
तीन दिन के विदेश दौरे पर पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज फ्रांस की राजधानी पेरिस में रहेंगे. पीएम मोदी अपनी यात्रा से लौटते हुए कुछ समय के लिए यहां रुकेंगे. इस दौरान पीएम मोदी फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों से मुलाकात करेंगे. पीएम मोदी का फ्रांस का ये दौरा भले ही छोटा है, लेकिन इसमें कुछ बड़ी बातें होनी हैं. माना जा रहा है कि पीएम मोदी और मैक्रों की मुलाकात राफेल मरीन पर भी बात आगे बढ़ सकती है. दो महीने पहले ही भारतीय नौसेना ने INS विक्रांत पर राफेल मरीन का ट्रायल किया था.
पीएम मोदी का फ्रांस का ये दौरा ऐसे समय हो रहा है, जब कुछ दिन पहले ही फ्रांस में इमैनुअल मैक्रों दूसरी बार राष्ट्रपति चुने गए हैं. एक्सपर्ट मानते हैं कि राष्ट्रपति चुनाव के कुछ दिन बाद ही प्रधानमंत्री मोदी का इमैनुअल मैक्रों से मुलाकात करना बड़ा संकेत देता है.
न्यूज एजेंसी ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि इस मुलाकात में दोनों नेताओं के बीच इस पर बात होगी कि कैसे फ्रांस, भारत का 'पार्टनर ऑफ चॉइस' बन सकता है और भारत को डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग में आत्मनिर्भर बनाने में मदद कर सकता है.
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इन सबके अलावा राफेल मरीन पर भी दोनों नेताओं के बीच बातचीत हो सकती है. भारतीय नौसेना अपने लिए ऐसे विमानों की तलाश कर रही है, जिसे INS विक्रांत पर तैनात किया जा सके. राफेल मरीन को अमेरिका के सुपर हॉर्नेट के विकल्प के तौर पर तैयार किया गया है. राफेल मरीन की खास बात ये है कि कम कम ईंधन के साथ भी ज्यादा से ज्यादा हथियार को ले जा सकता है.
राफेल मरीन का ट्रायल फरवरी में ही INS विक्रांत पर किया गया है. इससे पहले गोवा में भी INS हंसा पर इसका ट्रायल किया गया था. राफेल मरीन बनाने वाली फ्रेंच कंपनी दसॉल्ट एविएशन के अलावा भारतीय नौसेना की अमेरिका से भी सुपर हॉर्नेट की खरीद को लेकर बात चल रही है. न्यूज एजेंसी के मुताबिक, सुपर हॉर्नेट की टेस्टिंग भी जल्द ही हो सकती है. सुपर हॉर्नेट को बोइंग ने बनाया है.
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बताया जा रहा है कि अमेरिका और फ्रांस दोनों ने ही भारतीय नौसेना को पेशकश की थी. रक्षा से जुड़े सूत्रों ने न्यूज एजेंसी को बताया था कि राफेल मरीन और सुपर हॉर्नेट दोनों में ही भारतीय जरूरत के हिसाब से बदलाव किए गए हैं.
जानकारी के मुताबिक, भारतीय नौसेना एक ऐसे एयरक्राफ्ट को खरीदने की तैयारी कर रही है जो न्यूक्लियर लोड्स की डिलिवरी करने में भी सक्षम हो. साथ ही एअर-टू-एअर और ग्राउंड-टू-ग्राउंड मिसाइल के अलावा गाइडेड बॉम्ब्स को भी लोड कर सके. बताया जा रहा है कि नेवी शुरुआत में ऐसे 26 जेट खरीदना चाहती है.