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'राजदंड' के आगे दंडवत हुए PM नरेंद्र मोदी, साष्टांग प्रणाम के बाद संसद में स्थापित किया सेंगोल

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नया संसद भवन देश को समर्पित कर दिया है. सेंगोल की पूजा-अर्चना करने के बाद वह इसके सामने साष्टांग दंडवत हो गए और तमिलनाडु के अधीनम से आशीर्वाद प्राप्त किया. इसके बाद सेंगोल को संसद में स्थापित किया गया.

सेंगोल के सामने दंडवत हुए पीएम मोदी सेंगोल के सामने दंडवत हुए पीएम मोदी
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 28 मई 2023,
  • अपडेटेड 10:25 AM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नया संसद भवन राष्ट्र को समर्पित कर दिया है. हवन और वैदिक मंत्रोच्चार के बीच प्रधानमंत्री ने नए संसद का उद्घाटन किया. लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के साथ में पूजा-अर्चना करने के बाद पीएम मोदी को अधीनम के संतो ने सेंगोल सौंपा. प्रधानमंत्री ने राजदंड को साष्टांग प्रणाम किया और इसके बाद सेंगोल को संसद में स्पीकर की कुर्सी के बगल स्थापित किया.

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श्रमिकों को किया सम्मानित

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नए संसद भवन के उद्घाटन के बाद भवन के निर्माण में काम करने वाले श्रमिकों को सम्मानित किया. इसके बाद सर्वधर्म प्रार्थना का आयोजन किया गया जिसमें तमाम धर्मगुरु शामिल हुए.उद्घाटन समारोह का दूसरा चरण अभ दोपहर 12 बजे से शुरू होगा जिसमें संसद और सेंगोल को लेकर दो लघु फिल्मों की स्क्रीनिंग की जाएगी और फिर राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश राष्ट्रपति तथा उपराष्ट्रपति का संदेश पढ़ेंगे. इसके बाद लोकसभा स्पीकर तथा अंत में प्रधानमंत्री मोदी का संबोधन होगा.

जब अयोध्या और संसद में इसी रूप में आए नजर

इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने जब 5 अगस्त 2020 को राम जन्मभूमि का पूजन किया था तो तब भी वह कुछ इसी रूप में नजर आए थे.धोती कुर्ते में अयोध्या पहुंचने के बाद उन्होंने रामलला के दर्शन किए थे. उन्होंने राम लला के सामने पहुंचते ही साष्टांग दंडवत प्रणाम किया था. 

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 20 मई 2014 को जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहली बार संसद पहुंचे तो उन्होंने लोकतंत्र के मंदिर की सीढ़ियों पर माथा टेका था और लोकतंत्र के मंदिर के प्रति अपना आभार जताया. इसी इसी दिन उन्हें BJP संसदीय दल का नेता चुना गया था.

ऐसी है नई संसद

आपको बता दें कि पीएम नरेंद्र मोदी ने 10 दिसंबर 2020 को नए संसद भवन के निर्माण कार्य का शिलान्यास किया था. इस कार्य के लिए राज्यसभा और लोकसभा ने 5 अगस्त 2019 को आग्रह किया था. इसकी लागत 861 करोड़ रुपये आंकी गई थी. हालांकि बाद में इसके निर्माण की कीमत 1,200 करोड़ रुपये तक पहुंच गई. संसद के नवनिर्मित भवन को गुणवत्ता के साथ रिकॉर्ड समय में तैयार किया गया है. चार मंजिला संसद भवन में 1224 सांसदों के बैठने की व्यवस्था की गई है. 

नए भवन में एक संविधान हॉल भी है, जिसमें भारतीय लोकतंत्र की विरासत को दिखाया जाएगा. इसके अलावा, इस संसद में संसद सदस्यों के लिए लाउंज, कई सारे कमेटी रूम, डायनिंग एरिया और पार्किंग स्पेस होगा. संसद भवन के तीन मेन गेट- ज्ञान द्वार, शक्ति द्वार और कर्मा द्वार होंगे. वीआईपी, सांसदों और विजिटर्स की एंट्री अलग-अलग गेट से होगी. नए संसद भवन में लोकसभा के 888 और राज्यसभा के 300 सांसदों के बैठने की व्यवस्था की गई है. अगर दोनों सदनों की संयुक्त बैठक होती है तो एक समय में इसमें 1,280 सांसद बैठ सकेंगे.  

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