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बुनियादी ढांचे के विकास से कैसे पैदा हो रहे हैं रोजगार, पीएम मोदी ने आंकड़े गिनाकर समझाया

विपक्षी नेता अक्सर केंद्र सरकार पर हमलावर होते समय बीजेपी के दो करोड़ नौकरियों के वादे की याद दिलाते हैं. इंडिया टुडे ग्रुप को दिए एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रोजगार पर पूछे गए सवाल का विस्तार से जवाब दिया.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से खास बातचीत (फोटो- India Today) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से खास बातचीत (फोटो- India Today)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 29 दिसंबर 2023,
  • अपडेटेड 2:21 PM IST

रोजगार के मुद्दे पर विपक्ष अक्सर केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधता है. मोदी सरकार के पहले और दूसरे कार्यकाल में जिस एक मुद्दे पर विपक्ष ने उनको सबसे ज्यादा घेरा वो नौकरियों का ही रहा. विपक्षी नेता अक्सर केंद्र सरकार पर हमलावर होते समय बीजेपी के दो करोड़ नौकरियों के वादे की याद दिलाते हैं. इंडिया टुडे ग्रुप को दिए एक एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रोजगार पर पूछे गए सवाल का विस्तार से जवाब दिया.

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इंडिया टुडे ग्रुप के एडिटर-इन-चीफ तथा चेयरपर्सन अरुण पुरी, वाइस-चेयरपर्सन कली पुरी और ग्रुप एडिटोरियल डायरेक्टर राज चेंगप्पा से खास बातचीत में पीएम मोदी ने नौकरियों के सृजन की बात को सरकार की सबसे शीर्ष प्राथमिकता बताया. उन्होंने कहा कि हमारे सभी प्रयास इसी दिशा में हैं. बुनियादी ढांचे में निवेश का वृद्धि और रोजगार पर कई प्रकार से असर पड़ता है. इसलिए हमने पूंजी निवेश पर खर्च लगातार बढ़ाया है. 

पीएम मोदी ने कहा कि 2023-24 के बजट में इसे बहुत अधिक बढ़ाकर 10 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया, जबकि 2013-14 में यह 1.9 लाख करोड़ रुपये था. बुनियादी ढांचे के विकास का रोजगार से कनेक्शन स्थापित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि जब भारत 10 वर्षों से भी कम समय में मेट्रो लाइन की लंबाई को 248 किमी से 905 किमी पर ले गया, क्या इससे नौकरियां पैदा नहीं हुई होंगी? जब भारत 10 वर्षों से भी कम समय में हवाई अड्डों की संख्या 74 से 149 पर ले गया, क्या इससे नौकरियां नहीं पैदा हुई होंगी? जब मेडिकल कॉलेजों की संख्या 10 वर्षों से भी कम समय में 387 से बढ़कर 706 हो गई, क्या इससे और अधिक नौकरियों का सृजन नहीं हुआ होगा? 

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पीएम मोदी ने आगे गिनाते हुए कहा कि 2014 की स्थिति की तुलना में सड़कों का निर्माण दोगुना हो गया, क्या इससे और अधिक नौकरियां पैदा नहीं हुई होंगी? अगर पर्यटकों की संख्या बढ़ रही है, तो क्या इससे और अधिक नौकरियां पैदा नहीं हुई होंगी? अगर कृषि पैदावार में काफी बढ़ोतरी हुई है, क्या इससे आजीविका के अधिक अवसर पैदा नहीं हुए? यही कारण है कि हाल के वर्षों में श्रम बाजारों में रोजगार दरें गिरती देखी गईं, जो 2018-19 में 5.8 फीसदी से घटकर 2022-23 में 3.2 फीसदी पर आ गईं. 

पीएम मोदी ने कहा कि इसके साथ ही श्रम बल भागीदारी दर बढ़ी है, जो 2018-19 में 50.2 फीसदी से 2022-23 में 57.2 फीसदी पर पहुंच गई. 31 मार्च, 2022 को ईपीएफओ के 27.74 करोड़ सदस्य थे, जबकि 31 मार्च 2014 को 11.78 करोड़ ही थे. ये आंकड़े गवाह हैं कि रोजगार के अवसर अथवा नौकरियां बढ़ी हैं.

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