
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने तीसरे कार्यकाल की आज पहली कैबिनेट मीटिंग की है. इस कार्यकाल की पहली कैबिनेट मीटिंग में जरूरतमंदों के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत तीन करोड़ नए घर बनाने का लक्ष्य रखा गया है. प्रधानमंत्री ने इस योजना की शुरुआत 2015-16 में की थी. इस योजना के तहत जरूरतमंदों को ग्रामीण और शहरी लेवल पर घर मुहैया कराया जाता है.
पीएमएवाई के तहत, पिछले 10 वर्षों में जरूरतमंद गरीब परिवारों के लिए कुल 4.21 करोड़ घर पूरे बनाए गए हैं. पीएमएवाई में बने घरों में केंद्र सरकार और राज्य सरकार की अन्य योजनाओं के तहत घरेलू शौचालय, एलपीजी कनेक्शन, बिजली कनेक्शन, नल कनेक्शन जैसी अन्य बुनियादी सुविधाएं प्रदान की जाती हैं.
जरूरतमंदों के लिए अतिरिक्त घर बनाने की जरूरत
आज कैबिनेट की पहली बैठक में जरूरतमंद परिवारों की संख्या में बढ़ोतरी से और ज्यादा घर बनाने की जरूरत महसूस की गई. इस जरूरत को पूरा करने के लिए कैबिनेट मीटिंग में तीन करोड़ अतिरिक्त घर बनाने का लक्ष्य रखा गया. इन घरों का निर्माण ग्रामीण और शहरी स्तर पर किया जाएगा.
'100 दिवसीय कार्यक्रम' पर काम करने का प्लान
नरेंद्र मोदी ने रविवार को रिकॉर्ड तीसरी बार भारत के प्रधानमंत्री के तौर पर शपथ ली है. राष्ट्रपति भवन में उनके साथ 72 मंत्रियों ने भी शपथ ली. बाद में टीम मोदी में नए शामिल जेपी नड्डा ने मंत्रिपरिषद के लिए रात्रिभोज का आयोजन किया. शपथग्रहण समारोह से पहले मोदी ने अपने आवास पर चाय पर चर्चा के दौरान अपने तीसरे मंत्रिमंडल में शामिल मंत्रियों से कहा था कि उन्हें '100 दिवसीय कार्यक्रम' पर काम शुरू करना है.
इस साल फरवरी में केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने अंतरिम बजट में सभी नागरिकों के लिए किफायती आवास का जिक्र किया था. उन्होंने कहा कि बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए अगले पांच सालों में पीएमएवाई-जी के तहत दो करोड़ अतिरिक्त घर बनाए जाएंगे.