Advertisement

किसी ने 'ताबूत' दिखाया, तो कोई बोला 'देश का कलंक', नए संसद भवन के उद्घाटन पर विपक्षी दलों ने क्या कहा

देश की नए संसद भवन के उद्घाटन कार्यक्रम का कई विपक्षी दलों ने बहिष्कार कर दिया. उसके बाद अब इन विपक्षी दलों की ओर से अलग-अलग प्रतिक्रियाएं भी सामने आई हैं. इनमें कोई दल नए संसद भवन की तुलना ताबूत से कर रहा है तो कोई उसे देश का कलंक बता रहा है.

आरजेडी ने नए संसद भवन की ताबूत से की तुलना आरजेडी ने नए संसद भवन की ताबूत से की तुलना
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 28 मई 2023,
  • अपडेटेड 12:23 PM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के नए संसद भवन का उद्घाटन कर दिया है. हालांकि कई विपक्षी दलों ने इस समारोह का बहिष्कार किया. इन दलों की मांग थी कि नए संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति से कराया जाए. अब इन विपक्षी दलों की ओर से प्रतिक्रिया आनी भी शुरू हो गई है. किसी ने इस पार्लियामेंट को ताबूत कहा तो किसी दल ने इसे देश का कलंक बताया है. इन बयानों पर बीजेपी की ओर से भी प्रतिक्रिया आई है. 

Advertisement

राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) की ओर से नए संसद भवन के उद्घाटन के बाद एक ट्वीट किया गया, जिसको लेकर बीजेपी आरजेडी पर हमलावर है. दरअसल इस ट्वीट में आरजेडी ने नए संसद भवन के साथ एक ताबूत की फोटो शेयर की. उसके साथ लिखा, "ये क्या है?"  

आरजेडी के इस ट्वीट पर पलटवार करते हुए बीजेपी प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कहा 2024 में देश की जनता आपको इसी ताबूत में बंद करके गाढ़ देगी और नए लोकतंत्र के मंदिर में आपको आने का मौका भी नहीं देगी. गौरव भाटिया ने लिखा, "आज एक ऐतिहासिक पल है और देश गौरवान्वित है. आप नजरबट्टू हैं और कुछ नहीं. छाती पीटते रहिए. 2024 में देश की जनता आपको इसी ताबूत में बंद करके गाढ़ देगी और नए लोकतंत्र के मंदिर में आपको आने का मौका भी नहीं देगी. चलिए यह भी तय हुआ संसद देश का ताबूत आपका." 

Advertisement

यह आरजेडी की राजनीति के ताबूत में आखिरी कील: शहजाद पूनावाला

वहीं बीजेपी प्रवक्ता शहजाद पूनावाला यह आरजेडी की राजनीति के ताबूत में आखिरी कील साबित होगा. पूनावाला ने ट्वीट कर लिखा, "वे इस घिनौने स्तर तक गिर गए हैं. यह आरजेडी की राजनीति के ताबूत में आखिरी कील साबित होगा. भारतीय प्रणाली में त्रिकोण या त्रिभुज का बहुत महत्व है. वैसे ताबूत हेक्सागोनल या 6 भुजाओं वाला बहुभुज है."

आरजेडी की ओर से आई सफाई

बीजेपी के हमलावर होने के बाद आरजेडी की ओर से इस पर सफाई आई है. आरजेडी नेता शक्ति सिंह यादव ने अपनी पार्टी द्वारा नई संसद की तुलना एक ताबूत से करने पर कहा कि हमारे ट्वीट में ताबूत लोकतंत्र को दफन किए जाने का प्रतिनिधित्व कर रहा है. देश इसे स्वीकार नहीं करेगा. संसद लोकतंत्र का मंदिर है और यह चर्चा करने की जगह है.

नए संसद के जरिए देश के कलंक का इतिहास लिखा जा रहा: जेडीयू

वहीं जेडीयू ने कहा कि नए संसद भवन के जरिए देश के कलंक का इतिहास लिखा जा रहा है. जेडीयू एमएलसी नीरज कुमार ने कहा, "नए संसद का उद्घाटन तानाशाही और देश में मोदी इतिहास लागू किया जा रहा है. नए संसद के जरिए देश के कलंक का इतिहास लिखा जा रहा है." 

Advertisement

राहुल गांधी ने पीएम पर साधा निशाना

राहुल गांधी ने नए संसद भवन के उद्घाटन को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है. राहुल गांधी ने कहा, "संसद लोगों की आवाज़ है! प्रधानमंत्री संसद भवन के उद्घाटन को राज्याभिषेक समझ रहे हैं." 

 

स्वामी प्रसाद मौर्य ने उठाए सवाल, तो बीजेपी ने दिया जवाब

इससे पहले सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने सेंगोल की स्थापना के में दक्षिण के अधीनम संतों को बुलाए जाने पर सवाल उठाए थे. मौर्य ने ट्वीट कर कहा कि सेंगोल की स्थापना पूजन में केवल दक्षिण के कट्टरपंथी ब्राह्मण गुरुओं को बुलाया जाना अत्ंयत दुर्भाग्यपूर्ण है. बीजेपी सरकार को सभी धर्मगुरुओं को आमंत्रित करना चाहिए था. ऐसा न करके बीजेपी ने अपनी दूषित मानसिकता और घृणित सोच को दर्शाया है. सपा नेता के बयान पर बीजेपी ने पलटवार किया है. सपा के ब्राह्मणवाद के आरोप हास्यास्पद हैं. इनमें अज्ञानता की बू है. ये अधीनम उन समुदायों द्वारा चलाए जाते हैं जो बीसी और ओबीसी श्रेणियों के अंतर्गत आते हैं. उनके पास तमिल साहित्य का एक समृद्ध इतिहास है जो भगवान शिव की पूजा करते हैं. इस तरह की टिप्पणी करना इन पवित्र अधीमों और हिंदू धर्म की विविधता का अपमान है.

कांग्रेस ने राष्ट्रपति को नहीं बुलाए जाने पर उठाए सवाल

Advertisement

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने संसद भवन के उद्घाटन में राष्ट्रपति को नहीं बुलाए जाने पर कहा कि इस पद पर बैठने वाली पहली आदिवासी राष्ट्रपति को अपने संवैधानिक कर्तव्यों को निभाने नहीं दिया जा रहा है. उन्हें 2023 में नए संसद भवन के उद्घाटन की इजाज़त नहीं दी गई. इसके साथ ही जयराम ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री को संसदीय प्रक्रियाओं से नफरत है जो संसद में कम ही उपस्थित रहते हैं और कम कार्यवाहियों में भाग लेते हैं. वह प्रधानमंत्री नए संसद भवन का उद्घाटन कर रहे हैं. 

एनसीपी ने उद्घाटन को अधूरा बताया

एनसीपी नेता सुप्रिया सुले ने विपक्षी दलों के शामिल नहीं होने के बावजूद संसद भवन के उद्घाटन को अधूरा बताया है. उन्होंने कहा कि विपक्ष के बिना एक नए संसद भवन का उद्घाटन करना इसे एक अधूरी घटना बनाता है. इसका मतलब है कि देश में लोकतंत्र नहीं है.

ओवैसी ने आरजेडी की तुलना को गलत बताया

AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने आरजेडी द्वारा नए संसद भवन की ताबूत से तुलना करने को गलत बताया है. ओवैसी ने कहा कि आरजेडी संसद भवन को ताबूत क्यों कह रही है? वे कुछ और भी कह सकते थे, उन्हें यह एंगल लाने की क्या जरूरत है? उन्होंने कहा कि बेहतर होता अगर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिडला नए संसद भवन का उद्घाटन करते. पुराने संसद भवन को दिल्ली फायर सर्विस से भी क्लीयरेंस नहीं था.
 

Advertisement

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement