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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज अपने आकाशवाणी के कार्यक्रम 'मन की बात' में 83वीं बार देशवासियों को संबोधित किया. यहां उन्होंने कई मुद्दों पर बात की. इस दौरान उन्होंने कहा कि कोरोना अभी खत्म नहीं हुआ है तो सभी लोग सावधान और सतर्क रहें. कोरोना नियमों का पालन करते रहें. हाल ही में कोरोना का नए वेरिएंट ओमीक्रॉन का पता लगने के बाद से हलचल मची हुई है. ऐसे में माना जा रहा था कि पीएम मोदी इसपर काफी कुछ कह सकते हैं.
'सत्ता में नहीं, सेवा में रहना चाहता हूं'
कार्यक्रम में पीएम मोदी ने आयुष्मान भारत योजना के लाभार्थियों से भी कॉल पर बात की. आयुष्मान भारत योजना के लाभार्थी राजेश प्रजापति ने पीएम से कहा कि- मुझे पहले तो डॉक्टर ने एसिडिटी बताया. फिर हार्ट की समस्या का पता चला. खर्च का पता चला तो डॉक्टर ने आयुष्मान कार्ड के बारे में पूछा. मैं आपको इसके लिए बहुत धन्यवाद देता हूं. कार्ड न होता तो बहुत खर्च होता.आप हमेशा सत्ता में रहें, आपकी उम्र बहुत लंबी हो.
राजेश की बात का जवाब देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि- मुझे सत्ता में रहने का आशीर्वाद मत दीजिए, मैं हमेशा सेवा में रहना चाहता हूं. प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार के प्रयासों से, सरकारी योजनाओं से कैसे कोई जीवन बदला, उस बदले हुए जीवन का अनुभव क्या है? जब से सुनते हैं तो हम भी संवेदनाओं से भर जाते हैं. यह मन को संतोष भी देता है और उस योजना को लोगों तक पहुंचाने की प्रेरणा भी देता है.
'प्रकृति को संरक्षण दें, तो प्रकृति भी हमें देती है संरक्षण'
यहां पीएम मोदी ने प्रकृति के संरक्षण की बात भी की. उन्होंने कहा कि- जब हम प्रकृति का संरक्षण करते हैं, तो प्रकृति भी हमें संरक्षण देती है. यह उदाहरण तमिलनाडु के तुतुगुड़ी का है. यहां कई इलाकों के समुद्र में डूबने का खतरा था. लोगों ने इसका इलाज प्रकृति से ही खोजा. लोगों ने उन पर खास तरह के पौधे लगाए, जो तूफान और पानी में भी बचे रहते हैं. ऐसी ही कोशिशें दूसरी जगह भी हो रही हैं.
गौरतलब है कि अपने पिछले मन की बात कार्यक्रम में पीएम मोदी ने देश को 100 करोड़ वैक्सीनेशन पर बधाई दी थी. तब प्रधानमंत्री ने आजादी के आंदोलन को याद करने, बिरसा मुंडा की तरह अपनी जड़ों से जुड़ने और तकनीक का इस्तेमाल कर आगे बढ़ने पर जोर दिया था.