Advertisement

डिप्लोमेसी में प्रोटोकॉल से ज्यादा पर्सनल टच को क्यों देते हैं अहमियत? पीएम मोदी ने खुद बताई वजह

लोकसभा चुनाव के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक इंटरव्यू में अपनी विदेश नीति पर भी बात की. प्रधानमंत्री अक्सर कहते हैं कि वह डिप्लोमेसी में पर्सनल टच को ज्यादा अहमियत देते हैं. अब उन्होंने इंटरव्यू में बताया है कि आखिर वह ऐसा क्यों करते हैं. प्रधानमंत्री मानते हैं कि इस प्रोटोकॉल के चक्कर में पूरा समय चला जाता है और ये कि अगर हम प्रोटोकॉल में फंसे रहे तो हम परफॉर्म नहीं कर पाएंगे.

पीएम मोदी पीएम मोदी
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 15 अप्रैल 2024,
  • अपडेटेड 7:17 PM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक खास इंटरव्यू में अपनी डिप्लोमेटिक समझ को लेकर खुलकर बात की. प्रधानमंत्री मानते हैं कि अगर हमारी डिप्लोमेसी प्रोटोकॉल में फंसी रहेगी तो हम परफॉर्म नहीं कर पाएंगे. उन्होंने कहा कि डिप्लोमेसी की ताकत इन्फॉर्मल में भी है. प्रोटोकॉल में पॉजिश्निंग होता है कि पहले कौन आएगा, पहले कौन हाथ मिलाएगा - पूरा समय उसी में चला जाता है.

Advertisement

प्रधानमंत्री मोदी ने इंटरव्यू में अपनी प्रधानमंत्री के रूप में अपने पहले शपथग्रहण को याद किया और बताया कि कैसे उन्होंने अपने शपथ समारोह में सात देशों निमंत्रण भेजा था. उन्होंने बताया, "इसके लिए मैंने सभी से बैकचैनल से सहमति ले ली थी और सब लोग आए भी. प्रधानमंत्री ने बताया कि जब वे आना शुरू हुए तो मुझे समझाया गया कि किस तरह से प्रोटोकॉल का पालन किया जाएगा.ॉ

यह भी पढ़ें: PM मोदी ने सुनाई G20 में बाइडेन और मोहम्मद बिन सलमान के हाथ मिलाने की कहानी

'... तो सारा सिस्टम हिल गया'

पीएम मोदी ने बताया कि तब हमारा विदेश मंत्री बना भी नहीं था. उन्होंने प्रोटोकॉल समझाने वालों का जिक्र करते हुए बताया, "मैं इन चीजों से बहुत नया था. सबके साथ बायलेटरल होना था. जब मैंने उनसे कहा कि मैं उन्हें (विदेशी नेताओं को) बाहर लेने के लिए जाता हूं तो सारे सिस्टम हिल गए. विदेश मंत्रालय की प्रोटोकॉल की दुनिया के लिए पहला ही दिन गजब था और मेरे लिए वो एक एक्शन मेरे सारे दरवाजे खोल दिए थे.

Advertisement

2047 तक भारत को एक विकसित बनाने की योजना

प्रधानमंत्री मोदी ने बताया, "इसलिए मैं प्रोटोकॉल में बंधने के परफॉर्मेंस पर फोकस करके डिप्लोमेसी के लेवल को शिफ्ट करने का प्रयास किया और उसमें मुझे सफलता मिली है. प्रधानमंत्री मोदी समाचार एजेंसी एएनआई को इंटरव्यू दिया है. पीएम मोदी ने कहा कि उनका इरादा किसी को डराना या दबाना नहीं है, बल्कि उनकी योजना 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने की है.

यह भी पढ़ें: "मेरे फैसले किसी को डराने के लिए नहीं", देखें 'पिक्चर अभी बाकी है' वाले बयान पर क्या बोले पीएम मोदी

15 लाख से अधिक लोगों से सुझाव लिया

पीएम मोदी ने यह भी कहा, "मैं पिछले दो वर्षों से 2047 पर काम कर रहा हूं और इसके लिए, मैंने देश भर के लोगों से राय और सुझाव मांगे. मैंने 15 लाख से अधिक लोगों से सुझाव लिया है कि वे आने वाले 25 में भारत को कैसे देखना चाहते हैं. 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement