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लाल किले की प्राचीर से PM मोदी ने बताई अपनी सबसे बड़ी पीड़ा, कहा- नारी का अपमान बंद हो

Independence Day 2022: पीएम मोदी ने लाल किले की प्राचीर से देश को संबोधित किया. इस मौके पर पीएम मोदी ने अपनी पीड़ा भी जाहिर की. पीएम मोदी ने कहा कि हमारे अंदर एक ऐसी विकृति आई है कि हम नारी का अपमान करते हैं. पीएम ने कहा कि नारी का गौरव राष्ट्र के सपने पूरे करने में बहुत बड़ी पूंजी बनने वाला है. 

लाल किले की प्राचीर से देश को संबोधित करते पीएम मोदी लाल किले की प्राचीर से देश को संबोधित करते पीएम मोदी
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 15 अगस्त 2022,
  • अपडेटेड 9:33 AM IST

Independence Day 2022: देश आजादी के 75 साल पूरे होने पर आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है. इस दौरान पीएम मोदी ने लाल किले की प्राचीर से देश को संबोधित किया. इस मौके पर पीएम मोदी ने अपनी पीड़ा भी जाहिर की. पीएम मोदी ने कहा कि हमारे अंदर एक ऐसी विकृति आई है कि हम नारी का अपमान करते हैं. क्या हम स्वभाव से, संस्कार से रोजमर्रा की जिंदगी में नारी को अपमानित करने वाली हर बात से मुक्ति का संकल्प ले सकते हैं. नारी का गौरव राष्ट्र के सपने पूरे करने में बहुत बड़ी पूंजी बनने वाला है. 

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मैं जानता हूं कि ये शायद लाल किले की प्राचीर से कहने का विषय नहीं है. लेकिन मैं अपने भीतर का दर्द कहां कहूंगा. देशवासियों के सामने नहीं कहूंगा तो कहां कहूंगा. उन्होंने कहा कि किसी ने किसी कारण से हमारी बोलचाल, हमारे व्यवहार, हमारे शब्दों में विकृति आई है. हम नारी का अपमान करते हैं. 

गांव के क्षेत्र में भी बेटे-बेटियां कॉमन सर्विस सेंटर चला रही है. देश गर्व कर सकता है कि गांव के क्षेत्र में 4 लाख डिजिटल आंत्रप्रेन्योर तैयार हुआ है.

जब हम अपनी धरती से जुड़ेंगे तभी तो ऊंचा उड़ेंगे, तभी विश्व को भी समाधान दे पाएंगे. हम प्रकृति से प्रेम करना जानते हैं. हमारे पास ग्लोबल वॉर्मिंग की समस्या के समाधान का रास्ता हमारे पास है. हमारे पूर्वजों ने हमें दिया है. जब दुनिया होलिस्टिक हेल्थ केयर की चर्चा करती है, तो दुनिया की नजर भारत के योग पर जाती है. भारत के आयुर्वेद पर जाती है.

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हम वो लोग हैं जो जीव में शिव देखते हैं, नर में नारायण देखते हैं जो नारी को नारायणी कहते हैं. पौधे में परमात्मा देखते हैं, जो नदी को मां मानता है, हम वो हैं जो हर कंकर में शंकर देखते हैं. हम वो हैं जिसने दुनिया को वसुधैव कुटुम्बकम का मंत्र दिया. जो कहते हैं कि सत्य एक है. हमने दुनिया का कल्याण देखा है. हमने जन कल्याण से जग कल्याण देखा है.

हमारे छोटे किसान, लघु उद्योग, रेहड़ी पटरी वाले, इनको आर्थिक ताकत देने का प्रयास चल रहा है. मानव संसाधन और प्राकृतिक संसाधनों का अधिकतम इस्तेमाल कैसे हो, इस पर जोर देना होगा. गांव से लेकर शहर तक, पुलिस से लेकर युद्ध के मैदान तक, खेलकूद का मैदान हो, देश के विकास में नारी शक्ति पर ध्यान जरूरी है. 

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