
कतर ने मौत की सजा पाए भारत के आठ पूर्व नौसैनिकों को रिहा कर दिया था. इन आठ में से सात भारतीय हाल ही में वतन लौट आए हैं. इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दोहा पहुंचकर कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल थानी के साथ द्विपक्षीय वार्ता की.
इस दौरान पीएम मोदी ने भारत के आठ पूर्व नौसैनिकों की रिहाई के लिए उनका आभार जताया. पीएम मोदी संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के दो दिवसीय दौरे के बाद 14 फरवरी की रात को कतर पहुंचे थे. इसके बाद 15 फरवरी को कतर के रॉयल पैलेस में उनका भव्य स्वागत किया गया. इस दौरान मोदी ने कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमाद से मुलाकात की.
मोदी ने सोशल मीडिया वेबसाइट एक्स पर पोस्ट कर कहा कि शेख तमीम बिन हमाद से मुलाकात बेहतरीन रही. हमने भारत और कतर संबंधों की समीक्षा की और विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग को गहरा करने के तरीकों पर चर्चा की.
पीएम मोदी का कतर का ये दौरा अहम है क्योंकि यह विजिट ऐसे समय में हुई है, जब हाल ही में कतर ने भारत के 8 पूर्व नौसैनिकों को कैद से रिहा कर दिया था. इन 8 नौसैनिकों को इजरायल के लिए जासूसी करने के आरोप में अगस्त 2022 को गिरफ्तार किया गया था. इसके बाद अक्टूबर 2023 में कतर की अदालत ने सभी को मौत की सजा सुनाई थी. हालांकि, दिसंबर में 'कोर्ट ऑफ अपील' ने मौत की सजा पर रोक लगा दी थी और हाल ही में उन्हें रिहा कर दिया गया.
पूर्व सैनिकों की रिहाई के लिए जताया आभार
पीएम मोदी ने आठ भारतीय नागरिकों की रिहाई के लिए कतर के अमीर का आभार जताया. पीएम ने भारतीय समुदाय के कल्याण के प्रति उनके समर्थन का आभार जताया.
प्रधानमंत्री मोदी ने कतर के अमीर थानी और उनके पिता हमाद बिन खलीफा अल थानी को भारत आने का न्योता दिया है.
2016 में आखिरी बार गए थे कतर
प्रधानमंत्री मोदी ने आखिरी बार 2016 में कतर का दौरा किया था. कतर के अमीर 2015 में भारत आए थे. पिछले साल 2023 में भारत और कतर के पूर्ण राजनयिक संबंधों की स्थापना के 50 वर्ष पूरे हुए हैं. पीएम मोदी के दौरे से पहले 8 भारतीयों की कतर से रिहाई को देश की बड़ी कूटनीतिक जीत के तौर पर देखा जा रहा है.
निजी कंपनी में काम करते थे 8 भारतीय
अगस्त 2022 में कतर की खुफिया एजेंसी ने कथित जासूसी के मामले में दोहा में 8 भारतीय नागरिकों को गिरफ्तार किया था. ये सभी एक निजी कंपनी डहरा ग्लोबल के साथ काम करते थे. हालांकि, कतर या भारत ने सार्वजनिक रूप से उनके खिलाफ कोई आरोप नहीं लगाया. हालांकि, कतर के अधिकारियों ने पनडुब्बी पर जासूसी के आरोप में 8 भारतीयों को जेल भेज दिया था. नवंबर 2023 में भारत सरकार ने कतर की एक उच्च अदालत में मौत की सजा के खिलाफ अपील दायर की थी.