरी कामना है कि उसी तरह आपके जीवन में भी सुख, समृद्धि और संतोष की धारा का प्रवाह निरंतर होता रहे.

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अन्नदाता हैं हमारे किसान

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'साथियों यहां मुझे, मेरे कई परिचित चेहरे नजर आ रहे हैं. पिछले साल भी हम सब के अवसर पर मिल चुके हैं. मैं मुरुगन जी को धन्यवाद देता हूं कि उन्होंने मुझे इस अदभुत आय़ोजन में शामिल होने का अवसर दिया . मुझे ऐसा लग रहा है कि जैसे मैं अपने दोस्तों या परिजनों के साथ उत्सव मना रहा हूं. संत तिरुवर ने कहा है कि अच्छी फसल,पढ़े लिखे व्यक्ति और इमानदार व्यापारी ये तीनों मिलकर राष्ट्र निर्माण करते हैं. उन्होंने राजनेताओं का उल्लेख नहीं किया है. पोंगल पर्व में ताज़ी फसल को भगवान के चरणों में समर्पित करने की परंपरा है. इस पूरे उत्सव परंपरा के केंद्र में हमारे अन्नदाता हमारे किसान हैं. भारत का हर त्योहार किसी न किसी रूप में गांव, किसानी और फसल से जुड़ा होता है.

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श्री अन्न का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा, 'मुझे खुशी है कि सुपर फूड को लेकर देश और दुनिया में नई जागृत्ति आई है, हमारे बहुत सारे नौजवान मिलेट्स, श्री अन्न को लेकर कई स्टार्ट अप शुरू कर रहे हैं. हम श्री अन्न को प्रमोट करते हैं तो इससे जुड़े 3 करोड़ किसानों को फायदा होता है.'

पोंगल का जिक्र कर कही ये बात

पोंगल का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा, 'पोंगल के अवसर पर तमिल महिलाएं अपने घर के बाहर डिजाइन बनाती हैं.जिसमें आटे से डॉट्स बनाती हैं और बाद में डॉट्स को कॉलम से जोड़ती हैं और हर कॉलम का अपना अलग महत्व है... हमारी देश और उसकी विविधता भी इसके कॉलम जैसी है. जब देश का कोना-कोना एक दूसरे से भावात्मक रूप से जुड़ता है तो हमारी नई ताकत उत्पन्न होती है... बीते समय में काशी और सौराष्ट्र संगमम जैसी अत्यंत महत्वपूर्ण आयोजन शुरू हुए हैं. इन आयोजनों में बड़ी संख्या में हमारे तमिल भाई बहन उत्साह से हिस्सा लेते हैं. पोंगल का त्योहार 'एक भारत-श्रेष्ठ भारत' की भावना को दर्शाता है... यही भावना 2047 तक भारत को विकसित भारत बनाने की सबसे बड़ी ताकत है.'

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