
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को शाम 6 बजे एक कार्यक्रम में अल्पसंख्यक मामलों के केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू और बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा के अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी को एक खास 'चादर' सौंपेंगे. यह 'चादर' ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के 813वें उर्स के मौके पर अजमेर शरीफ दरगाह में चढ़ाई जाएगी. प्रधानमंत्री बनने के बाद से वह हर साल इस खास मौके पर 'चादर' भेजते आए हैं.
ऐसे 11वीं बार होगा जब पीएम मोदी इस परंपरा को आगे बढ़ाते हुए दरगाह पर चढ़ाने के लिए खास चादर भेजेंगे. पिछले साल, 812वें उर्स के दौरान, पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी और जमाल सिद्दीकी ने प्रधानमंत्री की तरफ से एक प्रतिनिधिमंडल के साथ दरगाह में 'चादर' पेश की थी.
पीएम मोदी ने 2024 में भी भेजी थी चादर
एक्स पर पीएम मोदी ने तब तस्वीरें भी शेयर की थी और पोस्ट में लिखा था, "मुस्लिम समुदाय के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की. हमारी बातचीत के दौरान, मैंने पवित्र चादर पेश की, जिसे ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के उर्स के दौरान प्रतिष्ठित अजमेर शरीफ दरगाह पर रखा जाएगा."
मजार-ए-अख्दस पर बिछाई जाएगी चादर
बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा के मीडिया प्रभारी के मुताबिक, किरेन रिजिजू और जमाल सिद्दीकी 'चादर' को एक कार्यक्रम में दरगाह के जिम्मेदार लोगों को सौंपेंगे. यह चादर ख्वाजा गरीब नवाज के मजार-ए-अख्दस पर बिछाई जाने वाली एक आस्था और श्रद्धा का प्रतीक है. उर्स के मौके पर दरगाह पर चादर चढ़ाने की परंपरा पुरानी है और आमतौर पर लोग किसी मन्नत के लिए इस तरह की भेंट किया करते हैं.
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उर्स के मौके पर पहुंचते हैं लाखों लोग
अजमेर शरीफ दरगाह भारत की सबसे मशहूर सूफी दरगाहों में से एक है. हर साल लाखों की संख्या में लोग उर्स उत्सव का जश्न मनाने के लिए अजमेर दरगाह पहुंचते हैं, जो ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के निर्वाण की पुण्यतिथि के रूप में मनाया जाता है.
हजरत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती का 813वां उर्स 28 दिसंबर 2024 को शुरू हुआ है और इसे बड़ी श्रद्धा के साथ मनाया जा रहा है. यह एक वार्षिक आयोजन है, जिसमें देश-विदेश से लाखों की संख्या में लोग पहुंचते हैं. इस मौके पर लोग अपनी मन्नत या यूं कहें की किसी मनोकामना के साथ दरगाह पर पहुंचते हैं.