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'मणिपुर की आग में घी डालने वाले अपनी हरकतें बंद करें', PM मोदी का उपद्रवियों को संदेश

पीएम मोदी ने कहा कि मैंने पिछले सत्र में भी मणिपुर के संबंध में विस्तार से बात की थी. मैं फिर से दोहराना चाहता हूं कि मणिपुर की स्थिति सामान्य करने के लिए सरकार निरंतर प्रयासरत है. वहां जो भी घटनाएं हुई हैं, उस संबंध में 11,000 एफआईआर दर्ज की गई हैं और 500 से ज्यादा गिरफ्तारियां हुई हैं. 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 03 जुलाई 2024,
  • अपडेटेड 2:22 PM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा का जवाब दिया. इस दौरान उन्होंने कई ज्वलंत मुद्दों पर बात की. नीट पेपर लीक से लेकर बंगाल में महिला से हुई मारपीट तक पर उन्होंने सदन में अपनी बात रखी. इस दौरान उन्होंने मणिपुर हिंसा पर भी खुलकर बात की.

पीएम मोदी ने कहा कि सरकार मणिपुर में हालात सामान्य बनाने के लिए पूरा प्रयास कर रही है. वहां हिंसा की घटनाएं लगातार कम हो रही हैं. मणिपुर में भी स्कूल-कॉलेज संस्थान खुले हुए हैं. जैसे देश के बाकी हिस्सों में परीक्षाएं हुई हैं, इसी तरह मणिपुर में भी परीक्षाएं हुई हैं. मणिपुर के अधिकांश हिस्सों में आम दिनों की तरह स्कूल चल रहे हैं, कॉलेज चल रहे हैं, दफ्तर और दूसरे संस्थान खुल रहे हैं. केंद्र सरकार सभी से बातचीत करके सौहार्द का रास्ता खोलने की कोशिश कर रही है. छोटे-छोटे समूहों से बात की जा रही है. पहेल की सरकारों में ऐसा कभी नहीं हुआ.

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उन्होंने कहा कि गृहमंत्री अमित शाह मणिपुर गए हैं वह वहां कई दिनों तक रहे हैं. गृहराज्यमंत्री भी वहां हफ्तों तक रहे हैं. कई अधिकारी भी लगातार वहां जा रहे हैं. एनडीआरएफ की दो टीमें आज ही वहां पहुंची हैं. वहां शांति का प्रयास किया जा रहा है. 

11 हजार FIR दर्ज, 500 गिरफ्तारियां हुईं

पीएम मोदी ने कहा कि मैंने पिछले सत्र में भी मणिपुर के संबंध में विस्तार से बात की थी. मैं फिर से दोहराना चाहता हूं कि मणिपुर की स्थिति सामान्य करने के लिए सरकार निरंतर प्रयासरत है. वहां जो भी घटनाएं हुई हैं, उस संबंध में 11000 एफआईआर दर्ज की गई हैं और 500 से ज्यादा गिरफ्तारियां हुई हैं. इस बात को भी स्वीकार करना पड़ेगा की मणिपुर में हिंसा की घटनाएं कम होती जा रही हैं. इसका मतलब शांति की आशा रखना और शांति पर भरोसा रखना संभव हो रहा है.

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आग में घी डालने वाले सुधर जाएं

पीएम मोदी ने कहा कि जो भी तत्व मणिपुर की आग में घी डालने की कोशिश कर रहे हैं, मैं उन्हें आगाह करना चाहता हूं कि ये हरकतें बंद कर दें, एक समय आएगा जब मणिपुर ही उन्हें रिजेक्ट करेगा. जो लोग मणिपुर को, मणिपुर के इतिहास को जानते हैं, वो जानते हैं कि वहां संघर्ष का लंबा इतिहास रहा है. कांग्रेस के लोग ये ना भूलें कि इन्हीं हालातों की वजह से इस छोटे से राज्य में 10 बार राष्ट्रपति शासन लगाना पड़ा है. ये हमारे कार्यकाल में नहीं हुआ है. कुछ तो वजह होगी. 1993 में इसी तरह हिंसा का दौर चला था. ये सारा इतिहास समझकर हमें चलना होगा. जो भी इसमें सहयोग देना चाहें, हम सबका साथ लेने को तैयार हैं.

जनता के फैसले को ब्लैकआउट करने की कोशिश

मोदी ने कहा कि भारत के लोकतंत्र के छह दशक के बाद ये असामान्य घटना है. कुछ लोग जानबूझकर मुंह फेरकर बैठे हुए हैं, कुछ लोग हो-हल्ला करने में लगे हैं कि कैसे देश की जनता के इस फैसले को ब्लैकआउट किया जाए. उन्होंने कहा कि मैं कुछ दिन से देख रहा हूं कि दबे मन से ही सही पराजय स्वीकार की जा रही है. 

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पीएम मोदी ने कहा कि हमने किसानी को एक व्यापक स्वरूप में देखा है. किसानों और मछुआरों को किसान क्रेडिट कार्ड का लाभ मिला है. किसानों की खेती के काम को मजबूती मिली है. पहले किसानों को गुमराह करने का प्रयास किया गया था. 

उन्होंने कहा कि सात हजार करोड़ की कर्जमाफी का इतना हल्ला मचाया था. हमने प्रधानमंत्री किसान सामान्य योजना चलाई और इसका लाभ 10 करोड़ किसानों को हुआ है. सरकार छह साल में तीन लाख करोड़ रुपये किसानों को दे चुके हैं.

लोकसभा में भी विपक्ष पर बरसे थे पीएम मोदी

बता दें कि पीएम मोदी ने इससे पहले मंगलवार को लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर बोलते हुए विपक्ष के नेता राहुल गांधी को बालक बुद्धि और कांग्रेस को परजीवी बताते हुए निशाना साधा था. उन्होंने कहा था कि यह लगातार तीसरी बार है जब कांग्रेस पार्टी 100 का आंकड़ा पार नहीं कर सकी है. उन्होंने राहुल गांधी के हिंदू वाले बयान को लेकर भी पलटवार करते हुए कहा था कि इस देश के हिंदुओं के साथ ये है आपका व्यवहार?

पीएम मोदी ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा था कि इन लोगों का झूठ हमारे देश के नागरिकों की विवेक बुद्धि पर आशंका व्यक्त करता है. इनका झूठ देश के सामान्य विवेक बुद्धि पर एक तमाचा मारने की निर्लज हरकत है. ये हरकतें देश की महान परंपराओं पर तमाचा है.

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