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Cabinet Expansion: मोदी कैबिनेट विस्तार का क्या है सियासी संदेश और किस फॉर्मूले से होगा चयन? जानें सबकुछ

Modi Cabinet Expansion: मंत्रिमंडल विस्तार पर आजतक को जो जानकारी मिली हैं, उसमें यही बताया गया है कि ये बड़ा मंत्रिमंडल विस्तार और फेरबदल है. इसमें दलित और पिछड़ी जातियों के प्रतिनिधित्व से बड़ा मैसेज दिया जाएगा. ये कहा जा रहा है कि विस्तार के बाद कम से कम 25 ओबीसी मंत्री होंगे. 

प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी (फाइल फोटो) प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी (फाइल फोटो)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 06 जुलाई 2021,
  • अपडेटेड 10:03 AM IST
  • बुधवार को होगा मोदी कैबिनेट का विस्तार
  • कई दिग्गजों को मिल सकती है कैबिनेट में जगह
  • यूपी पर रहेगी ख़ास नजर

राजधानी दिल्ली में राजनीतिक हलचल तेज हो चुकी है. केंद्रीय कैबिनेट में बदलाव (Modi Cabinet Reshuffle) का काउंटडाउन शुरू हो गया है. पीएम मोदी की कैबिनेट में कल शाम तक विस्तार हो जाएगा. ऐसे में सभी की नजरें पीएम की नयी टीम पर बनी हुई है. आखिरकार पीएम मोदी किस रणनीति के तहत ये फेरबदल कर रहे हैं, यह हर कोई जानना चाहता है. 

केंद्रीय मंत्रिमंडल में होने वाले बदलाव (Cabinet Expansion) को लेकर दिल्ली में नेताओं का जमावड़ा लग चुका है. ज्योतिरादित्य सिंधिया से लेकर नारायण राणे जैसे दिग्गज दिल्ली पहुंच चुके हैं. वहीं मंत्रिमंडल विस्तार पर आजतक को जो जानकारी मिली हैं, उसमें यही बताया गया है कि ये बड़ा मंत्रिमंडल विस्तार और फेरबदल है. इसमें दलित और पिछड़ी जातियों के प्रतिनिधित्व से बड़ा मैसेज दिया जाएगा. ये कहा जा रहा है कि विस्तार के बाद कम से कम 25 ओबीसी मंत्री होंगे. 

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युवा चेहरों को मिलेगा मौका

जानकारी के मुताबिक नए मंत्रियों की लिस्ट में आपको कई टेक्नोक्रेट भी दिख सकते हैं. क्योंकि इस बात पर भी बहुत ध्यान दिया गया है कि नए मंत्रियों में उच्च शिक्षित लोग भी शामिल हों. और अपने अपने क्षेत्रों के विशेषज्ञ हों. वहीं युवा चेहरों को आगे लाया जाएगा. उन लोगों को मौका मिलेगा, जिन्हें राज्यों में काम करने का प्रशासनिक अनुभव है.

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चुनावी राज्यों पर रहेगी नजर

इसके अलावा उत्तर प्रदेश जैसे चुनावी राज्यों पर निश्चित तौर पर फोकस होगा. ये ध्यान रखा जाएगा कि सभी प्रमुख समुदायों और सभी इलाकों का मंत्रिमंडल में प्रतिनिधित्व हो. अभी यूपी से पीएम मोदी को मिलाकर कुल 10 मंत्री हैं. यूपी चुनाव में तकरीबन 7 महीने रह गए हैं, ऐसे में माना जा रहा है कि मंत्रिमंडल विस्तार से चुनावी समीकरण सही करने का यह एक बड़ा चांस है. 

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चार राज्य फोकस में

यूपी के साथ साथ बंगाल, महाराष्ट्र और गुजरात,  मंत्रिमंडल विस्तार में ये चार राज्य फोकस में हैं. इनमें यूपी और गुजरात में अगले साल चुनाव हैं. ऐसे में महाराष्ट्र में जहां खुद को मजबूत करना है तो दूसरी ओर पश्चिम बंगाल में दीदी के लिए चैलेंज बनाए रखना है.

बंगाल का नाम आने पर यहां से बीजेपी सांसद शांतनु ठाकुर के नाम की चर्चा है. शांतनु का मतुआ समुदाय में खासा प्रभाव है. वहीं इसी लिस्ट में  दूसरा नाम निशीथ प्रमाणिक का है, जो राजवंशी समुदाय से हैं. और 2019 से पहले टीएमसी से बीजेपी में आए थे.

नारायण राणे को मिल सकता है मौका

महाराष्ट्र में नारायण राणे का नाम चर्चा में है. जो कभी शिवसेना में थे. लेकिन अब शिवसेना के कट्टर विरोधी हैं. महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण का मुद्दा गरम है, तो मराठा नेता के तौर पर उन्हें टीम मोदी में जगह मिल सकती है. 

इन सबके अलावा मंत्रिमंडल विस्तार में सबसे ज़्यादा ध्यान यूपी पर होगा. जहां विधानसभा चुनाव को सात महीने ही बचे हैं. फरवरी मार्च में चुनाव हैं, और यूपी में सियासी समीकरण को ठीक करने का ये बड़ा मौका है.



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ब्राह्मण चेहरे के तौर पर यूपी से किसे मिलेगा मौका?

जिसमें ब्राह्मण चेहरे के तौर पर कानपुर से सांसद सत्यदेव पचौरी, प्रयागराज से सांसद रीता बहुगुणा जोशी, बस्ती से सांसद हरीश द्विवेदी, खीरी से सांसद अजय मिश्रा के नामों की चर्चा चल रही हैं. इनमें से किसी को मौका मिल सकता है.

दलित चेहरे के तौर पर होगा किसका चुनाव?  

वहीं दलित चेहरे को तौर पर इटावा से सांसद राम शंकर कठेरिया, कौशांबी से सांसद विनोद सोनकर और मोहनलालगंज से सांसद कौशल किशोर के नामों की चर्चा है, इनमें से किसी को मौका मिल सकता है. साथ ही पाल समुदाय से आगरा के सांसद एसपी सिंह बघेल और वैश्य समुदाय से मेरठ के सांसद राजेंद्र अग्रवाल के नाम भी बहुत चर्चा है.

अनुप्रिया पटेल को मिलेगी जगह?

छोटे दलों में निषाद पार्टी के संजय निषाद या फिर संत कबीर नगर से उनके बेटे और बीजेपी सांसद प्रवीण निषाद को भी जगह मिल सकती है. अपना दल से अनुप्रिया पटेल या फिर उनके पति आशीष पटेल को मौका मिल सकता है.

ओम प्रकाश राजभर के लिए क्या रणनीति?

सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के ओम प्रकाश राजभर को काउंटर करने के लिए बीजेपी के राज्यसभा सांसद सकलदीप राजभर को भी चांस मिल सकता है. वो भी मंगलवार को दिल्ली पहुंचे हैं.

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ये माना जा रहा है कि ओबीसी समुदाय और दलित समुदाय से इस बार ज़्यादा से ज़्यादा मंत्री बनाए जाएंगे. और जिन्हें टीम मोदी में जगह नहीं मिल पाएगी, उन्हें आगे टीम योगी में जगह दी जाएगी.



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मोदी कैबिनेट में अभी यूपी से 10 मंत्री

फिलहाल मोदी कैबिनेट में कुल मिलाकर यूपी से 10 मंत्री हैं. जिनमें लखनऊ से राजनाथ सिंह, अमेठी से स्मृति ईरानी और रामपुर से मुख्तार अब्बास नकवी जैसे बड़े चेहरे हैं. 

चंदौली से सांसद महेंद्र नाथ पांडेय, बरेली से सांसद संतोष गंगवार, गाज़ियाबाद से सांसद जनरल वीके सिंह मंत्रिमंडल के बड़े चेहरे हैं. मुज़फ्फरनगर से सांसद संजीव बालियान, फतेहपुर से साध्वी निरंजन ज्योति टीम मोदी में शामिल हैं. केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी भी यूपी से ही राज्यसभा सदस्य हैं.

हालांकि ये भी बहुत मुमकिन है कि अगर किसी राज्य से नए चेहरे मंत्रिमंडल में आएंगे तो उस राज्य के कोटे के कुछ मंत्रियों को हटाया भी जाए. लेकिन क्या ऐसा होगा, और अगर ऐसा होगा तो किसकी छुट्टी होगी? ये कल शाम तक एक दम साफ हो जाएगा. 

(आजतक ब्यूरो)

 

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