
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ग्रेजुएशन डिग्री से जुड़े मामले में दिल्ली हाई कोर्ट में सुनवाई अब चार महीने के लिए टल गई है. दिल्ली हाईकोर्ट अब मई में सुनवाई करेगा. दिल्ली यूनिवर्सिटी ने CIC के आदेश को दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी है. CIC ने यूनिवर्सिटी को 1978 में बीए परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले सभी छात्रों के रिकॉर्ड के निरीक्षण की अनुमति देने का निर्देश दिया गया था जिस वर्ष पीएम मोदी ने वहां से स्नातक की परीक्षा पास की थी.
केजरीवाल ने 2016 में डिग्री पर उठाए थे सवाल
अरविंद केजरीवाल और संजय सिंह पर गुजरात यूनिवर्सिटी की छवि खराब करने का आरोप है. केजरीवाल ने अप्रैल 2016 में केंद्रीय सूचना आयोग (CIC) को एक पत्र लिखकर पीएम मोदी की शैक्षिक योग्यता से जुड़ी जानकारी सार्वजनिक करने की मांग की थी. उन्होंने पत्र में लिखा कि इस मुद्दे पर किसी भी तरह के भ्रम को दूर करने के लिए डिग्री को सार्वजनिक किया जाना चाहिए.
बता दें कि इस मामले पर गुजरात हाई कोर्ट ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर 25 हजार का जुर्माना लगाया था. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की डिग्री मांगी थी, जानना चाहा था कि वे कितने पढ़े लिखे हैं. कोर्ट ने PMO को भी कहा था कि उन्हें पीएम की डिग्री सार्वजनिक करने की कोई जरूरत नहीं है.
जुर्माना लगाने जाने से सीएम केजरीवाल खासा नाराज हो गए थे. उन्होंने सवाल उठा दिया था कि क्या देश का नागरिक पीएम की डिग्री भी नहीं जान सकता है. वे कहते हैं कि क्या देश को ये जानने का भी अधिकार नहीं है कि उनके PM कितना पढ़े हैं? कोर्ट में इन्होंने डिग्री दिखाए जाने का ज़बरदस्त विरोध किया. क्यों? और उनकी डिग्री देखने की मांग करने वालों पर जुर्माना लगा दिया जायेगा? ये क्या हो रहा है? अनपढ़ या कम पढ़े लिखे PM देश के लिए बेहद ख़तरनाक हैं.