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'...तैरते रहते थे जेटली के वनलाइनर', PM मोदी ने अपने पूर्व कैबिनेट सहयोगी को किया याद

दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित कार्यक्रम में पीएम मोदी ने अरुण जेटली को याद करते हुए भारत में आर्थिक सुधारों की चर्चा की और कहा कि भारत में सुधारों को हम मजबूरी के तौर पर थोपा गया आर्थिक कार्यक्रम नहीं मानते हैं.

अरुण जेटली मेमोरियल लेक्चर को पीएम मोदी ने किया संबोधित (फोटो-Twitter) अरुण जेटली मेमोरियल लेक्चर को पीएम मोदी ने किया संबोधित (फोटो-Twitter)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 08 जुलाई 2022,
  • अपडेटेड 9:52 PM IST
  • पीएम मोदी ने अरुण जेटली को किया याद
  • 'हमारे पास चुनौतियां है तो 130 करोड़ समाधान भी हैं'
  • 'रिफॉर्म्स को आवश्यक बुराई नहीं मानते हैं हम'

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को आयोजित एक कार्यक्रम में अपने मंत्रिमंडल के पुराने सहयोगी अरुण जेटली को याद किया. दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित एक कार्यक्रम में पीएम मोदी ने कहा कि हम रिफॉर्म्स को आवश्यक बुराई के रूप में नहीं बल्कि विन विन च्वाइस के रूप में मानते हैं. पीएम ने कहा कि अरुण जेटली आज जहां भी होंगे वे संतुष्ट होंगे. 

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जापान के पूर्व पीएम शिंजो आबे को श्रद्धांजलि देते हुए पीएम मोदी ने कहा कि आज का दिन मेरे लिए अपूरणीय क्षति और असहनीय पीड़ा का दिन है. मेरे घनिष्ठ मित्र और जापान के पूर्व प्रधानमंत्री श्री शिंजो आबे अब हमारे बीच नहीं रहे हैं. वे भारत के घनिष्ठ मित्र थे.आबे जी मेरे तो साथी तो थे ही, वो भारत के भी उतने ही विश्वसनीय दोस्त थे. उनके कार्यकाल में भारत-जापान के राजनीतिक संबंधों को नई ऊंचाई तो मिली ही, साथ ही हमने दोनों देशों की साझी विरासत को जोड़ते रिश्तों को भी खूब आगे बढ़ाया. 

पीएम मोदी ने कहा कि आज का ये कार्यक्रम उनके एक और घनिष्ठ मित्र अरुण जेटली को समर्पित है. बीते दिनों को याद करते हुए बहुत सारी बातें और वाकये याद आते हैं. पीएम मोदी ने कहा कि हम सभी अरुण जेटली की वाकपटुता के कायल थे और उनके वनलाइनर लंबे अरसे तक हवा में गूंजते रहते थे. 

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पीएम ने कहा कि उनका व्यक्तित्व विविधता से भरा था. उनका स्वभाव सर्वमित्र वाला था. यहां पर जितने लोग दिख रहे हैं सब की अलग-अलग दुनिया थी लेकिन ये सभी अरुण के मित्र थे. ये अरुण के सर्वमित्र स्वभाव की विशेषता थी. उनके व्यक्तित्व की खूबी को सभी आज भी याद करते हैं और हर कोई उनकी कमी महसूस करता है. मैं अरुण जेटली जी को अपनी विनम्र श्रद्धांजलि देता हूं. 

पीएम मोदी ने कहा कि सरकार के मुखिया के तौर पर 20 वर्ष के मेरे अनुभवों का सार यही है कि बिना समावेश के वास्तविक विकास संभव ही नहीं है और बिना विकास के समावेश का लक्ष्य भी पूरा नहीं किया जा सकता है. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज का भारत सुधारों को मजबूरी से अपनाने के बजाय इच्छा शक्ति अपनाने की जरूरत पर जोर दे रहा है और इसी के आधार पर आने वाले 25 साल का रोडमैप तैयार कर रहा है. उन्होंने कहा कि पहले बड़े रिफ़ॉर्म्स तभी हुए जब पहले की सरकारों के पास कोई और रास्ता नहीं बचता था. 

हम सुधारों को आवश्यक बुराई नहीं बल्कि विन-विन च्वाइस मानते हैं, जिसमें जनहित है.  हमारी पॉलिसी मेकिंग लोगों के नब्ज पर आधारित है. हम ज्यादा से ज्यादा लोगों को सुनते हैं, उनकी आवश्यकता, उनकी आकांक्षा को समझते हैं. पीएम मोदी ने कहा कि हमारे सामने चुनौतियां हैं, तो हमारे पास 130 करोड़ समाधान भी हैं. हमने चुनौतियों को ही चुनौती देकर आगे बढ़ने का इरादा किया है. 

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