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UN में योग, बाइडेन के साथ डिनर और 5 बड़ी डील... PM मोदी का अमेरिका दौरा इन मायनों में खास

पीएम मोदी जल्दी ही अपने अमेरिका दौरे के लिए रवाना होने वाले हैं. यह पीएम मोदी की पहली अमेरिकी राजकीय यात्रा होने वाली है. यह यात्रा कई मायने में खास होने वाली है. इस दौरान भारत और अमेरिका के बीच छह बड़े रक्षा समझौते होंगे. इनमें ड्रोन्स, स्ट्राइकर आर्मर्ड व्हीकल के अलावा जेट इंजन पर समझौता शामिल है.

पीएम मोदी के आगमन को लेकर अमेरिका में उत्साह है पीएम मोदी के आगमन को लेकर अमेरिका में उत्साह है
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 19 जून 2023,
  • अपडेटेड 1:53 PM IST

बीते हफ्ते अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जैक सुलिवन भारत आए थे. उन्होंने यहां अपने समकक्ष एनएसए अजीत डोभाल से तो मुलाकात की ही, लेकिन इससे भी अहम रही पीएम मोदी से हुई उनकी मुलाकात. ये बातचीत आज की तारीख से ठीक हफ्ते भर पहले हुई और इसलिए खास बन गई, क्योंकि पीएम मोदी अमेरिका के राजकीय दौरे पर रवाना होने वाले हैं और इस दौरान होने वाले जिन रक्षा सौदों की चर्चा आम है, उसके सूत्रधार जैक सुलिवन ही हैं.

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बीते साल ही बनने लगी थी डील की भूमिका
बातचीत, मुलाकात, तारीफ-तरफदारी का ये सिलसिला तो खैर सालभर पहले ही शुरू हो चुका था. मीडिया रिपोर्ट इस बात की गवाह हैं कि कैसे बीते साल नवंबर 2022 में सुलिवन ने पीएम मोदी की तारीफ की थी,  और जी20 बैठक में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के साथ पीएम मोदी की मुलाकात की भूमिका बनाई थी. यह वह समय था, जब दोनों देशों ने द्विपक्षीय वार्ता के जरिए साझेदारी की राह पर बढ़ना शुरू किया था.

20 जून को यूएस रवाना हो रहे हैं पीएम मोदी
नतीजा... पीएम मोदी की अमेरिका यात्रा से पहले दोनों देशों के बीच ड्रोन डील हो चुकी है और अब जब पीएम राजकीय यात्रा पर US पहुंचेंगे तो इस दौरे पर सबसे बड़ी डिफेंस डील को अंजाम दिया जाएगा. इस दौरे की तारीख होगी 21 से 24 जून और इसके लिए पीएम मोदी 20जून को ही रवाना हो रहे हैं.  

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पीएम मोदी के इस दौरे की शुरुआत न्यूयॉर्क पहुंचने से होगी. यहां यूएन में वो अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के कार्यक्रम का नेतृत्व करेंगे. इसके बाद वो वॉशिंगटन जाएंगे जहां बतौर राजकीय मेहमान उनका स्वागत किया जाएगा. चीन के बढ़ते आक्रामक रुख पर लगाम कसने के लिए अमेरिका ने भारत को अपना रणनीतिक साझीदार बनाया है और अब वो उसकी ताकत और तकनीक को आगे बढ़ा रहा है. इस दौरे पर सबसे बड़ी डिफेंस डील होने जा रही है, जिसमें ड्रोन्स, स्ट्राइकर आर्मर्ड व्हीकल के अलावा जेट इंजन पर समझौता होने वाला है.

डिफेंस डील की अहम बातें
डिफेंस को लेकर होने वाले इस समझौते की अहम बात ये है कि अमेरिका जेट इंजन से लेकर अपने खतरनाक हथियारों की तकनीक भी भारत को ट्रांसफर करने वाला है. दरअसल, उसे भारत की ताकत का एहसास है और वो जानता है कि भारत को साथ लिए बिना वो चीन से नहीं निपट सकता है. लिहाजा, पीएम मोदी के इस दौरे में वो सौदे होने वाले हैं जिनसे न केवल भारत की सामरिक ताकत बढ़ेगी बल्कि देश में रोजगार बढ़ने की भी बड़ी उम्मीदें हैं.

कई गुना बढ़ेगी भारत की ताकत
भारत-अमेरिका के बीच भारत को सुपरपावर बनाने वाली अब तक की सबसे बड़ी डिफेंस डील होने वाली है. 21 जून से पीएम मोदी के अमेरिकी दौर पर ये डील फाइनल होगी जिससे भारत की ताकत कई गुना बढ़ जाएगी. पीएम मोदी के इस दौरे से पहले अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन भारत आए और उन्होंने पीएम मोदी से मुलाकात की. जेक सुलिवन को इस मेगा डिफेंस डील का सूत्रधार माना जाता है. उनके साथ मिलकर भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने इस साल जनवरी के बाद जबरदस्त काम किया.

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ये डील क्या है, और इससे कैसे भारत हथियारों के मामले में सर्वशक्तिमान बनेगा, ये भी आपको बताएंगे. उससे पहले बता दें कि डिफेंस डील की बारीकियों को साझा करने के लिए अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने मंगलवार को पीएम मोदी से मुलाकात की. इस मुलाकात के बाद पीएम मोदी ने ट्वीट किया. वहीं इस मुलाकात से पहले आईसीईटी की बैठक के दौरान जेक सुलिवान ने पीएम मोदी के अमेरिकी दौरे को लेकर राष्ट्रपति बाइडेन की खुशी साझा की.

जनवरी 2023 से हो रही  डोभाल-सुलिवन की बातचीत
जेक सुलिवन और अजीत डोभाल के बीच जनवरी 2023 के बाद बातचीत शुरू हुई थी. कई दौर की बातचीत के बाद अब भारत-अमेरिका का रक्षा सौदा निर्णायक मोड़ पर पहुंच गया है. ये सौदा रूस के साथ भारत के रक्षा संबंधों में आई अड़चनों के बीच तेजी से आगे बढ़ा. दरअसल, यूक्रेन युद्ध में उलझा रूस भारत की रक्षा जरूरतों को समय पर पूरा नहीं कर पा रहा था और उधर चीन का खतरा भारत ही नहीं दुनिया के लिए लगातार बढ़ता जा रहा था.

जब 22 जून को पीएम मोदी अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन से मिलेंगे तो दोनों देशों के बीच कौन-कौन से समझौते होंगे.

पहला समझौता - भारत में जीई-414 जेट इंजन का निर्माण
चीन का मुकाबला करने के लिए भारत को अपने लड़ाकू विमानों की तादाद तेजी से बढ़ाने की जरूरत है. इस वक्त तेजस मार्क-2 के लिए नए इंजन की जरूरत थी. पीएम मोदी के अमेरिकी दौरे में GE F414 Engine का निर्माण भारत में होने पर मुहर लग जाएगी. इससे जेट इंजन भारत में बनने लगेगा. इसके लिए अमेरिका टेक्नोलॉजी ट्रांसफर पर सहमत हो गया है.

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दूसरा समझौता - M-777 लाइट होवित्जर अपग्रेड का ऑफर
भारत के पास इस वक्त M-777 लाइट होवित्जर तोप हैं जो लद्दाख से लेकर अरुणाचल तक के पहाड़ी इलाकों में चीन का मुकाबला करने के लिए तैनात हैं. मोदी के अमेरिकी दौरे से पहले अमेरिका ने इसे अपग्रेड कर इसकी रेंज बढ़ाने का ऑफर दिया है. इससे इस तोप की मारक क्षमता बढ़ जाएगी.

तीसरा समझौता - स्ट्राइकर बख्तरबंद वाहन का साझा उत्पादन
दुनिया की सबसे ताकतवर बख्तरबंद गाड़ियां हैं, स्ट्राइकर बख्तरबंद वाहन. अपने मोबाइल गन सिस्टम के साथ, 105 एमएम की तोप और एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल से लैस ये वाहन टैंकों को भी तबाह करने की ताकत रखता है. अमेरिका ने अपने सबसे शक्तिशाली स्ट्राइकर वाहन को भारत के साथ मिलकर बनाने का ऑफर दिया है.

चौथा समझौता - अमेरिकी प्रीडेटर ड्रोन भारत को ट्रांसफर
अमेरिका का बेहद खतरनाक ड्रोन 1200 किलोमीटर तक मार करने की क्षमता रखता है. तालिबान और ISIS के खिलाफ अमेरिका ने इन ड्रोन्स के जरिए अचूक हमले किए. भारत को अपनी लंबी समुद्री सीमा और थल सीमा की निगरानी के लिए भी इस ड्रोन की खास जरूरत थी. लिहाजा रक्षा मंत्रालय ने अमेरिका से इस खरीदारी को हरी झंडी दे दी. वहीं पीएम मोदी के दौरे पर इसे अंतिम रूप दिया जा सकता है.

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पांचवां समझौता - अमेरिका के दूर तक मार करने वाले बम-मिसाइल का निर्माण
भारत चाहता है कि वो हवा से हवा में मार करने वाले अमेरिकी मिसाइल और लंबी रेंज वाले आर्टिलरी बम का निर्माण अपने देश में करे. मुमकिन है कि ये समझौता भी पीएम मोदी के अमेरिकी दौरे पर होगा.

 

यह भी पढ़िएः अफ्रीकन यूनियन को G-20 में क्यों लाना चाहते हैं पीएम मोदी? समझें इसके मायने

न्यूयॉर्क पहुंचेंगे पीएम मोदी
20 जून की शाम नरेंद्र मोदी न्यूयॉर्क में होंगे और वहां भारतीयों और अमेरिकियों समेत बड़ी तादाद में लोग पीएम मोदी के स्वागत की तैयारियों में जुटे हुए हैं. पीएम मोदी का इंतजार भारतीय-अमेरिकी समुदाय को ही नहीं अमेरिकी सरकार, प्रशासन और राजनेताओं को भी है.अमेरिका में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वागत के लिए भारतीय बेकरार हैं. बच्चे हों या बुज़ुर्ग, महिलाएं हों या पुरुष, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अमेरिकी दौरे से पहले इन सबका जोश हाई है. वॉशिंगटन डीसी में पीएम मोदी के स्वागत के लिए भारतीय समुदाय के लोग पहले से तैयारियों में जुटे हुए हैं.

अमेरिका में निकाला गया स्वागत मार्च
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वैसे तो सबसे पहले न्यू यॉर्क पहुंचने वाले हैं, लेकिन उनके अमेरिका दौरे से पहले अमेरिका के 20 शहरों से भारतीय समुदाय के हजारों लोग वॉशिंगटन पहुंच चुके थे. कोई अमेरिका के वर्जीनिया से आया था, कोई मैरीलैंड से, कोई न्यू यॉर्क से आया था, कोई कैलिफोर्निया से तो कोई कनेक्टिकट से पहुंचा था.

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अमेरिकी भारतीय समुदायों के बीच हिंदुस्तान की विविधता के इतने रंग बिखरे थे कि वॉशिंगटन में पीएम के स्वागत की तैयारियों से पहले जो कार्यक्रम आयोजित हुआ था उनमें कोई पंजाब का था तो कोई कश्मीर का, कोई तेलंगाना का था तो कोई गुजरात का. अमेरिका के 20 शहरों से सात हजार से ज्यादा लोगों ने पीएम मोदी के दौरे से पहले एक मार्च निकाला था. पीएम मोदी के समर्थन में नारे और अमेरिकी जिंदाबाद के नारे के साथ लोग यूनिटी मार्च में पहुंचे थे.

21 जून की सुबह यूएन में योग
वॉशिंगटन डीसी में लिंकन मेमोरियल तक आयोजित इस मार्च का मकसद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अमेरिका दौरे से पहले उनके स्वागत का था. भारत और अमेरिका के बीच बढ़ती दोस्ती का था. दुनिया के सबसे बड़े और सबसे पुराने लोकतंत्र के साझा मूल्यों के लिए था. उधर, 20 जून को न्यू यॉर्क में जैसे ही पीएम मोदी पहुंचेंगे तो दूसरे दिन 21 जून को दुनिया की सबसे बड़ी पंचायत के प्रांगण में विश्व भर के प्रतिनिधि भारत के प्रधानमंत्री के साथ योग कर रहे होंगे. 

21 जून को संयुक्त राष्ट्र संघ मुख्यालय के प्रांगण में पूरी दुनिया योग दिवस मनाएगी. उसके लिए अभी से तैयारियां शुरू हो गई हैं. विश्व योग दिवस के लिए मंच बनाया जाने लगा है. संयुक्त राष्ट्र संघ मुख्यालय के लॉन में तैयारी जोरशोर से चल रही है. पिछले 9 साल से जिस 21 जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूरी दुनिया को योग पथ पर चलने के लिए प्रेरित किया है. वही दृश्य एक बार फिर संयुक्त राष्ट्र संघ मुख्यालय में दिखेगा. जब विश्व को तन-मन के एकात्म और स्वस्थ जीवन का संदेश देने वाले योग की राह पर दुनिया चलेगी.

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ये है पूरा कार्यक्रम
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ये अमेरिका दौरा कितना महत्वपूर्ण है और कैसे इस एक दौरे से पूरी दुनिया में भारत के बढ़ते प्रभुत्व का अनुमान लगाया जा सकता है, ये  जानने से पहले पीएम मोदी का अमेरिकी दौरे पर क्या क्या प्लान है, यह भी जान लीजिए. 

20 जून की रात न्यू यॉर्क में नोबेल पुरस्कार विजेताओं का कार्यक्रम.
21 जून को सुबह पीएम मोदी संयुक्त राष्ट्र संघ मुख्यालय के लॉन में विश्व योग दिवस मनाएंगे.
21 जून की शाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व्हाइट हाउस में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के पारिवारिक मेहमान बनेंगे.
22 जून को वॉशिंगटन डीसी में पीएम मोदी अमेरिकी कांग्रेस को संबोधित करने वाले हैं.
22 जून की शाम में पीएम मोदी अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और जिल बाइडेन के स्टेट गेस्ट होंगे और स्टेट डिनर में शामिल होंगे.
23 जून को सुबह पीएम मोदी के सम्मान में अमेरिकी उप राष्ट्रपति कमला हैरिस ने दोपहर के भोज का आयोजन किया है.
23 जून की शाम पीएम मोदी का केनेडी हाउस में कार्यक्रम है और फिर रिगन सेंटर में कार्यक्रम है, जहां पीएम मोदी भारतीय समुदाय के लोगों से मिलेंगे.
24 जून को पीएम मोदी मिस्र के दौरे के लिए रवाना हो जाएंगे. 

21 जून 
पीएम मोदी न्यूयॉर्क में स्थित संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में 9वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस समारोह का नेतृत्व करेंगे. इस समारोह में इंटरनेशनल सिंगर मैरी मिलबेन भी शामिल होंगी. योग दिवस पर इस कार्यक्रम में 180 देशों के प्रतिनिधि शामिल होंगे. इस दिन अमेरिका भविष्य के लिए कौशल विकास पर एक कार्यक्रम भी होगा. 

22 जून 
जो बाइडेन और जिल बाइडेन 21 तोपों की सलामी के बीच प्रधानमंत्री का स्वागत करेंगे. ऐतिहासिक यात्रा के दौरान वॉसिंगटन डीसी में स्थित व्हाइट हाउस के दक्षिणी लॉन में एक भव्य स्वागत समारोह होगा. इस स्थान पर ही रात के समय राजकीय रात्रिभोज होगा. जिसकी मेजबानी जो बाइडेन और उनकी पत्नी करेंगी. 7000 से ज्यादा भारतीय अमेरिकी इसमें शामिल हो सकते हैं. प्रधानमंत्री अमेरिकी कांग्रेस की संयुक्त बैठक को संबोधित करेंगे. उन्हें यूएस कांग्रेस के नेताओं ने आमंत्रित किया है, जिसमें प्रतिनिधि सभा के अध्यक्ष केविन मैकार्थी और सीनेट के नेता चार्ल्स शूमर शामिल रहेंगे. 

23 जून
उप राष्ट्रपति कमला हैरिस और विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन राज्य विभाग के फोगी बॉटम मुख्यालय में पीएम मोदी के साथ दोपहर का भोजन करेंगे. भारतीय मूल के लोग रोनाल्ड रीगन बिल्डिंग में प्रधानमंत्री के लिए रात्रिभोज का आयोजन करेंगे. प्रधानमंत्री प्रमुख सीईओ, पेशेवरों और अन्य हितधारकों के साथ कई क्यूरेटेड इंटरैक्शन का कार्यक्रम में शामिल होंगे. 

24-25 जून
पीएम मोदी 24 जून को संयुक्त राज्य अमेरिका से प्रस्थान करेंगे और 24-25 जून को मिस्र की राजकीय यात्रा पर काहिरा पहुंचेंगे. यह निमंत्रण जनवरी 2023 में भारत के गणतंत्र दिवस समारोह के दौरान मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सिसी ने दिया था, जहां वह मुख्य अतिथि थे.

यह भी पढ़िएः यूएन में PM मोदी का मेगा योगा इवेंट... सेशन के अध्यक्ष समेत 180 देशों के प्रतिनिधि होंगे शामिल

भारत-अमेरिका के बीच नए विश्वास की बानगी है यह यात्राः तरणजीत सिंह संधू
अमेरिका में भारत के राजदूत तरणजीत सिंह संधू ने कहा,  मोदी यूएस काफी बार आए हैं. 2014 की यात्रा भी यादगार थी. लेकिन ये यात्रा ऐतिहासिक भी है. ये यात्रा दोनों देशों के संबंधों को नेक्स्ट लेवल पर ले जाएगी और दोनों देशों के लिए फायदेमंद हैं. ये यात्रा हेल्थ, मेडिसिन और रक्षा संबंधों को लेकर भी काफी महत्वपूर्ण है. ये संबंध विक्रेता-खरीदार और मार्केट से कहीं आगे की है. ये संबंध तकनीक के साझेदारी का भी जरिया बन सकता है और भारत-अमेरिका के बीच नए स्तर के विश्वास की बानगी भी बनेगा. 

पीएम मोदी के दौरे से दोनों देशों में उत्साहः अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी 
अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी ने इडिया टुडे से बातचीत में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अमेरिकी दौरे को लेकर दोनों देशों में उत्साह बना हुआ है. उनका यह दौरा ऐतिहासिक तो होगा ही लेकिन साथ में यह दोनों देशों के लिए ऐतिहासिक पल होगा. यह दौरा वैश्विक चुनौतियों के लिहाज से भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि पीएम मोदी ऐसे समय में अमेरिका आ रहे हैं, जब एक और यूक्रेन लंबे समय से युद्ध का दंश झेल रहा है. दुनिया दो खांचों में बंट चुकी हैं तो दूसरी तरफ क्लाइमेट चेंज पूरी दुनिया के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है. इस बीच प्रधानमंत्री मोदी का अमेरिका आना महत्वपूर्ण होगा.
 

 

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