
G20 समिट के पहले सत्र को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने दुनिया को कई सुझाव दिए. इस दौरान उन्होंने ग्रीन क्रेडिट को अपनाने पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए दशकों से कार्बन क्रेडिट की चर्चा चल रही है. कार्बन क्रेडिट इस भावना पर जोर देता है कि क्या नहीं करना चाहिए. यह एक नकारात्मक नजरिया है. अक्सर इस बात पर ध्यान नहीं दिया जाता कि क्या सकारात्मक कदम उठाए जाने चाहिए? उन्होंने कहा कि हकीकत ये है कि सकारात्मक कदमों के लिए प्रोत्साहन की व्यवस्था का अभाव है. ग्रीन क्रेडिट हमें इसी का रास्ता दिखाता है.
पीएम मोदी ने कहा कि कार्बन क्रेडिट पर कई दशकों से चर्चा चल रही है, लेकिन इसके नकारात्मक दृष्टिकोण पर ही बात की जाती है. पीएम मोदी ने ग्रीन क्रेडिट के रूप में सकारात्मक दृष्टिकोण की ओर बदलाव का प्रस्ताव रखा.
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पीएम मोदी ने कहा कि इस सकारात्मक सोच को बढ़ावा देने के लिए मेरा प्रस्ताव है कि G20 के सदस्य देश एक 'ग्रीन क्रेडिट इनीशिएटिव' पर काम की शुरुआत करें. उन्होंने कहा कि COP-26 में भारत ने 'ग्रीन ग्रिड इनीशिएटिव- One Sun, One World, One Grid' लॉन्च किया था. आज भारत दुनिया के उन देशों में है, जहां बहुत बड़े पैमाने पर सोलर रिवॉल्यूशन चल रहा है.
भारत के करोड़ों किसान अब नैचुरल फार्मिंग अपना रहे हैं. यह मानव स्वास्थ्य के साथ-साथ Soil की, Earth की health को सुरक्षित रखने का भी बहुत बड़ा अभियान है. हमने भारत में ग्रीन हाइड्रोजन के उत्पादन को बढ़ाने के लिए नेशनल ग्रीन हाइड्रोजन मिशन भी लॉन्च किया है. G20 की प्रेसिडेंसी के दौरान भारत ने ग्लोबल हाइड्रोजन ईको सिस्टम बनाने की दिशा में भी महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं.
बता दें कि भारत ने व्यक्तियों, निजी क्षेत्रों, लघु उद्योगों, सहकारी समितियों, वानिकी उद्यमों और किसान-उत्पादन संगठनों द्वारा उनके पर्यावरणीय कार्यों के लिए किए गए स्वैच्छिक पर्यावरणीय कार्यों (Voluntary Environmental Actions) को प्रोत्साहित करने के लिए एक ग्रीन क्रेडिट प्रोग्राम तैयार किया है.