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Independence Day 2022: लाल किले की प्राचीर से PM मोदी ने गांधी, बोस, अंबेडकर और सावरकर समेत इन वीर सपूतों को किया याद

पीएम मोदी ने कहा कि हिंदुस्तान का कोई कोना, कोई काल ऐसा नहीं था, जब देशवासियों ने सैंकड़ों सालों तक गुलामी के खिलाफ जंग न की हो, जीवन न खपाया हो, यातनाएं न झेली हो, आहुति न दी हो. आज हम सब देशवासियों के लिए ऐसे हर महापुरुष (महामत्मा गांधी, सुभाष चंद्र बोस, भीम राव अंबेडकर, वीर सावरकर) को हर त्यागी और बलिदानी को नमन करने का अवसर है. 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले से देश को संबोधित किया प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले से देश को संबोधित किया
aajtak.in
  • नई दिल्ली ,
  • 15 अगस्त 2022,
  • अपडेटेड 2:27 PM IST

आज 15 अगस्त 2022 को भारत की आजादी की 75वीं वर्षगांठ मनाई जा रही है. लाल किले की प्राचीर में ध्वजारोहण के बाद प्रधानमंत्री ने देश को संबोधित कर रहे हैं. अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि मैं विश्व भर में फैले हुए भारत प्रेमियों को, भारतीयों को आजादी के इस अमृत महोत्सव की बहुत-बहुत बधाई देता हूं.

पीएम ने कहा कि न सिर्फ हिंदुस्तान का हर कोना, लेकिन दुनिया के हर कोने में आज किसी न किसी रूप में भारतीयों के द्वारा या भारत के प्रति अपार प्रेम रखने वाला विश्व के हर कोने में ये हमारा तिरंगा आन-बान-शान के साथ लहरा रहा है. 

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हिंदुस्तान का कोई कोना, कोई काल ऐसा नहीं था, जब देशवासियों ने सैंकड़ों सालों तक गुलामी के खिलाफ जंग न की हो, जीवन न खपाया हो, यातनाएं न झेली हो, आहुति न दी हो. आज हम सब देशवासियों के लिए ऐसे हर महापुरुष (महामत्मा गांधी, सुभाष चंद्र बोस, भीम राव अंबेडकर, वीर सावरकर) को हर त्यागी और बलिदानी को नमन करने का अवसर है. 

देश कृतज्ञ है मंगल पांडे, तात्या टोपे, भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरु, चंद्रशेखर आजाद, असफाक उल्ला खां, राम प्रसाद बिस्मिल ऐसे अनगिनत ऐसे हमारे क्रांति वीरों ने अंग्रेजों की हुकूमत की नींव हिला दी थी. पीएम मोदी ने कहा कि भारत लोकतंत्र की जननी है. मदर ऑफ डेमोक्रेसी है, जिनके जहन में लोकतंत्र होता है वे जब संकल्प करके चल पड़ते हैं वो सामर्थ्य दुनिया की बड़ी-बड़ी सल्तनतों के लिए भी संकट का काल लेकर आती है ये मदर ऑफ डेमोक्रेसी. 

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पीएम ने कहा कि अमृत महोत्सव के दौरान देशवासियों ने देश के हर कोने में लक्ष्यावधि कार्यक्रम किए. शायद इतिहास में इतना विशाल, व्यापक, लंबा एक ही मकसद का उत्सव मनाया गया हो. वो शायद एक पहली घटना हुई है. अपने संबोधन के दौरान पीएम मोदी ने 25 साल का ब्लू प्रिंट भी रखा. 

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