
प्रधानमंत्री मोदी ने आज नवसारी में लखपति दीदियों के साथ बोर्डरूम स्टाइल में बातचीत की, ठीक वैसे ही जिस तरह से वह कंपनियों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों के साथ बातचीत करते हैं. मीटिंग के दौरान हाथ में नोटपैड और पेंसिल लिए प्रधानमंत्री चर्चा के मुख्य बिंदुओं को नोट करने पर ध्यान केंद्रित कर रहे थे. पीएम मोदी ने 25,000 से अधिक स्वयं सहायता समूहों (SHG) की 2.5 लाख से अधिक महिलाओं को 450 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता वितरित की.
ज्यादातर महिलाओं ने कहा कि यह प्रधानमंत्री मोदी, उनकी नीतियों और उनके द्वारा दी गई प्रेरणा के कारण है कि वे लखपति दीदी बनने में सफल रही हैं. लखपति दीदियों के सकारात्मक अनुभव और प्रगति को सुनकर प्रधानमंत्री ने कहा कि 3 करोड़ लखपति दीदी का लक्ष्य जल्द ही पार कर लिया जाएगा और आने वाले समय में 5 करोड़ तक भी पहुंचा जा सकेगा.
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महिलाओं ने विश्वास व्यक्त किया कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में कुछ वर्षों के भीतर वे लखपति दीदी कार्यक्रम के स्थान पर करोड़पति दीदी कार्यक्रम में भाग ले रही होंगी. एक महिला ड्रोन पायलट ने बताया कि वह विमान तो नहीं उड़ा सकती थी, लेकिन पीएम मोदी की बदौलत उसे ड्रोन पायलट बनने का मौका मिला. उसने बताया कि उसके घर और गांव में उसे भाभी के बजाय पायलट कहकर बुलाया जाता है.
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प्रधानमंत्री ने लखपति दीदियों को सुझाव दिया कि वे अपने व्यवसाय को ऑनलाइन लाएं ताकि बाज़ार तक उनकी पहुंच बढ़े. उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में उनकी तरह की महिलाएं ही विकसित भारत की राह पर आगे बढ़ेंगी. बाजरे को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री की पहल की सराहना करते हुए एक महिला ने कहा कि गुजरात का उनका खाखरा लोकप्रिय हो गया है. इस पर प्रधानमंत्री ने कहा कि ऐसे प्रयासों के कारण खाखरा अब गुजरात तक सीमित नहीं रहा बल्कि पूरे देश में प्रसिद्ध हो गया है.