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'मैंने ही CM को बोला था आप इतनी जल्दी कष्ट मत उठाइए', सिद्धारमैया को न बुलाने पर बोले पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार सुबह एथेंस से सीधे बेंगलुरु पहुंचे. एयरपोर्ट के बाहर उन्होंने लोगों को संबोधित किया. पीएम मोदी ने बताया कि उन्होंने ही मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री को कहा था कि इतनी सुबह उन्हें रिसीव करने का कष्ट मत उठाइए.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बेंगलुरु में लोगों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बेंगलुरु में लोगों को संबोधित करते हुए
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 26 अगस्त 2023,
  • अपडेटेड 9:06 AM IST

अपनी ग्रीस की यात्रा के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज सुबह सीधे एथेंस से बेंगलुरु के एचएएल एयरपोर्ट पहुंचे और हवाई अड्डे के बाहर 'जय विज्ञान जय अनुसंधान' का नारा लगाया. इसके बाद वह इसरो मुख्यालय के लिए रवाना हुए. एयरपोर्ट के बाहर बड़ी संख्या में लोग पीएम मोदी के स्वागत के लिए एकत्र थे. पीएम मोदी कुछ ही देर में चंद्रयान-3 मिशन में शामिल इसरो टीम के वैज्ञानिकों से मुलाकात करेंगे.

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लोगों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने सीएम सिद्धारमैया को न बुलाने पर सफाई देते हुए कहा कि मैंने ही CM और डिप्टी सीएम को बोला था आप इतना जल्दी कष्ट मत उठाइए. इससे पहले मुख्यमंत्री कार्यालय ने कहा था कि पीएमओ ने सीएमओ और राजभवन को सूचना दे दी है कि पीएम की अगवानी के लिए आने की जरूरत नहीं है.

वैज्ञानिकों से मिलने को हूं उत्सुक

पीएम मोदी ने कहा, 'इतनी दूर से आना था, मैं यहां आदरणीय मुख्यमंत्री, उप मुख्यमंत्री और राज्यपाल साहब उन सबको रिक्वेस्ट किया था कि आप इतनी जल्दी- जल्दी कष्ट मत उठाइए. मैं तो वैज्ञानिकों को प्रणाम करके चला जाऊंगा. तो मैंने उनको रिक्वेस्ट की थी कि जब मैं विधिवत रूप से कर्नाटक आऊंगा तो मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री जी जरूर प्रोटोकॉल निभाएं. लेकिन उन्होंने सहयोग किया मैं उनका आभार व्यक्त करता हूं, अभिनंदन व्यक्त करता हूं.ये समय मेरे संबोधन का नहीं है, मेरा मन उन वैज्ञानिकों के पास पहुंचने को उत्सुक है. मैं आपको धन्यवाद करता हूं कि बेंगलुरु के लोगों ने अभी भी उस पल को उमंग और उत्साह से जीकर दिखा रहे हैं.'

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बुधवार को रचा गया था इतिहास

प्रधानमंत्री ने बुधवार को 15वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेने के दौरान जोहान्सबर्ग से चंद्रमा पर लैंडर विक्रम की ऐतिहासिक लैंडिंग का सीधा प्रसारण देखा था. अंतरिक्ष में 40 दिनों की यात्रा के बाद, चंद्रयान -3 लैंडर, 'विक्रम', बुधवार शाम को अभी तक अछूते रहे चंद्र दक्षिणी ध्रुव पर लैंड किया. भारत ऐसा करने वाला पहला देश बन गया था.

इसरो ने दी ये खुशखबरी

Chandrayaan-3 का रोवर यानी प्रज्ञान (Pragyan) लैंडर से बाहर आने के बाद चांद की सतह पर करीब 8 मीटर (26.24 फीट) चल चुका है. ये खुशखबरी ISRO ने ट्वीट करके दी है. रोवर, लैंडर और प्रोपल्शन मॉड्यूल की सेहत ठीक है. सभी के पेलोड्स यानी उनके अंदर लगे यंत्र सही-सलामत काम कर रहे हैं. 

पहले ये जानते हैं प्रज्ञान रोवर चांद की सतह पर काम क्या कर रहा है. रोवर पर दो पेलोड्स लगें हैं. पहला है लेजर इंड्यूस्ड ब्रेकडाउन स्पेक्ट्रोस्कोप (Laser Induced Breakdown Spectroscope - LIBS). यह एलिमेंट कंपोजिशन की स्टडी करेगा. जैसे- मैग्नीशियम, अल्यूमिनियम, सिलिकन, पोटैशियम, कैल्सियम, टिन और लोहा. इनकी खोज लैंडिंग साइट के आसपास चांद की सतह पर की जाएगी. 

 

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