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ASEAN: इंडोनेशिया की धरती से PM मोदी के 12 पॉइंट प्रस्ताव में क्या रहा खास?

विदेश मंत्रालय ने जारी बयान में कहा कि आसियान सम्मेलन में समुद्री सहयोग और खाद्य सुरक्षा पर दो संयुक्त बयान जारी किए हैं. पीएम मोदी ने डिजिटल बदलाव, ट्रेड और आर्थिक क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा देने और आसियान-भारत रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने के लिए व्यापक चर्चा की. 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 07 सितंबर 2023,
  • अपडेटेड 7:29 PM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता में आसियान-भारत और पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में शिरकत की. इस दौरान उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में भारत-आसियान सहयोग को मजबूत करने के लिए 12 सूत्रीय प्रस्ताव पेश किया.   

विदेश मंत्रालय ने जारी बयान में कहा कि इस सम्मेलन में समुद्री सहयोग और खाद्य सुरक्षा पर दो संयुक्त बयान जारी किए. पीएम मोदी ने डिजिटल बदलाव, ट्रेड और आर्थिक क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा देने और आसियान-भारत रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने के लिए व्यापक चर्चा की. 

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पीएम ने इंडो पैसिफिक क्षेत्र में आसियान की भूमिका पर जोर दिया और इंडो पैसिफिक ओसन इनिशिएटिव (आईपीओआई) और आसियान के आउटलुक ऑन द इंडो पैसिफिक (एओआईपी) के बीच तालमेल बढ़ाने पर चर्चा की. उन्होंने चरणबद्ध तरीके से आसियान-भारत मुक्त व्यापार समझौता (एआईटीआईजीए) की समीक्षा को पूरा करने की जरूरत पर भी जोर दिया. 

क्या है पीएम मोदी का 12 सूत्रीय प्रस्ताव? 

प्रधानमंत्री ने आसियान सम्मेलन में डिजिटल बदलाव, ट्रेड और आर्थिक क्षेत्रों में कनेक्टिवटी के लिए 12 सूत्रीय प्रस्ताव पेश किया. इस प्रस्ताव के तहत भारत ने दक्षिणपूर्व एशिया को पश्चिमी एशिया यूरोप से जोड़ने वाले मल्टी मॉडल कनेक्टिविटी की स्थापना का आह्वान किया. साथ ही आसियान साझेदारों के साथ भारत के डिजिटल पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर को शेयर करने की पेशकश की.

पीएम मोदी ने डिजिटल बदलाव और वित्तीय कनेक्टिविटी में सहयोग के लिए आसियान-इंडिया फंड का ऐलान किया.  12 सूत्रीय प्रस्ताव के तहत पीएम ने आतंकवाद, टेरर फंडिंग और साइबर दुष्प्रचार से निपटने के लिए एकजुट होने का आह्वान किया. पीएम मोदी ने इस प्रस्ताव के तहत सहयोग बढ़ाने के लिए नॉलेज पार्टनर के तौर पर काम करने के लिए इकॉनोमिक एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ आसियान एंड ईस्ट एशिया (ईआरआईए) के नवीनीकरण का समर्थन करने का ऐलान किया.

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बयान में कहा गया कि मोदी ने ग्लोबल साउथ के समक्ष दिक्कतों को सामूहिक ढंग से उठाने का आह्वान किया. उन्होंने डब्ल्यूएचओ की ओर से गठित ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रेडिशनल मेडिसिन में शामिल होने के लिए आसियान देशों को आमंत्रित किया. इस दौरान पीएम ने जन औषधि केंद्रों के जरिए मुहैया कराई जा रही किफायती और गुणवत्तापूर्ण दवाओं के देश के अनुभवों को भी साझा किया. 

पीएम मोदी ने आपदा प्रबंधन में सहयोग का भी आह्वान किया और कोलिशन फॉर डिजास्टर रिसिलिएंट इन्फ्रास्ट्रक्चर में शामिल होने के लिए सदस्य देशों को आमंत्रित किया. 

आसियान में पीएम मोदी ने क्या कहा?

आसियान भारत सम्मेलन में शिरकत करते हुए पीएम मोदी ने कहा था, 'हमारी पार्टनरशिप अपने चौथे दशक में प्रवेश कर रही है, ऐसे में भारत-आसियान समिट की सह-अध्यक्षता करना मेरे लिए बहुत ही प्रसन्नता का विषय है. इस सम्मेलन के शानदार आयोजन के लिए इंडोनेशिया के राष्ट्रपति विडोडो का अभिनंदन करता हूं और उनका आभार व्यक्त करता हूं. कंबोडिया के पीएम को हाल ही में पदभार ग्रहण करने के लिए हार्दिक बधाई देता हूं.'

पीएम मोदी ने आगे कहा था, 'हमारा इतिहास और भूगोल भारत और आसियान को जोड़ते हैं. साथ ही साझा वेल्यूज, क्षेत्रीय एकता और साझा विश्वास भी हमें आपस में जोड़ता हैं.आसियान भारत की एक्ट ईस्ट पॉलिसी का केंद्रीय स्तंभ है.. पिछले वर्ष हमने भारत आसियान फ्रेंडशिप ईयर मनाया. आज वैश्विक अनिश्चिता के माहौल में भी हर क्षेत्र हमारे आपसी सहयोग में लगातार प्रगति हो रही है, यह हमारे संबंधों की ताकत का प्रमाण है. आसियान मायने रखता है, क्योंकि यहां सभी आवाज सुनी जाती है. वैश्विक विकास में आसियान की अहम भूमिका है.  21वीं सदी एशिया की सदी है, हम सब की सदी है इसलिए आवश्यक है कि हम एक रूल बेस्ड पोस्ट कोविड वर्ल्ड ऑर्डर का निर्माण करें..'

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बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी 20वें आसियान-भारत शिखर सम्मेलन और 18वें पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए जकार्ता गए थे लेकिन गुरुवार शाम को वह स्वदेश लौट आए हैं.

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